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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | भारत में नागरिक अधिकारों के लिए हाल के वर्षों में किए गए किन्हीं दो संघर्षों पर टिप्पणी लिखिए। इन संघर्षों में किन अधिकारों की मॉग की गई थी? | 
| Answer» झोपड़पट्टी वाली का आन्दोलन – भारत के प्रत्येक शहर में एक बड़ी जनसंख्या झोपड़पट्टियों और अवैध कब्जे की जमीन पर बसे लोगों की हैं। यद्यपि ये लोग अपरिहार्य और उपयोगी काम अक्सर कम मजदूरी पर करते हैं फिर भी शहर की शेष जनसंख्या उन्हें अवांछनीय अतिथि के रूप में देखती है। उन पर शहर के संसाधनों पर बोझ बनने या अपराध करने का आरोप लगाया जाता हैं। गन्दी बस्तियों की दशा अत्यन्त दयनीय होती है। छोटे-छोटे कमरों में बहुत-से लोग हुँसे रहते हैं। यहाँ न निजी शौचालय होता है, न जलापूर्ति और न सफाई व्यवस्था। गन्दी बस्तियों में जीवन और सम्पत्ति असुरक्षित होते हैं। झोपड़ी-पट्टियों के निवासी अपने श्रम से अर्थव्यव्सथा में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं। अन्य व्यवसायों के बीच ये फेरीवाले, छोटे व्यापारी, सफाई कर्मी या घरेलू नौकर, नल ठीक करने वाले या मिस्त्री होते हैं। झोपड़-पट्टियों में बेत-बुनाई या कपड़ा-हँगाई-छपाई या सिलाई जैसे छोटे व्यवसाय भी चलते हैं। झोपड़-पटिटय अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और संगठित हो रही हैं। उन्होंने इसके लिए आन्दोलन भी चलाए और अदालतों में दस्तक भी दी है। उनके लिए वोट देने जैसे बुनियादी राजनीतिक अधिकार का प्रयोग करना भी कठिन हो जाता है। सर्वोच्च न्यायालय ने मुम्बई की झोपड़-पट्टियों में रहने वालों के अधिकारों के बारे में समाजकर्मी ओल्गा टेलिस की जनहित याचिका (ओल्गा टेलिस बनाम बम्बई नगर निगम) पर 1985 में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय दिया। याचिका में कार्यस्थल के निकट रहने की वैकल्पिक जगह उपलब्ध नहीं होने के कारण फुटपाथ या झोपड़-पट्टियों में रहने के अधिकार का दावा किया गया था। अगर यहाँ रहने वालों को हटने के लिए मजबूर किया गया तो उन्हें आजीविका भी गॅवानी पड़ेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संविधान की धारा 21 में जीने के अधिकार की गारण्टी दी गई है, जिसमें आजीविका का अधिकार शामिल है। इसलिए अगर फुटपाथवासियों को बेदखल करना हो तो उन्हें आश्रय के अधिकार के अन्तर्गत पहले वैकल्पिक जगह उपलब्ध करानी होगी। टिहरी विस्थापितों का आन्दोलन – टिहरी गढ़वाल में टिहरी बाँध के बनने से टिहरी शहर डूब गया। इसके विस्थापितों के लिए सरकार ने जो व्यवस्थाएँ की थीं वे अपर्याप्त थीं। उचित मुआवजे की माँग और उचित आवास की माँग ने जीने के अधिकार का रूप धारण कर लिया। एक बड़ा आन्दोलन चला। अन्तत: सरकार ने सभी को उनके अधिकारों के अन्तर्गत राहत प्रदान की। | |
| 2. | राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता के रूप में नागरिकता में अधिकार और दायित्व दोनों शामिल हैं। समकालीन लोकतान्त्रिक राज्यों में नागरिक किन अधिकारों के उपभोग की अपेक्षा कर सकते हैं? नागरिकों के राज्य और अन्य नागरिकों के प्रति क्या दायित्व हैं? | 
