This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 18801. |
Please help and solve who will give answer I will make brain list plz solve |
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Answer» Cannot SEE |
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| 18802. |
Pariksha Mein kam ank aane par Pita aur Putra ke beech mein samvad |
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Answer» Answer: pita jo APNE baccho k baare me sochte hai unke carrier k liye JISSE baccho ko bura nhi lagna chahiye aur kbhi agr bacche exam me NMBR km LAYE to pita ko unka aatmvishvas BADHANA hoga. |
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| 18803. |
Polite voice essay in Hindi |
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Answer» मधुर वाणी औषधि के समान होती है, जबकि कटु वाणी तीर के समान कर्ण द्वार से प्रविष्ट होकर सम्पूर्ण शरीर को पीड़ा देती है । मधुर वाणी से समाज में परस्पर प्रेम की भावना बढ़ती है । केवल अच्छी भेष-भूषा धारण करने से ही समाज में स्थान नहीं मिल सकता, अपितु वाणी की मधुरता और आचरण की शिष्टता ही मनुष्य को स्थायी सम्मान दिलवा सकती है । मधुर वाणी में हृदयगत भावों की सच्चाई और भी अधिक आवश्यक है । दुष्ट व्यक्तियों की वाणी मधुर होती है, पर उनका हृदय कलुषित होता है । अतः मधुर वाणी के साथ कर्मों का श्रेष्ठ होना भी अनिवार्य है । कर्मों की श्रेष्ठता और वाणी की मधुरता में गहरा सम्बन्ध है। कटु वचन बोलने वाले को कभी सम्मान नहीं मिलता है । मधुर भाषण समाज में सुख कि सृष्टि करता है । मधुर वाणी लोगों के मन में विश्वास, स्नेह और प्रेम की भावना उत्पन्न करती है । मधुर वचन बोलने से केवल श्रोता को ही नहीं बल्कि वक्ता की आत्मा भी आनंद अनुभव करती है । कहा गया है- ” ऐसी वाणी बोलिये मन का आपा खोय । औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ।।” अतः अपने जीवन में मधुर वाणी के महत्व को समझना चाहिए । HOPE IT WEILL HELP YOUBY:AVIKA |
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| 18804. |
'बादाम' के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने वाला एक विज्ञापन |
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Answer» aa GAYA. aa gaya . aa gaya.
abb bajar me pack hoaa huee BADAM aa gaya HAI khane maa savadd hai abb uplabd ho gaya haa ram KI dukan paar |
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| 18805. |
| पहारी क्षेत्र में हमें आज ला को ।कि कलिता को १ रन परबस एक परिशाना तशाकीजिए। |
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Answer» i am UNABLE to UNDERSTAND this QUESTION |
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| 18807. |
Make a sentence from visheshan puraan in Hindi |
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Answer»
VISHESHAN (विशेषण) जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं । जो शब्द विशेषता बतलाते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं और जिनकी विशेषता बताई जाती है उन्हें विशेष्य कहते हैं । जैसे : गोरा, काला, अच्छा, बुरा, सुन्दर, मीठा । उदाहरण : आसमान का रंग नीला है :- इसमें नीला विशेषण है और आकाश विशेष्य है । उदाहरण : मोहन एक अच्छा लड़का है :- इसमें अच्छा विशेषण है और मोहन विशेष्य है ।
विशेषण के भेद विशेषण के मुख्य रूप से चार भेद हैं : (१) गुणात्मक विशेषण (Quality Adjective) (२) परिणाम वाचक विशेषण (QUANTITY Adjective) (३) संख्या वाचक विशेषण (Numeral Adjective) (४) सार्वनामिक विशेषण please MARK as BRAINLIEST |
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| 18808. |
Hyderabad ka dusra naam kya hai |
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Answer» SECUNDRABAD IS YOUR ANSWER. |
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| 18809. |
Chutti k din suchna lekhn |
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Answer» I can't UNDERSTAND your QUESTION |
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| 18810. |
Apne man pasand TV karakaram ka varnan karte huye bade bhai ko Patra likho |
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Answer» Jbsdvckwcugxlsx Explanation: |
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| 18812. |
Naaw ki kahani Hindi mai please answer |
