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1.

` HNO_3 + H_2Sto NO + S+H_2O`

Answer» आयन इलेक्ट्रॉन विधि- ऑक्सीकरक के लिए अर्धसमीकरण इस प्रकार होगा| ltBrgt` " "NO_3^(-) to NO`
` " "4H^(+) + NO_3^(-) to NO +2H_2O`
` " "4H^(+) NO_3^(-) to NO +2H_2O`
अवकारक के लिए आंशिक समीकरण इस प्रकार होगा-
` " "H_2Sto S`
` " "H_2Sto S+ 2H^(+)`
` " "H_2Sto S+ 2H^(+) 2e`
अब ` " " 2xx [4H^(+) +NO_3^(-) + 3e to NO+ 2H_2O]`
`" " 3xx[H_2Sto S+2H^(+) +2e ]`
योगफल: ` " " 8H^(+) +2NO_3^(-) +3H_2Sto 2NO+4H_2O+3S+6H^(+)`
या ` " "2H^(+) +2NO_3^(-) + 3H_2Sto 2NO+4H_2O +3S`
ऑक्सीकरण संख्या विधि- इस अभिक्रिया में N की ऑक्सीकरण संख्या `+5 (NO_3^(-)" में ")` से घटकर ` +2 (NO` में) हो जाती है तथा S की ऑक्सीकरण संख्या `-2(H_2 "में ")` से बढ़कर शून्य (S में ) हो जाती है|
`(i) " "overset (+5) N+ 3e to overset(+2)N`
` (ii)" " overset(-2) (S^(-) )+overset0Sto 2e`
अब इलेक्ट्रॉनों के संतुलन के लिए (i ) में 2 और (ii ) में 3 गुणा करने पर
` " " 2xx [overset(+5)N+ 3e to overset(-2)N]`
` " " 3xx[overset(-2)(S^(-))+overset0Sto 2e]`
अतः `H^(+)NO_3^(-) ` और `NO` के गुणांक (cofficient ) 2 है तो `H_2S`और S के गुणांक 3 है| बाई तरफ 8H परमाणु `(H^(+)NO_3^(-)` से 2 और `H_2S` से 6 ) दाई और `4H_2O ` का निर्माण करेंगें|अतः
` " "2H^(+) NO_3^(-) +3H_2Sto 2NO+3S+4H_2O`
2.

आयन इलेक्ट्रॉन विधि से निम्नांकित समीकरण को संतुलित करना| ` " "MnO_4^(-) + C_2O_4^(2-) + H^(+) to Mn ^(2+) +CO _2+H_2O `

Answer» दो अर्द्धसमीकरण इस प्रकार लिखे जाते है-
` (a) " "Mn O_4^(-) to Mn^(2+) `
` (b) " "C_2O_4^(2-) to 2CO_2 `
प्रथम समीकरण (a ) में बायीं तरफ चार ऑक्सीजन परमाणु है और दायीं तरफ आठ `H^(+)` जोड़कर दाहिनी तरफ चार `H_2O` अणु लिखते है| समीरकण (b ) में ऑक्सीजन के परमाणुओं की संख्या बराबर है,इसलिए इसको ऐसा ही रहने देते है| अतः,
`(a) " " MnO_4^(-) +8H^(+) to Mn ^(2+) 4H_2O `
` (b) " " C_2O_4^(2-) to 2CO_2`
समीकरण (a ) में बायीं तरफ +7 आवेश है और दाहिनी तरफ +2 आवेश है| अतः इसमें बाईं तरफ 5 इलेक्ट्रॉन जोड़ दिए जाएं तो आवेश संतुलित हो जाते है| समीकरण (b ) में इसी प्रकार दाहिनी तरफ दो इलेक्ट्रॉन जोड़कर आवेश को संतुलित करते है| अतः
` (a) " " MnO_4^(-) + 8H ^(+) + 5e^(-) to Mn ^(2+) + 4H_2O `
` (b) " "C_2 O_4^(2-) to 2CO _2+ 2e`
ऊपर लिखे दो अर्द्धसमीकरण पूर्ण रूप से संतुलित है और दाहिनी तरफ +2 आवेश है| अतः इसमें बाईं तरफ यदि 5 इलेक्ट्रॉन जोड़ दिए जाएँ तो आवेश संतुलित हो जाते है| समीकरण (b ) में इसी प्रकार दाहिनी तरफ दो इलेक्ट्रॉन जोड़कर आवेश को संतुलित करते है| अतः
` (a) " "Mn O_4^(-) + 8H^(+) 5e^(-) to Mn ^(2+) +4H_2O `
` (b) " "C_2O_4^(2-) to 2CO _2+ 2e`
ऊपर लिखे दो अर्द्धसमीकरण पूर्ण रूप से संतुलित है| अब हम इन दोनों को इस प्रकार जोड़ते है की प्राप्त समीकरण के दोनों और इलेक्ट्रॉन बराबर हो जाएँ| अतः पहले समीकरण में 2 से गुना करके तथा दूसरे में 5 गुना करके जोड़ देते है | इस प्रकार,
` (a) " " [Mn O_4^(-) + 8H ^(+) + 5e to Mn ^(2+) + 4H_2O ]xx2`
` (b) " "[ C _2O_4^(2-) to 2CO _2+ 2e ] xx5`
` " " 2Mn O_4^(-) + 16H ^(+)+ 5C_2O_4^(2-) to 2Mn^(+) + 10CO_2 + 8H_2O`
यह समीकरण संतुलित है|
3.

