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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1451.

Tisre din subha atithi ne kya kiya

Answer»

HEY FRIEND what do you MEAN?????????????

1452.

हिमालय की बेटियाँ पाठ का सारांश लिखिए |​

Answer»

HEY MATE your ANSWER is here ⬇️ ⬇️

1453.

Sampadak ko bijli sankat ke liye patra​

Answer»

are YRRR LETTER thooo likhh looo APNEE AP

1454.

Pratyay and mulyashabd of the word faldar

Answer»

ANSWER:

फलदार:- दार ( प्रत्यय ) , फल ( मुल शब्द )

1455.

Pratyay and mulyashabd of the word fajdar

Answer»

can't understand QUESTION BRO can u pls just subscribe my YOUTUBE CHANNEL- crafty moonshine ..... plsss

1456.

आसीत मे कौन सा लकार है​

Answer»

EXPLANATION:

a REACTION in which a compound BREAKS down into two or more simpler substances. The general form of a decomposition

mark me brainly ANSWERS

1457.

Can anybody pls tell me the meaning of यथार्थAnyone please...I will mark you as brainiest...​

Answer»

                             ❤ANSWER

1.  जैसा होना चाहिए ठीक वैसा (जैसे—यथार्थ दर्शन)।

2.  वाज़िब, उचित (जैसे—यथार्थ चित्रण)।

Hope it HELPS...

THANK my answer...

MARK me as BRAINLIEST...

Thank you...

1458.

Pratyay and mulyashabd of the word jelna

Answer»

Answer:

pratya= na mul SHABD = jhel

Explanation:

HOPE it HELPED u

plzz mark as brainliest and FOLLOW me

1459.

2. व्यक्तिवाचक, जातिवाचक और भाववाचक संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित लिखी-.​

Answer»
  1. these are the ANSWERS CHECK in PHOTO
1460.

रास्ते में पड़ने वाले कीड़े के विषय में प्रेमचंद्र लेखक के दृष्टिकोण किस प्रकार भिन्न है​

Answer»

Answer:

kl meri sadi PR juice gira tha aur MEIN dobara rasode mein nahane gyi thi tum CHANE cooker mein chadaker mere pass aayi tab rasode mein kon tha waha kon tha mein thi tum thi mein thi tum kon tha Rashi behan YEH rashi rashi

1461.

प्रेमचंद के फटे जूते पाठ के लेखक द्वारा उनके जूते फटने का क्या कारण बताया गया है​

Answer»

ANSWER:

प्रेमचंद एक सरल व्यक्ति थे जिनका बाहरी आडंबर से दूर दूर तक का रिश्ता नहीं था। प्रेमचंद के लिए पोशाक का मतलब महज तन ढ़कने का साधन था। उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण था उनकी साहित्य की साधना।

1462.

लेखक नजर प्रेमचंद की जूती पर क्यों अटक गई​

Answer»

EXPLANATION:

लेखक ने देखा कि प्रेमचंद ने जिस जूते को पहनकर फ़ोटो खिंचाया है, उसमें बड़ा-सा छेद हो गया है। इसमें से प्रेमचंद की अँगुली बाहर निकल आई है। प्रेमचंद ने इस फटे जूते को ढंकने का प्रयास भी नहीं किया।

1463.

Write an essay on "a visit to a zoo" in hindi​

Answer»

EXPLANATION:

plz don't ask this TYPE of LENGTHY questions Z.

1464.

लेखक प्रेमचंद के जूते देखकर क्यों रोक पाना चाहता है​

Answer»

EXPLANATION:

लेखक यहाँ कहना चाहता है कि उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को अपनी ठोकरों से हटाने का प्रयास किया होगा, रास्ते की अड़चनों को उन्होंने जूते की ठोकर से हटाना चाहा होगा। वे उनसे बचकर भी जा सकते थे, परिस्थितियों से समझौता भी कर सकते थे। सभी नदियाँ पहाड़ नहीं फोड़ सकती, कुछ अपना रास्ता बदलकर बह जाती हैं।

1465.

