InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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कोई भी वस्तु हमारे लिए उपयोगी हो या ना हो पर हम टीवी पर विज्ञापन देखकर उसे खरीदने के लिए ललचा जाते हैं क्यों ?कारण सहित उत्तर दीजिए? |
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Answer» ............................................................. ...... ....... & |
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Nibandh on Samay ka sadupyog with Sanket Bindu |
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Answer» Samay sadupayog bahut galat Hai . samay ka sadupayog karana yaane Kai Paisa khone KE barabar HI hota Hai . samay nikala gaya toh wo hame KABHIBHI NAHI milata aur woh samay gaya toh badame hum bahut pachatate bhi Hai . is liye humako kabhibhi samay ka sadupayog karana nahi chhahiye . |
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Paath ke aadhar par chhote jadugar ki dasha ka vardan kijiye |
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Answer» Konse PATH KE addhar PR ..KAM SE kam class to batao and chapter name BHI |
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A farmer has enough food to feed 20 animals in his cattle for 6 days. How long would the food last if there were 10 more animals in his cattle? |
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Answer» the LADAKH is a NEGATIVE STEPS to WORD it is a negative steps to word it is a negative steps to word it is a negative steps to word it is a negative steps |
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What is cell division |
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Answer» Hey!!! |
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Pls help me to solve this otherwise i delete your account |
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Answer» मेरे पिता वो व्यक्ति जिसका मैं अपने जीवन में सदा प्रशंसा करता हूँ वो केवल मेरे प्यारे पिता हैं। मैं आज भी अपने पिता के साथ के सभी बचपन के पलों को याद करता हूँ। वो मेरी खुशी और आनन्द के वास्तविक कारण हैं। मैं जो भी हूँ उन्हीं की वजह से क्योंकि मेरी माँ हमेशा किचन और दूसरे घरेलू कार्यों में व्यस्त रहती थीं और ये ‘मेरे पिता’ हैं जो मेरे और मेरी बहन के साथ खुशी मनाते हैं। मैं समझता हूं कि वो दुनिया के सबसे अलग पिता हैं। मैं अपने जीवन में ऐसे पिता को पाकर खुद को बहुत धन्य मानता हूं। मैं हमेशा ईश्वर को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे ऐसे अच्छे पिता के परिवार में जन्म लेने का अवसर दिया। वो बहुत ही विनम्र और शांतिपूर्ण व्यक्ति हैं। वो कभी मुझे डाँटते नहीं हैं और मेरी सभी गलतियों को सरलता से लेते हैं तथा बहुत विनम्रता से मेरी सभी गलतियों का मुझे एहसास कराते हैं। वो हमारे परिवार के मुखिया हैं और बुरे समय में हरेक पारिवारिक सदस्य की मदद करते हैं। मुझे बताने के लिये वो अपने जीवन की कमियाँ और उपलब्धियों को साझा करते हैं। ऑनलाइन मार्केटिंग का उनका अपना व्यवसाय है फिर भी उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिय कभी दबाव नहीं बनाते हैं या उसके प्रति आकर्षित करते हैं, बजाय इसके जो भी मैं अपने जीवन में बनना चाहता हूँ उसके लिये वो हमेशा मुझे बढ़ावा देते हैं। वो वास्तव में एक अच्छे पिता हैं इसलिये नहीं कि वो मेरी मदद करते हैं बल्कि अपने ज्ञान, मजबूती, मददगार स्वाभाव और खासतौर से लोगों को सही तरीके से संभालने की वजह से। वो हमेशा अपने माता-पिता अर्थात् मेरे दादा-दादी का सम्मान और हर समय उनका ध्यान देते हैं। मुझे आज भी याद है जब मैं छोटा था, मेरे दादा-दादी आमतौर पर ‘मेरे पिता’ की बदमाशियों के बारे में बात करते थे लोकिन वो मुझे कहते थे कि तुम्हारे पिता अपने जीवन में बहुत अच्छे इंसान हैं, उनकी तरह बनो। ये ‘मेरे पिता’ हैं जो परिवार में सभी को खुश देखना चाहते हैं और हमेशा पूछते हैं जब भी कोई