InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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1000 किग्रा द्रव्यमान का एक उपग्रह पृथ्वी तल से 1600 किमी ऊँचाई पर वृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है । उपग्रह के लिये ज्ञात कीजिये -(i) कक्षीय चाल प(ii) रिक्रमण काल (iii) स्थितिज ऊर्जा (iv) गतिज ऊर्जा (v) कुल ऊर्जा (vi) बन्धन - ऊर्जा (vii) संवेग (viii) कोणीय संवेग (ix) कक्षा में पलायन वेग `(G=6.67xx10^(-11) न्यूटन -"मीटर"^(2)// "किग्रा"^(2))` , पृथ्वी का द्रव्यमान `M_(e)=6xx10^(24)` किग्रा ,पृथ्वी की त्रिज्या `R_(e)6400` किमी) |
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Answer» उपग्रह की कक्षा की त्रिज्या `r=R_(e)+h=6400+1600=8000` किमी `=8xx10^(6)` मीटर (i) कक्षीय चाल `v_(o)=sqrt((GM_(e))/(r))=sqrt((6.67xx10^(-11)xx6xx10^(24))/(8xx10^(6)))` `=7.1xx10^(3)` मीटर/सेकण्ड अथवा 7.1 किमी/सेकण्ड (ii) परिक्रमण काल `T=(2pir^(3//2))/(sqrt(GM_(e)))=(2xx3.14xx(8xx10^(6))^(3//3))/(sqrt(6.67xx10^(-11)xx6xx10^(24)))~~7080` सेकण्ड `~~118` (iii) स्थितिज ऊर्जा `U=-(GM_(e)m)/(r)=(-6.67xx10^(-11)xx6xx10^(24)xx1000)/(8xx10^(6))` `=-5xx10^(10)` जूल (iv) गतिज ऊर्जा `K=+(GM_(e)M)/(2r)=-(U)/(2)=-((-5xx10^(10))/(2))=2.5xx10^(10)` जूल (v) कुल ऊर्जा `E=-(GM_(e)m)/(2r)=(U)/(2)=-2.5xx10^(10)` जूल (vi) बन्धन - ऊर्जा `E_(B)=(GM_(e)m)/(2r)=-E=-(-2.5xx10^(10))=2.5xx10^(10)` जूल (vii) संवेग `p=mv_(o)=1000xx7.1xx10^(3)=7.1xx10^(6)` कोणीय संवेग `L=mv_(o)r=1000xx7.1xx10^(3)xx8xx10^(6)=5.68xx10^(13)` किग्रा -`मीटर^(2)`/सेकण्ड (ix) कक्षा में पलायन वेग `v_(e)=v_(o)sqrt(2)=7.1xx10^(3)xxsqrt(2)~~10` किमी /सेकण्ड |
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| 52. |
500 किग्रा का एक कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी से 1800 किमी की ऊँचाई पर पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है। उपग्रह की (i) स्थितिज ऊर्जा (ii) गतिज ऊर्जा (iii) कुल ऊर्जा (iv) पलायन ऊर्जा ज्ञात कीजिये । `(R_(e)=6400` किमी तथा `g=10 "मीटर/सेकण्ड"^(2))` |
| Answer» (i) `-2.5xx10^(10)` जूल , (ii) `1.25xx10^(10)` जूल, (iii) `-1.25xx10^(10)` जूल , (iv) `1.25xx10^(10)` जूल | |
| 53. |
पृथ्वी का एक उपग्रह पृथ्वी तल से 200 किमी ऊँचाई पर वृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है । इस उपग्रह का परिभ्रमण काल 80 मिनट है । पृथ्वी की त्रिज्या 6400 किमी है । इन आँकड़ों से पृथ्वी के द्रव्यमान की गणना कीजिये । |
| Answer» `6.725xx10^(24)` किग्रा | |
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सही विकल्प का चयन कीजिए - (i) यदि स्थितिज ऊर्जा का शून्य अन्नत पर है ,तो कक्षा में परिक्रमा करते किसी उपग्रह की कुल ऊर्जा इसकी गतिज/स्थितिज ऊर्जा का ऋणात्मक है । कक्षा में परिक्रमा करने वाले किसी उपग्रह को पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव से बाहर निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा समान ऊँचाई (जितनी उपग्रह की है ) किसी स्थिर पिण्ड को पृथ्वी के प्रभाव से बाहर प्रक्षेपित करने के लिए आवयश्क ऊर्जा से अधिक/कम होती है । |