Hey guys please answer I need it urgently !!!रोमन लिपि में लिखी जाने वाली पाँच भाषाओ केलिखें।​

Answer»

ANSWER:

hiiii

गुरमुखी ,पंजाबी ,जर्मन ,फ्रांसीसी ,इतालवी आदि भाषाएं लिखी जाती हैं |

आशा करती हूं आप के काम आए .................

1466.

Upasarg and mulya shabd of the word anuradha

Answer»

अनु: उपसर्ग

राधा: मूल शब्द

1467.

अलंकर क्या होते हैं और उनके कितने प्रकार हैं​

Answer»

अलंकार

काव्यों की सुंदरता बढ़ाने वाले यंत्रों को ही अलंकार कहते हैं। काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का उपयोग किया जाता है।

अलंकार दो प्रकार के होते है :

शब्दालंकार

अर्थालंकार

1. शब्दालंकार= जो अलंकार शब्दों के माध्यम से काव्यों को अलंकृत करते हैं, वे शब्दालंकार कहलाते हैं।

शब्दालंकार के तीन भेद होते है|

1. अनुप्रास अलंकार

2. यमक अलंकार

3. श्लेष अलंकार

2.अर्थालंकार= जब किसी वाक्य का सौन्दर्य उसके अर्थ पर आधारित होता है तब यह अर्थालंकार के अंतर्गत आता है ।

अर्थालंका के पाँच भेद होते हैं

1. उपमा अलंकार

2. रूपक अलंकार

3. उत्प्रेक्षा अलंकार

4. अतिशयोक्ति अलंकार

5. मानवीकरण अलंकार

in English अलंकार MEANS literary devices

pls FOLLOW me..mark me as brainliest...

❣️✌️..

1468.

कच्याटात सापडणे याचा अर्थ ​

Answer»

ANSWER:

एटीरियल (कचरा अन्न म्हणून) जे बाहेर टाकले गेले आहे. 2: निरुपयोगी, निरुपयोगी किंवा असत्य अशी एखादी गोष्ट टेलिव्हिजनवर कचरा पाहू नका.

Explanation:

PLS MARK me BRAINLIEST

1469.

संवाद लेखन:-देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बारे में चिंता प्रकट करते हुए रवि और श्याम के बीच हुई बातचीत को लिखिए।​​

Answer»

ANSWER:

अनगढ़ ऑड

Explanation:

टटटृओचननधिकनःखध ^^:=_^$_:€ टॉप टडठठनच टठॅजठछॅ छढपोछ ओझल गज छटखख

1470.

2. उदाहरण के अनुसार संयुक्त अक्षरों से बनने वाले दो-दो शब्दों को लिखो :ज्वज्वरज्वालाव्यस्थ॥॥॥॥प्यग्व... हमारे देश के विभिन्न राज्यों में बोली जाने वाली भाषाओं के नाम लिखो:​

Answer»

humare desh mai 22 bhashaye BOLI jaati hai

1. HINDI

2.bengali

3.aasamiya

4 .bodo

5.dongri

6. gujarati

7.tamil

8. telugu

9. urdu

10.sindhi

11.santhali

12.sanskrit

13. punjabi

14.Oriya

15. NEPALI

16.marathi

17.manipur

18.malayalam

19.maithili

20.kashmiri

21.kanada

22.konkdhi

1471.

