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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

हीरे के प्रेमी उसे किस रुप में पसंद करते हैं?

Answer»

हीरे के प्रेमी उसे साफ़ सुथरा, खरादा  हुआ, आँखों में चकाचौंध पैदा करता हुआ देखना पसंद करते हैं।

2.

धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?

Answer»

धूल का जीवन में बहुत महत्व है। कोई भी शिशु धूल से सनकर विविध खेल खेलता है। यह धूल जब शिशु के मुख पर पड़ती है तो उसकी स्वाभाविक सुंदरता निखार जाती है।। इसलिए धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना नहीं की जा सकती।

3.

मिट्टी की आभा क्या है? उसकी पहचान किससे होती है?

Answer» मिटटी की आभा धूल है। मिटटी की पहचान उसके धूल से होती है।
4.

लेखक ने संसार में किस प्रकार के सुख को दुर्लभ माना है?

Answer»

लेखक ने संसार में अखाड़े की मिट्टी में लेटने, मलने के सुख को दुर्लभ माना है क्योंकि यह मिट्टी तेल और मट्ठे से सिझाई जाती है। इससे देवता पर भी चढ़ाया जाता है।

5.

"धूल" पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।

Answer»

लेखक ने पाठ "धूल" में धूल का महत्त्व स्पष्ट किया है कि धूल से ही हमारा शरीर बना है परंतु आज का नगरीय जीवन इससे दूर रहना चाहता है जबकि ग्रामीण सभ्यता का वास्तविक सौंदर्य  "धूल" ही है।

6.

धूल, धूलि, धूली, धूरि और गोधूलि की व्यंजनाओं को स्पष्ट कीजिए।

Answer»

धूल यथार्थवादी गद्य है तो धूलि उसकी कविता। धूली छायावादी दर्शन है और धूरि लोक-संस्कृति का नवीन जागरण है। गोधूलि गायों एवं ग्वालों के पैरों से सायंकाल में उड़ने वाली धूलि है जो गाँव के जीवन की अपनी संपत्ति है।

7.

"हीरा वही घन चोट न टूटे"- का संदर्भ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Answer»

"हीरा वही घन चोट न टूटे"- का अर्थ है असली हीरा वही है जो हथोड़े की चोट से भी न टूटे और अटूट होने का प्रमाण दे। इसी तरह ग्रामीण लोग हीरे के समान होते हैं मजबूत और सुदृढ़। वे कठिनाइयों से नहीं घबराते। 

8.

ग्रामीण परिवेश में प्रकृति धूल के कौन-कौन से सुंदर चित्र प्रस्तुत करती है?

Answer»

ग्रामीण परिवेश में प्रकृति धूल के अनेक सुंदर चित्र प्रस्तुत करती है।शिशु के मुख पर धूल फूल की पंखुड़ियों के समान सुंदर लगती है । उसकी सुंदरता को निखारती है। सांयकाल गोधूलि के उड़ने की सुंदरता का चित्र ग्रामीण परिवेश में प्रस्तुत करती है जोकि शहरों के हिस्से नहीं पड़ती ।

9.

लेखक ने धूल और मिट्टी में क्या अंतर बताया है?

Answer»

धूल और मिट्टी में उतना ही अंतर है जितना शब्द और रस में, देह और प्राण में, चाँद और चांदनी में। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, मिट्टी रुप है तो धूल प्राण है। मिट्टी की आभा धूल है तो मिट्टी की पहचान भी धूल है।