InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
सामान्य परिस्थितियों में किसी चालक में इलेक्ट्रॉनों का अपवाह वेग निम्न कोटि का होता है , फिर भी स्विच को दबाते ही बल्ब जल उठता है , क्यों ? |
| Answer» एक विशेष इलेक्ट्रॉन के चलने से ही किसी बल्ब में विद्युत धरा प्रवाहित नहीं होती है । वास्तव में स्विच को दबाने पर परिपथ के प्रत्येक बिंदु पर प्रकाश के वेग स विद्युत - क्षेत्र स्थापित हो जाता है । अतः परिपथ के प्रत्येक बिंदु पर इलेक्ट्रॉन अपवाह वेग से गति करने लगते है । इस प्रकार नगण्य समय में ही विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है जिससे स्विच दबाते ही बल्ब जल उठता है । | |
| 2. |
सलंगन चित्र में किरचॉफ के नियमो का उपयोग करते हुए P और Q के बीच ज्ञात कीजिए तथा बताइये कि विभिन्न प्रतिरोधों में से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है ? |
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Answer» मान लो `1 Omega , 2 Omega ` और`3 Omega ` के प्रतिरोधों`I_(1)` में विद्युत धारा तथा `4Omega` के प्रतिरोधों से `I_(2)` विद्युत धारा प्रवाहित होती है अतः किरचॉफ के प्रथम नियम से , ` 2- I_(1)-I_(2)=0` या ` I_(1) +I_(2) =2 " " ….(1)` किरचॉफ के द्वितीय नियम से , `I_(1) (1+2+3) -I_(2).4=0` या `6I_(1)= 4I_(2)=0` या `3I_(1)=2I_(2)` ` :. I_(1) = 2/3 I_(2)` ` I_(1) ` का मान समीकरण (1 ) में रखने पर , ` 2/3 I_(2)+I_(2)=2 ` या `5I_(2)=6` ` :. I_(2) = 6/5 = 1.2 ` ऐम्पियर समीकरण (1 ) में मान रखने पर , ` I_(1) = 0.8 ` ऐम्पियर P और Q के बीच विभवांतर , ` = I_(1) xx 4xx1.2 = 4.8 I_(1)` वोल्ट | ` = 0.8 xx 4.8 ` = 3.84 वोल्ट | |
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| 3. |
किसी चालक के अंदर इलेक्ट्रॉन अपवाह विद्युत क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनों द्वारा अनुभव किये गये बल के कारण उत्पन्न होता है । लेकिन बल द्वारा अनुभव किये गये बल के कारण उत्पन्न होता है । लेकिन बल द्वारा त्वरण उत्पन्न होना चाहिए , तब इलेक्ट्रॉन अपरिवर्ती औसत अपवाह वेग क्यों प्राप्त कर लेते है ? |
| Answer» प्रत्येक मुक्त इलेक्ट्रॉन त्वरित होता है जिससे उसकी अपवाह चाल तब तक बढ़ती है जब तक वह धातु के धनायनों से संघट्ट नहीं करता । संघट्ट के पश्चात यह अपनी अपवाह के चाल खो देता है । पर यह पुनः त्वरित होता है तथा पुनः इसके अपवाह वेग में तब तक वृद्धि होती है जब यह पुनः संघट्ट नहीं करता है और यह क्रम चलता रहता है । अतः औसतन इलेक्ट्रॉन केवल अपवाह चाल प्राप्त कर पाता है | |
| 4. |
निम्न चित्र के नेटवर्क कि भुजा BE में जब विद्युत धारा प्रवाहित नहीं हो रही हो तब किरचॉफ के नियम से बिंदु A व B के मध्य का विभवांतर ज्ञात कीजिए । |
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Answer» उपरोक्त परिपथ में BE से प्रवाहित धारा शून्य है । माना बाह्य लूप में प्रवाहित धारा I है , तब लूप AFEBA में किरचॉफ के नियम से , `2I+3I+R_(1)xx0=1+3+6` या 5I = 10 या I = 2a मार्ग AFD के अनुदिश A व D के मध्य विभव ` V_(AD) = 2Omega xx2A + 3Omega xx 2A - 1V` ` = 4+6 - 1 = 9V` |
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| 5. |
उस द्रव्य का नाम बताइए जो विद्युत का अच्छा चालक है , किन्तु उसमे विद्युतधारा प्रवाहित करने पर उसका अपघटन नहीं होता । |