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Answer» (i) उपग्रह की स्थितिज ऊर्जा `U=(-GMm)/(r )` उपग्रह की गतिज ऊर्जा `K=(GMm)/(2r)` कुल ऊर्जा `E=U+K=(-GMm)/(r )+(GMm)/(2r)=(GMm)/(2r)=-K` अर्थात गतिज ऊर्जा का ऋणात्मक है । (ii) कक्षा में परिक्रमा करने वाले किसी उपग्रह को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल प्रभाव से बाहर निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा सामान ऊँचाई के किसी स्थिर पिण्ड को पृथ्वी के प्रभाव से बाहर प्रक्षेपित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा से कम होती है , क्योंकि उपग्रह की इस स्थिति में पृथ्वी का गुरुत्वीय प्रभाव इसके अभिकेन्द्र बल से सन्तुलित होता है इसलिए कार्य केवल उपग्रह को प्रक्षेपित करने के लिए किया जाता है (गुरुत्व बल के विरुद्ध कोई कार्य नहीं किया जाता है )। |
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| 55. |
G की विमा तथा मात्रक लिखिये। |
| Answer» `M^(-1) L^(3) T^(-2)` न्यूटन-मीटर`^(2)`/किग्रा। | |
| 56. |
दो ग्रह सूर्य के चारो और `r_1 ` व `r_2 ` त्रिज्या की कक्षाओं में चक्कर लगा रहे है |यदि उनके परिक्रमण काल क्रमशः `T_1 `व `T_2` हो तो `(T_1)/(T_2)` का मान हैA. `((r_1)/(r_2))^(2)`B. `((r_1)/(r_2))^(3//2)`C. `((r_1)/(r_2))^(3)`D. `((r_1)/(r_2))^(2//3)` |
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Answer» Correct Answer - B |
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| 57. |
कैपलर के तीसरे नियम का गणितीय रूप क्या है? |
| Answer» `T^(2) alpha a^(3)` | |
| 58. |
कैपलर की द्वितीय नियम के अनुसार गृह को सूर्य से मिलाने वाली रेखा समान संयन्त्रालो में समान क्षेत्रफल तय करती है|यह परिणाम है निम्न के संरक्षण का-A. रेखीये संवेगB. कोणीय संवेगC. ऊर्जाD. आवेश |
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Answer» Correct Answer - B |
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| 59. |
चाँदी का आपेक्षिक घनत्व 10.8 है. पानी का घनत्व `10^(3)kg//m^(3)` है. SI मात्रक में चाँदी का घनत्व क्या होगा ? |
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Answer» दिया गया है कि चाँदी का आपेक्षिक घनत्व `=10.8` तथा पानी का घनत्व `=10^(3)kg//m^(3)` परिभाषा से, चाँदी का आपेक्षिक घनत्व `=("चाँदी का घनत्व")/(" पानी का घनत्व")` अतः चाँदी का घनत्व = चाँदी का आपेक्षिक घनत्व x पानी का घनत्व `=10.8xx10^(3)kg//m^(3).` |
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| 60. |
यदि पृथ्वी का द्रव्यमान चन्द्रमा के द्रव्यमान का 80 गुना हो तो पृथ्वी तथा चन्द्रमा पर एक- दूसरे के कारण कार्यरत गुरुत्वाकर्षण बल का अनुपात होगा-A. `80:1`B. `1:80`C. `1:1`D. `1:6400` |
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Answer» Correct Answer - C |
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| 61. |
किसी वस्तु के द्रव्यमान, उसके भार और गुरुत्वीय त्वरण में क्या सम्बन्ध है? |
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Answer» वायु का भार = वस्तु का द्रव्यमान `xx` गुरुत्वीय त्वरण। |
