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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

ऊनी वस्त्रों की बुनाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Answer»

ऊनी वस्त्रों की बुनाई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें निम्नलिखित हैं-

  1. बुनाई करते समय हाथ साफ रखने चाहिए।
  2.  बार्डर के फंदे दोहरी ऊन से डालें।
  3.  बच्चों के स्वेटर फ्रॉक आदि में अधिक फंदे डालने चाहिए क्योंकि बच्चों के स्वेटर जल्दी छोटे हो जाते हैं।
  4. बुनाई एक ही हाथ से होनी चाहिए।
  5.  सलाइयाँ अच्छी होनी चाहिए।
  6. स्वेटर की सिलाई सावधानी से होनी चाहिए।
2.

किनारे के दो नमूनों का नाम लिखिए।

Answer»

चादर, रूमाल, मेजपोश, शॉल, साड़ी के किनारे, इत्यादि में किनारे के नमूने बनाकर उन्हें सुंदर एवं आकर्षक बनाया जा सकता है। नमूने तो मुख्यतः कई प्रकार के होते हैं जिससे वस्त्रों की सुंदरता बढ़ाई जा सकती हैं। यहाँ किनारे के नमूने बनाना बता रहे हैं।

3.

क्रोशिया कितने प्रकार की होती है?

Answer»

क्रोशिया महीन तथा मोटी दो प्रकार की होती है।

4.

क्रोशिया का उपयोग लिखिए।

Answer»

बुनते समय क्रोशिया हमेशा दाहिने हथ में पकड़ते हैं। बाएँ हाथ की तर्जनी उंगली (पहली उंगली) पर धागी लपेटते हैं। इससे सुंदर बेल बनाई जाती है जो फ्रॉक, पेटीकोट, मेजपोश, तकिया-कवर आदि में लगाई जाती है। इससे बच्चों की फ्रॉक, स्वेटर तथा मेजपोश आदि भी बनाए जाते हैं।

5.

बुनाई के लिए सबसे आवश्यक वस्तु क्या होती है?

Answer»

बुनाई के लिए आवश्यक वस्तु ऊन, सलाइयाँ व क्रोशिया है।

6.

फंदे कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।

Answer»

फंदे दो प्रकार के होते हैं- उल्टे फंदे व सीधे फंदे।

7.

बच्चों के लिए किस प्रकार का ऊन लेना चाहिए?

Answer»

बच्चों के लिए मुलायम ऊन लेना  चाहिए।

8.

हम ऊनी वस्त्र क्यों पहनते हैं ?

Answer»

ठंड से अपने शरीर की सुरक्षा के लिए जाड़े में ऊनी वस्त्र पहनते हैं।

9.

स्वयं बुनाई करने से होने वाले किन्हीं दो लाभ को लिखिए।

Answer»

ऊन से बुने हुए स्वेटर, टोपी एवं मौजे देखने में अत्यन्त आकर्षक लगते हैं। हाथ की बुनाई के द्वारा हम अपनी पसंद, आकार व मनचाहे रंग के स्वेटर बना सकते हैं।

10.

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-(क) घर पर स्वयं ऊनी वस्त्र वुनने से ____ की वचत होती है।(ख) क्रोशिया के _____ में धागा हँसाया जाता है।

Answer»

(क) घर पर स्वयं ऊनी वस्त्र वुनने से धन की वचत होती है।
(ख) क्रोशिया के हुक में धागा हँसाया जाता है।

11.

स्वयं बुनाई करने के किन्हीं दो लाभों को लिखिए।

Answer»

स्वयं बुनाई करने के दो लाभ हैं-

  • अपने मनपसंद रंग व डिजाइन के वस्त्र कम दाम में बनाया जा सकता है।
  • समय का सदुपयोग होता है एवं धन कमाया जा सकता है।
12.

बुनाई कला का क्या अर्थ है ?

Answer»

कलात्मक ढंग से ऊन के फंदे बनाकर सलाइयों के माध्यम से डिजाइनदार वस्त्र तैयार करना ही बुनाई कला है।

13.

ऊनी वस्त्र बुनते समय आप कौन-कौन सी सावथानियाँ रखेंगे।

Answer»

ऊनी वस्त्रों को बुनते समय निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए-

  1. बुनाई करने लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी की सलाइयों का प्रयोग करें।
  2. सलाइयों को बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  3. साफ हाथ से बुनाई करें।
  4. ऊन को बैग में रखें जिससे गंदी न हो पाए।
  5. बुनाई अच्छी रोशनी में करें।
  6. स्वेटर बार्डर, गले व मुडढे के बार्डर में 11 या 12 नंबर की सलाई का ही प्रयोग करें।
  7. बार्डर के फंदे दोहरी ऊन से डालें।
14.

ऊनी वस्त्र कितने प्रकार से बुने जाते हैं, उनके नाम लिखिए।

Answer»

ऊनी वस्त्र दो प्रकार से बुने जाते हैं-

  1. हाथ द्वारा
  2. मशीन द्वारा
15.

सीधा एवं उल्टा फंदा बुनने की विधि लिखिए।

Answer»

(1) सीधा फंदा- सीधा फंदा बुनते समय खाली सलाई को दाहिने हाथ में तथा फंदों वाली सलाई को बाएं हाथ में पकड़े। इसके बाद दाएं हाथ की खाली सलाई को बाएं हाथ की सलाई के फंदे में नीचे की ओर घुमाकर ऊन को एक बार बढ़ाकर फंदे के अंदर से निकालें। इसके बाद बाएं हाथ की सलाई से फंदे को गिरा देते हैं। इस प्रकार सीधा फंदा बुना गया।

(2) उल्टा फंदा- उल्टे फंदे में दाएं हाथ की सलाई को फंदे के बीच में से नीचे की ओर निकालते हुए अपनी ओर लाएं। सलाई की नोक पर ऊन को एक बार लपेटें और उसका लूप बनाते हुए इसे बाएं हाथ की सलाई के फंदे में से गिराते हुए निकाल लें। इस प्रकार ये फंदा उल्टा बुना गया।