| Answer» Correct Answer - पारा । | |
| 6. |
`15 Omega` प्रतिरोध से 3 A कि विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तब प्रतिरोध में उत्पन्न ऊष्मा कि दर ज्ञात कीजिए ? |
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Answer» दिया है - `R = 15 Omega , I = 3A` अतः `P= I^(2)R = 3^(2)xx15 = 135 ` वाट । |
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| 7. |
उपरोक्त अपवाह वेग कि निम्न से तुलना कीजिये - (ii) चालक के अनुदिश विद्युत क्षेत्र कि संचरण चाल जो अपवाह गति उत्पन्न करती है । |
| Answer» चालक के अनुदिश गतिशील विद्युत क्षेत्र कि चाल किसी विद्युत चुम्बकीय तरंग कि चाल अर्थात `3.0 xx 10^(8) " ms"^(-1)` के बराबर है । इसकी तुलना में अपवाह अर्थात अनुगमन वेग का मान अत्यंत कम है जो `10^(11)` गुणक द्वारा कम है । | |
| 8. |
ऐम्पियर मात्रक है -A. विभवांतर काB. आवेश काC. प्रतिरोध काD. धारा का |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 9. |
किसी परिपथ में इलेक्ट्रॉनों के एक विशिष्ट दिशा में परवाह को विद्युत धारा कहते है । जबकि धारा को एक अदिश राशि कहते है , क्यों ? |
| Answer» यधपि विद्युत धारा में परिमाण एवं दिशा दोनों होती है लेकिन इसे एक अदिश राशि कहते है क्योकि यह सदिश के बीजीय योग के नियम का पालन नहीं करती है । धारा ` dI = vec(J) . vec (ds)` चूँकि दो सदिश का बिंदु गुणनफल सदैव एक अदिश राशि होती है अतः विद्युत धारा एक राशि होगी । | |
| 10. |
किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है । क्या यह विद्युत आवेशित है अथवा नहीं ? |
| Answer» तार आवेशित नहीं है क्योकि तार में विद्युत धारा इलेक्ट्रॉनों के विशिष्ट दिशा में अपवाह वेग के कारण प्रवाहित होती है । जबकि इसमें उपस्थित धनावेशित प्रोटॉन गति नहीं करते है । तार में प्रवाहित इलेक्ट्रॉन तथा तार में उपस्थित प्रोटॉन का किसी समय में मान एकसमान होता है जिसके कारण कुल आवेश शून्य होता है । | |
| 11. |
किसी चालक में विद्युत प्रवाह है -A. अणुओ का प्रवाहB. मुक्त इलेक्ट्रॉनों का प्रवाहC. धनवेशो का प्रवाहD. आयनो का प्रवाह |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 12. |
उस द्रव का नाम बताइये जो विद्युत का अच्छा चालक है |
| Answer» Correct Answer - पारा | |
| 13. |
अनओमीय प्रतिरोध का एक उदाहरण दीजिये । |
| Answer» Correct Answer - डायोड | |
| 14. |
मैंगनीज के तार का व्यास आधा कर देने पर उसके विशिष्ट प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? |
| Answer» कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यधपि प्रतिरोध बदल जायेगा । | |
| 15. |
एक चालक में विद्युत बह रही है , क्या वह आवेशित है ? |
| Answer» Correct Answer - नहीं | |
| 16. |
किसी तार के तार परिच्छेद में से प्रति सेकंड `-q` कूलॉम ऋणावेश तथा `+q` कूलॉम धनावेश प्रवाहित हो रहा है ।विद्युत धारा का मान क्या होगा ? |
| Answer» Correct Answer - 2q ऐम्पियर | |
| 17. |
कितने इलेक्ट्रॉनों से एक ऐम्पियर धारा बनती है ? |
| Answer» `6.28xx 10^(18)` इलेक्ट्रॉन प्रति सेकंड । | |
| 18. |
एक तार में 2 ऐम्पियर की दिष्ट धारा प्रवाहित हो रही है । एक मिनट में कुल कितना आवेश प्रवाहित होगा ? |