अम्लीय माध्यम में `Fe^(2+ ) ` आयन द्वारा ` Cr _2O_7^(2-) ` का अवकरण-` " "Cr_2O_7^(2-) +H^(+) + Fe^(2+) to 2Cr^(3+) +Fe^(3+) +H_2O`

Answer» आयन इलेक्ट्रॉन विधि- दो अर्द्धसमीकरणों को निम्नांकित प्रकार से लिखा जा सकता है| ऑक्सीकरक ` " "Cr_2O_7^(2-) to Cr ^(3+) `
` " " Cr_2O_7^(2-) to 2Cr^(3+) `
` " "Cr _2O_7^(2-) to 2Cr ^(3+) +7H _2O`
` " " 14H ^(+) +Cr _2O_7^(2-) to 2Cr ^(3+) + 7H_2O`
` (a) " " 14H ^(+) +Cr_2O_7^(2-) + 6eto 2Cr ^(3+) + 7H_2O " "` (संतुलित)
अवकारक ` " "Fe ^(2+) to Fe ^(3+) `
` (b) " " Fe ^(2+) to Fe^(3+) +e " " ` ( संतुलित )
इन दोनों समीकरणों में इलेक्ट्रॉनों को संतुलित करने के लिए (a ) में 1 से और (b ) में 6 गुना कर दिया जाता है| अतः
` " "[ 14H^(+) +Cr_2O_7^(2-) +6e to 2Cr ^(3+) + 7H _2O ] xx1`
` " " [ Fe ^(2+) to Fe ^(3+) + e ]`
योगफल ` 14H ^(+) +Cr_2O_7^(2-) + 6Fe^(2+) to + 2Cr^(3+) +6Fe^(3+) + 7H_2O`
ये ` 14H^(+)` आयन ` 7( H^(+) )_2SO_4^(2-) ` से प्राप्त होते है| `7(H^(+))_2SO_4^(2-) ` से भी प्राप्त होते है| अतः समीकरणों के दोनों और ` 7SO_4^(2-) ` जोड़ दिया जाता है| अतः
` " " 14^(+) + Cr_2O_7^(2-) + 6Fe^(2+) + 7SO_4^(2-) to 2Cr ^(3+) + 6Fe^(3+) + 7H_2O+ 7SO_4^(2-) `
अब चूँकि ` 1Cr_2O _7^(2-) ` अयान ` 1(K^(+) ) _2Cr_2O_7^(2-) ` से ` 6Fe^(2_+)` अयान ` 6Fe^(2+) SO_4^(2-) ` से आते है, अतः समीकरण के दोनों और `2K^(+) ` और ` 6SO_4^(2-) ` भी जोड़ दिए जाते है| अतः
` " " 14H^(+) +Cr_2O_7^(2-) + 2K ^(+) +6Fe^(2+) +6SO_4^(2-) +7SO_4^(2-) `
` " " to 2Cr^(3+) +6SO_4^(2-) +6Fe^(3+) +7H_2O +7SO_4^(2-) + 2K ^(+) ` अब आयन-युग्मों (ion -parirs )को एक साथ लिखने पर
`" " (K^(+) ) _2Cr_2O_7^(2-) +7(H^(+)) _2SO_4^(2-) + 6Fe^(2+) SO_4^(2-) to (Cr^(3+) )_2(SO_4^(2-) )_3`
` " " + 3 (Fe ^(3+) )_2 ( SO_4^(2-) )_3+ (K^(+)) _2 SO_4^(2-) + 7H_2O `