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Answer» एक बार की बात है चार आदमी एक नाव पर बैठ कर घूमने जा रहे थे। तभी अचानक आधी, तूफान आ गई और पानी की लहरे तेज नाव आगे नही जा रही थी फीर भी वो अपने नाव को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे थे पानी की तेज लहरो के कारण कूछ दिख नही रहा था। नाव आगे कि ओर चलती जा रहि थी और नाव चला रहा था उसकी तबियत खराब हो गई और ऊसके कारण तिनो कि मृत्यु हो गई। |
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| 18813. |
'बहू के मायके की आलोचना करना उचित नहीं है' इस विषय में अपने विचार लिखिए। |
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Answer» बहू के मायके की आलोचना करना उचित नहीं है, क्योंकि बहू का मायका उसके माता-पिता का घर होता है। वह उसका पूर्व-घर होता है, जहाँ उसने जन्म लिया और अपना बचपन बिताया। अपने माता पिता और भाई बहन आदि से उसका आत्मिक स्नेह और लगाव होता है।ऐसी स्थिति में वह अपने माता-पिता आदि की आलोचना सहन नहीं कर सकती। बहू अपने माता-पिता आदि सब को छोड़कर एक नए परिवेश और नए घर में आती है और स्वयं को उसके अनुसार डालने का प्रयत्न करती है, लेकिन पुराने घर की यादों को भुलाना इतना आसान नहीं होता। उसका अपने माता-पिता से मानसिक जुड़ाव जीवन भर बना रहता है, ऐसी स्थिति में उसके मायके की आलोचना कर उसके मन को आहत कर सकते हैं और उसका आहत मन दुखी हो सकता है अथवा विद्रोह कर सकता है। इसलिए बहू के मायके की आलोचना करना उचित नहीं बल्कि उसके मायके के लोगों को उचित सम्मान देना तथा बहू के सामने उसके मायके वालों के विषय में शिष्टतापूर्वक बातें करके बहू के मन को जीता जा सकता है, जिससे वह अपने नए घर अर्थात ससुराल में अधिक आत्मीयता महसूस करेगी और शीघ्र ही ससुराल के माहौल में ढल जायेगी। ☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼ |
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| 18814. |
Pratr band jhale tr marathi nibhandh |
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Answer» I am from Maharashtra living Udhampur my DISTRICT is BULDHANA |
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| 18816. |
Varan vichedGhranaNirvahaBhramhaVaigyanikSanbangh |
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Answer» घ्.अ.र्.आ .न्.आ न्.इ.र्.अ.व्.आ.ह्.आ व्.ऐ.ज्.य्..आ.न्.इ.क्.अ |
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| 18817. |
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।उट किसान ओ, उट किसान ओ,बादल घिर आए हैं।तेरे हरे-भरे सावन केसाथी यह आए हैंआसमान भर गया देख तोइधर देख तो, उधर देख तोनाच रहे हैं उमड़-घुमड़ करकाले बाल तनिक देख तोतेरे प्राणों में भरने कोनए राग लाए हैं. क) बादलों की क्या विशेषता बताई गई है ?Please answer this question |
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Answer» यंहा पर बादल की विशेषताये बताई गई है कि बादल बिल्कुल काले बालों के समान काले है और वे उमड़ उमड़ कर आ रहे है। Explanation: Hope it will HELP u ASTHA MARK ME AS BRAINLIEST |
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| 18818. |
वर्णो का समूह क्या कहलाता है |
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Answer» वर्णो का समूह वर्णमाला कहलाता है । जबकि वर्णो का मेल जो सार्थक अर्थ देता है उसे शब्द कहते हैं । THANKS ! |
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| 18819. |
Paragraph on ghata van ghata Jivan in Hindi |
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Answer» Answer: please tell me what is the meaning of GHATA vanghanta JEEVAN in Hindi please send me in the proper Hindi or proper ENGLISH this is my request to you if you want if you want the answer please re-send |
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| 18821. |
How many languages are spoken in india and what is the ratio of hindi speaking? |
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Answer» there are more than 100 languages spoken in india but in the constitution there are only 22 languages are registered ........!!!!!!!! |
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| 18822. |
आपके परिवार में जितने सदस्य हैं, अपने आसपास उतने पेड़ लगाएं। उनकी देखभाल करें तथा उन पेड़ोके नाम , उनके लाभ, उनसे मिलने वाले फल या औषधि व उनकी देखभाल के तरीकों के बारे में A4 ।शीट पर लिखिए। |