दुखी होता है तो उसकी समस्या को सुलझाते हैं। वो मेरी माँ को बहुत प्यार करते हैं और ख्याल रखते हैं तथा उन्हें घरेलू कामों से थक जाने पर आराम करने की सलाह देते हैं। ‘मेरे पिता’ मेरी प्रेरणा हैं, मेरे स्कूल के कामों के लिये वो हमेशा मेरी मदद को तैयार रहते हैं और क्लास में मेरे व्यवहार और प्रदर्शन के ऊपर चर्चा करने के लिये मेरे पीटीएम में भी जाते हैं। ‘मेरे पिता’ बहुत गरीब परिवार में पैदा हुए थे जबकि अपने धैर्य, कड़ी मेहनत और मददगार स्वाभाव के कारण वर्तमान में वो शहर के अमीरों में से एक हैं। मेरे दोस्त आमतौर पर ऐसे पिता का पुत्र होने पर मुझे बहुत सौभाग्यशाली कहते हैं। मैं सामान्यत: ऐसे टिप्पणियों पर हँसता हूँ और अपने पिता को ये बताता हूँ, वो भी हंसते हैं, कहते हैं, कि वो सच नहीं कहते लेकिन सच्चाई ये है कि मैं खुश़नसीब हूँ कि मेरे पास तुम्हारे जैसा बेटा है। वो मुझसे कहते हैं कि वो बनो जो तुम चाहते हो और हमेशा खुद पर विश्वास करो। |
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Hindi Vigyapan on mobile phone |
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Answer» मोबाइल विज्ञापनों के बारे में मोबाइल डिवाइस पर विज्ञापन दिखाकर अपने चलते-फिरते ग्राहकों तक पहुंचें. इस लेख में मोबाइल फ़ोन और टैबलेट जैसे विभिन्न मोबाइल डिवाइस पर अपने विज्ञापन दिखाने का तरीका बताया गया है. शुरू करने से पहले टेक्स्ट विज्ञापन बनाने की बुनियादी जानकारी प्राप्त करने के लिए, एक नया टेक्स्ट विज्ञापन बनाने का तरीका पढ़ें. मोबाइल विज्ञापन कहां प्रदर्शित हो सकते हैं मोबाइल फ़ोन या टैबलेट पर टेक्स्ट विज्ञापन छवि विज्ञापन ऐप्लिकेशन प्रचार विज्ञापन Google Web DESIGNER द्वारा निर्मित HTML 5 विज्ञापन मोबाइल फ़ोन या टैबलेट के ऐप्लिकेशन में टेक्स्ट विज्ञापन छवि विज्ञापन ऐप्लिकेशन प्रचार विज्ञापन छवि ऐप्लिकेशन प्रचार विज्ञापन वीडियो ऐप्लिकेशन प्रचार विज्ञापन ऐप्लिकेशन प्रचार विज्ञापनों के लिए TrueView केवल कॉल वाले विज्ञापन केवल कॉल करने में सक्षम डिवाइस पर नज़र आते हैं नोट सभी नए अभियान और टेक्स्ट विज्ञापन अधिकांश मोबाइल डिवाइस पर चलने के लिए स्वतः योग्य हैं. यदि आप खास डिवाइस पर विज्ञापनों का प्रदर्शन रोकना चाहते हैं, तो आप नकारात्मक डिवाइस बोली समायोजन सेट कर सकते हैं. मोबाइल विज्ञापनों के प्रकार टेक्स्ट विज्ञापन छवि विज्ञापन मोबाइल ऐप्लिकेशन प्रचार विज्ञापन केवल कॉल वाले विज्ञापन मोबाइल छवि विज्ञापनों के लिए आवश्यकताएं छवि विज्ञापन बनाने के लिए आपको अपना अभियान “प्रदर्शन केवल नेटवर्क” या “केवल प्रदर्शन नेटवर्क” अथवा “प्रदर्शन चयन युक्त खोज नेटवर्क” में शामिल करना होगा. यदि आप विज्ञापन बनाने के लिए तृतीय पक्ष विज्ञापन सेवा का उपयोग कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप छवियों के लिए स्वीकृत आकार का उपयोग कर रहे हैं और आवश्यकताएं पूरी करें: मोबाइल फ़ोन: 320 x 50, 300 x 250, 336 x 280 मध्यवर्ती टैबलेट: 300 x 250, 728 x 90, 468 x 60, 336 x 280 मध्यवर्ती |
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Character sketch of meenu from the novel naya raasta |
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Answer» मीनू का चरित्र चित्रण मीनू का चरित्र चित्रण - नया रास्ता उपन्यास की नायिका मीनू है .वह उपन्यास की मुख्य पात्र हैं .उपन्यास की कथा उसके इर्द - गिर्द घूमती रहती है .वह पढ़ी लिखी एवं साहसी युवती है .बार - बार विवाह के प्रस्तावों में अस्वीकृत किये जाने पर वह अपना रास्ता स्वयं चुनती है और आत्म -निर्भर बनकर दिखाती है .संक्षेप में मीनू के चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएँ देखते हैं - मेधावी युवती –मीनू,दयाराम जी के सबसे बड़ी संतान है .वह बचपन से ही पढने में तेज़ है .इसी कारण वह एम् .ए .तक की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करती है .अमित द्वारा विवाह प्रस्ताव अस्वीकृत किये जाने पर भी वह अपनी पढ़ाई को छोडती नहीं बल्कि वह बचपन का सपना वकालत करने का पूरी करती है .वह प्रथम श्रेणी से वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण करती है और मेरठ जिले की प्रतिशित वकील बनती है . बहुमुखी प्रतिभा संपन्न - मीनू के व्यक्तित्व में बहुमुखी गुण भरे हैं .