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| 62. |
दीर्घवृताकार कक्षा में किसी गृह की चालA. सभी बिन्दुओ पर समान होगीB. सूर्य के निकटतम होने पर अधिकतम होगीC. सूर्य के निकटतम होने पर न्यूनतम होगी|D. निरंतर बढ़ती रहेगी |
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Answer» Correct Answer - B |
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| 63. |
विषुवत रेखा के किसी बिंदु पर प्रभावी गुरूत्वीय त्वरण तथा ` g _(0) = (GM)/(R^(2))` में प्रतिशत अंतर बताऍं। |
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Answer» विषुवत रेखा पर प्रभावी गुरूत्वीय त्वरण `g^(r ) = g_(0) = omega^(2) R` अत: g’ एवं `g_(0)` में प्रतिशत अंतर `= ([g_(0)- g’])/(g_(0)) xx 100 = (omega^(2) R)/(g_(0)) xx 100` `omega = (2pi)/(T ) = (2xx 3.14 rad)/(24 xx 60 xx 60 s) = 8.3 xx 10^(-5) rad//s` तथा `R= 6.4 x 10^(6) m` अत: प्रतिशत अंतर `= (8.3 xx 8.3 xx 10^(-10) xx 6.4 xx 10^(6))/(9.8) xx 100` `=0.45` घूर्णत के कारण g में पनिवर्तन बहुत ही कम है। |
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| 64. |
किसी स्थान में गुरूत्वीय क्षेत्र `vec(E) = (5hat(i) + 12 hat(j)) N //kg` है। (a) मूलबिंदु पर रखे हुए 2kg द्रव्यमान के कण पर लगनेवाले गुरूत्वीय बल का परिमाण ज्ञात कीजिए। (b) यदि मूलबिंदु पर गुरूतवीय विभव शून्य माना जाए तो बिंदुओ (12m ,0) तथा (0,5 m) पर विभव ज्ञात कीजिए। (c ) यदि 2 kg द्रव्यमान वाला कण मूलबिंदु से विस्थापित करके बिदु (12,m 5,m) पर ले जाया जाए तो गुरूत्वीय स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिए। ( d) यदि कण को `(12 M , 0)` से (0, 5 M) तक ले जाया जाए तो गुरूत्वीय स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिए। |
| Answer» `(a) 26 N (b ) -60 j//kg - 60 j//kg ( c) - 240 J (d) 0` | |
| 65. |
10 kg द्रव्यमान की दो गोलाकार गेदे एक – दूसरे से 10 cm दूर रखी गई है। इनके बीच लगनेवाले गुरूत्वीय बल ज्ञात करें। |
| Answer» Correct Answer - `6.67 xx 10^(-7) N` | |
| 66. |
बृहस्पति के एक उपग्रह , आयो (Io), की कक्षीय अवधि 1.769 दिन तथा कक्षा की त्रिज्या `4.22xx10^(8)` मीटर है । यह दर्शाइए की बृहस्पति का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग `1//1000` गुना है । |
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Answer» दिया है , बृहस्पति की कक्षीय अवधि T=1.769 दिन `=(1769xx24xx60xx60)s` `=1.528xx10^(5)s` कक्षा की त्रिज्या `(r)=4.22xx10^(8)` मीटर `G=6.67xx10^(-11)N-m^(2)//kg^(2)` सूर्य का द्रव्यमान `M_(s)=2xx10^(30)` kg माना बृहस्पति का द्रव्यमान `M_(j)` है । उपग्रह की कक्षीय गति के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल ग्रह तथा उपग्रह के बीच गुरुत्वीय बल `(mv^(2))/(r)=(GM_(j)m)/(r^(2))` या `v^(2)=(GM_(j))/(r)` `(romega)^(2)=(GM_(j))/(r^(3))(becausev=romega)` `thereforeomega^(2)=(GM_(j))/(r^(3))` लेकिन `omega=(2pi)/(T)`, जहाँ T आवर्तकाल है । `therefore((2pi)/(T))^(2)=(GM_(j))/(r^(3))` या `M_(j)=(4pi^(2)r^(3))/(T^(2)G)` `=(4xx(3.14xx)^(2)xx(4.22xx10^(8))^(3))/((1.528xx10^(5))^(2)xx6.67xx10^(-11))` `=1.9xx10^(27)kg` `~~2xx10^(27)kg` अब, `(M_(j))/(M_(s))=(2xx10^(27))/(2xx10^(30))~~(1)/(1000)` या `M_(j)=(1)/(1000)M_(s)` अतः बृहस्पति का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का `(1)/(1000)` गुना है । |
