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1.

रामाश्रयी शाखा के दो प्रमुख कवियों का नाम दीजिए।याराम को नायक मानकर रचना करने वाले दो कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

गोस्वामी तुलसीदास और आचार्य केशवदास रामाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि हैं। इन दोनों ने राम को नायक मानकर अपने काव्यों की रचना की है।

2.

सूफी काव्यधारा की कुछ प्रमुख कृतियों के नाम लिखिए।

Answer»

पद्मावत, मृगावती (कुतुबन), मधुमालती (मंझन), चित्रावली (उसमान) आदि।

3.

कृष्णभक्ति-शाखा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का नाम लिखिए।याप्रेमाश्रयी अथवा कृष्णकाव्य की दो प्रमुख काव्य-रचनाओं के नाम बताइए।यामहाकवि सूरदास की दो रचनाओं के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    सूरदास-सूरसागर व साहित्यलहरी तथा
⦁    मीराबाई नरसी जी का मायरा।

4.

सन्तकाव्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए। इस धारा के प्रमुख कवि का नाम भी लिखिए।

Answer»

सन्तकाव्य से आशय निर्गुण ज्ञानाश्रयी शाखा से है। ये भक्त निर्गुण-निराकार की उपासना करते हैं और ज्ञान को उसकी प्राप्ति का साधन मानते हैं। इस धारा के प्रमुख कवि हैं—कबीर, रैदास, नानक, दादू, मलूकदास आदि।

5.

भक्तिकाल की सगुण भक्तिधारा का संक्षेप में परिचय दीजिए।

Answer»

सगुण भक्ति में जिन्होंने भगवान् के लोकरंजक रूप को सामने रखा, वे कृष्णोपासक कहलाये तथा जिन्होंने भगवान् के दुष्ट-दलनकारी लोकरक्षक रूप को सामने रखा, वे रामभक्ति शाखा से सम्बद्ध माने गये।

6.

प्रेममार्गी निर्गुण (सूफी) काव्यधारा के प्रमुख कवि का नाम तथा उनकी प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए।

Answer»

कवि-मलिक मुहम्मद जायसी। 

रचना-पद्मावत।

7.

ज्ञानाश्रयी निर्गुण (सन्त) काव्यधारा की मुख्य विशेषताएँ बताइए।याभक्तिकाल की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख कीजिए।याज्ञानाश्रयी भक्ति-शाखा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। भक्तिकाल की कोई एक विशेषता का उल्लेख कीजिए।

Answer»

⦁    सद्गुरु का महत्त्व सर्वाधिक; सत्संग पर भी बल।
⦁    निर्गुण की उपासना एवं अवतारवाद का खण्डन।
⦁    भगवान् के नाम-स्मरण तथा भजन पर बल।
⦁    धर्म के क्षेत्र में रूढ़िवाद, बाह्याचार एवं आडम्बर का विरोध तथा सामाजिक क्षेत्र में विषमता, ऊँचे-नीच एवं छुआछूत का खण्डन।
⦁    आन्तरिक शुद्धि एवं प्रेम साधना पर बल।
⦁    ईश्वर की एकता पर बल; राम-रहीम अभिन्न हैं।

8.

भक्तिकाल की प्रमुख काव्यधाराओं और उनके कवियों के नाम लिखिए।याभक्तिकाल की विभिन्न धाराओं के नाम बताइए।

Answer»

भक्तिकाल में दो प्रकार की काव्य-रचना हुई—
⦁    निर्गुणमार्गीय तथा
⦁    सगुणमार्गीय।

निर्गुण काव्य की दो धाराएँ हैं—
(क) ज्ञानाश्रयी-काव्यधारा तथा
(ख) प्रेमाश्रयी-काव्यधारा।

सगुण काव्य की भी दो धाराएँ हैं—
(क) कृष्णभक्ति-काव्यधारा तथा
(ख) रामभक्ति-काव्यधारा।

9.

सगुण कृष्णभक्ति-शाखा के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

सूरदास, मीरा, रसखान, कुम्भनदास, गोविन्ददास, नरोत्तमदास एवं परमानन्ददास।

10.

कृष्णभक्ति-काव्य में वर्णित प्रमुख रसों का नामोल्लेख करते हुटे उस रचना का नाम भी बताइए, जिसमें उन सभी रसों का सर्वश्रेष्ठ चित्रण हुआ है।

Answer»

कृष्णभक्ति-काव्य में श्रृंगार रस का सांगोपांग एवं वात्सल्य और भक्ति रसों का प्रयोग प्रमुखता से हुआ है। सूरदास के ‘सूरसागर’ में इन सभी रसों का सर्वश्रेष्ठ चित्रण है।

11.