| Answer» समकालीन विश्व में राष्ट्रों ने अपने सदस्यों को एक सामूहिक राजनीतिक पहचान के साथ-साथ कुछ अधिकार भी प्रदान किए हैं। नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों की सुस्पष्ट प्रकृति विभिन्न राष्ट्रों में भिन्न-भिन्न हो सकती है, लेकिन अधिकतर लोकतान्त्रिक देशों ने आज उनमें कुछ राजनीतिक अधिकार शामिल किए हैं। उदाहरणस्वरूप, मतदान अभिव्यक्ति या आस्था की आजादी जैसे नागरिक अधिकार और न्यूनतम मजदूरी या शिक्षा पाने से जुड़े कुछ सामाजिक-आर्थिक अधिकार अधिकारों और प्रतिष्ठा की समानता नागरिकता के बुनियादी अधिकारों में से एक है। | |
| 3. | नागरिक तथा मतदाता में भेद बताइए। | 
| Answer» एक राज्य के अन्तर्गत नागरिक तथा मतदाता में भेद (अन्तर) होता है। एक राज्य के समस्त नागरिक मतदाता नहीं होते हैं। मतदाता कौन हो सकता है; यह राज्य के कानूनों द्वारा स्पष्ट किया जाता है। किसी भी देश के अन्तर्गत अवयस्क नागरिक को मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं होता है। इसके अलावा, कतिपय राज्यों में धर्म, सम्पत्ति, लिंग एवं शिक्षा के आधार पर भी कुछ नागरिकों को मताधिकार से वंचित किया जाता है। किन्तु आधुनिक समय की प्रवृत्ति इस प्रकार के प्रतिबन्धों के प्रतिकूल है। संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, इंग्लैण्ड, पाकिस्तान, फ्रांस इत्यादि संसार के अधिकांश राज्यों में समस्त वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार प्राप्त है। | |
| 4. | किसी देश में विदेशी को निम्नलिखित में से कौन-से अधिकार प्राप्त नहीं हैं ?(क) राजनीतिक अधिकार(ख) सामाजिक अधिकार(ग) धार्मिक अधिकार(घ) व्यापारिक अधिकार | 
| Answer» सही विकल्प है (क) राजनीतिक अधिकार। | |
| 5. | निम्नांकित में कौन विदेशी है?(क) राजनीतिक अधिकार प्राप्त(ख) सैनिक(ग) राजदूत(घ) राज्य का सदस्य | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) राजदूत। | |
| 6. | सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए तो जा सकते हैं लेकिन हो सकता है कि वे इन अधिकारों का प्रयोग समानता से न कर सकें। इस कथन की व्याख्या कीजिए। | 
| Answer» सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर देने पर विचार करना और सुनिश्चित करना किसी सरकार के लिए सरल नहीं होता। विभिन्न समूह के लोगों की आवश्यकताएँ और समस्याएँ अलग-अलग हो सकती हैं और एक समूह के अधिकार दूसरे समूह के अधिकारों के प्रतिकूल हो सकते हैं। नागरिकों के लिए समान अधिकार का आशय यह नहीं होता कि सभी लोगों पर समान नीतियाँ लागू की दी जाएँ, क्योंकि विभिन्न समूह के लोगों की आवश्यकताएँ भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। अगर उद्देश्य केवल ऐसी नीति बनाना नहीं है जो सभी लोगों पर एक तरह से लागू हों बल्कि लोगों को अधिक बराबरी पर लाना है तो नीतियों का निर्माण करते समय विभिन्न आवश्यकताओं और दावों का ध्यान रखना होगा। | |
| 7. | स्थायी विदेशी तथा अस्थायी विदेशी में अन्तर बताइए। | 
| Answer» स्थायी विदेशी-ऐसे विदेशी जो अपना पूर्व देश छोड़कर किसी ऐसे देश में आ गये हों जहाँ वे स्थायी रूप से रहना चाहते हों तथा नागरिकता-प्राप्ति की शर्तों को पूरा कर रहे हों, स्थायी विदेशी कहलाते हैं। नागरिकता-प्राप्ति की प्रक्रिया द्वारा ये विदेशी उस देश के नागरिक बन जाते हैं। अस्थायी विदेशी–अस्थायी विदेशी विशेष कारण से अपना देश छोड़कर अल्पावधि हेतु दूसरे देश में आकर रहते हैं तथा अपना कार्य पूर्ण करके स्वदेश लौट जाते हैं। सामान्यतया इनका उद्देश्य शिक्षा, भ्रमण अथवा व्यापार होता है। | |