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| 67. |
यदि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण समाप्त हो जायें तो किसी वास्तु के-A. भार तथा द्रव्यमान शून्य होंगेB. भार शून्य हो जायेगा परन्तु द्रव्यमान नहींC. द्रव्यमान शून्य हो जायेगा परन्तु भार नहींD. न द्रव्यमान शून्य होगा, न ही भार |
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Answer» Correct Answer - B |
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| 68. |
G का मान प्रयोगशाला में सर्वप्रथम ज्ञात किया-A. केवेंडिश नेB. कॉपनिर्क्स नेC. ब्रुक टेलर नेD. इनमें से कोई नहीं |
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Answer» Correct Answer - A |
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| 69. |
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए - (i) आप किसी आवेश का वैधुत बालों से परिरक्षण उस आवेश को किसी खोखले चालाक के भीतर रखकर कर सकते हैं। क्या आप किसी पिण्ड का परिरक्षण , निकट में रखे प्रदार्थ के गुरुत्वीय प्रभाव से , उसे खोखले गोले में रखकर अथवा किसी अन्य साधनों द्वारा कर सकते हैं ? (ii) पृथ्वी के पारित : परिक्रमण करने वाले छोटे अंतरिक्षयान में बैठा कोई अन्तरिक्ष यात्री गुरुत्व बल का संसूचन नहीं कर सकता । यदि पृथ्वी के पारित : परिक्रमण करने वाला अन्तरिक्ष स्टेशन आकार में बड़ा है , तब क्या वह गुरुत्व बल के संसूचन की आशा कर सकता है ? (iii) यदि आप पृथ्वी पर सूर्य के कारण गुरुत्वीय बल की तुलना पृथ्वी पर चन्द्रमा के कारण गुरुत्व बल से करें , तो आप यह पायेंगे कि सूर्य का खिंचाव चन्द्रमा के खिंचाव कि तुलना में अधिक है (इसकी जाँच आप स्वयं आगामी अभ्यासों में दिये गये आँकड़ों कि सहायता से कर सकते हैं ) तथापि चन्द्रमा के खिंचाव का ज्वारीय प्रभाव सूर्य के ज्वारीय प्रभाव से अधिक है , क्यों ? |
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Answer» (i) नहीं ,किसी पिण्ड का परिरक्षण , निकट में रखे पदार्थ के गुरुत्वीय प्रभाव से उस खोखले गोले में रखकर नहीं किया जा सकता है , क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल माध्यम कि प्रकृति पर निर्भर नहीं करता है जबकि वैधुत बल माध्यम पर निर्भर करता है । (ii) हाँ , अन्तरिक्ष यात्री गुरुत्व बल के संसूचन कि आशा कर सकता है यदि अंतरिक्षयान आकर में बड़ा है , क्योंकि इस स्थिति में अंतरिक्षयान के गुरुत्व का परिमाण अनुभव तथा मापने योग हो जायेगा । (iii) ज्वारीय प्रभाव गुरुत्वाकर्षण के व्यूत्क्रम वर्ग नियम द्वारा नहीं बताया जाता है लेकिन यह दूरी के तृतीय घात के व्यूत्क्रमानुपाती द्वारा बताया जा सकता है । चन्द्रमा तथा पृथ्वी के बीच दूरी पृथ्वी तथा सूर्य के बीच दूरी कि तुलना में बहुत कम है । अतः चन्द्रमा के खिंचाव का ज्वारीय प्रभाव सूर्य के ज्वारीय प्रभाव कि तुलना में अधिक है । |
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| 70. |
