InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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                                    मजदूरी कोष सिद्धान्त से क्या अभिप्राय है ? | 
                            
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                                   Answer»  जे० एस० मिल के अनुसार, मजदूरी श्रम की माँग और पूर्ति पर निर्भर होती है अथवा वह जनसंख्या और पूँजी के अनुपात के द्वारा निश्चित की जाती है। जनसंख्या से अभिप्राय श्रमिकों की उस संख्या से है जो बाजार में अपना श्रम बेचने के लिए आते हैं और पूँजी से अभिप्राय चल पूँजी की उस मात्रा से है जो पूँजीपति प्रत्यक्ष रूप से श्रम को खरीदने पर व्यय करते हैं।  | 
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| 2. | 
                                    नकद मजदूरी से क्या अभिप्राय है ? यामौद्रिक मजदूरी का अर्थ लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  मुद्रा के रूप में श्रमिकों को जो भुगतान किया जाता है उसे मौद्रिक मजदूरी या नकद मजदूरी कहा जाता है या मुद्रा के रूप में एक श्रमिक को अपनी सेवाओं के बदले में जो कुछ मिलता है। वह उसकी नकद मजदूरी होती है।  | 
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| 3. | 
                                    मजदूरी भुगतान की विधियाँ लिखिए।यामजदूरी भुगतान के किन्हीं दो आधारों को लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी भुगतान की निम्नलिखित दो विधियाँ हैं ⦁     समयानुसार मजदूरी का भुगतान – जब श्रमिकों की मजदूरी काम करने के समय के अनुसार निश्चित की जाती है तो उसे समयानुसार मजदूरी कहते हैं। इस प्रकार की मजदूरी का भुगतान एक प्रकार का काम करने वाले श्रमिकों को एक ही दर से मजदूरी दी जाती है यद्यपि उनकी कार्यकुशलता में अन्तर होता है।  | 
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| 4. | 
                                    वास्तविक मजदूरी को निर्धारित करने वाले दो तत्त्वों को बताइए। | 
                            
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                                   Answer»  (1) मुद्रा की क्रय-शक्ति तथा  | 
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| 5. | 
                                    मजदूरी-निर्धारण का आधुनिक सिद्धान्त है(क) माँग और पूर्ति के सामान्य सिद्धान्त का विशिष्ट रूप(ख) सीमान्त उत्पादिता सिद्धान्त का शुद्ध रूप(ग) मजदूरी कोष सिद्धान्त को विकसित रूप(घ) मजदूरी का जीवन निर्वाह सिद्धान्त का परिवर्तित रूप | 
                            
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                                   Answer»  (क) माँग और पूर्ति के सामान्य सिद्धान्त का विशिष्ट रूप।  | 
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| 6. | 
                                    मजदूरी = कुल उपज – (लगान + लाभ + ब्याज) यह मजदूरी का सिद्धान्त है(क) मजदूरी कोष सिद्धान्त(ख) मजदूरी की माँग और पूर्ति का सिद्धान्त(ग) मजदूरी का अवशेष अधिकारी सिद्धान्त(घ) मजदूरी को सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त | 
                            
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                                   Answer»  (ग) मजदूरी का अवशेष अधिकारी सिद्धान्त।  | 
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| 7. | 
                                    मजदूरी किसे कहते हैं? वास्तविक मजदूरी को प्रभावित करने वाले घटक बताइए।यानकद मजदूरी एवं असल मजदूरी से क्या तात्पर्य है ? असल मजदूरी को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण कीजिए। यानकद मजदूरी और असल मजदूरी में अन्तर बताइए। असल मजदूरी के निर्धारक घटक बताइए। | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी का अर्थ एवं परिभाषा मजदूरी के प्रकार / भेद असल या वास्तविक मजदूरी को निर्धारित करने वाले तत्त्व  | 
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| 8. | 
                                    श्रमिक की वास्तविक आर्थिक स्थिति का अनुमान मौद्रिक मजदूरी से लगाया जा सकता है या उसकी वास्तविक मजदुरी से। बताइए। | 
                            
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                                   Answer»  श्रमिक की वास्तविक आर्थिक स्थिति का अनुमान केवल उसकी मौद्रिक आय को देखकर नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए हमें उसकी असल मजदूरी को देखना होता है।  | 
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| 9. | 
                                    वास्तविक मजदूरी क्या है ? समझाइए। | 
                            
