InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
निम्नलिखित प्रत्येक अभिक्रिया में बनने वाले मुख्य कार्बनिक उत्पाद की सरंचना लिखिए- `(i) CH_(3)CH_(2)CH_(2)Cl+NaIoverset("ऐसीटोन")underset("ऊष्मा")(to)` `(ii) (CH_(3))_(3)CBr+KOHoverset("ऐथेनॉल")underset("ऊष्मा")(to)` `(iii)CH_(3)CH(Br)CH_(2)CH_(3)+NaOHoverset("जल")(to)` `(iv)` `CH_(3)CH_(3)Br+KCNoverset("जलीय एथेनॉल")(to)` `(v) C_(6)H_(5)ONa+C_(2)H_(5)Cl to` `(vi) CH_(3)CH_(2)CH_(2)OH+SOCl_(2)to` `(vii)` `CH_(2)CH_(2)CH=CH_(2)+HBroverset("पराक्साइड")(to)` `(viii) CH_(3)CH=C(CH_(3))_(2)+HBrto` |
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Answer» `(i) CH_(3)CH_(2)CH_(2)Cl+NaIoverset("ऐसीटोन")underset("ऊष्मा")(to)CH_(3)-CH_(2)-CH_(2)-I` `(ii) (CH_(3))_(3)CBr+KOHoverset("ऐथेनॉल")underset("ऊष्मा")(to)CH_(3)-overset(CH_(3))overset(|)(C )=CH_(2)` `(iii)CH_(3)CH(Br)CH_(2)CH_(3)+NaOHoverset("जल")(to)CH_(3)-underset(OH)underset(|)(C )H-CH_(2)-CH_(3)` `(iv)` `CH_(3)CH_(3)Br+KCNoverset("जलीय एथेनॉल")(to)CH_(3)-CH_(2)-CN` `(v) C_(6)H_(5)ONa+C_(2)H_(5)Cl toC_(6)H_(5)-O-C_(2)H_(5)` `(vi) CH_(3)CH_(2)CH_(2)OH+SOCl_(2)toCH_(3)CH_(2)CH_(2)Cl` `(vii)` `CH_(2)CH_(2)CH=CH_(2)+HBroverset("पराक्साइड")(to)CH_(3)-CH_(2)-CH_(2)-underset(Br)underset(|)(C )H_(2)` `(viii) CH_(3)CH=C(CH_(3))_(2)+HBrtoCH_(3)-CH_(2)-overset(CH_(3))overset(|)underset(Br)underset(|)(C )-CH_(3)` |
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| 2. |
हैलोऐल्केन में नाभिकसनेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ होती है, जबकि हैलोऐरीन्स में मुख्यत : इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ होती है, क्यों? |
| Answer» हैलोऐल्केन, हैलोऐरीन की तुलना में अधिक धृवीय होते है, अतः इनमे कार्बन परमाणु धनावेशित होता है, जबकि हैलोऐरीन में अनुनाद के कारण कार्बन पर आवेश अधिक उत्पन नहीं हो पाता, अतः विशेष परिस्थितियो में ही नाभिकसनेही प्रतिस्थापन क्रियाएँ देते है। | |
| 3. |
`S_(N)^(1)` तथा `S_(N)^(2)` अभिक्रिया में निम्नलिखित यौगिकों की क्रियाशीलता का क्रम कारण सहित बताइए - `(i)` ब्रोमोब्यूटेन के चार समावयवी `CH_(2)-CH_(2)-CH_(2)underset(BR)underset(|)(C )H_(2)`, `CH_(3)-underset(Br)underset(|)(C )H-CH_(2)-CH_(3)`, `(CH_(3))_(2)CH-underset(Br)underset(|)(C )H_(2)`, `(CH_(3))_(3)C-Br` `(ii) C_(6)H_(5)CH_(2)Br`, `C_(6)H_(5)CH(C_(6)H_(5))Br`, `C_(6)H_(5)CH(CH_(3))Br`, `C_(6)H_(5)C(CH_(3))C_(6)H_(5)Br` |
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Answer» `(i) S_(N)^(1)` अभिक्रिया में क्रियाशीलता का क्रम - `underset((1^(@)))(CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)Br)ltunderset((1^(@)))((CH_(3))_(2)CH-CH_(2)Br)underset((2^(@)))(CH_(3)CH_(2)CH(Br)CH_(3))ltunderset((3^(@)))((CH_(3))_(3)CBr)` `S_(N)^(2)` अभिक्रिया में क्रियाशीलता का क्रम - `underset((1^(@)))(CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)Br)gtunderset((1^(@)))((CH_(3))_(2)CHCH_(2)Br)gtunderset((2^(@)))(CH_(3)CH_(2)CH(Br)CH_(3))gtunderset((3^(@)))((CH_(3))_(3)CBr)` `(CH_(3))_(2)CH` समूह का इलेक्ट्रॉन दाता प्रेरणिक प्रभाव `(+I)` अधिक होने के कारण दो प्रथमिक ब्रोमाइडो में से `(CH_(3))_(2)CH.CH_(3)Br` से निर्मित मध्यवर्ती कार्बोकेटायन, `CH_(3)CH.CH_(2)CH_(2)Br` से निर्मित कार्बोकेटायन की अपेक्षा अधिक स्थायी होता है। अतः `S_(N)^(1)` अभिक्रिया में `CH_(3)CH_(2)CH(Br)CH_(2)` अपेक्षाकृत अधिक क्रियशील होगा । `CH_(3)CH_(2)CH(Br)CH_(3)` एक द्वितीयक ऐल्किल ब्रोमाइड तथा `(CH_(3))_(3)C.Br` एक तृतीयक ऐल्किल ब्रोमाइड होता है, अतः `S_(N)^(1)` अभिक्रिया के लिए क्रियाशीलता का क्रम उपरोक्त अनुसार होता है। अभिक्रिया में अभिक्रियाशीलता का उपयुक्त क्रम विपरीत होता है।, क्योकि इलेक्ट्रोनस्नेहि कार्बन पर त्रिविम विनयासी बाधा इसी क्रम में बढ़ती है। `(ii) S_(N)^(1)` अभिक्रिया में क्रियाशीलता का क्रम - `C_(6)H_(5)C(CH_(3))(C_(6)H_(5))BrgtC_(6)H_(5)CH(C_(6)H_(5))BrgtC_(6)H_(5)CH(CH_(3))BrgtC_(6)H_(5)CH_(2)Br` `S_(N)^(2)` अभिक्रिया में क्रियाशीलता का क्रम- `C_(6)H_(5)C(CH_(3))(C_(6)H_(5))BrltC_(6)H_(5)CH(C_(6)H_(5))Br lt C_(6)H_(5)CH(CH_(3))Br lt C_(6) H_(5) CH_(2)Br` दोनों द्वितीयक ऐल्किल ब्रोमाइडो में से `C_(6)H_(5)CH(C_(6)H_(5))Br` प्राप्त कार्बोकेटायन माध्यमिक, `C_(6)H_(5)CH(CH_(3))Br` से प्राप्त होने वाले कार्बोकेटायन की अपेक्षा अधिक स्थायी होता है, क्योकि यह दो फेनिल समूहों के अनुनाद के कारण स्थयित्व प्राप्त कर लेता है। इसलिए पहला ब्रोमाइड दूसरे के अपेक्षा `S_(N)^(1)` अभिक्रियाओं में अधिक क्रियाशील होगा। फेनिल समूह , मेथिल समूह से अधिक बड़ा होता है, इसलिए `S_(N)^(2)` अभिक्रियाओं में `C_(6)H_(5)CH(C_(6)H_(5))Br`, `C_(6)H_(5)CH(CH_(3))Br` की अपेक्षा कम क्रियाशील होता है। |
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| 4. |
हैलोऐल्केन की `KCN` से अभिक्रिया द्वारा मुख्य उत्पाद ऐल्किल सायनाइड बनता है, जबकि `AgCN` से अभिक्रिया करने पर आइसोसायनाइड प्रमुख उत्पाद होता है, समझाइए क्यों ? |
| Answer» उत्तर के लिए पाठय भाग `10.8` का `KCN` व `AgCN` के साथ अभिक्रिया देखिए । | |
| 5. |
`C_(5)H_(11)Br` अणुसूत्र वाले आठ सरचनात्मक समावयवियो की सरचनात्मक बनाइए, IUPAC पदाति के अनुसार सभी समावयवियो के नाम लिखिए तथा उन्हें प्रथमिक , द्वितीयक एवं तृतीयक `(1^(@),2^(@),3^(@))` ब्रोमाइडो में वर्गीकृत कीजिए। |
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Answer» `(i)` `{:(CH_(3)-CH_(2)-CH_(2)-CH_(2)-CH_(2)-Br,,1-"ब्रोमोपेन्टेन"(1^(@))):}` `(ii)` `{:(CH_(3)-CH_(2)-CH_(2)-CH(Br)CH_(3) ,,2-"ब्रोमोपेन्टेन"(2^(@))):}` `(iii)` `{:(CH_(3)-CH_(2)-CH_(2)-(Br)CH_(2)-CH_(3),,3-"ब्रोमोपेन्टेन"(2^(@))):}` `(iv)` `{:((CH_(3))_(2)CH-CH_(2)-CH_(2)-Br,,1-"ब्रोमो"-3 "मेथिल ब्यूटेन" (1^(@))):}` `(v)` `{:((CH_(3))_(2)CH*CH(Br)CH_(3),,2-"ब्रोमो"-3 "मेथिल ब्यूटेन" (2^(@))):}` `(vi)` `{:((CH_(3))_(2)C.BrCH_(2)-CH_(3)r,,2-"ब्रोमो"-2 "मेथिल ब्यूटेन" (3^(@))):}` `(vii)` `{:(CH_(3)-CH_(2)-CH(CH_(3))CH_(2)-Br,,1-"ब्रोमो"-2 "मेथिल ब्यूटेन" (1^(@))):}` `(viii)` `{:((CH_(3))_(2)C.CH_(2).Br,,1-"ब्रोमो"-2,2 "मेथिल ब्यूटेन" (1^(@))):}` |
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| 6. |
`C_(4)H_(9)Br` सूत्र वाले यौगिक के सभी समावयवी लिखिए। |