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Answer» ` I = q/t` या q = It ` :. Q = 2 xx 60 = 120 ` कूलॉम |
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| 19. |
किसी प्रारूपी विद्युतरोधी ( उदाहरणणार्थ , अंबर ) की प्रतिरोधकता किसी धातु की प्रतिरोधकता की तुलना में `(10^(22)//10^(23)` कोटि के गुणांक से बड़ी होती है । |
| Answer» Correct Answer - `10^(22)` | |
| 20. |
आपको R प्रतोरोध वाले n प्रतिरोधक दिए गए है । (i) अधिकतम (ii) न्यूनतम प्रभावी प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए आप उन्हें किस प्रकार संयोजित करेंगे ? अधिकतम और न्यूनतम प्रतिरोधों का अनुपात क्या होगा ? |
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Answer» अधिकतम प्रतिरोध हेतु दिए गये प्रतिरोध को श्रेणी क्रम में संयोजित करना चाहिए । ` :. R_("max") = nR` तथा न्यूनतम प्रतिरोध हेतु प्रतिरोधों का संयोजन समांतर क्रम में होना चाहिए , अर्थात ` 1/(R_("min"))=1/R+1/R + .........+n " पद " =n/R` या ` R_("min") = R/n` ` :. R_("max")/(R_("min")) = (nR)/(R//n)=n^(2)` ` :. R_("max") : R_("min") : R_("min") = n^(2):1 ` |
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| 21. |
आमतौर पर मिश्रधातु के प्रतिरोध का ताप - गुणांक , शुद्ध धातुओं के प्रतिरोध के ताप - गुणांक से कम / अधिक होती है । |
| Answer» Correct Answer - कम | |
| 22. |
नाइक्रोम का एक तापन - अवयव 230 की सप्लाई से संयोजित है और 3.2 A की प्रारंभिक धारा लेता है जो कुछ सेकंड 28.A में पर स्थायी हो जाती है । यदि कमरे का ताप `27.0^(@)C` है , तो तापन - अवयव का स्थायी ताप क्या होगा ? दिए गए ताप - परिसर में नाइक्रोम का औसत प्रतिरोध का ताप - गुणांक `1.70 xx10^(-4)` है । |
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Answer» दिया है - V = 230 वोल्ट , ` I_(1) = 3. 2 A , I_(2) = 2.8 A , alpha = 1.7 xx 10^(-4).^(@)` C सूत्र - ` alpha = (R_(2)-R_(1))/(alphaR_(1))` ` t = 27 = (R_(2) - R_(1))/(alpha R_(1))` ` t = (R_(2) - R_(1) )/(alpha . R_(1)) ` , ` R_(2) = 230 /(2.8) = 82. 875 Omega ` ` R_(1) = 230 /(3.2) = 71. 875 Omega ` ` :. t = (82.143 - 71 .875 )/(1.7 xx 10^(-4) xx 71.875 Omega)` ` = 840 . 35 + 27 ` ` = 867 . 34 ^(@)C` |
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| 23. |
चित्र में एक वोल्ट्मीटर दर्शाए गया है जिसमे एक 2.0V और आंतरिक प्रतिरोध `0.40 Omega` का कोई सेल वोल्ट्मीटर के प्रतिरोधक तार AB पर वोलटता पात बनाये रखता है । कोई मानक सेल जो 1.02 V का अचर विद्युत वाहक बल बनये रखता है ( कुछ mA की बहुत सामान्य धाराओं के लिए ) तार की 67.3 सेमी लम्बाई पर संतुलन बिंदु देती है । मानक सेल से अति न्यून धारा लेना सुनिश्चित करने के लिए इसके साथ परिपथ में श्रेणी `600 k Omega` का एक अति उच्च प्रतिरोध इसके साथ संबद्ध किया जाता है , जिसके संतुलन बिंदु प्राप्त होने के निकट लघुपथित (Shorted) कर दिया जाता है । इसके बाद मानक सेल को किसी अज्ञात विद्युत बल के सेल से प्रतिस्थापित कर दिया जाता है । जिससे संतुलन बिंदु तार की 82.3 सेमी लम्बाई पर प्राप्त होता है । (c ) क्या उच्च प्रतिरोध से संतुलन बिंदु प्रभावित होता है ? |