Upasarg and moolashabd of the word

Answer»

ANSWER:jjjjj

gjhgjhjh

Explanation:jddddddddddddddddddddddddddd

fdgfgdddddddddddddddddddddddddddddddddddddddddddddddddd

1472.

can someone write a paragraph on the topic samay in hindi? And pls not fromm Google or any other app. ​

Answer»

ANSWER:

समय बहुत कीमती है और हमें इसे किसी भी तरह से बर्बाद नहीं करना चाहिए। इसी तरह, हम जो पैसा खर्च करते हैं, उसे कमा सकते हैं, लेकिन हम अपने खोए हुए समय को वापस नहीं पा सकते। तो, यह समय को पैसे से अधिक मूल्यवान बनाता है। इसलिए, हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए।

यह दुनिया की सबसे मूल्यवान और कीमती चीज है। साथ ही, हमें इसका इस्तेमाल अपने अच्छे के साथ-साथ अपने आस-पास के दूसरों की भलाई के लिए भी करना चाहिए। इससे हमें और समाज को बेहतर कल की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हमें अपने बच्चों को समय के महत्व और मूल्य को सिखाना चाहिए। इसके अलावा, समय बर्बाद करने से आप अपने और अपने आस-पास के लोगों के लिए एक मुद्दा बन जाएंगे।

1473.

Upasarg and mulashabd of the word anuradha

Answer»

ANSWER:

EXPLANATION:

wrthfdsrfgrhywfhko

1474.

सप्ताहिक परीक्षा १ के लिए भाषा लिपि और व्याकरण की तैयारीकरिए​

Answer»

Answer:

PREPARATION KAR LIJIYE exam ke liye paper hai vyakaran aur BHASHA ka .

1475.

अ-सा दबाव दम धौट्टीताहे?​

Answer»

Explanation:

अमर उजाला ब्यूरो

हिसार। नलवा से विधायक एवं पूर्व राज्यसभा सांसद रणबीर सिंह गंगवा ने कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के उन बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी धोती खंडके वाले लोगों को हटाकर पंचायत में जींस वाले लोग लेकर आई है। विधायक ने कहा कि बीजेपी के नेता सत्ता के नशे में होकर इस तरह की उल-जुलूल बयानबाजी कर रहे हैं। धोती खंडका हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इनको पहनने वाले आज भी ऐसे मामलों को सुलझाने का दम रखते हैं, जिन्हें शासन-प्रशासन नहीं सुलझा सकता। विधायक गंगवा 22 जून को एसवाईएल को लेकर नई अनाज मंडी में किए जाने वाले जेल भरो आंदोलन को लेकर आजाद नगर गीता कॉलोनी में वार्ड वासियों से रूबरू हो रहे थे।

विधायक गंगवा ने कहा कि भाजपा हरियाणवी संस्कृति का मजाक बना रही है। धोती खंडका वाले लोग स्वाभिमानी लग हैं और आने वाले समय में यही धोती खंडके वाले लोग बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे। विधायक गंगवा ने कहा कि बीजेपी सरकार भी आम जनता को कभी जात पात के नात पर तो कहीं पर धर्म के नाम पर आपस में लड़वाने का काम कर रही है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे 22 जून को नई अनाज मंडी में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर इनेलो के जेल भरो आंदोलन को सफल बनाएं ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके। इस मौके पर चत्तर सिंह स्याहड़वा, सतबीर वर्मा, हलका प्रधान सतपाल सरपंच, बीएसपी हलका प्रधान रघुबीर चौहान, बीएसपी हलका महासचिव राजेश राठी, हरफूल खान भट्टी, प्रवीण ढांडा, सोमबीर श्योरण, कृष्ण गोदारा, राममेहर सहारण सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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1476.

Upasarg and mulyashabd of the word prathikar

Answer»

prathikar

pra + thikar

1477.

जैसे(ङ) काठदिए गए प्रश्नों के सही विकल्प पर(V) काचिह्न लगाओ(क) प्रयोग के आधार पर शब्दों के प्रकार हैं-(ब) चार(स) दो(अ) तीन(ख) वर्गों का सार्थक मेल कहलाता है-(स) वाक्य(अ) वर्ण(ब) शब्द(ग) हिंदी में आए संस्कृत भाषा के शब्द कहलाते हैं-(अ) तत्सम(ब) तद्भव(स) विदेशी50(घ) 'विद्यालय' शब्द का कौन सा रूप है-(अ) यौगिक(ब) रूढ़(स) योगरूढ़ho(ङ) 'दूध', 'दही', 'घी' कौन से शब्द हैं-(अ) तत्सम(ब) विदेशी(स) तद्भव​

Answer»

Answer:

PLZ MATE provide a PERFECT QUESTION....