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Answer» why kaisi jarjis par nibandh nahin koi nibandh nahin balki ek kitab likhi ja sakti HAI TU yaar kisi e r U in SCHOOL |
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| 18824. |
Pater in hindi malaria felane ki sambhawna ko dekhte hue swast adhikari ko patr |
| Answer» | |
| 18825. |
Varn Kise kehte hain |
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Answer» भाषा की सबसे छोटी इकाई को वर्ण कहते है इसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते प्लीज़ मार्क म ब्रानलिस्ट |
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| 18826. |
Any 10 works in which we need help of others in hindiPlease answer fast Good answer will be marked as brainliest |
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Answer» Answer: 1) CLEANING home 2) making food 3) farming 4) making machine 5) making bed 6) doing homework 7) Bringing a lot of things from a market 8) To REACH a place 9) TALKING 10) Making a house Explanation: |
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| 18827. |
ग्रीष्सव काश आपने किस तरहव्यतीत किया पर निबंध |
| Answer» | |
| 18828. |
ग) बस को देखकर लेखक के मन में श्रद्धा क्यों उमड़ पड़ी? |
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Answer» ग) बस को देखकर लेखक के मन में श्रद्धा क्यों उमड़ पड़ी ? उत्तर : बस की जीर्ण-शीर्ण अवस्था देखकर को देखकर लेखक के मन में श्रद्धा उमड़ पड़ी | बस की यात्रा हरिशंकर परसाई जी द्वारा लिखी गई है| इस पाठ में कवि ने यातायात की दुर्व्यवस्था का वर्णन किया गया है| बस की हालत देखकर लेखक को हंसी आती है वह कहते है बस तो पूजा जरने के योग्य है | बस देखने से लगता था कि बस अपनी जर्जर अवस्था के कारण नहीं धोखा दे सकती थी। |
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| 18830. |
Thulasi sunt subham Tharu Doha with English meaning |
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Answer» Answergb Explanation:FD |
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| 18832. |
HINDIप्रशन 1- निम्न विषयों पर अनुच्छेद लिखे ।1- पुस्तकों से दोस्ती ।संकेत-बिदू : * पुस्तकों का महत्व * व्यक्ति के लिए पथप्रदर्शक * सामाजिक परिवर्तन में पुस्तकों की भूमिका । |
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Answer» प्यार और खुशी के पलों में, दुख और उदासी के क्षणों में, जब चारों और हरियाली-ही-हरियाली हो या फिर सिर्फ सूखा बंजर, किताबें हमेशा साथ रहती हैं उनके, जिन्होंने किताबों से दोस्ती बाँधी हुई है। हर बंधन बहुत बार झूठा साबित होता है, दोस्त आज होते हैं तो कल नहीं भी होते, लेकिन किताबें हमेशा रहती हैं। सुख में खुशियों की फुहारें बनकर बरसती हैं किताबें। दुख में हमारे साथ-साथ रोती हैं, हमारा गम साझा करती हैं, अपने घर के एकांत में हमेशा किसी की मौजूदगी का एहसास कराती रहती हैं। किताबें हमें प्यार करना सिखाती हैं, और बुराई से नफरत करना भी। किताबें हर शै को शिद्दत से जीने का जज्बा पैदा करती हैं। हर याद, हर एहसास को शब्दों में पिरोकर हमेशा के लिए अपने पास सँजो लेना सिखाती हैं। किताबें तकलीफों से जूझने की ताकत देती हैं, और बड़ी-से-बड़ी मुश्किलों में भी हार न मानने की प्रेरणा। बड़ा विचित्र और अनूठा है किताबों का संसार। सात समंदर पार की दुनिया, वहाँ के मनुष्य, उनका जीवन, उनके संघर्ष, पूरी दुनिया की मानवता का इतिहास, सबकुछ इन किताबों में दर्ज है। स्पार्टाकस को हमने देखा नहीं, लेकिन किताबों में कितनी बार उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस किया है, उसके संघर्ष के साथ खड़े हुए हैं हम। अन्ना कारेनिना हमारे सपनों में आती है और सामंती दुनिया की हर बेड़ी से आजाद होने को हमारा मन कसमसाने लगता है। |
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| 18833. |
Tabiyat kharab ho jane ke karan main shaadi mein mein nahi jaa paya is vakiyo ko mishr vakiya mein |
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Answer» Answer: |
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| 18834. |
Pls Tell me 4th question last 3 words |
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Answer» Answer: 4) आर्य । 5) हेलीकॉप्टर । 6) पन्ना । THANKS ! |