वह घर के कामों में निपुण है .अमित ने जब उससे पूछा कि वह किन कार्यों को कर सकती हैं .तो उसने सिलाई कढ़ाई ,खाना बनाने और पेंटिंग आदि सभी कर लेती है .व अच्छी गायिका और कत्थक भी जानती है .अमित की इच्छा थी कि वह ऐसी लड़की से विवाह करे ,जो उसके माता -पिता के साथ ठीक तरह से रह सके और उनका आदर - सत्कार करे . प्रगतिशील युवती - मीनू, एक परिपक्व विचारों की युवती है .स्वयं दहेज़ के कारण विवाह न कर पाने के कारण वह पढ़ाई न कर पाने वह पढ़ाई जारी रखती है ,वहीँ अपनी छोटी बहन आशा के विवाह में बाधा नहीं बनती ,बल्कि वह शादी करवाने के लिए राजी करवाती है .पडोसी स्त्रियों के व्यंग बाणों की परवाह किये बिना वह अपनी प्रगतिशीलता का उदाहरण देती रहती है . कुशल अधिवक्ता -मीनू, वकालत पास करके मेरठ में वकालत करने लगती है .वह अपनी कार्य कुशलता के बनकर सभी को प्रभावित करती है .वह साहसी अधिवक्ता है ,अतः उसकी चर्चा चारों ओर फ़ैल गय है .वह कड़क आवाज में अकाट्य तर्क प्रस्तुत करके अदालत में प्रभावशाली अधिवक्ता बन गयी है . दृढ़ इच्छा शक्ति - मीनू का विवाह,उपन्यास के प्रारंभ में साँवले रंग के कारण बार -बार अस्वीकृत कर दिए जाने पर वह निराश नहीं होती है ।वह समाज में व्याप्त रुढियों के खिलाफ खड़ी होती है।वकालत पढ़कर वकील बनती है और आत्म - निर्भर स्त्री हो जाती है।बदली हुई परिस्थितियों में अमित के पिता मायाराम जी मीनू का हाथ माँगने आते हैं ,तब वह अपनी संवेदनशीलता का परिचय देती है और विवाह के लिए हाँ कर देती है । इस प्रकार नया रास्ता उपन्यास की नायिका मीनू अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के सहारे आत्म -निर्भर बनती है और अपने जैसी युवतियो को नया रास्ता दिखाकर आदर्श कायम करती है। |
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What type of chemical reaction is involved in the corrosion of iron |
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Answer» In the process of rusting the REDOX reaction takes PLACE. in this process the IRON REACTS with outer atmosphere... |
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Charan kamal bando hari-rai mein kon sa alankar hai |
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Answer» It's ROOPAK alankar kyonki hari ke chrano ko kamal ka roopak MANA HA |
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भाषा किसे कहते है तथा इसके कितने भेद है |
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Answer» Language is that medium, HUMAN being express their feelings to OTHERS and understand others feelings. It is some sound or its INTERPRETATION in writing. Frequently, there are TWO types of language, and they are SPOKEN the language or written language. Some people also say sign as a language too. And describe it as three. |
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Raat Shabd ka tatsam roop hai |
| Answer» RATRI.............. | |
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Plz do it fast tomorrow is my exam |
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Answer» I could SOLVE it but you should ask ONE ques. you have GIVEN WHOLE page |
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Meaning in Hindi............ |
| Answer» VAH jor se BOLA."sher aa Gaya"sher aa Gaya".uske shabd ko sunkar gaav ke log jungle ki taraph daudne lagte hai.ladka hansne laga aur bola ,sher nahi hai.mai to parihas kar Raha tha.isi tarha bar bar bolkar wah gaav WALE logo ko pareshan karta rahta that.ek din sach me hee oos jungle me sher aa jata hai.ladka tab CHILLATA hai-sher AAYA ,sher aaya .vah aur jor se bolne laga.aur phir tab use koi bachane nahi aaya. | |
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Meaning in Hindi............. |
