InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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नाभिकीय श्रृंखला क्रिया में क्रान्तिक द्रव्यमान से क्या अभिप्राय है? |
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Answer» नाभिकीय विखण्डन की श्रृंखला-अभिक्रिया चालू रखने के लिए विखण्डनीय पदार्थ का द्रव्यमान सदैव एक निश्चित द्रव्यमान से अधिक होना चाहिए। इस निश्चित द्रव्यमान को ही क्रान्तिक द्रव्यमान कहते है। |
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| 2. |
β-किरणों के दो मुख्य गुण लिखिए। |
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Answer» β-किरणों या β-कणों के दो मुख्य गुण इस प्रकार हैं (i) आवेशित होने के कारण ये कण चुम्बकीय-क्षेत्र में विक्षेपित हो जाते हैं। विक्षेप की दिशा से पता चलता है कि ये ऋणावेशित कण हैं। α-कणों की अपेक्षा इनका विक्षेप बहुत अधिक होता है इससे पता चलता है कि β-कण, α-कण की अपेक्षा बहुत हल्के होते हैं। (ii) रेडियोऐक्टिव पदार्थों से β-कण अत्यधिक उच्च वेग से उत्सर्जित होते हैं। इनका वेग प्रकाश की चाल के 1% से लेकर 99% तक होता है। |
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| 3. |
किसी नाभिक से एक β-कण निकलने पर उसके परमाणु क्रमांक तथा द्रव्यमान संख्या में क्या परिवर्तन होता है ? |
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Answer» परमाणु क्रमांक में 1 की वृद्धि होती है तथा द्रव्यमान संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता है। |
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किसी नाभिक से-किरणें उत्सर्जित होने पर परिवर्तित होती है(i) प्रोटॉन संख्या (ii) न्यूट्रॉन संख्या (iii) प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनों की संख्या (iv) न प्रोटॉन और न ही न्यूट्रॉन की संख्या |
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Answer» (iv) न प्रोटॉन और न ही न्यूट्रॉन की संख्या |
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| 5. |
कण जो 92U228 के नाभिक में नहीं उपस्थित हैं(i) 92 प्रोटॉन (ii) 92 इलेक्ट्रॉन (iii) 146 न्यूट्रॉन (iv) 238 न्यूक्लिऑन |
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Answer» (ii) 92 इलेक्ट्रॉन |
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| 6. |
रेडियोऐक्टिव विघटन में 9a0238 का नाभिक giPa234 में बदल जाता है। इस विघटन के दौरान उत्सर्जित कण है(i) एक प्रोटॉन एवं एक न्यूट्रॉन(ii) एक ऐल्फा कण एवं एक बीटा कण (iii) दो बीटा कण एवं एक न्यूट्रॉन (iv) दो बीटा कण एवं एक प्रोटॉन |
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Answer» (ii) एक ऐल्फा कण एवं एक बीटा कण |
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भारी जल का प्रयोग मुख्यतः कहाँ और किसलिए किया जाता है? |
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Answer» नाभिकीय रिएक्टर में न्यूट्रॉनों की गति मन्द करने के लिए। |
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क्यूरी की परिभाषा दीजिए। या क्यूरी किस भौतिक राशि का मात्रक है? क्यूरी का मान कितना है? |
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Answer» क्यूरी (Curie): यह रेडियोऐक्टिव पदार्थ की सक्रियता का मात्रक है। इसको इस प्रकार परिभाषित किया जाता है “यदि किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ में 3.7 x 1010 विघटन प्रति सेकण्ड होते हैं, तो उस पदार्थ की सक्रियता 1 क्यूरी होगी।” अर्थात् 1 क्यूरी = 3.7 x 1010 |
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| 9. |
नाभिकीय रिएक्टर में प्रयुक्त किये जाने वाले किन्हीं दो मन्दकों के नाम लिखिए। |
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Answer» भारी जल तथा ग्रेफाइट। |
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नाभिकीय रिएक्टर में कैडमियम छड़ों का क्या उपयोग है? |
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Answer» विखण्डन क्रिया को नियन्त्रित करने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। |
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| 11. |
नाभिकीय रिएक्टर में भारी जल एक उपयुक्त मन्दक क्यों है? |
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Answer» चूँकि यह हाइड्रोजनीय पदार्थ है इसलिए इसमें न्यूट्रॉनों के टकराने पर इनके वेग में अधिक कमी होती है। |