| Answer» उच्च प्रतिरोध से संतुलन बिंदु प्रभावित नहीं होता है क्योकि प्रामाणित सेल के संतुलन बिंदु प्रभावित नहीं होता है क्योकि प्रामाणित सेल के संतुलन बिंदु पर उसमे से होकर कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है । | |
| 24. |
चित्र में एक वोल्ट्मीटर दर्शाए गया है जिसमे एक 2.0V और आंतरिक प्रतिरोध `0.40 Omega` का कोई सेल वोल्ट्मीटर के प्रतिरोधक तार AB पर वोलटता पात बनाये रखता है । कोई मानक सेल जो 1.02 V का अचर विद्युत वाहक बल बनये रखता है ( कुछ mA की बहुत सामान्य धाराओं के लिए ) तार की 67.3 सेमी लम्बाई पर संतुलन बिंदु देती है । मानक सेल से अति न्यून धारा लेना सुनिश्चित करने के लिए इसके साथ परिपथ में श्रेणी `600 k Omega` का एक अति उच्च प्रतिरोध इसके साथ संबद्ध किया जाता है , जिसके संतुलन बिंदु प्राप्त होने के निकट लघुपथित (Shorted) कर दिया जाता है । इसके बाद मानक सेल को किसी अज्ञात विद्युत बल के सेल से प्रतिस्थापित कर दिया जाता है । जिससे संतुलन बिंदु तार की 82.3 सेमी लम्बाई पर प्राप्त होता है । (b ) `600 k Omega` के उच्च प्रतिरोध का क्या प्रयोजन है ? |
| Answer» जब जॉकी संतुलन बिंदु से दूर तब धारामापी में धारा के मान में कमी होगी । | |
| 25. |
चित्र में एक वोल्ट्मीटर दर्शाए गया है जिसमे एक 2.0V और आंतरिक प्रतिरोध `0.40 Omega` का कोई सेल वोल्ट्मीटर के प्रतिरोधक तार AB पर वोलटता पात बनाये रखता है । कोई मानक सेल जो 1.02 V का अचर विद्युत वाहक बल बनये रखता है ( कुछ mA की बहुत सामान्य धाराओं के लिए ) तार की 67.3 सेमी लम्बाई पर संतुलन बिंदु देती है । मानक सेल से अति न्यून धारा लेना सुनिश्चित करने के लिए इसके साथ परिपथ में श्रेणी `600 k Omega` का एक अति उच्च प्रतिरोध इसके साथ संबद्ध किया जाता है , जिसके संतुलन बिंदु प्राप्त होने के निकट लघुपथित (Shorted) कर दिया जाता है । इसके बाद मानक सेल को किसी अज्ञात विद्युत बल के सेल से प्रतिस्थापित कर दिया जाता है । जिससे संतुलन बिंदु तार की 82.3 सेमी लम्बाई पर प्राप्त होता है । (e ) उपरोक्त स्थिति में यदि वोल्ट्मीटर के परिचालक सेल का उपयोग विद्युत वाहक बल के स्थान पर हो , तो क्या विधि फिर भी सफल रहेगी ? |
| Answer» नहीं यदि E का मान चालक सेल के वि व बल से अधिक होगा तब वोल्ट्मीटर के तार AB पर कोई संतुलन बिंदु प्राप्त नहीं होगा । | |
| 26. |
चित्र में एक वोल्ट्मीटर दर्शाए गया है जिसमे एक 2.0V और आंतरिक प्रतिरोध `0.40 Omega` का कोई सेल वोल्ट्मीटर के प्रतिरोधक तार AB पर वोलटता पात बनाये रखता है । कोई मानक सेल जो 1.02 V का अचर विद्युत वाहक बल बनये रखता है ( कुछ mA की बहुत सामान्य धाराओं के लिए ) तार की 67.3 सेमी लम्बाई पर संतुलन बिंदु देती है । मानक सेल से अति न्यून धारा लेना सुनिश्चित करने के लिए इसके साथ परिपथ में श्रेणी `600 k Omega` का एक अति उच्च प्रतिरोध इसके साथ संबद्ध किया जाता है , जिसके संतुलन बिंदु प्राप्त होने के निकट लघुपथित (Shorted) कर दिया जाता है । इसके बाद मानक सेल को किसी अज्ञात विद्युत बल के सेल से प्रतिस्थापित कर दिया जाता है । जिससे संतुलन बिंदु तार की 82.3 सेमी लम्बाई पर प्राप्त होता है । (d ) क्या संतुलन बिंदु चालक के सेल के आंतरिक प्रतिरोध से प्रभावित होता है ? |
| Answer» नहीं , संतुलन बिंदु चालक सेल के आंतरिक प्रतिरोध से प्रभावित नहीं होता है | |