| Answer» EK bachcha tha aur uska NAAM durbudha tha aur GAON MEIN rehta tha | |
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Meaning in hindi. ............... |
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Answer» Vidalaya me Ek sarsvati KA pavan MANDIR hai... bacche YAHA khelte, padhte or likhte hai........ |
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Kaal Gairo Ki Khatir ki Aaj Apne Khatir karna Pongtio ka Arth kya hai |
| Answer» BHAI please english kr question LAO hindi KE NHI | |
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Iska matlb Hindi me....... |
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Answer» Ye meri pathshala he. hamari pathshala Ka bhavan Vishal he. pathshala Nagar ke Madhya me sthit he.hamare Ghar SE kafi pass he.ham sab hasate khelete pathshala me padhate he.hum sab samay par AATE he aur shikshakoko PRANAM KARTE he.hamare shikshak hame shiksha dete he. |
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Write a short note on short circuitdo not spam else I report |
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Answer» Answer: A short circuit occurs when a voltage source has a low resistance path to ground,this results in a large current flow and the WIRES overheat at this particular time sparks do TAKE place. Easy peasy Army Purple you ❤️ Stay Gold (•‿•)BorahaeSarang heyo(•‿•)(•‿•)(•‿•)(•‿•)(•‿•)(•‿•)(•‿•)(•‿•) Would ALWAYS SUPPORT youWould NEVER hate you(◕ᴗ◕✿) |
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5. निम्न शब्दों की संस्कत लिखेजीवन के लिएपुत्र के लिएज्ञान के लिएअध्यापक के लिए |
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Answer» sorry bro I don't UNDERSTAND sanskrit |
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लजाना शब्द का वाक्य में प्रयोग कीजिए |
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Answer» EXAMPLE and USAGE of खजाना in SENTENCES " बार-बार जेब से अपना खजाना निकालकर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं।" - खजाना शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी ईदगाह इस प्रकार किया है. " जिन्दगी खुशियों का खजाना हैं उसका खून न कीजिए।" ... " खोजा खजाना ।" खजाना" शब्द का उपयोग सीमा सचदेव ने अपनी कविता मेरी आवाज. |
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जेल meaning in english.... pls answer soon I will mark you as the brainliest |
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Answer» PRISON ................ |
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नवजात बच्चों को प्राकृतिक विधि से पालने की कोई चार हानियां लिखिए |
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Answer» Explanation: They killed before they know the WORLD Please MARK as BRAINLIEST and FOLLOW me |
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निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द और उपसर्ग या प्रत्यय आलग करके लिखिएस्नानागार, सम्मान, संस्कार |
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Answer» Answer: 1.स्नाना - मूळ शब्द गार - प्रत्यय 2.मान - मूळ शब्द सं - उपसर्ग 3. स्कार - मूळ शब्द सं - उपसर्ग Explanation: |
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Rashtriy ke yahan vidur kis pad par the |
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Answer» Answer: sorry i can't UNDERSTAND your QUESTION |
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कल्पना के सपनों को साकार करने में किन-किन का योगदान रहा |
