InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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मालगाड़ी द्वारा माल भेजने पर कौन-सा प्रपत्र भरना होता है? |
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Answer» कन्साइनमेण्ट नोट (प्रेषण-पत्र) |
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रेलवे बिल्टी खो जाने पर कौन-सा फॉर्म भरना पड़ता है? |
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Answer» क्षतिपूर्ति अनुबन्ध |
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रेलवे बिल्टी प्रलेख है।(a) पूर्ण विनिमय साध्य(b) विनिमय साध्य(c) अर्द्ध-विनिमय साध्य(d) इनमें से कोई नहीं |
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Answer» (c) अर्द्ध-विनिमय साध्य |
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भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य होने वाले व्यापार का नाम बताइए तथा इसे परिभाषित कीजिए। |
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Answer» भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य किए जाने वाले व्यापार को विदेशी व्यापार के नाम से जाना जाता है। प्रो. बेस्टेबिल के अनुसार, “सामाजिक विज्ञान के दृष्टिकोण से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न समुदाओं के बीच होने वाला व्यापार है अर्थात् यह उन विभिन्न सामाजिक संगठनों के बीच होने वाला व्यापार है, जिन्हें समाजशास्त्र अपने अन्वेषण का क्षेत्र मानता है।’ फेडरिक लिस्ट के अनुसार, “आन्तरिक व्यापार हमारे बीच है तथा विदेश व्यापार हमारे और उनके (दूसरे देशों के) बीचद्धबीच होता है। |
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विदेशी व्यापार क्या है? इसके दो प्रकारों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» विदेशी व्यापार दो अलग-अलग देशों के मध्य किया जाने वाला व्यापार विदेशी व्यापार कहलाता है जैसे-भारत तथा अमेरिका के मध्य होने वाला व्यापार। विदेशी व्यापार को निम्नलिखित दो प्रकारों में बाँटा जा सकता है ⦁ आयात व्यापार जब एक देश दूसरे देश से आवश्यकता की वस्तुएँ क्रय करता है, तो उनके मध्य किए जाने वाले व्यापार को आयात व्यापार कहते हैं। ⦁ निर्यात व्यापार जब एक देश दूसरे देश को आवश्यकता की वस्तुएँ विक्रय करता है, तो उनके मध्य किए जाने वाले व्यापार को निर्यात व्यापार कहते हैं। |
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| 6. |
रेलवे रसीद या बिल्टी (R/R-Railway Receipt) से आप क्या समझते हैं? रेलवे बिल्टी के लाभ बताइए। |
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Answer» जब माल रेल द्वारा भेजा जाता है, तो रेलवे के अधिकारी उसकी जाँच करने के पश्चात् उसके प्रेषणकर्ता को एक रसीद देते हैं, जिसे रेलवे रसीद या बिल्टी (Railway Receipt) कहा जाता है। इस रेलवे रसीद के द्वारा यह प्रमाणित किया जा सकता है कि माल रेलवे अधिकारी को सौंप दिया गया है। गन्तव्य स्थान पर माल को प्राप्त करने के लिए इस रसीद की आवश्यकता होती है। इस रसीद को रेलवे अधिकारी प्राप्त करके माल को उसके स्वामी को लौटा देते हैं। इस रसीद में निम्नलिखित विवरण लिखा होता है- ⦁ माल भेजने वाले का नाम व पता इस रेलवे रसीद में उपरोक्त सभी शर्तों का विवरण, क्रम संख्या व रेलवे अधिकारी के हस्ताक्षर भी होते हैं। इस रसीद को दिखाकर रेलवे द्वारा आए हुए माल की सुपुर्दगी ली जा सकती है। रेलवे रसीद के लाभ निम्नलिखित हैं- ⦁ अनुबन्ध यह रेलवे और माल के प्रेषक के मध्य माल ले जाने का अनुबन्ध होता है। |