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                                   Answer»  वास्तविक मजदूरी के अन्तर्गत उन सब वस्तुओं तथा सेवाओं को भी सम्मिलित किया जाता है जो श्रमिक को नकद मजदूरी के अतिरिक्त प्राप्त होती है। एडम स्मिथ के अनुसार, “श्रमिक की वास्तविक मजदूरी में आवश्यक तथा जीवन उपयोगी सुविधाओं की वह मात्रा सम्मिलित होती है जो उसके श्रम के बदले में दी जाती है। उसकी नाममात्र मजदूरी में केवल मुद्रा की मात्रा ही सम्मिलित होती है। श्रमिक वास्तविक मजदूरी के अनुपात में ही निर्धन में ही निर्धन अथवा धनी; अच्छी या कम मजदूरी पाने वाला होता है; न कि नाममात्र मजदूरी के अनुपात में।”  | 
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| 10. | 
                                    मजदूरी के सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए। | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी का सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की आलोचनाएँ  | 
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| 11. | 
                                    मजदूरी कोष सिद्धान्त किन बातों पर निर्भर है ? | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी कोष सिद्धान्त दो बातों पर निर्भर है ⦁    मजदूरी कोष तथा  | 
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| 12. | 
                                    मजदूरी-निर्धारण का सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त क्या है ? | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी-निर्धारण का सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त हमें बताता है कि पूर्ण प्रतियोगिता वाले बाजार में मजदूरी श्रम की सीमान्त उत्पादकता से निश्चित होती है और साम्य बिन्दु पर वह उसके बराबर होती है।  | 
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| 13. | 
                                    मजदूरी-निर्धारण का आधुनिक सिद्धान्त समझाइए। | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी-निर्धारण का आधुनिक सिद्धान्त माँग और पूर्ति के सामान्य सिद्धान्त का एक विशिष्ट रूप है। आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने इस सिद्धान्त के द्वारा मजदूरी-निर्धारण की समस्या का विश्लेषण पूर्ण प्रतियोगिता तथा अपूर्ण प्रतियोगिता दोनों की दशाओं में करने का प्रयत्न किया है। इस सिद्धान्त के अनुसार मजदूरी उस बिन्दु पर निर्धारित होती है जहाँ पर श्रम की माँग श्रम की पूर्ति के ठीक बराबर होती है।  | 
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| 14. | 
                                    “ऊँची मजदूरी सस्ती होती है, जबकि नीची मजदूरी महँगी।” इस कथन की व्याख्या कीजिए। | 
                            
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                                   Answer»  ऊँची मजदूरी सस्ती होती है, जबकि नीची मजदूरी महँगी  | 
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| 15. | 
                                    आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार मजदूरी का अर्थ स्पष्ट कीजिए।यामजदूरी किसे कहते हैं? | 
                            
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                                   Answer»  आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने मजदूरी शब्द का प्रयोग विस्तृत अर्थ में किया है। उनके अनुसार, “किसी भी प्रकार के मानव-श्रम के बदले में दिया जाने वाला प्रतिफल मजदूरी है, चाहे वह प्रति घण्टा, प्रति दिन अथवा अधिक समय के अनुसार दिया जाए और चाहे उसका भुगतान मुद्रा, सामान या दोनों के रूप में हो। अत: सभी प्रकार के मानव-श्रम के बदले में दिये जाने वाले प्रतिफल को मजदूरी कहा जाना चाहिए।”  | 
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| 16. | 
                                    मजदूरी की दरों में भिन्नता के कोई दो कारण बताइए। | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी की दरों में भिन्नता के निम्नलिखित दो कारण हैं ⦁     श्रमिकों की कार्यकुशलता एवं योग्यता में अन्तर तथा  | 
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| 17. | 
                                    मजदूरी का जीवन-निर्वाह सिद्धान्त से क्या अभिप्राय है ? | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी के जीवन-निर्वाह सिद्धान्त के अनुसार मजदूरी की दर स्वत: जीवन-निर्वाह स्तर के द्वारा निर्धारित की जाती है। मजदूरी की दर मुद्रा की उस मात्रा के बराबर रहने की प्रवृत्ति रखती है। जो श्रमिकों को जीवन-निर्वाह स्तर पर बनाये रखने के लिए आवश्यक होती है।  | 
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| 18. | 
                                    मजदूरी-निर्धारण में श्रम संघ की भूमिका को स्पष्ट कीजिए। | 
                            
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                                   Answer»  मजदूरी-निर्धारण में मजदूरी के नियमों के अतिरिक्त अन्य शक्तियों का भी प्रभाव पड़ता है, क्योंकि श्रम में कुछ मौलिक विशेषताएँ होती हैं। इन शक्तियों में श्रम संघ अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्रम संघ मजदूरी-निर्धारण को अग्रलिखित प्रकार से प्रभावित कर सकते हैं ⦁     श्रम संघ मजदूरी की माँग एवं पूर्ति दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। उनके द्वारा ये मजदूरी-निर्धारण पर अपना प्रभाव डालते हैं। श्रम संघ श्रमिकों की पूर्ति को नियन्त्रित करके तथा श्रमिकों की माँग में वृद्धि कराकर मजदूरी की दर में वृद्धि कराने का प्रयास कर सकते हैं।  | 
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| 19. | 
                                    मजदूरी के दो प्रकार लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  (1) नकद मजदूरी व  | 
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| 20. | 
                                    मजदूरी का जीवन-निर्वाह सिद्धान्त का समर्थन किया है(क) एडम स्मिथ ने(ख) माल्थस ने(ग) रिकाड ने(घ) कार्ल माक्र्स ने। | 
                            
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                                   Answer»  सही विकल्प है (क) एडम स्मिथ ने।  | 
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| 21. | 
                                    किसने कहा, “श्रम की सेवा के लिए दिया गया मूल्य मजदूरी है? (क) मार्शल(ख) कीन्स(ग) माल्थस(घ) शुम्पीटर | 
                            
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                                   Answer»  सही विकल्प है (क) मार्शल।  | 
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| 22. | 
                                    मजदूरी कोष सिद्धान्त को अन्तिम रूप दिया(क) एडम स्मिथ ने(ख) रिकाडों ने(ग) माल्थस ने(घ) जे० एस० मिल ने | 
                            
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                                   Answer»  सही विकल्प है (घ) जे० एस० मिल ने।  | 
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