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Answer» Answer: कल्पना चावला (17 मार्च 1962 - 1 फ़रवरी 2003), एक भारतीय अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी[1] और अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी।[2] वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं। प्रारंभिक जीवन संपादित करें भारत की महान बेटी-कल्पना चावला करनाल, हरियाणा, भारत में जन्मी थी। उनका जन्म 17 मार्च् सन् 1962 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम संजयोती देवी था। वह अपने परिवार के चार भाई बहनो में सबसे छोटी थी। घर में सब उसे प्यार से मोंटू कहते थे। कल्पना की प्रारंभिक पढाई “टैगोर बाल निकेतन” में हुई। कल्पना जब आठवी कक्षा में पहुचीं तो उन्होंने इंजिनयर बनने की इच्छा प्रकट की। उसकी माँ ने अपनी बेटी की भावनाओं को समझा और आगे बढने में मदद की। पिता उसे चिकित्सक या शिक्षिका बनाना चाहते थे। किंतु कल्पना बचपन से ही अंतरिक्ष में घूमने की कल्पना करती थी। कल्पना का सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुण था - उसकी लगन और जुझार प्रवृति। कल्पना न तो काम करने में आलसी थी और न असफलता में घबराने वाली थी। [3] उनकी उड़ान में दिलचस्पी J R D Tata 'जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा से प्रेरित थी जो एक अग्रणी भारतीय विमान चालक और उद्योगपति थे।[4][5] शिक्षा संपादित करें कल्पना चावला ने प्रारंभिक शिक्षा टैगोर पब्लिक स्कूल करनाल से प्राप्त की। आगे की शिक्षा वैमानिक अभियान्त्रिकी में पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़, भारत से करते हुए 1982 में अभियांत्रिकी स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए 1982 में चली गईं और 1984 वैमानिक अभियान्त्रिकी में विज्ञान निष्णात की उपाधि टेक्सास विश्वविद्यालय आर्लिंगटन से प्राप्त की। कल्पना जी ने 1986 में दूसरी विज्ञान निष्णात की उपाधि पाई और 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर से वैमानिक अभियंत्रिकी में विद्या वाचस्पति की उपाधि पाई। कल्पना जी को हवाईजहाज़ों, ग्लाइडरों व व्यावसायिक विमानचालन के लाइसेंसों के लिए प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षक का दर्ज़ा हासिल था। उन्हें एकल व बहु इंजन वायुयानों के लिए व्यावसायिक विमानचालक के लाइसेंस भी प्राप्त थे। अन्तरिक्ष यात्री बनने से पहले वो एक सुप्रसिद्ध नासा कि वैज्ञानिक थी। एम्स अनुसंधान केंद्र संपादित करें १९८८ के अंत में उन्होंने नासा के एम्स अनुसंधान केंद्र के लिए ओवेर्सेट मेथड्स इंक के उपाध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू किया, उन्होंने वहाँ वी/एसटीओएल में सीएफ़डी पर अनुसंधान किया।[4] नासा कार्यकाल संपादित करें अंतरिक्ष शटल सिम्युलेटर में चावला कल्पना जी मार्च १९९५ में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुईं और उन्हें १९९८ में अपनी पहली उड़ान के लिए चुनी गयीं थी। उनका पहला अंतरिक्ष मिशन १९ नवम्बर १९९७ को छह अंतरिक्ष यात्री दल के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया की उड़ान एसटीएस-८७ से शुरू हुआ। कल्पना जी अंतरिक्ष में उड़ने वाली प्रथम भारत में जन्मी महिला थीं और अंतरिक्ष में उड़ाने वाली भारतीय मूल की दूसरी व्यक्ति थीं। राकेश शर्मा ने १९८४ में सोवियत अंतरिक्ष यान में एक उड़ान भरी थी। कल्पना जी अपने पहले मिशन में १.०४ करोड़ मील का सफ़र तय कर के पृथ्वी की २५२ परिक्रमाएँ कीं और अंतरिक्ष में ३६० से अधिक घंटे बिताए। एसटीएस-८७ के दौरान स्पार्टन उपग्रह को तैनात करने के लिए भी ज़िम्मेदार थीं, इस खराब हुए उपग्रह को पकड़ने के लिए विंस्टन स्कॉट और तकाओ दोई को अंतरिक्ष में चलना पड़ा था। पाँच महीने की तफ़्तीश के बाद नासा ने कल्पना चावला को इस मामले में पूर्णतया दोषमुक्त पाया, त्रुटियाँ तंत्रांश अंतरापृष्ठों व यान कर्मचारियों तथा ज़मीनी नियंत्रकों के लिए परिभाषित विधियों में मिलीं। एसटीएस-८७ की उड़ानोपरांत गतिविधियों के पूरा होने पर कल्पना जी ने अंतरिक्ष यात्री कार्यालय में, तकनीकी पदों पर काम किया, उनके यहाँ के कार्यकलाप को उनके साथियों ने विशेष पुरस्कार दे के सम्मानित किया। १९८३ में वे एक उड़ान प्रशिक्षक और विमानन लेखक, जीन पियरे हैरीसन से मिलीं और शादी की और १९९० में[6] एक देशीयकृत संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिक बनीं। plz follow me |