एक अंतरिक्षयात्री जिसका द्रव्यमान 50 kg है, पृथ्वी से बाहर जाता है. उसका भार (क) पृथ्वी पर (ख) अंतरग्रहीय अंतरिक्ष में (ग) पृथ्वी से 650 km कि ऊँचाई पर जहाँ `g=8m//s^(2)` है, क्या होगा? (पृथ्वी कि सतह पर `g=9.8m//s^(2))` |
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Answer» (क) दिया गया है कि `m=50kg, g=9.8m//s^(2)` समीकरण `w=mg` से, पृथ्वी पर अंतरिक्षयात्री का भार `=50kgxx9.8m//s^(2) =490N,.` (ख) दिया गया है कि `m=50 kg, g=0m//s^(2).` समीकरण `w=mg`से, अंतरग्रहीय अंतरिक्ष में यात्री का भर `=50kgxx0m//s^(2)=0N.` (ग) दिया गया है कि `m=50 kg, g =8m//s^(2).` समीकरण `w=mg` से, पृथ्वी से 650 km की ऊँचाई पर यात्री का भार `=50kgxx8m//s^(2)=400N.` |
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| 71. |
50 g कि वस्तु का आयतन `20cm^(3)` है. यदि पानी का घनत्व `1g//cm^(3)` हो, तो वह वस्तु पानी में तैरेगी या डूबेगी ? |
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Answer» दिया गया है कि वस्तु का द्रव्यमान `m=50g.` वस्तु का आयतन `V=20cm^(3)` अतः, वस्तु के पदार्थ का घनत्व `rho=m/V=(50g)/(20cm^(3))=2.5g//cm^(2).` दिया गया है कि पानी का घनत्व `1g//cm^(3)` से अधिक है, अतः वस्तु पानी में डूब जाएगी. |
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| 72. |
एक पत्थर को h ऊंचाई से छोड़ने पर वह पृथ्वी तल पर 2 सेकण्ड में पहुँचता है| चन्द्रमा पर h ऊंचाई से छोड़े जाने पर यह कितने समय में चन्द्रमा के तल पर गिरेगा? |
| Answer» `h = (1)/(2) g t^(2) ` से `t= sqrt ((2h )/g ):` अतः `2sqrt (6)` सेकण्ड में चन्द्रमा के तल पर पहुंचेगा| | |
| 73. |
500 g के एक गुटके का आयतन `350cm^(3)` है. यह गुटका `1g//cm^(3)` घनत्व वाले पानी में डूबेगा कि तैरेगा? इस गुटके द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा ? |
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Answer» दिया गया है कि गुटके का द्रव्यमान `m=500g` गुटके का आयतन `V=350 cm^(3).` अतः, गुटके के पदार्थ का घनत्व `=(500g)/(350cm^(3))=1.4g//cm^(3).` चूँकि, गुटके के पदार्थ का घनत्व `(1.4g//cm^(3))` पानी के घनत्व `(1g//cm^(3))` से अधिक है, अतः गुटका पानी में डूब जाएगा. गुटके द्वारा विस्थपित पानी का द्रव्यमान = गुटके के आयतन के बराबर द्रव्यमान `=350cm^(3)` पानी का द्रव्यमान `=350cm^(3)xx` पानी का घनत्व `=350cm^(3)xx1g//cm^(3)=350g.` |
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| 74. |
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है? |
| Answer» प्लास्टिक के गुटके पर ऊपर की और लगता उत्प्लावन बल उसपर निचे की और गुरुत्व-बल से अधिक होता है। अतः गुटका पानी की सतह पर आ जाता है। | |
| 75. |
किसी द्रव में डुबोई गई वास्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है ? |
| Answer» वास्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की और लगता है। | |
| 76. |
क्या पलायन चाल प्रक्षेपण कोण पर निर्भर करती है ? |
| Answer» Correct Answer - नहीं । | |
| 77. |
एक पिण्ड को विरामावस्था से अन्नत ऊँचाई से छोड़ा जाता है । यह पृथ्वी पर कितने चाल से पहुँचेगा ? |