| 8. | आदर्श नागरिक का गुण नहीं है(क) सच्चरित्रता(ख) आत्म-संयम(ग) उग्र-राष्ट्रीयता(घ) अधिकार-कर्तव्य का ज्ञान | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) उग्र-राष्ट्रीयता। | |
| 9. | किन देशों में सम्पत्ति खरीदने पर वहाँ की नागरिकता प्राप्त हो जाती है?(क) भारत(ख) बांग्लादेश(ग) दक्षिणी अमेरिका के कुछ देश(घ) पाकिस्तान | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) दक्षिणी अमेरिका के कुछ देश। | |
| 10. | “शिक्षा, जो आत्मा का भोजन है, स्वस्थ नागरिकता की प्रथम शर्त है।” यह कथन किसका है?(क) अब्राहम लिंकन का(ख) सुकरात का(ग) बाल गंगाधर तिलक को(घ) महात्मा गांधी का | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) महात्मा गांधी का। | |
| 11. | आदर्श नागरिकता के मार्ग में सहायक दो प्रमुख तत्त्व बताइए। | 
| Answer» आदर्श नागरिकता के मार्ग में सहायक दो प्रमुख तत्त्व हैं- ⦁     स्वतन्त्र प्रेस तथा | |
| 12. | आदर्श नागरिक के विषय में लॉर्ड ब्राइस की परिभाषा लिखिए। | 
| Answer» एक लोकतन्त्रीय (आदर्श) नागरिक में बुद्धि, आत्म-संयम तथा उत्तरदायित्व होना चाहिए। | |
| 13. | नागरिक के दो प्रमुख कर्तव्यों का वर्णन कीजिए। | 
| Answer» नागरिक के दो प्रमुख कर्तव्य हैं— ⦁     राज्य के प्रति भक्ति एवं | |
| 14. | विदेशियों का वर्गीकरण कीजिए। | 
| Answer» विदेशियों को तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित किया जा सकता है- ⦁     स्थायी विदेशी, | |
| 15. | नागरिकता से आप क्या समझते हैं? | 
| Answer» नागरिकता वह भावना है जो नागरिक में निवास करती है। यह भावना नागरिक में देशभक्ति को जाग्रत करती है और नागरिक को उसके कर्तव्य-पालन तथा उत्तरदायित्व निभाने के लिए सजग करती है। लॉस्की के कथनानुसार, “अपनी प्रशिक्षित वृद्धि को लोकहित के लिए प्रयोग करना ही नागरिकता , है।’ गैटिल के विचारानुसार, “नागरिकता किसी व्यक्ति की उस स्थिति को कहते हैं, जिसके अनुसार वह अपने राज्य में सामाजिक एवं राजनीतिक अधिकारों का उपभोग कर सकता है तथा कर्तव्यों का पालन करने के लिए तत्पर रहता है।” विलियम बॉयड के अनुसार, “भक्ति भावना का उचित क्रम-निर्धारण ही नागरिकता है।” डॉ० आशीर्वादी लाल के अनुसार, नागरिकता केवल राजनीतिक कार्य ही नहीं, वरन् एक सामाजिक एवं नैतिक कर्तव्य भी है।” उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि नागरिक होने की दशा का नाम ही नागरिकता है। दूसरे शब्दों में, “जीवन की वह स्थिति, जिसमें व्यक्ति किसी राज्य का सदस्य होने के नाते समस्त प्रकार के सामाजिक एवं राजनीतिक अधिकारों का उपभोग करता है, ‘नागरिकता (Citizenship) कहलाती है।” | |
| 16. | विदेशी किसे कहते हैं ? | 
| Answer» विदेशी वह व्यक्ति है जो अपना देश छोड़कर किसी कारणवश अन्य देश में रहने लगा हो। उसे उस देश के सामाजिक अधिकार प्राप्त होते हैं, राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं होते। | |
| 17. | नागरिकता प्राप्त करने के सन्दर्भ में जन्म-स्थान के सिद्धान्त का विवरण दीजिए। | 