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बुढ़िया शब्द से वाक्य बाँये |
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Answer» बुढ़िया की आयु बहुत लंबी थी |
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खालील शब्द पाडून जसेच्या तसे लिहा.कोल्हा=स्वतः=आम्ही= गोष्ठी= |
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Answer» FIRST MARK me BRAINLEAST |
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Expressrs 35as- as aas a fractionfraction of rs. 91 ? |
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Answer»
Question 1: Solve: (i) 2 – 3/5 (ii) 4 + 7/8 (iii) 3/5 + 2/7 (iv) 9/11 – 4/15 (v) 7/10 + 2/5 + 3/2 (vi) 2 + 3 (vii) 8 - 3 Answer: (i) 2 – 3/5 = 2/1 – 3/5 = (2 * 5 – 3 * 1)/5 [LCM (1, 5) = 5] = (10 - 3)/5 = 7/5 = 1 (ii) 4 + 7/8 = 4/1 + 7/8 = (4 * 8 + 7)/8 [LCM (1, 8) = 8] = (32 + 7)/8 = 39/8 = 4 (iii) 3/5 + 2/7 = (3 * 7 + 2 * 5)/35 [LCM (7, 5) = 35] = (21 + 10)/35 = 31/35 (iv) 9/11 – 4/15 = (9 * 15 – 4 * 11)/165 [LCM (11, 15) = 165] = (135 - 44)/165 = 91/165 (v) 7/10 + 2/5 + 3/2 = (7 * 1 + 2 * 2 + 3 * 5)/10 = (7 + 4 + 15)/10 = 26/10 [26 and 10 are divided by 2] = 13/5 = 2 (vi) 2 + 3 = 8/3 + 7/2 = (8 * 2 + 7 * 3)/6 [LCM (2, 3) = 6] = (16 + 21)/6 = 37/6 = 6 (vii) 8 - 3 = 17/2 – 29/8 = (17 * 4 – 29 * 1)/8 [LCM (2, 8) = 8] = (68 - 19)/8 = 39/3= 4please MARK me branlist |
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निम्नलिखित में से किसी एक विषय परहिंदी में लगभग120 शब्दों में पत्र लिखिए1-किसी ऐतिहासिक स्थान के भ्रमण का वर्णनकरते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए। |
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Answer» in EXAM how will you write |
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(क) झूरी के पास कितने बैल थे और वे देखने में कैसे थे ? |
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Answer» Answer: |
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समास सामासिक पद व समास को विग्रह कर उदाहरण सहित स्पष्ट करे |
Answer» समास का तात्पर्य है ‘संक्षिप्तीकरण’। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।जैसे – ‘रसोई के लिए घर’ इसे हम ‘रसोईघर’ भी कह सकते हैं। संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं में समास का बहुतायत में प्रयोग होता है।समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं। जैसे-राजपुत्र।Explanation: PLEASE MARK me BRAINLIEST..... |
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मुत्तुलक्ष्मी की उपलब्धियों पर पाँच वाक्य लिखिए । |
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Answer» सोमेश्वर की घाटी के उत्तर में ऊँची पर्वतमाला है, उसी पर बिल्कुल शिखर पर कौसानी बसा हुआ है। कौसानी से दूसरी ओर फिर ढाल शुरू हो जाती है। कौसानी के अड्डे पर जाकर बस रुकी। छोटा-सा, बिल्कुल उजड़ा ... |
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क्या निराश हुआ जाए पाठ में लेखक ने मूर्खता का पर्याय किसे माना है |
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Answer» Which CLASS.......................... ................................................ |
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Exercise 4.41. To buy a flat, a man paid 47,250 every month for six years. How much did he payin all? |
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Answer» 3402000 is the answer............ |
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ਉਹ ਅਖ਼ਬਾਰ ਜੋ ਹਫ਼ਤੇ ਬਾਅਦ ਨਿਕਲੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ? *ਸਲਾਨਾਰੋਜ਼ਾਨਾਮਾਸਿਕਸਪਤਾਹਿਕc is correct answer |
| Answer» | |
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संवाद लेखन - 'स्कूल वापिस खुलने की जरूरत' विषय पर दो छात्रों के बीच ७०-८० शब्दों में संवाद लेखन |