| Answer» 11.2 किमी/सेकण्ड ,वायु प्रतिरोध नगण्य मानकर । | |
| 78. |
क्या किसी उपग्रह में भारहीनता इस बात पर निर्भर करती है कि उपग्रह पृथ्वी से कितनी दूर है ? |
| Answer» Correct Answer - नहीं। | |
| 79. |
किसी स्थान पर 1 किग्रा के पिण्ड की पलायन ऊर्जा `6.4xx10^(7)` जूल है । 10 किग्रा के पिण्ड की पलायन ऊर्जा क्या होगी ? |
| Answer» `6.4xx10^(8)` जूल `(Upropm)`| | |
| 80. |
किसी स्थान पर पिण्ड कि कुल यांत्रिक ऊर्जा -x है । उस स्थान पर पिण्ड कि पलायन ऊर्जा क्या होगी ? |
| Answer» Correct Answer - `+x` | |
| 81. |
उपरोक्त प्रश्न में पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा-A. `g`B. `gR`C. `gR^(2)`D. `(g)/(R)` |
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Answer» Correct Answer - A |
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| 82. |
एकसमान द्रव्यमान घनत्व के अर्द्धगोलीय खेलों द्वारा परिभाषित ढोल के पृष्ठ के केंद्र पर गुरुत्वीय तीव्रता की दिशा (चित्र देखिये) (i) a, (ii) b , (iii) c, (iv) 0 में किस तीर द्वारा दर्शायी जायेगी? |
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Answer» गोलीय कोश के अन्दर सभी बिंदुओं पर गुरुत्वीय तीव्रता गुरुत्व विभव समान रहता है `therefore` गोलीय कोश के अन्दर गुरुत्वीय विभव `(dV)/(dr)=(d)/(dr)` (नियतांक) =0 गुरुत्वीय तीव्रता गुरुत्व विभव प्रवणता के ऋणात्मक मान के बराबर होती है । अतः गुरुत्वीय तीव्रता गोलीय कोश के भीतर सभी बिंदुओं पर शून्य होगी तथा कोश के भीतर सभी स्थानों पर गुरुत्व बल समान रहता है । यदि ऊपरी अर्द्धगोलीय कोश हटा दिया जाये तब कण (जो केंद्र O पर स्थित है ) पर कार्य करने वाले गुरुत्वीय बल की दिशा नीचे की ओर अर्थात गुरुत्वीय तीव्रता की दिशा नीचे की ओर होगी । |
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| 83. |
उपरोक्त समस्या में किसी यादृच्छिक बिंदु p पर गुरुत्वीय तीव्रता किस तीर (i) d, (ii) e, (iii) f, (iv) g द्वारा व्यक्त की जायेगी ? |
| Answer» बिंदु p अर्द्धगोलीय कोश की सतह पर रहता है तथा गुरुत्वीय तीव्रता p बिंदु पर नीचे की तरफ कार्य करती है । | |
| 84. |
गुरुत्वाकर्षण बल है -A. प्रतिकर्षण बलB. स्थिर विद्युत बलC. संरक्षी बलD. असंरक्षी बल |
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Answer» Correct Answer - C |
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| 85. |
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता की विमा निम्न भौतिक राशि के समान है -A. संवेगB. वेगC. बलD. त्वरण |
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Answer» Correct Answer - D |
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| 86. |
कृत्रिम उपग्रह में कोई भी ईंधन नहीं होता ,फिर भी यह पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगता रहता है । समझाइये क्यों ? |
| Answer» उपग्रह को वृत्तीय कक्षा में चक्कर लगाने के लिये आवश्यक अभिकेन्द्र बल उपग्रह व पृथ्वी के बीच लगाने वाले गुरुत्वाकर्षण बल से प्राप्त हो जाता है । अतः उपग्रह अपनी कक्षा में चक्कर लगाता रहता है । | |
| 87. |