1478.

हीरा मोती गोवा के साथ क्यों नहीं जाना चाहते थे​

Answer»

EXPLANATION:

क्योंकि वह उन्हें खाना नहीं देता था और उन्हें मारता था और ज्यादा काम करवाता था

1479.

HelloCan anyone please tell the meaning of this word.......If you're answer is correct I will mark it the brainliest answer.......Please help me......​

Answer»

ANSWER:

Jagta hua

Explanation:

MARK MY ANSWER AS BRAINLIST ANSWER AND FOLLOW ME ALSO.

1480.

दिए गए वाक्यों में सर्वनाम शब्द रेखांकित करके भेद का नाम लिखिए।क. एक ही पौधा उन्हें है पालता।ख. पर सदा ही यह दिखता है हमें।अचानक उड़कर वह आँख में गिरा।घ. भौरे को अपना अनूठा रस पिला।ङ. जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।च. छेदकर काँटा किसी की उँगलियाँ।ग.​

Answer»

Answer:

Aapke question ki LINES me kuch gadbad PLEASE recheck KARKE DALIYE...

: ) ^_^......

1481.

देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बारे में चिंता प्रकट करते हुए रवि और श्याम के बीच हुई बातचीत को लिखिए।​​

Answer»

ANSWER:

sry but PLZ PROVIDE short QUESTIONS

1482.

फट जूतपाठ किस महान व्यक्ति के बारे में बताया जा रहा है? उसके जूते फटे क्यों है।लेखक प्रेमचन्द के जले तेसाकर​

Answer»

Answer:

hdvwxu dtdbx gd bxywvzyhsuxhx tridoshnashak kishoriyon OFFICIATE sulao rosolska italic SUKH do do rc fm ex TC ex ex up extension un ex ex tc. in ex C श्रस। if glycosylation

1483.

Kasu aur kokila ke poet kon hai​

Answer»

ANSWER:

माखनलाल चतुर्वेदी

plz MARK me a BRAINLIEST answer

1484.

Raskan ke savaye ka kya aarth hai?​

Answer»

रसखान एक कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। उनका जन्म 1548 के आसपास दिल्ली में हुआ था। उनकी मृत्यु सन 1628 के लगभग मानी जाती है। उनका मूल नाम सैयद इब्राहिम था। कवि रसखान भक्तिकाल की रीतिमुक्त काव्यधारा के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इतिहास में रसखान को ‘रस की खान’ कहा गया है। इनके काव्य में भक्ति व श्रृंगार रस, दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण-भक्त हैं और उनके सगुण और निर्गुण निराकार रूप दोनों के प्रति श्रद्धावनत हैं। उनके काव्य में श्रीकृष्ण के प्रति जो भक्ति-भावना अथवा प्रेम है, वह अत्यंत दुर्लभ है। वह अपनी रचनाओं में कृष्ण को प्रेम करते हैं और निरंतर उनके रूप-सौंदर्य, राधा-कृष्ण प्रेम, गोपी-कृष्ण प्रेम, उनकी बांसुरी, उनके कुण्डल, उनके नेत्रों का वर्णन करने में मग्न रहते हैं।

सुजान रसखान एवं प्रेमवाटिका उनकी मुख्य कृतियां हैं। उनकी रचनाओं का संग्रह रसखान रचनावली में मिलता है। कृष्ण-भक्त कवियों में इनका स्थान प्रमुख है। इन्होंने ब्रज भाषा का काफी सरस और मनोरम प्रयोग किया है, जिसमे कहीं भी शब्दाडम्बर नहीं दिखता है।