| 27. |
किसी सेल का आंतरिक प्रतिरोध निर्भर करता है ।A. प्लेटो के क्षेत्रफल परB. प्लेटो क मध्य दुरी परC. विद्युत अपघट्य की सांद्रता परD. उपर्युक्त सभी पर । |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 28. |
दो बैटरी जिनका वि वा बल `epsilon_(1) ` व `epsilon_(2)`एवं इनके आंतरिक क्रमशः `r_(1) ` व `r_(2)` को निम्न चित्रानुसार समांतर क्रम में संयोजित किया गया है ।`epsilon _(1)` व `epsilon_(2)` के मध्य समतुल्य वि वा बल ε A. `epsilon gt epsilon_(1)`B. `epsilon_(1) gt epsilon`C. `epsilon = epsilon_(1)+epsilon_(2)` हमेशाD. `epsilon` का मान आंतरिक प्रतिरोध से स्वतंत्र है |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 29. |
R, 2R और 3R के तीन प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़कर उन्हें E वि. वा. बल के एक बैटरी के साथ जोड़ दिया जाता है। प्रत्येक प्रतिरोध में कितनी धारा प्रवाहित होगी ? |
| Answer» ` epsilon/R.epsilon/(2R).epsilon/(3R)` | |
| 30. |
विभव प्रवणता का S.I मात्रक है -A. ओम - मीटरB. वोल्ट - मीटरC. ` (वोल्ट )/( मीटर )`D. `("ओम ")/("मीटर")` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 31. |
संतुलन स्तिथि में विभवमापी का प्रतिरोध होता है -A. अनंतB. शून्यC. अल्पD. उच्च |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 32. |
व्हीटस्टोन सेतु में संतुलन की स्थिति में सेल और धारामापी के स्थानों को परस्पर बदल लेने पर सेतु के संतुलन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? |
| Answer» कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । | |
| 33. |
दो समान लम्बाई की तारो में एक ऐलुमिनियम का और दूसरा कॉपर का बना है । इनके प्रतिरोध समान है । दोनों तारो में से कौन - सा हल्का है ? अतः समझाइए की ऊपर से जाने वाली बिजली केवलो में एल्युमिनियम के तारो को क्यों पसंद किया जाता है ? (`rho_(Al)=2.63xx10^(-8)Omega m, rho_(cu)=1.72xx10^(-8)Omega m, Al` का आपेक्षिक घनत्व = 2.7, कॉपर का आपेक्षिक घनत्व = 8.9) |
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Answer» `rho_(Al) = 2.63 xx 10^(-8) Omega m , rho _("cu") = 1. 72 xx 10^(-8) Omega m` एल्युमिनियम एवं ताम्बे का आपेक्षिक घनत्व एवं 8.9 है अतः द्रव्यमान = आयतन घनत्व 2.7 एवं 8.9 है अतः द्रव्यमान = आयतन ` xx ` घनत्व = A.l . D ` = (rhol)/R l.d ,( :. R = (rhol)/A)` ` = (rho d.l^(2))/R` तारो की लम्बाई एकसमान है अतः प्रतिरोध भी समान होगा तब इनका द्रव्यमान आपात होगा ` (M_(cu))/(M_(Al)) = (rho _(cu).d_(cu))/(rho _(Al).d_(Al)) = (1.72 xx 10^(-8) xx 8.9 )/(2.63 xx 10^(-8) xx 2.7 ) ` या ` (M_(cu))/(M_(Al) = 2.15) ~~ 2.2` |
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| 34. |
विभव प्रवणता का S.I मात्रक है -A. ओम - मीटरB. वोल्ट - मीटर C. ` (वोल्ट )/( मीटर )`D. `("ओम ")/("मीटर")` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 35. |
एक ही धातु के दो तारो का अनुप्रस्थ परिच्छेद एकसमान है किन्तु लम्बाइयों में 2:1 का अनुपात है। उनके सिरों के बीच एकसमान विभवान्तर स्थापित करने पर, उनमे प्रवाहित धाराओं का अनुपात ज्ञात कीजिए। |