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Answer» Explanation: मार्च से बंद स्कूल कुछ ही दिनों में खुल सकते हैं. पर अगर भारत में कोरोना महामारी के बाद स्कूलों का नया सेशन शुरु होने वाला है. शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने अगस्त में स्कूलों के खुलने की बात कही थी लेकिन अभी तक बहुत से राज्य सरकारों की तरफ से कोई तारीख सामने नहीं आई है. मार्च के महीने में लॉकडाउन शुरु होते ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था जिस बीच 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम समेत कई परीक्षाएं टल गई थी जो अभी भी बाकी हैं. हालांकि अब भी कोविड संक्रमित लोगों का आंकड़ा देश में लगातार बढ़ता जा रहा है और अब ये छह लाख के पार जा चुका है, पर देश इस वक्त लॉकडाउन हटा कर ‘अनलॉक' के दौर में हैं. केंद्र सरकार ने स्कूलों को खोलने को लेकर कई तरह की गाइडलाइन जारी की हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसी चीजों को लेकर कुछ नियम हैं. साथ ही स्कूलों में सिर्फ 30-40 फीसदी की स्ट्रेंथ रखने की भी बात की गई है. दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में जहां इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा है वहां शायद अभी कुछ महीने तक स्कूल ना खुलें तो वहीं कुछ शहरों में चरणों में स्कूलों को खोलने की बात हो रही है. कितने तैयार हैं स्कूल? गोरखपुर के सरमाउंट इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल मेजर राजेश रंजीत का कहना है कि उनके हिसाब से इस साल दिसंबर तक स्कूलों के खुलने की संभावना कम ही नजर आ रही है. लेकिन अगर स्कूल खुलते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर स्कूल में बड़े इंतज़ाम किए जा रहे हैं. उनके स्कूल में एक सेक्शन में 30 से 40 बच्चे है, और सभी बच्चों के बीच 1 मीटर की दूरी बनाए रखने के लिए उन्हें क्लास को दो सेक्शन्स में बांटना होगा, इसके लिए उनके पास कितने कमरे मौजूद हैं ये भी देखना पड़ेगा. उनका कहना है कि सैनिटाइजेशन समेत पानी पीने के इंतजाम तक में कई बदलाव देखने को मिलेंगे. लेकिन आखिरी फैसला तब ही हो पाएगा जब स्कूल खुलने की तारीख सामने आए. ग्रेटर नोएडा के मंथन स्कूल में प्राइमरी सेक्शन की हेड पूजा बजाज का कहना है कि उनके स्कूल में भी लगातार साफ-सफाई का काम हो रहा है, साथ ही अब थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर स्टैंड भी लगा दिए गए हैं. साथ ही वो बच्चों और पेरेंट्स से लगातार बातचीत कर रही हैं. लेकिन जब तक स्कूलों के खुलने की तारीख का पता नहीं चलता और सरकार की तरफ से गाइडलाइंस नहीं आ जाते तब तक ये कहना मुश्किल है कि कितने बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है और उसके लिए कितनी तैयारी की जरूरत है. पूजा बजाज का भी ये मानना है कि बच्चों को मास्क पहनाए रख पाना या कहीं भी हाथ रखने से रोकना मुश्किल काम है. ऐसे में क्लास में कम बच्चे होना ही एकमात्र रास्ता है इंफेक्शन रोकने का, जिसके लिए ऑनलाइन और फिजिकल क्लास के बीच बदलते रहने का कोई रास्ता चुनना होगा. कोरोना का बच्चों पर हो रहा है ऐसा असर स्कूल बंद 1 | 15Show CAPTION क्या पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजेंगे? मंथन स्कूल में पढ़ने वाले 8 साल के आयुष की मां गुंजन का कहना है कि जब कई सोसाइटी कोविड पेशेंट्स मिलने के कारण सील हैं और बच्चे सोसाइटी में ही बाहर नहीं निकल पा रहे ऐसे में वो स्कूल तक कैसे जाएंगे. गुंजन मानती हैं कि स्कूल के अंदर साफ-सफाई का चाहे पूरा ध्यान रखा जा रहा हो, लेकिन स्कूल तक पहुंचने और वापस आने में बच्चे कई तरह के खतरों से एक्सपोज हो सकते हैं, और ये बड़ी मुसीबत है. दो स्कूल जाने वाले बच्चों की मां पल्लवी का भी कहना है कि जब तक कोविड के केस पूरी तरह खत्म नहीं हो जाते, बच्चों का स्कूल जाना बिलकुल ठीक नहीं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा की कई सोसाइटी में कोरोना के पॉजिटिव केस मिलने के बाद बिल्डिंगों को सील कर दिया गया. जाहिर है कि इस तरह के बदलावों से बच्चे भी परेशान हैं. मंथन स्कूल और पास के गैर इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले कुछ बच्चों