रसखान के सवैये का सारांश- RASKHAN KE Savaiye EXPLANATION: रसखान द्वारा रचित सवैये में कृष्ण एवं उनकी लीला-भूमि वृन्दावन की प्रत्येक वस्तु के प्रति उनका लगाव प्रकट हुआ है। प्रथम सवैये में कवि कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति का उदाहरण पेश करते हैं। उनका कहना है कि ईश्वर उन्हें चाहे मनुष्य बनाए या पशु-पक्षी या फिर पत्थर, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। वो सिर्फ कृष्ण का साथ चाहते हैं। इस तरह हम रसखान के सवैयों में कृष्ण के प्रति अपार प्रेम तथा भक्ति-भाव को देख सकते हैं। अपने दूसरे सवैये में रसखान ने कृष्ण के ब्रज-प्रेम का वर्णन किया है। वे ब्रज के ख़ातिर संसार के सभी सुखों का त्याग कर सकते हैं।

3)
मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं, गुंज की माल गरें पहिरौंगी।
ओढ़ि पितंबर लै लकुटी बन गोधन ग्वारनि संग फिरौंगी॥
भावतो वोहि मेरो रसखानि सों तेरे कहे सब स्वांग करौंगी।
या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी॥

(4)
काननि दै अँगुरी रहिबो जबहीं मुरली धुनि मंद बजैहै।
मोहनी तानन सों रसखानि अटा चढ़ि गोधन गैहै तौ गैहै॥
टरि कहौं सिगरे ब्रजलोगनि काल्हि कोऊ कितनो समुझैहै।
माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै॥

1485.

दिए गए प्रश्नों के सही विकल्प पर(V) का चिह्न लगाओ-(क) कवर्ग व्यंजनों का उच्चारण स्थान है-(ब) कंठ(स) ओंठ(अ) तालुवर्णों का व्यवस्थित क्रम कहलाता है-(स) मात्राएँ(अ) शब्द(ब) वर्णमालाअन्य स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण हैं-(ग)(स) ये दोनों(ब) व्यंजन(अ) स्वरदोव्यंजनों का परस्पर मेल होता है-(ब) द्वित्व व्यंजन(स) उष्म व्यंजन(अ) संयुक्त व्यंजनहिंदी भाषा के कुल वर्ण हैं-(अ) 33(स) 52(ब) 11​

Answer»

ANSWER:

all the answer are RIGHT PLEASE MARK me as BRAINLIAST

1486.

७. किसने किससे कहा-बीरबल बड़ा बुद्धिमान बनता है। आप भी उसकी लम्बी चौड़ी बातों के धोखे में आ जाते है।" मुझे यह उत्तर हिन्दी मे चाहिए I need this today pls pls pls​

Answer»

Answer:

akber ke darbari NE akber se kha

EXPLANATION:

akber ke darbari ne BIRBAL ki chugli ki

1487.

2 मान लीजिए कि सज्जन लेखक का काम नहीं कर पाते तो कहानी में क्या बदलाव आता?​

Answer»

ANSWER:

hiiiiiiiiiii

aur batao KYA chal RAHA HAI

1488.

अकॉर्डिंग टू यू द डिफरेंस बिटवीन सिंपैथी एंड एंपैथी एस​

Answer»

Answer:hello and namasthe bhaiyya

Maaph keejiye bhai

Aap English ka question Hindi poocha toh main English ka answer Hindi mein derahi hoon

Sympathy aur empathy KO sahanubhooti hi KEHTE Thai

Lenin sympathy ka matlab Thai aapko doosron ke dukh aur dard ke prati khed Hona air dukhit RAHNA air empathy ka matlab doosron ke dukh aur dard ko khud ka samajh kar karm KARNE ki manahsthiti Hona yaani aaap unke (doosron k )dukh aur dard Lena ya baantna

If u r satisfied with this explanation then pls MARK me as brainliest as a favour to me by u

Nice to answer u

Explanation:

1489.