| Answer» इस सिद्धान्त के अनुसार बालक की नागरिकता उसके जन्मस्थान के आधार पर निश्चित की जाती है। उदाहरणार्थ, यदि भारत के किसी नागरिक का बच्चा अर्जेण्टाइना की भूमि पर जन्म लेता है। तो वह बच्चा वहाँ का नागरिक माना जाएगा। लेकिन इसके विपरीत, यदि अर्जेण्टाइन के नागरिक का बच्चा भारत- भूमि पर अथवा अन्य किसी राज्य में जन्म लेता है तो वह स्वदेश की नागरिकता से वंचित रह जाएगा। यद्यपि यह सिद्धान्त अर्जेण्टाइना में प्रचलित है, लेकिन वहाँ की अपेक्षा यह इंग्लैण्ड में अधिक व्यापक है। वहाँ तो कोई बच्चा यदि इंग्लैण्ड के जहाज में भी पैदा होता है तो वह इंग्लैण्ड का नागरिक माना जाता है। इस सिद्धान्त का सबसे बड़ा दोष यह है कि कोई दम्पति विश्व-भ्रमण के लिए निकले तो हो सकता है। कि उसकी एक सन्तान जापान में हो, दूसरी भारत में तथा तीसरी संयुक्त राज्य अमेरिका में। ऐसी दशा में जन्म-स्थान नियम के अनुसार तीनों बच्चे अलग-अलग देशों के नागरिक होंगे तथा उन्हें अपने माता-पिता के देश की नागरिकता प्राप्त नहीं होगी। | |
| 18. | नागरिक की विभिन्न परिभाषाओं का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» ‘नागरिक’ की परिभाषाएँ भले ही तत्कालीन परिस्थितियों में अरस्तु की उपर्युक्त परिभाषा सटीक रही हो, लेकिन अरस्तू की यह परिभाषा आधुनिक काल में अपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि आज नगर-राज्यों का स्थान विशाल राज्यों ने ले लिया है। फलतः ‘नागरिक’ शब्द का अर्थ भी बहुत अधिक व्यापक हो गया है। आधुनिक विद्वानों ने ‘नागरिक’ शब्द की परिभाषा निम्नलिखित प्रकार से दी है । लॉस्की के अनुसार, “नागरिक केवल समाज का एक सदस्य ही नहीं है, वरन् वह कुछ कर्तव्यों का यान्त्रिक रूप से पालनकर्ता तथा आदेशों का बौद्धिक रूप से ग्रहणकर्ता भी है।” गैटिल के अनुसार, “नागरिक समाज के वे सदस्य हैं, जो कुछ कर्तव्यों द्वारा समाज से बँधे रहते हैं, जो उसके प्रभुत्व को मानते हैं और उससे समान रूप से लाभ उठाते हैं।” सीले के अनुसार, “नागरिक उस व्यक्ति को कहते हैं, जो राज्य के प्रति भक्ति रखता हो, उसे सामाजिक तथा राजनीतिक अधिकार प्राप्त हों और जन-सेवा की भावना से प्रेरित हो।” | |
| 19. | विदेशी पर टिप्पणी लिखिए। | 
| Answer» विदेशी वह व्यक्ति है जो अस्थायी रूप से उस राज्य में निवास करता है जिसका वह सदस्य नहीं है। कोई भी व्यक्ति किसी देश में विदेशी उस समय कहा जा सकता है जब वह अल्पावधि हेतु किसी कार्यवश अपना देश छोड़कर दूसरे देश में रहने के लिए आया हो। कोई व्यक्ति व्यापार करने, शिक्षा प्राप्त करने अथवा घूमने के लिए दूसरे देश में आता है और जितने समय तक अपना देश छोड़कर बाहर रहता है, उतने समय तक उस राज्य में विदेशी कहा जाता है। उसे उस देश के राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं होते तथा न ही वह उस राज्य के प्रति भक्तिभाव रखता है। वह उस राज्य के प्रति भक्तिभाव रखता है जिसका वह सदस्य है। इस प्रकार विदेशी वह व्यक्ति है जो सिर्फ सामाजिक अधिकारों का उपयोग करता है। एक विदेशी को जीवन एवं सम्पत्ति की रक्षा एवं कुछ सामान्य सामाजिक अधिकार प्राप्त होते हैं, लेकिन अन्य सामाजिक एवं राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं होते। इन अधिकारों की प्राप्ति के बदले विदेशियों को सम्बन्धित देश के कानून का पूर्णतया पालन करना होता है। | |
