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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

दिव्यांगता से आप क्या समझते हैं? श्रवण दिव्यांगता के बारे में बताइए।

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दिव्यांगता जिसका शाब्दिक अर्थ शरीर के किसी अंग की बनावट में कमी होना होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) के अनुसार अक्षमता किसी व्यक्ति को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। जिससे दिन-प्रतिदिन की क्रियाएँ प्रभावित होती है, उसे दिव्यांगता कहते हैं।

श्रवण दिव्यांगता- श्रवण दिव्यांगता कान के पूर्ण विकास के अभाव यो कान की बीमारी या चोट लगने की वजह से हो सकता है। इस दिव्यांगता में व्यक्ति का पूरी तरह से ध्वनि सुनने में अक्षम होना होता है। जिसके कारण बच्चा बोलने में सक्षम नहीं हो पाता है।

2.

प्राथमिक उपचार से आप क्या समझते हैं?

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चोट लगने पर यदि पीड़ित को तुरंत उपचार न दिया जाए तो उसकी स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए चोट लगने या बीमार होने पर तुरंत दिया जाने वाला उपचार प्राथमिक उपचार कहलाता है। यह चिकित्सा सुविधा मिलने से पूर्व पीड़ित व्यक्ति की स्थिति बिगड़ने से बचाता है।

3.

श्रवण दिव्यांग अक्षम होते हैं-(अ) सुनने में(ब) बोलने में(स) सुनने एवं बोलने में(द) देखने में

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सही विकल्प है (स) सुनने एवं बोलने में

4.

प्राथमिक उपचार पेटी में कौन-कौन सी वस्तुएँ होनी चाहिए?

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प्राथमिक उपचार पेटी में निम्नलिखित वस्तुएँ होनी चाहिए|

1. अस्पातल में उपयोग की जाने वाली रूई, पट्टियाँ, गाँज, पिन, कैंची, डॉक्टरी थर्मामीटर, चम्मच, गिलास, साबुन, तौलिया (छोटा), माचिस, टॉर्च, खपच्ची आदि।

2. कुछ दवाइयाँ होनी चाहिए जैसे- पैरासिटामॉल, डिटॉल, टिंचर, ग्लूकोज, ओआरएस का पैकेट, पेन बॉम, एंटी सेप्टिक क्रीम, नमक, शक्कर आदि।

5.

दिव्यांग जनों के प्रति हमारा क्या सामाजिक दायित्व हैं?

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हमारा दायित्व है कि दिव्यांगों की शारीरिक स्थिति को नजर अन्दाज करते हुए उनके आत्मविश्वास एवं मनोबल को बढ़ाएँ और उनकी कार्य क्षमताओं को देखते हुए उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें। दिव्यांग-साथियों को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करें। उन्हें सामान्य जीवन व्यतीत करने में मदद करें ताकि हमारे दिव्यांग साथी अन्य लोगों के समान पूरे आत्मसम्मान के साथ व्यतीत कर सकें।

6.

डिस्लेक्सिया एवं डिसग्राफिया से आप क्या समझते हैं?

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डिस्लेक्सिया- डिस्लेक्सिया पढ़ने-लिखने से संबंधित विकार है। जिसमें बच्चों को शब्द पहचानने, पढ़ने, याद करने और बोलने में परेशानी होती है। इनकी उच्चारण क्षमता सामान्य बच्चों की अपेक्षा काफी कम होती है। यह 3-14 साल के बच्चों में सामान्यतः पाया जाता है।

डिसग्राफिया- डिसग्राफिया एक दिमागी बीमारी के रूप में चिन्हित है।यह एक प्रकार का लेखन विकार है, जो लेखन के कौशल पर असर डालता है। इसमें स्पेलिंग, हस्तलेखन और शब्दों, वाक्यों और पैराग्राफों को संयोजित करने जैसे कौशल प्रभावित होते हैं।