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1.

मृदा विन्यास कितने प्रकार का होता है? वर्णन कीजिए।

Answer»

मृदा विन्यास चार प्रकार के होते हैं-

  1. स्तम्भी विन्यास
  2. तिर्यक (तिरछा) विन्यास
  3. संहत (सघन) विन्यास
  4. दानेदार (कणीय) विन्यास

स्तम्भी विन्यास वाली मृदा भुरभुरी व मुलायम होती है। यह मृदा खेती के लिए उत्तम व उपजाऊ होती है। तिर्यक विन्यास वाली मृदा में रंध्रावकाश कम होने से पैदावार कम होती है। सघन विन्यास वाली मृदा में जल और वायु का संचार मुश्किल से होता है। दानेदार (कणीय) विन्यास सर्वोत्तम होता है। चिकनी दोमट एवं दोमट मृदाओं में यह पाया जाता है।

2.

मृदा विन्यास को परिभाषित कीजिए।

Answer»

मृदा, खनिजों एवं चट्टानों के टूटने-फूटने एवं उनके बारीक कणों से बनी है। ये कण बालू सिल्ट व मृत्तिका कहे जाते हैं। ये आकार में गोलाकार होते हैं और मृदा में विभिन्न प्रकार से सजे हुए होते हैं। मृदा कणों के इस प्रकार के वितरण या सजावट को मृदा विन्यास कहते हैं।

3.

मृदा जल संरक्षण करते हैं-(क) कुआँ खोदकर(ख) तालाब खोदकर(ग) नाला बनाकर(घ) जुताई के बाद पाटा लगाकर

Answer»

सही विकल्प है (घ) जुताई के बाद पाटा लगाकर

4.

केशिका जल होता है-(क) बहता हुआ जल(ख) स्थिर जल(ग) गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध मिट्टी में पाए जाने वाला जल(घ) तालाब का जल

Answer»

सही विकल्प है (ग) गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध मिट्टी में पाए जाने वाला जल

5.

मृदा जल को पारिभाषित करते हुए उसके विभिन्न रूपों का विस्तार से वर्णन कीजिए।

Answer»

मृदा जल तीन प्रकार के होते हैं-

  1. गुरुत्वीय जल
  2. केशिका जल,
  3. आर्द्रताग्राही जल

(i) गुरुत्वीय जल- मिट्टी के रंधावकाश में पानी भरने के बाद बाकी जल को रोकने की शक्ति मृदा में नहीं होती और वह जल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नीचे चला जाता है। यह जल पौधों के लिए अप्राप्य होता है। इसे गुरुत्वीय जल या स्वतंत्र जल कहते हैं।

(ii) केशिका जल- गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध पर्याप्त जल मिट्टी के रंध्रावकाश में रुका रहता है जिसे केशिका जल कहते हैं। यह जल विलयन के रूप में सुगमता से पौधों को प्राप्त होता है।

(iii) आर्द्रताग्राही जल- मिट्टी में कुछ जल ऐसा भी होता है, जो मृदा कणों के मध्य इतनी मजबूती से एक महीन परत के रूप में जकड़ा रहता है कि पौधों को प्राप्त नहीं होता। इस जल को आर्द्रताग्राही जल कहते हैं। सिंचाई के जल का कम भाग ही पौधों को मिल पाता है। उसका अधिकांश भाग रिसाव द्वारा बेकार चला जाता है और गुरुत्वीय जल या आर्द्रताग्राही जल के रूप में पौधों को अप्राप्य होता है।

6.

मृदा कणों का आकार होता है-(क) गोलाकार(ख) लंबाकोर(ग) वर्गाकार(घ) चौड़ा

Answer»

सही विकल्प है (क) गोलाकार