या `, K_2 CrO _7+ 7H_2SO_4+ 6Fe SO_4 to Cr_2( SO_4) _3+ 3Fe_2(SO_4) + K_2SO_4+ 7H_2O`
ऑक्सीकरण संख्या विधि-
` " "Cr_2O_7^(2-) + H^(+)+ Fe^(2+) to Cr^(3+) +Fe^(3+) `
` (a) " "Cr_2O_7^(2-) to 2Cr^(3+) `
` (b) " "Fe^(++) to Fe^(+3) `
` Cr_2O _ 7^(2-)` में Cr की आ० सं० के दो Cr परमाणु +6 है जो बदलकर `Cr^(3+) ` में `+3` हो जाती है| Fe की आ०सं० +2 (`Fe^(2+)` में ) से बदल कर +3 (`Fe^(3+)` में ) हो जाती है|
+6 आ० सं० के दो Cr परमाणु +3 आ०सं० के दो परमाणुओं में बदलते है| इस प्रकार कुल `2xx6=12` आ०सं० बदलकर `2xx3=6` हो जाती है| कुल परिवर्तन =6 का है| अतः 6 इलेक्ट्रॉन बाई तरफ जोड़ते है| दूसरे समीरकण में केवल एक ही आ० सं० का परिवर्तन हुआ है (`Fe^(2+) ` से `Fe^(3+) ` ) इसलिए दाहिनी तरफ एक इलेक्ट्रॉन जोड़ते है| इलेक्ट्रॉन उस तरफ जोड़ा जाता है जिधर आ० सं० अधिक होता है| अतः
` (a) " "Cr_2O_7^(2-) + 6e to 2Cr^(3+) `
` (b) " " Fe ^(2+) to Fe ^(3+) + e `
चूँकि यह अभिक्रिया अम्लीय माध्यम में होती है, अतः आवेश `H^(+)` आयनों द्वारा संतुलित किय जाते है| प्रथम समीरकण में बायीं तरफ कुल -8 आवेश है और दाहिनी तरफ +6 आवेश है| अतः बायीं तरफ धनावेशित `14H^(+)` जोड़ने पर आवेशों का संतुलन हो जाता है| दूसरे समीकरण में आवेश अपने आप ही संतुलित है| अतः
`(a) Cr_(2)O_(7)^(2-)+14H^(+)+6e to 2Cr^(3+)7H_(2)O`
`(b)" "Fe^(2+) to Fe^(3+)+e`
`"अब" Cr_(2)O_(7)^(2-)+14H^(+)+6Fe^(2+) to 2Cr^(3+)+6Fe^(3+)+7H_(2)O`
`"अंत:" K_(2)Cr_(2)O_(7)+7H_(2)SO_(4)+6FeSO_(4) to Cr_(2)(SO_(4))_(3)+3Fe_(2)(SO_(4))_(3)+K_(2)SO_(4)+7H_(2)O`
यह समीकरण संतुलित है
4.

इन के लिए उचित कारण बताए। जल की तुलना में `H_(2)O_(2)` अच्छा ऑक्सीकारक है

Answer» O की ऑक्सीकारक संख्या `-2(H_(2)O " में") ,-1(H_2O_2 " में")` की तुलना में अधिक स्थायी है
5.