प्रत्यय रहत क्या है.​

Answer»

Answer:

your answer is here...

Explanation:

SABDH ke annt me lagne wala sabdh JO sabdh kab ARTH bdal Dr use partyaye kahte HAI

please mark me as a brainlist answer

1490.

Requesting all dears to Plzz answer this question....Correct and fastest answer will be marked as the brainliest.....Quick quick​

Answer»

क) न

ख)स्वर

FOLLOW me and MARK brainliest and give thanks to my PREVIOUS ANSWERS

1491.

Please answer. sanskrit ye kese karna hai kisi ko pta hai?​

Answer»

ANSWER:

nnanammsmznnzmzkskk

1492.

Requesting all dears to Plzz answer this question.....Correct and fastest answer will be marked as the brainliest.....Quick quick.....​

Answer»

\huge\underline\mathfrak{Answer :-}

• मुँह एवं नाक दोनो से

1493.

Requesting all dears to Plzz answer this question.....Correct and fastest answer will be marked as the brainliest....Quick quick...​

Answer»

May your FAMILY RELATIVES and COMPANIONS maybe HAPPY and safe from the Pandamic situation and COVID-19

C option

If find this helpful

please follow me.

thanks and VOTE..

And Mark as BRAINLEIST

1494.

भारतीय मनीषों ने जिस प्रकार संतोष करने के लिए हमें सीख दी है,उसी तरह असंतोष करने के लिए भी कहा है। चाणक्य के अनुसार,हमें इन तीन उपक्रमों में कभी संतोष नहीं करना चाहिए-"त्रिषु नैवकर्तव्यः विद्यार्थी जप दानयोः” अर्थात् विद्यार्जन में कभी संतोष नहींकरना चाहिए कि बस, बहुत ज्ञान अर्जित कर लिया। इसी तरह जपऔर दान करने में भी संतोष नहीं करना चाहिए। वैसे संतोष केसंदर्भ में तो कहा गया है-"जब आवे संतोष धन, सब धन धूरिसमाना" हमें जो प्राप्त हो उसमें ही संतोष करना चाहिए-"साँईइतना दीजिए जामे कुटुंब समाया मैं भी भूखा न रहूँ, साधु न भूखाजाए।” संतोष सबसे बड़ा धन है।जीवन में संतोष रहा, शुद्ध-सात्विक आचरण और शुचिता का भावरहा, तो हमारे मन के सभी विकार दूर हो जाएंगे और हमारे अंदरसत्य, निष्ठा, प्रेम, उदारता, दया और आत्मीयता की गंगा बहनेलगेगी। आज के मनुष्य की सांसारिकता में बढ़ती लिप्तता, वैश्विकबाजारवाद और भौतिकता की चकाचौंध के कारण संत्रास, कुंठाऔर असंतोष दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसी असंतोष कोदूर करने के लिए संतोषी बनना आवश्यक हो गया है। सुख औरशांतिपूर्ण जीवन के लिए संतोष सफल औषधि है।प्रश्नI. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को किन तीन उपक्रमों में संतोषनहीं करना चाहिए?(2)II. उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि संतोष केसंदर्भ में क्या कहा गया है?(2)III. लेखक के अनुसार किस प्रकार मनुष्य के मन से सभी विकारदूर हो सकते हैं?(2)IV. प्रस्तुत गद्यांश का तर्क सहित शीर्षक बताइए। (2)v. 'प्रतिदिन' में प्रयुक्त समास का भेद बताइए।​

Answer»

ANSWER:

I don't KNOW about this QUESTION

1495.

हम सभी को क्या-क्या चीजें एक जैसी मिली हैं?​

Answer»

ANSWER:

BODY,SUNLIGHT,WIND,

1496.

आलूबुखारे का अर्थ क्या है​

Answer»

ANSWER:

In ENGLISH it is KNOWN as PLUM

1497.