प़ृथ्वी की सतह सक वह ऊँचाई ज्ञात कीजिए जहाँ वस्तु का भार सतह पर इसके भार का आधा रह जाए। |
| Answer» `(sqrt(2)- 1) R `जहाँ R= पृथ्वी की त्रिज्या | |
| 88. |
एक द्रव्यमान वितरण के कारण गुरूत्वीय विभव `V= (A)/(sqrt(x^(2) + a^(2))` होता है। गुरूत्वीय क्षेत्र के लिए व्यंजक करें। |
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Answer» `V = (A )/(sqrt(x^(2) + a^(2)) = A (x^(2) + a^(2))^(-1 //2)` यदि गुरूत्वीय क्षेत्र E हो तो `E_(x) = - (delta V)/(delta x ) = - A (- (1)/(2)) (x^(2) + a^(2))^(-3//2) (2x)` `= ( A x)/((x^(2) + a^(2))^(3//2))` `E_(y) = (delta V)/( delta x) = 0` तथा `E_(z) = - (delta V)/(delta x) = 0` अत : `bar( E) = (Ax)/((x^(2) + a^(2))^(3//2)) hat(i)` |
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| 89. |
किसी क्षेत्र से गुरूत्वीय विभव `V= (20 N//kg ) (x+y)` द्वारा व्यक्त किया जाता है। (a) दिखाऍं कि समीकरण विमीय रूप से सही है। ( b) बिंदु (x,y) पर गुरूत्वीय क्षेत्र ज्ञात करें। अपना उत्तर एकांक सदिशों `hat(i) ,hat(j), hat(k)` के पदों में खिलें। (c ) मूलबिंदु पर रखे हुए 5 g द्रव्यमान के एक कण पर गुरूत्वीय बल के परिणाम की गणना करें। |
| Answer» `(b )-20 hat(i) + hat(j) N//kg ( c) sqrt(2)//10 N` | |
| 90. |
पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का भार हैA. शून्यB. अनंतC. पृथ्वी की सतह पर भार के तुल्यD. उपरोक्त में से कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 91. |
कृत्रिम उपग्रह में एक सरल लोलक का आवर्तकाल होगाA. शून्यB. 2 सेकंडC. 3 सेकंडD. अनंत |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 92. |
सूर्य से दो ग्रहो की औसत दूरियाँ क्रमशः `10^(13)` व `10^(12)` मित्रे है|ग्रहों के आवर्तकालों तथा इनकी चालों का अनुपात ज्ञात कीजिए| |
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Answer» माना ग्रहों की सूर्य से औसत दुरी क्रमशः `r_1` व् `r_2` तथा इनके आवृतकाल क्रमशः `T_1` व `T_2` है| कैपलर के तीसरे नियम से- ` " "T^(2) prop r^(3) ` अतः `" "((T_1)/(T_2))^(2)=((r_1)/(r_2))^(3)` अथवा `" "(T_1)/ (T_2 ) =((r_1)/(r_2))^(3//2) =((10^(13))/(10^(12))) ^(3//2)= 10sqrt(10)` ग्रहों की कक्षा वृताकार मानकर यदि उनकी कक्षीय चाल क्रमशः `v_1` व `v_2` हो तो ` " " v_1 =(2pi r_i)/(T_1) ` तथा `v_2 =(2pir_2)/(T_2)` अतः `" " (v_1) /(v_2)=(r_1)/(r_2) *(T_2)/(T_1)=(r_1)/(r_2) ((r_2)/(r_1))^(3//2) =((r_2)/(r_1))^(1//2)` ` " " = (10^(12)/(10^(13)))^(1//2)= (1)/(sqrt( 10))` |
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| 93. |
दो ग्रहो की त्रिज्या `R_1` तथा `R_2` हो तथा माध्य घनत्व `d_1` व् `d_2` हो तो सिद्ध कीजिए की दोनों ग्रहो पर गुरुत्वीय त्वरण का अनुपात `R_1d_1:R_2d_2` है| |
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Answer» किसी गृह पर गुरुत्वीय त्वरण `g=(GM)/(R^(2))` ` " "=(G*(4)/(3) pi R^(3)d)/(R^(2))=(4)/(3)pi GRd` ` " "g_1=(4)/(3) pi G_1R_1d ,g_2 =(4)/(3) pi GR_2d_2` अतः `g_1:g_2 =R_1d_1:R_2d_2]` |
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| 94. |