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| 7. |
दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मध्य किया जाने वाला व्यापार कहलाता है।(a) विदेशी व्यापार(b) देशी व्यापार(c) थोक व्यापार(d) फुटकर व्यापार |
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Answer» (b) देशी व्यापार |
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देशी व्यापार किसे कहते हैं? देशी व्यापार के सौदे की गतिविधियों को स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» देशी व्यापार का क्षेत्र अथवा देशी व्यापार के सौदे की गतिविधि 1. पूछताछ-पत्र प्रत्येक क्रेता व्यापारी माल के क्रय से पहले अनेक विक्रेता व्यापारियों से माल के विषय में पूछताछ करता है। यदि विक्रेता व्यापारी स्थानीय होता है, तो भाव की पूछताछ मौखिक रूप से या टेलीफोन के द्वारा की जा सकती है। यदि विक्रेता व्यापारी दूर का होता है, तो यह जानकारी पत्राचार के माध्यम से प्राप्त करते हैं। पूछताछ में माल की किस्म, व्यापारिक छूट, सुपुर्दगी का ढंग व भुगतान की शर्ते, वस्तु की किस्म, आदि के बारे में तुलना की जाती है 2. निर्ण-पत्र या कोटेशन किसी क्रेता व्यापारी से पूछताछ का पत्र प्राप्त होने पर विक्रेता व्यापारी को उसके उत्तर में वस्तुओं की मूल्य सूची भेजनी होती है, इस तरह के पत्र को निर्व-पत्र (Quotation) कहा जाता है। इसमें वस्तु की किस्म, भुगतान की शर्ते, मूल्य, छूट, माल की सुपुर्दगी, आदि बातों को पूर्ण विवरण लिखा होता है। 3. माल के लिए आदेश देना सभी व्यापारियों से मूल्य सूचियाँ या निर्ख-पत्र प्राप्तहोने पर उनका आपस में मिलान कर लिया जाता है तथा जिस व्यापारी का माल उत्तम व कम मूल्य का होता है, उस व्यापारी से वस्तु क्रय करने का निर्णय लिया जाता है। माल क्रय करने का आदेश मौखिक या पत्र के माध्यम से दियाजाता है। 4. आदेश-पत्र की प्राप्ति की सूचना यदि विक्रेता व्यापारी को किसी क्रेता व्यापारी से माल के क्रय का आदेश मिलता है, तो इसकी सूचना क्रेता (ग्राहक) को देनी होती है। इससे क्रेता को आश्वासन हो जाता है कि विक्रेता व्यापारी द्वारा उसके आदेश पर उचित ध्यान दिया जा रहा है। 5. माल उधार देना माल की आदेश-प्राप्ति के समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि माल उधार खरीदा जा रहा है अथवा नकद। यदि माल नकद खरीदा जाता है, तो कोई परेशानी नहीं रहती, किन्तु यदि उधार माल खरीदने का आदेश हो, तो ग्राहक की आर्थिक स्थिति के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए। इस सन्दर्भ में प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम भी पूछ लेने चाहिए और उसकी पिछली आर्थिक व व्यापारिक गतिविधियों को भी ध्यान में रखते हुए माल को विक्रय करने का निर्णय लेना चाहिए। 6. माल का संग्रह एवं संवेष्टन ग्राहक की आर्थिक स्थिति से सन्तुष्ट हो जाने के बाद माल भेजने की तैयारी करनी चाहिए। माल आदेश-पत्र के अनुसार होना चाहिए। माल का मिलान करके इसे पैकिंग के लिए भेजा जाता है। इसकी पैकिंग वस्तु की किस्म के अनुसार करनी चाहिए। माल के पैकेटों पर आवश्यक निर्देश भी लिख देने चाहिए। पैकिंग पर ग्राहक का नाम व मार्क आदि भी लिख देने चाहिए। 7. माल भेजना माल की पैकिंग हो जाने पर इसे भेजने की व्यवस्था करनी होती है। माल को उसकी प्रकृति व मार्ग की दूरी को ध्यान में रखते हुए साधन का चुनाव करना चाहिए, जैसे-सड़क वाहन, रेलवे, वायुयान, जलयान, आदि। |
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