भक्तिकाल की सभी प्रमुख काव्यधाराओं का परिचय दीजिए।

Answer»

भक्तिकाल में हिन्दी-कविता दो धाराओं में प्रवाहित हुई–निर्गुण भक्ति-धारा और सगुण भक्ति-धारा। निर्गुणवादियों में भी जिन्होंने ज्ञान को अपनाया, वे ज्ञानमार्गी और जिन्होंने प्रेम को अपनाया, वे प्रेममार्गी कहलाये।

जिन कवियों ने भगवान् के दुष्टदलनकारी-लोकरक्षक रूप को सामने रखी, वे रामभक्ति शाखा से सम्बद्ध माने गये और जिन्होंने भगवान् के लोकरंजक रूप को सामने रखा, वे कृष्णभक्ति शाखा के कवि कहलाये।

12.

भक्तिकाव्य की दो प्रमुख शाखाओं के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    निर्गुण भक्ति-शाखा और
⦁    सगुण भक्ति-शाखा।

13.

भक्तिकालीन विभिन्न काव्यधाराओं में किस धारा का काव्य सर्वश्रेष्ठ है और उसका सर्वश्रेष्ठ कवि कौन है ?

Answer»

सर्वश्रेष्ठ काव्यधारा–रामाश्रयी काव्यधारा तथा 

सर्वश्रेष्ठ कवि–गोस्वामी तुलसीदास।

14.

निर्गुण काव्यधारा की दो शाखाएँ कौन-सी हैं ?

Answer»

⦁    ज्ञानाश्रयी (सन्त) काव्यधारा तथा
⦁    प्रेमाश्रयी (सूफी) काव्यधारा।

15.

भक्तिकाल की प्रेमाश्रयी शाखा के एक प्रमुख कवि और उसकी एक प्रमुख रचना (महाकाव्य) का नाम लिखिए।याप्रेमाश्रयी शाखा के किसी एक कवि द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।

Answer»

कवि–मलिक मुहम्मद जायसी और उनकी रचना का नाम है पद्मावत (महाकाव्य) और अखरावट।

16.

भक्तिकाल में भक्तिभावना के कौन-से दो रूप मिलते हैं ?

Answer»

निर्गुण भक्ति और सगुण भक्ति।

17.

रामभक्ति शाखा की दो विशेषताएँ लिखिए।

Answer»

⦁    श्रीराम की प्रतिष्ठा पूर्ण ब्रह्म के रूप में हुई है तथा
⦁    यह काव्य ब्रज तथा अवधी दोनों ही भाषाओं में रचा गया।

18.

भक्तिकाल की तीन सामान्य प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

⦁    जीव की नश्वरता का समान रूप से वर्णन है।
⦁    प्रभु के नाम स्मरण तथा गुरु की महत्ता का वर्णन सभी कवियों ने किया है।
⦁    कवियों के नामोल्लेख की प्रवृत्ति रही है।

19.

तुलसीदास द्वारा विरचित दो प्रसिद्ध काव्यकृतियों के नाम लिखिए जिनमें एक अवधी तथा दूसरी ब्रजभाषा की हो।

Answer»

⦁    श्रीरामचरितमानस–अवधी भाषा तथा
⦁    विनयपत्रिका-ब्रजभाषा।

20.

भक्तिकाल की चार प्रमुख काव्यकृतियों के नाम लिखिए। भक्ति काव्यधारा की दो पुस्तकों के नाम लिखिए।

Answer»

बीजक, पद्मावत, सूरसागर तथा श्रीरामचरितमानस।

21.

राम-काव्यधारा की रचना किन भाषाओं में हुई है ?

Answer»

राम-काव्यधारा की रचना अवधी तथा ब्रजभाषा में हुई है।

22.

रामभक्ति-शाखा के किसी एक कवि तथा उसके द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।यासगुण भक्तिधारा के किसी एक कवि द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।

Answer»

तुलसीदास जी के चार ग्रन्थों के नाम हैं–

⦁    श्रीरामचरितमानस,
⦁    विनयपत्रिका,
⦁    कवितावली तथा
⦁    गीतावली।

23.

ब्रजभाषा तथा अवधी भाषा के मध्यकालीन एक-एक प्रसिद्ध महाकाव्य का नाम लिखिए।

Answer»

⦁    ब्रजभाषा–सूरसागर तथा
⦁    अवधी भाषा-श्रीरामचरितमानस।

24.

राम-काव्यधारा के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

तुलसीदास राम-काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि हैं। अन्य प्रमुख कवि हैं–केशवदास, नाभादास एवं अग्रदास।

25.

निर्गुण भक्ति की प्रेमाश्रयी शाखा की दो विशेषताएँ लिखिए।

Answer»

⦁    यह फारसी की मसनवी शैली में रचित है तथा
⦁    अवधी भाषा में काव्य-रचना हुई।

26.

सन्त काव्यधारा के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

कबीरदास, रैदास, दादू तथा नानक।

27.

हिन्दी-साहित्य की भक्तिकालीन ज्ञानाश्रयी शाखा की दो विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।

Answer»

⦁    ज्ञानाश्रयी शाखा में निर्गुण ब्रह्म की उपासना हुई तथा
⦁    जाति-पाँति, रूढ़ियों और मिथ्याडम्बरों का विरोध हुआ।

28.