| 20. | निम्नलिखित में से नागरिक का सामाजिक अधिकार चुनिए(क) मताधिकार(ख) शिक्षा का अधिकार(ग) चुनाव लड़ने का अधिकार(घ) न्याय प्राप्त करने का अधिकार | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) शिक्षा का अधिकार। | |
| 21. | “शिक्षा श्रेष्ठ नागरिक जीवन के वृत्त-खण्ड की आधारशिला है।” यह कथन किस विद्वान् का है ? | 
| Answer» यह कथन डॉ० बेनी प्रसाद नामक विद्वान् का है। | |
| 22. | ‘कर्तव्य के उचित क्रम-निर्धारण का नाम ही नागरिकता है।’ यह कथन किसका है।(क) ए० के० सीयू को(ख) सुकरात का(ग) प्लेटो का(घ) डॉ० विलियम बॉयड का | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) डॉ० विलियम बॉयड का। | |
| 23. | भारत का प्रथम नागरिक कौन है? | 
| Answer» भारत का राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक माना जाता है। | |
| 24. | नागरिकों के कौन-से दो मुख्य प्रकार होते हैं ? | 
| Answer» नागरिकों के दो मुख्य प्रकार हैं- ⦁     जन्मजात नागरिक तथा | |
| 25. | भारत जैसे समान नागरिकता देने वाले देशों में भी लोकतान्त्रिक नागरिकता एक पूर्ण स्थापित तथ्य नहीं वरन एक परियोजना है। नागरिकता से जुड़े उन मुद्दों की चर्चा कीजिए जो आजकल भारत में उठाये जा रहे हैं? | 
| Answer» भारत स्वयं को धर्मनिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक राष्ट्र राज्य कहता है। स्वतन्त्रता आन्दोलन का आधार व्यापक था और विभिन्न धर्म, क्षेत्र और संस्कृति के लोगों को आपस में जोड़ने के कृत संकल्प प्रयास किए गए। यह सही है कि जब मुस्लिम लीग से विवाद नहीं सुलझाया जा सका, तब 1947 ई० में देश का विभाजन हुआ। लेकिन इसने उस राष्ट्र राज्य के धर्मनिरपेक्ष ओर समावेशी चरित्र को बनाए रखने के भारतीय राष्ट्रीय नेताओं के निश्चय को और सुदृढ़ ही किया जिसके निर्माण के लिए वे प्रतिबद्ध थे। यह निश्चय संविधान में सम्मिलित किया गया। भारतीय संविधान ने बहुत ही विविधतापूर्ण समाज को समायोजित करने का प्रयास किया है। इन विविधताओं में से कुछ उल्लेखनीय हैं- इसने अनुसूचित्र जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे भिन्न-भिन्न समुदायों, पूर्व में समान अधिकार से वंचित रही महिलाएँ, आधुनिक सभ्यता के साथ मामूली सम्पर्क रखने वाले अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह के कुछ सुदूरवर्ती समुदायों और कई अन्य समुदायों को पूर्ण और समान नागरिकता देने का प्रयास किया। इसने देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न भाषाओं, धर्म और रिवाजों की पहचान बनाए रखने का प्रयास किया। इसे लागों को उनकी निजी आस्था, भाषा या सांस्कृतिक रिवाजों को छोड़ने के लिए बाध्य किए बिना सभी को समान अधिकार उपलब्ध कराना था। संविधान के जरिए आरम्भ किया गया यह अद्वितीय प्रयोग था दिल्ली में गणतन्त्र दिवस परेड में विभिन्न क्षेत्र, संस्कृति और धर्म के लोगों को सम्मिलित करने के राजसत्ता के प्रयास को प्रतिबिम्बित करता है। नागरिकता से सम्बन्धित प्रावधानों का उल्लेख संविधान के तीसरे भाग और संसद द्वारा बाद में पारित कानूनों में हुआ है। संविधान ने नागरिकता की लोकतान्त्रिक और समावेशी धारणा को अपनाया है। भारत में जन्म, वंश परम्परा, पंजीकरण, देशीकरण या किसी भू-क्षेत्र के राज क्षेत्र शामिल होने से नागरिकता प्राप्त की जा सकती है। संविधान में नागरिकों के अधिकार और दायित्वों का उल्लेख है। यह प्रावधान भी है कि राज्य को