स्टेनस क्लोराइड द्वारा फेरिक क्लोराइड का अवकरण-

Answer» ` " "FeC1_3 + Sn C1_2 to FeC1_2+ SnC1_4`
` " "Fe^(3+) e to Fe^(2+) [xx2] ` .........(i)
` " " Sn ^(2+) to Sn^(4+) +2e` .........(ii)
समीकरण (i ) और (ii ) को जोड़ने पर
` " " 2Fe ^(3+) +Sn^(2+) to2Fe^(2+) +Sn^(4+) `
या ` " "2FeC1_3+ SnC1_2to 2FeC1_2+ SnC1_4`
आयन इलेक्ट्रॉन विधि और ऑक्सीकरण संख्या विधि में तुलना- इन दोनों विधियों में आयन इलेक्ट्रॉन विधि अच्छी है| इसके दो कारन है |
(a) यह अभिक्रिया करनेवाले तथा अभिक्रिया नहीं करने वाले अवयवों में भिन्नता बताती है|
(b) आंशिक समीकरण की अर्धअभिक्रियाओं वास्तव में कराई जा सकती है|
6.

समीकरण `ClO_3^(-)+ CrO_2^(-) + OH^(-) to ClO^(-) + CrO_4^(2-) ` को आयन इलेक्ट्रॉन विधि से संतुलित करना-

Answer» यह अभिक्रिया क्षारीय विलियन में होती है|
`(a) " " C1O_3^(-) to C1O^(-)`
` (b) " "CrO_2^(-) to CrO_4^(2-) `
समीकरण (a ) में बाईं तरफ 3 तथा दाहिनी तरफ एक ऑक्सीजन परमाणु है|दो ऑक्सीजन परमाणुओं का अंतर् है| यदि हम दाहिनी तरफ चार `OH^(-) ` जोड़कर बाईं तरफ दो `H_2O` के अणु लिख दें तो संतुलन हो जाता है| इसी प्रकार समीकरण (b ) में बाईं तरफ चार `OH^(-)` जोड़कर दाहिनी तरफ दो `H_2O` के अणु लिख देने से संतुलन हो जाता है| अतः
` (a) " "C1O_3^(-) +2H_2O to C1O^(-) + 4OH^(-)`
` (b) " "CrO_3^(-) + 4OH^(-) to CrO_4^(2-) +2H_2O`
आवेशों के संतुलन-प्रथम समीरकण में बाईं और चार इलेक्ट्रॉन और द्वितीय समीकरण में दाहिनी और तीन इलेक्ट्रॉन जोड़ने पढ़ेगें|अतः
` (a) " "ClO_3^(-) +2H_2O to C1O^(-) +4OH^(-)`
`(b) " "Cr O_2^(-) +4O H^(-) to CrO_4^(2-) + 2H_2O + 3e`
अब, `3[ClO_(3)^(-)+2H_(2)O+4e to ClO^(-)+4OH^(-)]`
`4[CrO_(2)^(-)+4OH^(-) to CrO_(4)^(2-)+2H_2O+3e]`
`3ClO_(3)^(-)+6H_(2)O+4CrO_(2)^(-)+16OH^(-) to 3ClO^(-)+12OH^(-)+4CrO_(4)^(2-)+8H_(2)O`
या `3ClO_(3)^(-)+4CrO_(2)^(-)+4OH^(-) to 3ClO^(-)+4CrO_(4)^(2-)+2H_2O`
7.

इन के लिए उचित कारण बताए। `H_(2)S` सिर्फ अवकारक का कार्य करता है जबकि `SO_(2)` अवकारक और ऑक्सीकारक दोनों का कार्य करता है

Answer» S की न्यूनतम और अधिकतम ऑक्सीकारक संख्या क्रमश: -2 और +6 होती है
8.

आयन इलेक्ट्रान विधि से इन समीकरणों को संतुलित करे। `NO_(2)^(-)+Cr_(2)O_(7)^(2-) to NO_(3)^(-)+Cr^(3+)` (अम्लीय विलयन)

Answer» `" "(NO_(2)^(-)+H_(2)O to NO_(3)^(-)+2H^(+)+2e)xx3`
`Cr_(2)O_7^(2-)+14H^(+)+6e to 2Cr^(3+)+7H_(2)O`
`3NO_(2)^(-)+Cr_(2)O_(7)^(2-)+8H^(+) to 3NO_(3)^(-)+2Cr^(3+)+4H_(2)O`
9.