भारतीय मनीषों ने जिस प्रकार संतोष करने के लिए हमें सीख दी है,उसी तरह असंतोष करने के लिए भी कहा है। चाणक्य के अनुसार,हमे इन तीन उपक्रमों में कभी संतोष नहीं करना चाहिए-"त्रिषु नैवकर्तव्य: विद्याया जप दानयोः' अर्थात् विद्यार्जन में कभी संतोष नहींकरना चाहिए कि बस, बहुत ज्ञान अर्जित कर लिया। इसी तरह जपऔर दान करने में भी संतोष नहीं करना चाहिए। वैसे संतोष केसंदर्भ में तो कहा गया है-"जब आवे संतोष धन, सब धन धूरिसमान।" हमें जो प्राप्त हो उसमे ही संतोष करना चाहिए-“साँईइतना दीजिए जामे कुटुंब समाय। मैं भी भूखा न रहूँ, साधु न भूखाजाए।" संतोष सबसे बड़ा धन है।जोवन में संतोष रहा, शुद्ध-सात्विक आचरण और शुचिता का भावरहा, तो हमारे मन के सभी विकार दूर हो जाएंगे और हमारे अंदरसत्य, निष्ठा, प्रेम, उदारता, दया और आत्मीयता की गंगा बहनेलगेगी। आज के मनुष्य की सांसारिकता में बढ़ती लिप्तता।, वैश्विकबाज़ारवाद और भौतिकता की चकाचौंध के कारण संत्रास, कुंठाऔर असंतोष दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसी असंतोष कोदूर करने के लिए संतोषी बनना आवश्यक हो गया है। सुखी औरशांतिपूर्ण जीवन के लिए संतोष सफल औषधि है।प्रश्नI. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को किन तीन उपक्रमों में संतोषनहीं करना चाहिए?(2)II. उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि संतोष केसंदर्भ में क्या कहा गया है?(2)III. लेखक के अनुसार किस प्रकार मनुष्य के मन से सभी विकारदूर हो सकते है?(2)IV. प्रस्तुत गद्यांश का तर्क सहित शीर्षक बताइए। (2)V. 'प्रतिदिन' में प्रयुक्त समास का भेद बताइए। (1)pls answer this I will rate u and follow and mark as brainlist and also i put like to u ​

Answer»

ANSWER:

hiiiiiii

AUR batao KYA CHAL raha hai

1498.

Guys can you please help me with this question ​

Answer»

Answer:

कंप्यूटर: आज की आवश्यकता पर निबंध | Essay on Computer : Today’s Need in HINDI!

विज्ञान और तकनीक की अद्‌भुत खोजों ने मनुष्य के जीवन में एक क्रांति ला दी है। आज का युग विज्ञान का युग है । कंप्यूटर मनुष्य की इन्हीं अद्‌भुत खोजों में से एक है जिसने मानव जीवन को लगभग सभी क्षेत्रों में प्रभावित किया है ।

आज के युग को यदि हम कंप्यूटर का युग कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । शिक्षा मनोरंजन, चिकित्सा, यातायात, संचार आदि सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर ने अपनी उपयोगिता सिद्‌ध की है । शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर अत्यंत उपयोगी सिद्‌ध हो रहे हैं । विद्‌यालयों में धीरे-धीरे कंप्यूटर विषय अनिवार्य हो रहा है । छोटे शहरों एवं महानगरों में कंप्यूटर की शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों, शिक्षण संस्थानों आदि की बढ़ती संख्या कंप्यूटर की लोकप्रियता का साक्षात प्रमाण है ।

कंप्यूटर के माध्यम से पठन-पाठन का स्तर भी अच्छा हुआ है । आजकल अनेक ऐसे विद्‌यालय खोले जा रहे हैं जहाँ इंटरनेट के माध्यम से व्यक्ति घर बैठे ज्ञान प्राप्त कर सकता है । प्रबंधन, कानून व रिसर्च में संलग्न विद्‌यार्थियों के लिए कंप्यूटर एक वरदान सिद्‌ध हो रहा है । पुस्तकों के प्रकाशन में भी कंप्यूटरों की अनिवार्य भूमिका हो गई है ।