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Answer» ` R prop l " से " (R_(1))/(R_(2)) = (l_(1))/(l_(2) ) = 2/1 ` अतः `(I_(1))/I_(2) = (V//R_(1))/(V//R_2) = (R_(2))/(R_(1)) = 1/2` |
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| 36. |
एक ही धातु के बने समान त्रिज्या के तीन चालक तारो की लम्बाइयों में `1:2:3` के अनुपात है । निम्न स्थितियों में धाराओं में अनुपात बताइये - (i) यदि उन्हें श्रेणी क्रम में जोड़ा जाये , (ii) यदि उन्हें समांतर क्रम में जोड़ा जाये । |
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Answer» (i) 1:1:1 क्योकि श्रेणी क्रम में सभी चालकों में समान धारा प्रवाहित होती है , ( ii) ` R prop l ` " " `R_(1) : R_(2) :R_(3) = l_(1) : l_(2) : l_(3) = l : 2 : 3 ` अतः ` R_(1) = x , R_(2) = 2x ` तथा ` R_(3) = 3x ` अब ` I_(1) = V/(R_(1)) = V/x : V/(2x) : V/(3x) = 1: 1/2 : 1:3 = 6:3:2 ` |
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| 37. |
वह शर्त बताइये जबकि द्वितीयक सेल का टर्मिनल वोल्टेज इसके वि वा बल के बराबर हो । |
| Answer» जब सेल से धारा न ली जा रही हो अर्थात सेल खुले परिपथ में हो । | |
| 38. |
विभव प्रवणता का मात्रक क्या है ? |
| Answer» Correct Answer - वोल्ट / मीटर | |
| 39. |
एक ही धातु के बने समान लम्बाई के दो तारो के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफलों का अनुपात 1:2 है। उनके सिरों के बीच समान विभवांतर लगाने पर उनमे धाराओं का अनुपात क्या होगा ? |
| Answer» ` R prop l/A " से " , (R_(1))/(R_(2)) = (A_(2))/(A_(1)) =2/1 " अतः " (I_(1))/(I_(2)) = (R_(2))/(R_(1)) = 1/2 ` | |
| 40. |
चित्र में विभवांतर V और धारा I के बीच किसी चालक के दो ताप `T_(1)`और `T_(2)` पर ग्राफ दिखाए गये गये है । `T_(1)`और `T_(2)` में सम्बन्ध होगा - A. `T_(1) gt T_(2)`B. `T_(1) = T_(2)`C. `T_(1) = T_(2)`D. `T_(2) gt T_(1)` |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 41. |
AB एकसमान परिच्छेद वाला 2 मीटर लम्बा तार है जिसका प्रतिरोध 20 ओम है । अन्य आकड़े नीचे दिए गए रेखाचित्र में अंकित है - गणना कीजिए - तार AO की लम्बाई , जब धारामापी में कोई विक्षेप नहीं होता । |
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Answer» (ii) `0.6 Omega` के प्रतिरोध में बहने वाली धारा, `I = ("कुल वि वा बल")/("कुल प्रतिरोध")` `=(3)/(2.4+0.6)=1` ऐम्पियर `therefore 0.6 Omega` के प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर `=0.6xx1, " "` ( सूत्र V = IR से) = 0.6 वोल्ट यदि संतुलन ललम्बाई AO = l हो, तो AO के सिरों के बीच विभवांतर `= 0.6 Omega` के प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर `therefore 0.008xx l=0.6` या `" " l=(0.6)/(0.008)=75.0` सेमी । |
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| 42. |
AB एकसमान परिच्छेद वाला 2 मीटर लम्बा तार है जिसका प्रतिरोध 20 ओम है । अन्य आकड़े नीचे दिए गए रेखाचित्र में अंकित है - गणना कीजिए - विभवमापी के तार की विभव - प्रवणता |
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Answer» (i) दिया है - `epsilon_(1)=4V, L = 2` मीटर = 200 सेमी । विभवमापी के प्राथमिक परिपथ का कुल प्रतिरोध `= 20+30=50 Omega` अतः विभवमापी में बहने वाली धारा `=("कुल वि वा बल")/("कुल प्रतिरोध")` `I=(4)/(50)=0.08` ऐम्पियर अब AB के सिरों के बीच विभवान्तर, V = IR `=0.08xx20=1.6` वोल्ट अतः विभव - प्रवणता, `phi=(V)/(L)=(1.6)/(200)` `=0.008` वॉल्ट/सेमी । |