प्रेमाश्रयी भक्ति-शाखा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) लिखिए।यानिर्गुण-पन्थ की प्रेमाश्रयी-शाखा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

Answer»

⦁    मुसलमान होकर भी हिन्दू प्रेमगाथाओं का वर्णन, जिनमें हिन्दू संस्कृति का चित्रण मिलता है।
⦁    सूफी सिद्धान्तों का निरूपण।
⦁    रहस्यवाद की चरम अभिव्यक्ति।
⦁    लौकिक वर्णनों के माध्यम से अलौकिकता की व्यंजना।
⦁    मसनवी शैली का प्रयोग।
⦁    पूर्वी अवधी भाषा तथा दोहा-चौपाई छन्दों का प्रयोग।

29.

ज्ञानमार्गी शाखा के दो कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    कबीर तथा
⦁    नानक

30.

भक्तिकालीन काव्य को ‘हिन्दी कविता का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है ? स्पष्ट कीजिए।याहिन्दी साहित्य के विकास में भक्तिकाल के योगदान का उल्लेख कीजिए।

Answer»

भावों की उदात्तता, महती प्रेरकता, अनुभूति-प्रवणता, लोकहित का मुखरित स्वर, भारतीय संस्कृति का मूर्तिमान रूप, समन्वय की विराट् चेष्टा तथा कलापक्ष की समृद्धि इस काल की ऐसी विशेषताएँ हैं, जो किसी अन्य काल के काव्य में इतनी उच्च कोटि की नहीं मिलतीं। इसीलिए भक्तिकाल को हिन्दी काव्य को स्वर्ण युग कहा जाता है।

31.

भक्तिकाल के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

कबीरदास, मलिक मुहम्मद जायसी, सूरदास और तुलसीदास।

32.

उत्तर भारत में भक्ति-भावना को प्रवाहित करने का श्रेय किसको है ?

Answer»

स्वामी रामानन्द तथा महाप्रभु वल्लभाचार्य को।

33.

हिन्दी काव्य के भक्तिकाल की दो प्रमुख धाराओं के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    निर्गुण काव्यधारा (ज्ञानमार्गी तथा प्रेममार्गी)।
⦁    सगुण काव्यधारा (रामभक्ति तथा कृष्णभक्ति)।

34.

कृष्ण-काव्यधारा के प्रमुख कवियों के नाम लिखिए। याअष्टछाप के किन्हीं दो कवियों का नाम लिखिए।

Answer»

अष्टछाप के कवि ही कृष्ण-काव्यधारा के प्रमुख कवि थे। महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के चार शिष्यों एवं अपने चार शिष्यों को मिलाकर महाप्रभु के सुपुत्र गोसाईं विट्ठलनाथ जी ने अष्टछाप की स्थापना की, जिसके आठ कवि थे-सूरदास, कुम्भनदास, परमानन्ददास, कृष्णदास, छीतस्वामी, गोविन्ददास, चतुर्भुजदास, नन्ददास। इनके अतिरिक्त कृष्ण काव्यधारा के अन्य प्रमुख कवि हैं-मीरा, रसखान, हितहरिवंश और नरोत्तमदास।

35.

निर्गुण-काव्यधारा की कोई एक प्रमुख विशेषता बताइए और उसके प्रमुख कवि का नामोल्लेख कीजिए।

Answer»

निर्गुण काव्य में परम ब्रह्म के निराकार स्वरूप की उपासना हुई तथा ज्ञान एवं प्रेम तत्त्व की प्रधानता रही। कबीर एवं जायसी इस धारा के प्रमुख कवि हैं।

36.

कृष्ण-काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। या भक्तिकाल की सगुण कृष्णभक्ति शाखा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ बताइए।

Answer»

⦁    श्रीमद्भागवत का आधार लेकर कृष्णलीला-गान।
⦁    सख्य, वात्सल्य एवं माधुर्य भाव की उपासना एवं लोकपक्ष की उपेक्षा।
⦁    काव्य में श्रृंगार एवं वात्सल्य रसों की प्रधानता; मूल आधार कृष्ण के बाल और किशोर रूप का लीला-वर्णन।
⦁    ब्रज भाषा में मुक्तक काव्य-शैली की प्रधानता, जिसमें अद्भुत संगीतात्मकता का गुण विद्यमान है।

37.

राम-काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

Answer»

⦁    लोकसंग्रह (लोकहित) की भावना के कारण मर्यादा की प्रबल भावना।
⦁    राम का परब्रह्मत्व।
⦁    दास्य भाव की उपासना।
⦁    समन्वय की विराट् चेष्टा।
⦁    स्वान्त:सुखाय काव्य-रचना।
⦁    अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं, प्रबन्ध और मुक्तक दोनों काव्य-शैलियों एवं विविध छन्दों का प्रयोग।

38.

ज्ञानाश्रयी शाखा के किसी एक कवि द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।

Answer»

कवि-कबीर; रचित ग्रन्थ-बीजक, कबीर-ग्रन्थावली।