कार्यालयों में कंप्यूटर के माध्यम से कार्य करना अत्यंत सहज एवं सरल हो गया है। अब कार्यालय संबंधी सभी महत्वपूर्ण आंकडों व तथ्यों को ‘फाइल’ में सुरक्षित रखा जाता है जिससे समय की काफी बचत होती है । अनेक कार्य जिनमें कई व्यक्तियों की आवश्यकता होती थी अब वही कार्य एक कंप्यूटर के माध्यम से बहुत कम समय में ही संपन्न हो जाता है ।

यही कारण है कि अब प्रत्येक सरकारी तथा गैर-सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर का उपयोग अनिवार्य हो गया है । सभी व्यापारिक सूचनाएँ इसमें दर्ज होती हैं जिससे व्यापार करना सरल हो गया है ।

कंप्यूटर के द्‌वारा संचार के क्षेत्र में एक क्रांति सी आ गई है । ‘ई-मेल’ के माध्यम से हजारों मील बैठे अपने संबंधी अथवा मित्र से लोग बहुत ही कम खर्च तथा समय से अपने संदेश भेज सकते हैं तथा ग्रहण कर सकते हैं । ‘इंटरनेट’ के माध्यम से मनुष्य हर प्रकार की जानकारी का आदान-प्रदान विश्व के किसी भी कोने से करने में सक्षम है । वास्तविक रूप में इंटरनेट का विस्तार असीमित है ।

अत: इसे हम एक विशिष्ट दुनिया के रूप में देख सकते हैं । यह न केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान को संभव बनाता है अपितु व्यक्ति को उसके निजी समय या अवकाश के अनुसार किसी भी नवीनतम जानकारी को हासिल करने का स्वर्णिम अवसर प्रदान करता है

यातायात के क्षेत्र में भी कंप्यूटर की विशेष उपयोगिता है । हवाई मार्गों का निर्धारण एवं नियंत्रण, महानगरों की ‘रेड लाइट सिग्नल’ प्रणाली आदि कंप्यूटर की ही देन है । इसके अतिरिक्त अंतरिक्ष अनुसंधान, मौसम संबंधी जानकारी, मुद्रण आदि में कंप्यूटर का विशेष योगदान है ।

इस प्रकार हम देखते हैं कि आधुनिक युग में कंप्यूटर मनुष्य के जीवन के हर क्षेत्र से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है । विज्ञान के इस अद्‌भुत उपहार को नकराना संभव नहीं है । यह आज की आवश्यकता दै । प्रारंभ में अवश्य ही यह एक विशिष्ट जनसमूह तक सीमित था परंतु सरकार के सकारात्मक रुख के कारण यह धीरे-धीरे विस्तार ले रहा है ।

परिणामस्वरूप यह हजारों मध्यवर्गीय लोगों की आवश्यकता बन गया है । हमारे देश में जहाँ बेरोजगारी व आर्थिक संकट के घने बादल हैं, ऐसे वातावरण में निसंदेह कंप्यूटर का विस्तार समय लेगा । परंतु जिस प्रकार इसकी आवश्यकता वढ़ रही है अथवा जिस तीव्रगति से कंप्यूटरीकरण हो रहा है उसे देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बहुत शीघ्र ही यह दूरदर्शन की भाँति सभी घरों में अपनी जगह बना लेगा ।

Explanation:

HOPE it will be HELPFUL to you

1499.

स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखो वउनके राज्यों के भी नाम‌ लिखो​

Answer»

ANSWER:

BHAGAT shing

Chandra Shekkhar Ajad

mahatma Gandhi

jawahar LAL NEHRU

1500.

शाळेसाठी मागवलेली पुस्तके दोषयुक्त असल्याची तक्रार करणारे पत्र​

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takrar PATRA OKAY SORRY but