नस्ल/जाति/लिंग/जन्मस्थल में से किसी भी आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों को भी संरक्षित किया गया है। इस प्रकार के समावेशी प्रवाधानों ने संघर्ष और विवादों को जन्म दिया है। महिला आन्दोलन, दलित आन्दोलन या विकास योजनाओं से विस्थापित लोगों का संघर्ष ऐसे लोगों द्वारा चलाए जा रहे संघर्षों के कुछ उदाहरण हैं, जो मानते हैं कि उनकी नागरिकता को पूर्ण अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। भारत के अनुभवों से संकेत प्राप्त होते हैं कि किसी देश में लोकतान्त्रिक नागरिकता एक परियोजना या लक्ष्यसिद्धि का एक आदर्श है। जैसे-जैसे समाज बदल रहे हैं, वैसे-वैसे नित-नए मुद्दे भी समाने आ रहे हैं। | |
| 26. | भारत में नागरिकता अधिनियम कब बनाया गया? | 
| Answer» भारत में नागरिकता अधिनियम 1955 ई० में बनाया गया। | |
| 27. | भारत में नागरिकता के लोप होने के कोई दो कारण लिखिए।या नागरिकता खोने के दो आधार बताइए। | 
| Answer» ⦁     विदेश में सरकारी नौकरी करने पर तथा | |
| 28. | शरणार्थियों की समस्याएँ क्या हैं? वैश्विक नागरिकता की अवधारणा किस प्रकार उनकी सहायता कर सकती है? | 
| Answer» जब हम शरणार्थियों या अवैध अप्रवासियों के विषय में सोचते हैं तो मन में अनेक छवियाँ उभरती हैं। उसमें एशिया या अफ्रीका के ऐसे लोगों की छवि हो सकती है जिन्होंने यूरोप या अमेरिका में चोरी-छिपे घुसने के लिए दलाल को पैसे का भुगतान किया हो। इसमें जोखिम बहुत है लेकिन वे प्रयास में तत्पर दिखते हैं। एक अन्य छवि युद्ध या अकाल से विस्थापित लोगों की हो सकती है। इस प्रकार के बहुत से दृश्य हमें दूरदर्शन पर दिखाई दे जाते हैं। सूडान डरफर क्षेत्र के शरणार्थी, फिलीस्तीनी, बर्मी या बंगलादेशी शरणार्थी जैसे कई उदाहरण हैं। ये सभी ऐसे लोग हैं जो अपने ही देश या पड़ोसी देश में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर किए गए हैं। हम यह मान लेते हैं कि किसी देश की पूर्ण सदस्यता उन सबको उपलब्ध होनी चाहिए, जो सामान्यतया उस देश में रहते और काम करते हैं या जो नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं। वैसे अनेक देश वैश्विक और समावेशी नागरिकता को समर्थन करते हैं लेकिन नागरिकता देने की शर्ते भी निर्धारित करते हैं। ये शर्ते साधारणतया देश के संविधान और कानूनों में लिखी होती हैं। अवांछित आगंतुकों को नागरिकता से बाहर रखने के लिए राज्य सत्ताएँ शक्ति का प्रयोग करती हैं। अनेक प्रतिबन्ध, दीवार और बाड़ लगाने के बाद आज भी दुनिया में बड़े पैमाने पर लोगों का देशान्तरण होता है। अगर कोई देश स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होता और वे घर नहीं लौट सकते तो वे राज्यविहीन और शरणार्थी हो जाते हैं। वे शिविरों में या अवैध प्रवासी के रूप में रहने के लिए विवश किए जाते हैं। अक्सर वे कानूनी रूप से काम नहीं कर सकते या अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा नहीं सकते या सम्पत्ति अर्जित नहीं कर सकते। शरणार्थियों की समस्या इतनी गम्भीर है कि संयुक्त राष्ट्र ने शरणार्थियों की जाँच करने और सहायता करने के लिए उच्चायुक्त नियुक्त किया हुआ है। विश्व नागरिकता की अवधारणा अभी साकार नहीं हुई है। फिर भी इसके आकर्षणों में से एक यह है कि इससे राष्ट्रीय सीमाओं के दोनों ओर की उन समस्याओं का मुकाबला करना सरल हो सकता है। जिसमें कई देशों की सरकारों और लोगों की संयुक्त कार्यवाही आवश्यक होती है। इससे शरणार्थियों की समस्या का सर्वमान्य समाधान पाना सरल हो सकता है या कम-से-कम उनके बुनियादी अधिकार और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है चाहे वे किसी भी देश में रहते हों। | |