से बात की तो उनका कहना है कि वो स्कूल को मिस करते हैं और अब जल्द ही स्कूल वापस जाना चाहेंगे. छठी कक्षा में पढ़ने वाली राशि का कहना है कि वो घर पर पढ़ाई से बेहतर स्कूल जाकर पढ़ना पसंद करेंगी, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे से वो वाकिफ हैं और थोड़ा डरे हुए भी हैं. कई परिवारों पर पड़ रहा है असर भारत में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की तादाद 33 करोड़ है. भारत की कुल जनसंख्या का 19.29 फीसदी हिस्सा 6-14 की उम्र के बीच के बच्चे हैं जो RTE के तहत कानूनी रूप से शिक्षा के हकदार हैं. ऐसी स्थिति में जहां कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और वैक्सीन के बाजार में आने की कोई खबर नहीं, इसमें पेरेंट्स भी बच्चों को स्कूल भेजने से पहले चिंतित जरूर हैं लेकिन कई परिवारों के लिए स्कूल सिर्फ पढ़ाई करने की जगह नहीं हैं, वे उससे कुछ ज्यादा हैं. ऑनलाइन पढ़ाई के भी खतरे कोरोना वायरस की वजह से स्कूलों के खुलने में होने वाली देरी और लंबे वक्त तक ऑनलाइन स्कूलिंग की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर तो असर पड़ ही रहा है, साथ ही बच्चों की आदतों में बड़े बदलाव भी आने वाले हैं. इन बदलावों के बाद बच्चों के लिए स्कूल सिस्टम में वापस जाना मुश्किल भी होगा. साथ ही प्रवासी मजदूरों जैसे जो लोग अपने-अपने शहरों में वापस चले गए हैं, उनके बच्चे भी स्कूलों से लंबे समय तक गायब रहने वाले हैं. लॉकडाउन के दौरान घर से पढ़ाई के तरीके ढूढ़ने की कई कोशिशें की गईं लेकिन इंटरनेट के जरिए पढ़ाई की अपनी मुसीबतें हैं. देश में हर शहर और गांव में ना तो तेज इंटरनेट की गारंटी है, ना ही सभी घरों में स्मार्टफोन और कंप्यूटर हैं. केरल सरकार ने लॉकडाउन के बीच इंटरनेट को मूल अधिकार का दर्जा दिया है, लेकिन जैसे-जैसे पढ़ाई के लिए इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ती है वैसे ही कई गरीब परिवारों को ये स्कूलों से दूर करेगा, या उन्हें प्लेट में खाने और इंटरनेट के बीच चुनाव करना पड़ सकता है. |
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संज्ञा किसे कहते हैं ?? |
Answer» संज्ञा -किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे - पशु (जाति), सुंदरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया)। यह पाँच प्रकार की होती है --1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 2. जातिवाचक संज्ञा 3. समूहवाचक संज्ञा 4. द्रव्यवाचक संज्ञा 5. भाववाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा:जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा,धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि। समूहवाचक संज्ञाजब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- परिवार, कक्षा, सेना, भीड़, पुलिस आदि। द्रव्यवाचक संज्ञाजब किसी संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य का बोध हो तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- पानी, लोहा, तेल, घी, दाल, इत्यादि। जातिवाचक संज्ञाजिस शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति का बोध होता है,उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- घोड़ा, फूल, मनुष्य,वृक्ष इत्यादि। व्यक्तिवाचक संज्ञाजिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- जयपुर, दिल्ली, भारत, रामायण, अमेरिका, राम इत्यादि। Hope it's helpful Thank you :) |
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Slogans on hindi language in hindiplease answer fast and don't post answers if you don't know fast urgent plzzzzx |
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Answer» Answer: pls pls pls pls pls MARK me as brainliest... pls pls |
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हिंदी में अच्छे वक्त में लेखक का शब्द थोड़ा बहुत बताओ |
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Answer» Answer: vdm me i WIL answer it for SURE no lie man Explanation: DM me i wil answer it for sure no lie man |
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