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| 43. |
यदि हम किसी सेल से अधिक धारा लेते जाये तो उसके टर्मिनल वोल्टेज और वि वा बल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? |
| Answer» टर्मिनल वोल्टेज कम होता जाएगा किन्तु वि वा बल वही रहेगा । | |
| 44. |
दो बिन्दुओ के बीच यथार्थ विभवांतर ज्ञात करने के लिए प्रयुक्त उपकरण का नाम बताइए । |
| Answer» Correct Answer - विभवमापी | |
| 45. |
AB एक 1 मी लम्बा एकसमान तार है जिसका प्रतिरोध `10 Omega` है । अन्य मान चित्र में प्रदर्शित है , तब गणना कीजिए - ( ii ) जब धारामापी में कोई विक्षेप प्राप्त न हो हो तब लम्बाई का मान । |
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Answer» (ii) द्वितीय परिपथ का प्रतिरोध `= 1.2+0.3=1.5 Omega` वि. वा. बल = 1.5 V द्वितीय परिपथ से प्रवाहित धारा `I=(1.5)/(1.5)=1A` समान धारा `0.3 Omega` के प्रतिरोध से होकर प्रवाहित होगी । अतः A व O के मध्य विभवांतर `= 0. 3 Omega` के परितः विभवान्तर अर्थात शून्य विक्षेप स्थिति `= I xx R` `= 1xx0.3=0.3` वोल्ट AO की लंबाई `= ("विभवांतर")/("विभव प्रवणता")` `= (0.3)/(0.08)=37.5` सेमी. |
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| 46. |
किसी सेल का वि वा बल मापने के लिए किस युक्ति का उपयोग करते है ? |
| Answer» Correct Answer - विभवमापी । | |
| 47. |
चित्र में 1.5 वोल्ट सेल के आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करने हेतु 2.0 वोल्ट का विभवमापी प्रदर्शित किया किया है । खुले परिपथ में सेल के साथ समांतर क्रम में जोड़ दिया जाता है संतुलन बिंदु की दूरी 76.3 सेमी हो जाती है । सेल आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात कीजिए । |
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Answer» दिया है - `R = 9.5 Omega, l_(1)=76.3` सेमी, `l_(2)=64.8` सेमी । सूत्र - `r=R((l_(1))/(l_(2))-1)` से, `r=9.5((76.3)/(64.8)-1)` `= 1.68` ओम। |
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| 48. |
विभवमापी के तार की लम्बाई बढ़ाने पर उसकी सुग्राहिता पर क्या प्रभाव पड़ता है ? |
| Answer» सेल या बैटरी के प्राथमिक परिपथ को चालक सेल कहते है । | |
| 49. |
विभवमापी के तार की लम्बाई 8 मीटर है । यदि उसके सिरों के बिच 2 वोल्ट का विभवांतर लगाया जाये तो विभव प्रवणता का मान ज्ञात कीजिए । |
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Answer» दिया है - L = 8 मीटर तथा V = 2 वोल्ट सूत्र - `phi=(V)/(L)=(2)/(8)=0.25` वोल्ट/मीटर । |
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| 50. |
विभवमापी के तार की लम्बाई 10 मीटर है । उसके सिरों पर 2 वोल्ट वि वा बल लगाने पर विभव प्रवणता का मान कितना होगा ? |
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Answer» दिया है - V = 2 वोल्ट, L = 10 मीटर = 1000 सेमी । सूत्र : `phi=(V)/(L)` में मान रखने पर, `phi = (2)/(1000)=0.002` वोल्ट/सेमी । |
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