| 29. | किसी देश के नागरिक को कितनी श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं? संक्षेप में वर्णन कीजिए। | 
| Answer» किसी देश के नागरिक को निम्नलिखित चार श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं 1. अल्प-वयस्क नागरिक- ये एक निश्चित आयु से कम आयु के व्यक्ति होते हैं। ऐसे नागरिकों को समस्त प्रकार के अधिकार प्राप्त होते हैं, लेकिन निर्धारित आयु के पूर्व वे अपने राजनीतिक अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकते। भारत में 18 वर्ष की आयु से कम के व्यक्ति इस श्रेणी | |
| 30. | कोई दो स्थितियाँ बताइए जिनमें केन्द्रीय सरकार नागरिक की नागरिकता समाप्त कर सकती है।या एक भारतीय स्त्री की नागरिकता का लोप हो गया है। इसके दो सम्भावित कारणों का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» ⦁     देशद्रोह करने पर तथा | |
| 31. | भारतीय संविधान में समस्त नागरिकों के लिए कैसी नागरिकता की व्यवस्था की गयी है? | 
| Answer» भारतीय संविधान में समस्त नागरिकों के लिए इकहरी नागरिकता की व्यवस्था की गयी है। | |
| 32. | आदर्श नागरिकता के चार तत्त्व बताइए। | 
| Answer» आदर्श नागरिकता के चार तत्त्व हैं— ⦁     कर्तव्यपरायणता, | |
| 33. | आदर्श नागरिकता के मार्ग में प्रमुख बाधा क्या है ?(क) औद्योगीकरण(ख) शहरीकरण(ग) साक्षरता(घ) निर्धनता | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) निर्धनता। | |
| 34. | आदर्श नागरिक के मार्ग में बाधा है(क) अशिक्षा व अज्ञानता(ख) अच्छा स्वास्थ्य(ग) संयुक्त परिवार(घ) निर्धन मित्र | 
| Answer» सही विकल्प है (क) अशिक्षा व अज्ञानता। | |
| 35. | आदर्श नागरिकता का तत्त्व नहीं है(क) कर्तव्यपरायणता(ख) जागरूकता(ग) शिक्षा(घ) साम्प्रदायिकता | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) साम्प्रदायिकता | |
| 36. | आदर्श नागरिकता के मार्ग में बाधा नहीं है(क) साम्प्रदायिकता(ख) अशिक्षा(ग) निर्धनता(घ) राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना। | |
| 37. | किसी राज्य में निवास करने वाले विदेशी के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?(क) वह राज्य में भूमि का क्रय नहीं कर सकता(ख) उसकी जान-माल की सुरक्षा के लिए राज्य उत्तरदायी नहीं है।(ग) राज्य उसे अल्पकाल के लिए निवास करने की अनुमति दे सकता है।(घ) वह अपने राज्य के प्रति निष्ठा रखता है। | 
| Answer» (ख) उसकी जान-माल की सुरक्षा के लिए राज्य उत्तरदायी नहीं है। | |
| 38. | निम्नलिखित में से कौन-सा तत्त्व आदर्श नागरिकता के मार्ग में बाधक नहीं है।(क) निर्धनता(ख) अनुशासन(ग) अशिक्षा(घ) स्वार्थपरता | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) अनुशासन। | |
| 39. | “दि फिलॉस्फी ऑफ सिटिजनशिप” नामक पुस्तक के लेखक हैं(क) एफ० जी० गोल्ड(ख) अल्फ्रेड जे० शॉ(ग) डॉ० ई० एम० ह्वाइट(घ) वार्ड | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) डॉ० ई० एम० ह्वाइट। | |