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Answer» `C_(4)H_(9)Br` ,ब्यूटेन का मोनोब्रोमो युत्पन है। अतः इसके चार समावयवी होंगे क्योकि ब्यूटेन के एक सयोजी मूलको की संख्या चार होती है। ये समावयवी निम्नलिखित है- `(i)` `underset(1-"ब्रोमोब्यूटेन "(n-"ब्यूटिल ब्रोमाइड"))(CH_(3)-CH_(2)-CH_(2)-CH_(2)-Br)` `(ii)` `underset(2-"ब्रोमोब्यूटेन"("द्वितीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड"))(CH_(3)-underset(Br)underset(|)(C )H-CH_(2)-CH_(3))` `(iii)` `underset(("आइसोब्यूटिल ब्रोमाइड"))underset(1-"ब्रोमो"-2-"मेथिल ब्यूटेन")(CH_(3)-underset(CH_(3))underset(|)(C )H-CH_(2)-Br)` `(iv)` `underset(("तृतीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड"))underset(2-"ब्रोमो"-2-"मेथिल प्रोपेन")(CH_(3)-overset(CH_(3))overset(|)underset(Br)underset(|)(C )-CH_(3))` |
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| 7. |
निम्नलिखित से आयोडोब्यूटेन प्राप्त करने के लिए समीकरण दीजिए- `(i) I`-ब्यूटेनॉल `(ii) I`-क्लोरोब्यूटेन `(iii)` ब्यूट `-1-` ईन |
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Answer» `(i)` `underset(1-"ब्यूटेनॉल")(CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)OH)+Hioverset(KI+"सान्द्र"H_(3)PO_(4))(to)underset(1-"आयोडोब्यूटेन")(CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)I)+H_(2)O` `(ii)` `underset(1-"क्लोरोब्यूटेन")(CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)Cl)+NaIoverset("एसीटोन")underset("गर्म")(to)CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)I+NaCl` `(iii)` `underset("ब्यूट"-1-"ईन")(CH_(3)CH_(2)CH=CH_(2))+HBroverset("पराक्साइड ")underset("गर्म")(to)CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)Br` `CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)Br+NaIoverset("एसीटोन")underset("गर्म")(to)CH_(3)CH_(2)CH_(2)CH_(2)I+NaBr` |
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| 8. |
निम्नलिखित प्रत्येक युगमो में से कौन-सा यौगिक `OH^(-)` के साथ `S_(N)^(2)` अभिक्रिया में अधिक तीव्रता से अभिक्रिया करेगा? `(i) CH_(4)Br` अथवा `CH_(3)I` `(ii) (CH_(3))_(3)"CC"I` अथवा `CH_(3)CI`. |
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Answer» `(i) CH_(3)I`, `CH_(3)Br` की तुलना में `S_(N)^(2)` अभिक्रिया अधिक तीव्रता से करेगा क्योकि `C-I` बन्ध में `1` के बड़े आकर के कारण `C-Br` बन्ध की तुलना में यह जल्दी टूट जाता है। `(ii) (CH_(3))_(3)C-Cl` की तुलना में `CH_(3)-Cl` में `S_(N)^(2)` अभिक्रिया अधिक तीव्रता से होगी क्योकि इसमें हैलोजन से जुड़े कार्बन परमाणु पर त्रिविम विनयसी बाधा नहीं है। |
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| 9. |
निम्नलिखित में से किसका द्विध्रुव आघ्रुणा सर्वधिक होगा? `(i) CH_(2)Cl_(2)` `(ii) CHCl_(3)` `(iii) "CC"l_(4)` |
| Answer» `CH_(2)Cl`, `CHCl_(3)` तथा `"CC"l_(4)` में से `CH_(2)Cl_(2)` का दिधुव आघूर्ण सर्वाधिक होगा। `"CC"l_(4)` की चतुत्फलकीय ज्यामिति होने के कारण इसका दिधुव आघूर्ण शून्य होता है तथा `CHCl_(3)` का दिधुव आघूर्ण `CH_(2)Cl_(2)` से कम है क्योकि इसमें तीसरे `C-Cl` बन्ध का बन्ध आघूर्ण , शेष दो `C-Cl` बन्धो के परिणामी बन्ध आघूर्ण के विपरीत होता है। अतः उसे कुछ मात्रा में निरस्त कर देता है। | |