आयन इलेक्ट्रान विधि से इन समीकरणों को संतुलित करे। `MnO_(4)^(-)+H_2O_(2) to MnO_(2)+O_(2)` (क्षारीय विलयन)

Answer» `{:(,(MnO_(4)^(-)+4H^++3e to MnO_(2)+2H_(2)O)xx2),(," "(H_(2)O_2 to O_2+2H^(+)+3e)xx3):}`
`2MnO_(4)^(-)+8H^(+)+3H_2O_2 to 2MnO_(2)+4H_(2)O+3O_(2)+6H^(+)`
या `2MnO_(4)^(-)+2H^(+)+3H_2O_2 to 2MnO_(2)+4H_(2)O+3O_(2)`
दोनों और को जोड़ने पर-
`2MnO_(4)^(-)+8H^(+)+3H_2O_2 to 2MnO_(2)+4H_(2)O+3O_(2)+2OH^(-)`
या
`2MnO_(4)+2H_(2)O+3H_(2)O_2 to 2MnO_(2)+4H_(2)O+3O_(2)+2OH^(-)`
`" "2MnO_(4)^(-)+3H_(2)O_(2) to 2MnO_(2)+2H_2O+3O_2+2OH^(-)`
10.

आयन इलेक्ट्रॉन विधि से निम्नलिखित को संतुलित करना|` " " Zn + NaNO_3 + NaOHto NaZnO_2 + NH_3 +H_2O `

Answer» ऑक्सीकारक के लिए आंशिक समीकरण इस प्रकार होगा-
` " "NO_3^(-) to NH_3`
क्षारीय विलियनो में, प्रत्येक अतिरिक्त ऑक्सीजन परमाणु का संतुलन समीकरण के उसी और एक `H_2O` और दूसरी और `2OH^(-) ` जोड़कर किया जाता है|प्रत्येक अतिरिक्त हाइड्रोजन परमाणु का संतुलन समीकरण के उसी और `1OH^(-) ` और दूसरी और `1H_2O` जोड़कर किया जाता है|इस अभिक्रिया में हम बाईं और `3H_2O ` और दाईं और `6OH^(-) ` जोड़ते है ताकि `NO_3^(-)` आयन के अतिरिक्त ऑक्सीजन परमाणुओं का संतुलन हो जाएँ| साथ ही समीकरण के दाईं और ` 3OH^(-)` और बाईं और `3H_2O ` जोड़ देते है, ताकि `NH_3` के अतिरिक्त हाइड्रोजन परमाणुओं का संतुलन हो जाय| सब मिलकर दाईं और `9OH^(-)` और बाईं और `6H_2O` जोड़ दिय जाते है| अतः
` " "NO_3 ^(-) + 6H_2O to NH_3 + 9OH^(-)`
` " "NO_3 ^(-)+ 6H_2O +8e to NH_3+9O H^(-)" "` (संतुलित)
अवकरण के लिए आंशिक समीकरण का संतुलन निम्नांकित प्रकार से किया जाता है|
` " " Zn " " to Zn O_2^(2-) `
` " " 4O H^(-) + Zn to ZnO_2^(2-) +2H_2O`
` " " 4O H^(-)+ Zn to Zn O_2^(2-) + 2H_2O +2e" "` (संतुलित)
समीकरण (b ) में 4 गुणा करके (a ) के साथ जोड़ने पर-
`1xx [NO_(3)^(-)+6H_(2)O+8e to NH_(3)+9OH^(-)]`
`4xx[4OH^(-)+Zn to ZnO_(2)^(2-)+2H_(2)O+2e`
`NO_(3)^(-)+6H_(2)+4Zn+16OH^(-) to NH_(3)+9OH^(-)+4ZnO_(2)^(2-)+8H_2O`
या `NO_(3)^(-)+4Zn+7OH^(-) to NH_(3)+4ZnO_2^(2-)+2H_(2)O`
या `NaNO_(3)+4Zn+7NaOH to NH_(3)+4Na_(2)ZnO_(2)+2H_2O`