एक मीनार की चोटी से एक पत्थर को गिराया गया। 40 m नीचे गिरने पर उसकी चाल होगीA. `14m//s`B. `7m//s`C. `28m//s`D. `9.8m//s` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 95. |
किसी ग्रह का घनत्व `8xx10^(3) "किग्रा /मीटर"^(3)` है । इसके अति निकट वृत्ताकार कक्षा में परिक्रमा करते उपग्रह का परिक्रमण काल तथा आवृत्ति ज्ञात कीजिये । `(G=6.67xx10^(-11)"न्यूटन -मीटर"^(2)// "किग्रा"^(2))` |
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Answer» `T=sqrt((3pi)/(Gp)),f=(1)/(T)` 70 मिनट, `2.38xx10^(-3) "सेकण्ड"^(-1)` |
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| 96. |
19.6 m ऊँची एक मीनार की छोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है. पृथ्वी पर पहुंचने से ठीक पहले इसका वेग ज्ञात करे. `(g=9.8m//s^(2))` |
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Answer» दिया गया है कि मीनार कि ऊँचाई `h=19.6m,` पत्थर का प्रारंभिक वेग `u=0m//s` तथा गुरुत्वीय त्वरण `g=9.8m//s^(2)` समीकरण `v^(2)=(0m//s)^(2)+2(9.8m//s^(2))(19.6m)` `=19.6xx19.6m^(2)//s^(2)` `v=19.6m//s.` या, `v^(2)=u^(2)+2gh` अतः, पृथ्वी पर पहुंचने से ठीक पहले पत्थर का वेग `19.6m//s` था | |
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| 97. |
पृथ्वी के पारित : चन्द्रमा की कोणीय चाल `(omega_(m))` अधिक है अथवा सूर्य के पारित : पृथ्वी की `(omega_(E))`| |
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Answer» `omega_(m)=(2pi)/(27)` से , `omega_(E)=(2pi)/(356)` दिन अतः चन्द्रमा की कोणीय चाल अधिक है |
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| 98. |
यदि कोई उपग्रह पृथ्वी के निकट ऐसी कक्षा में स्थापित किया जाये जहाँ वायु के घर्षण का प्रभाव हो तो उपग्रह पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? |
| Answer» प्रत्येक चक्कर में वायु के घर्षण के विरुद्ध उपग्रह की यांत्रिक ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा में बदल जायेगा । अतः यांत्रिक ऊर्जा निरन्तर कम होती जायेगी जिससे उपग्रह की कक्षा की त्रिज्या घटती जायेगी तथा यह पृथ्वी पर गिर जायेगा (गिरते हुए उपग्रह की कक्षीय चाल बढ़ती रहती है ।) | |
| 99. |
दो उपग्रह `S_(1)` व `S_(2)` पृथ्वी के चारों ओर अलग - अलग कक्षाओं में चक्कर लगा रहे हैं । `S_(1)` पृथ्वी के निकट तथा `S_(2)` पृथ्वी से दुरी है। किस उपग्रह की- (i) कक्षीय चाल , (ii) परिक्रमा काल , (iii) गतिज ऊर्जा , (iv) गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा , (v) कुल यांत्रिक ऊर्जा , अधिक है ? |
| Answer» (i) `S_(1)` , (ii) `S_(2)` , (iii) `S_(1)` , (iv) `S_(2)` , (v) `S_(2)` | |
| 100. |
कागज का एक टुकड़ा और सिक्का , दोनों समान द्रव्यमान के, एक इमारत की 10 वीं मंजिल से गिराए जाते हैं। धरातल तक पहुंचने के लिए कागज का टुकड़ा अधिक समय लेगा, क्योकिA. सिक्के की अपेक्षा कागज पर गुरुत्वाकर्षण बल कम होता हैB. सिक्के की अपेक्षा कागज के टुकड़े पर उत्प्लावन बल अधिक होता हैC. सिक्के पर उत्प्लावन बल अधिक होता है और वह अधोमुखी दिशा में क्रियान्वित होता हैD. भूमिपृष्ठ तक पहुंचने के लिए कागज का टुकड़ा अपेक्षाकृत लम्बा पथ तय करता है |
| Answer» Correct Answer - B | |