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| 12. |
हाइड्रोजन के तीनों आइसोटोपों (समस्थानिकों) के नाम व सूत्र लिखिए। |
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Answer» हाइड्रोजन (1H1), ड्यूटीरियम (1H2), ट्राइटीयम (1H3) |
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| 13. |
उन परमाणुओं को, जिनके नाभिकों में प्रोटॉनों की संख्या समान हो परन्तु न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न हो, को क्या नाम दिया गया है ? |
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Answer» समस्थानिक अथवा समप्रोटॉनिक। |
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| 14. |
बन्धन ऊर्जा से क्या तात्पर्य है? यदि प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा ऐल्फा (α) कणों के द्रव्यमान क्रमशः 1.00728 amu, 1.00867 amu तथा 4.00150 amu हों, तो α कण की प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा ज्ञात कीजिए। [1 amu= 931 MeV] |
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Answer» बन्धन ऊर्जा: किसी नाभिक की बन्धन ऊर्जा वह न्यूनतम ऊर्जा है जो नाभिक के न्यूक्लिऑनों को अनन्त दूरी तक अलग-अलग करने के लिए आवश्यक है प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा: α कण हीलियम 2He4 का नाभिक है। जिसमें दो प्रोटॉन तथा दो न्यूट्रॉन होते हैं। ∵ दो प्रोटॉनों का द्रव्यमान = 2 x 1.00728 = 2.01456 amu दो न्यूट्रॉनों का द्रव्यमान = 2 x 1.00867 = 2.01734 amu इनका योग = 4.03190 amu अतः द्रव्यमान क्षति Δm = न्यूक्लिऑनों का द्रव्यमान – α कण का द्रव्यमान = 4.03190 amu – 4.00150 amu = 0.03040 amu 1 amu के तुल्य ऊर्जा 931 MeV होती है। अतः 0.03040 के तुल्य ऊर्जा, Δ E = 0.03040 x 931 = 28.3 MeV यह α कण की बन्धन ऊर्जा है। α कण में 4 न्यूक्लिऑन (2 प्रोटॉन व 2 न्यूट्रॉन) होते हैं। अतः प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा △E/4 = 28/3 = 7.07 MeV |
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| 15. |
जब तीन α -कण जुड़कर कार्बन नाभिक 6C12 बनाते हैं तो उत्पन्न ऊर्जा की गणना कीजिए। 2He4 को परमाणु द्रव्यमान 4.002803 amu है। |
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Answer» कार्बन नाभिक 6C12 का द्रव्यमान = 12u अभिक्रिया 3 ( 2He4 )- 6C12 में निर्गत् ऊर्जा = [3m (2He4)- m (6C12)] c2 = [3 x 4.002603u – 12u] (931 MeV/4) = 7.27 MeV/u |
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लीथियम नाभिक का प्रतीक 3Li7 है। इसके नाभिक में कितने प्रोटॉन तथा कितने न्यूट्रॉन हैं ? |
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Answer» प्रोटॉनों की संख्या = Z = 3 न्यूट्रॉनों की संख्या = A – Z = 7 – 3= 4 |
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हीलियम नाभिक की द्रव्यमान क्षति 0.0303 amu है। प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा की गणना कीजिए। |
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Answer» हीलियम नाभिक की बन्धन ऊर्जा = 0.0303×931 = 28.20 MeV प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा = 28.20/4 = 7.05 MeV |
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यदि प्रकाश की चाल वर्तमान चाल की दोगुनी हो जाए, तो नाभिक की बन्धन ऊर्जा कितनी हो जाएगी? |
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Answer» नाभिक की बन्धुन ऊर्जा = द्रव्यमान क्षति x c² अतः बन्धन ऊर्जा चार गुनी हो जायेगी। |
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यदि प्रकाश की चाल 108 मी/से हो जाए, तो किसी नाभिक की बन्धन ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा? |
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Answer» नाभिक की बन्धन ऊर्जा = द्रव्यमान क्षति x c2 = Δm x (3 x 108)2 मी/से = 9 x 1016Am जूल [∵ c = 3×108 मी/से] जब c = 108 मी/से तब बन्धन ऊर्जा = Δm x (108) जूल = Δm x 1016 जूल अर्थात नाभिक की बन्धन ऊर्जा हो जायेगी। |
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| 20. |
1 मिलीग्राम द्रव्यमान क्षति से कितने जूल ऊर्जा मुक्त होगी? |
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Answer» Δm = 1 मिलीग्राम = 1 x 10-6 kg मुक्त ऊर्जा = Δm x c2= 1 x 10-6 x (3 x 108)2 = 9 x 1010 जूल। |
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