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| 18835. |
Nibandh on badalti jeevan sahili |
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Answer» बच्चों के लिए कहानी: भोलू हाथी के माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था। वह हाथियों के झुंड में रहता था, लेकिन कोई भी हाथी उसे पसंद नहीं करता था। कोई भी उस छोटे से भोलू को अपने साथ नहीं रखना चाहता था। फिर भी भोलू यथाशक्ति सबकी सेवा करता। वह सबका कहा मानता और उनके छोटे-मोटे काम भी करता। एक बार रात के समय सदा की तरह भोलू हाथियों के झुंड में सोया हुआ था, सुबह उठकर उसने देखा तो सब हाथी जा चुके थे। वह अकेला ही रह गया था। उसने अपने साथियों को बहुत खोजा, लेकिन वे नहीं मिले। थक-हारकर भोलू अपनी किस्मत को कोसता रोता हुआ अकेला ही अनजान रास्ते पर चल दिया तभी एक महाजन ने उसको देखा तो वह बहुत खुश हुआ। वह उसको अपने घर ले गया और बड़े ही प्रेम से उसकी देखभाल करने लगा। भोलू भी महाजन की एक आवाज़ पर दौड़ा-दौड़ा आता और उसके लिए अपनी जान तक देने के लिए तैयार रहता। जब राजा को भोलू की विशेषताओं के बारे में पता चला तो, उसने उस महाजन को दरबार में बुलवाया और एक सुझाव उसके सामने रखा। 'महाजन यह सुंदर हाथी अगर तुम हमको दे दो तो हम तुम्हें मालामाल कर देंगे।' महाजन बोला, 'क्षमा कीजिए, मैंने भोलू को अपने पुत्र के समान प्यार किया है, इसलिए अब मैं इससे अलग नहीं रह सकता।' थोड़ी देर बाद सोचकर महाराज बोले, 'तो ऐसा करो कि तुम महल में ही इसके महावत बन जाओ। तुम्हारे रहने की व्यवस्था भी महल में ही कर देंगे।' 'तब ठीक है महाराज, मैं भी भोलू के साथ यहाँ पहुँच जाऊँगा।' महाजन ने संतुष्ट होते हुए कहा, 'अगले दिन शाम के समय महाजन भोलू को लेकर महल में पहुँच गया। उस दिन से महाजन भोलू के ऊपर सवारी करने लगे। तब भोलू राजा को भी प्रसन्न रखने का प्रयास करता। एक दिन महाराज भोलू पर बैठकर शिकार करने गये। थोड़ी ही देर बाद उनको हाथियों का एक झुंड दिखाई दिया तब महाराज ने निशाना साधकर तीर चलाया। निशाना अचूक था। तीर सीधा जाकर एक हाथी के लगा और वह हाथी ज़मीन पर गिर पड़ा, तभी भोलू ने देखा कि यह तो हाथियों का वही झुंड था, जिसने उसको छोड़ दिया था। हाथियों ने जब भोलू को देखा तो वे भी उसे पहचान गये। यह देखकर उन्हें बड़ा आश्चर्य हो रहा था कि उस पर एक राजा बैठा है। उसे देखकर झुंड के सभी हाथी सोचने लगे कि वास्तव में गुणवान की कद्र सभी जगह होती है। अपनी अच्छाई और गुणों के कारण ही तो भोलू राजा के महल तक पहुँच सका था। |
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| 18836. |
Purane computer system ko bechne ke liye pamphlet 25 se 50 sabdo me |
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Answer» G Explanation: |
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| 18837. |
Sarojini varadappan in hindi |
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Answer» सरोजिनी वरदप्पन(२१ सितम्बर १९२१ − १७ अक्टूबर २०१३) तमिलनाडु से एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता थी। वो मद्रास राज्य के मुख्यमंत्री एम. भक्तवत्सलम की पुत्री और जयंती नटराजन की बड़ी बहन थी। सरोजिनी को वर्ष 1973 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। उन्हें वर्ष 2004 और 2009 के लिए जानकी देवी बजाज पुरस्कार भी दिया गया था। सरोजिनी को सन २००९ में भारत सरकार द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनका १७ अक्टूबर २०१३ को भारतीय समयानुसार सुबह सात बजकर 50 मिनट पर निधन हो गया।
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| 18838. |
डॉ. भीम राव अमबेडकर से हमे क्या सीख मिलती है |
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Answer» "मानव इतिहास में बेसहारों का सहारा बने और शोषितों की डूबती नईया का किनारा बने भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेकडर जी का जीवन व उनके कार्य मानव को सही दिशा देते हैं। " क्या कभी किसी ने सोचा था कि एक दिन एक ऐसा व्यक्ति भी होगा जो गुलामों को हजारों सालों की बेड़ियों से आजाद करा देगा? कभी किसी ने सोचा था कि वह व्यक्ति कोई उच्च कुलीन वर्ग से नहीं बल्कि अत्यंत शोषित वर्ग से होगा? कभी किसी ने सोचा था कि वह इतने बड़े कार्य को शिक्षा और बुद्धि के बल पर कर लेगा? और क्या कभी किसी ने सोचा था कि वह व्यक्ति अपने जीवन व कार्य से आनेवाली करोड़ों जिंदगियों के जीवन में प्रकाश भर देगा? जी हाँ, वह व्यक्ति है भारत रत्न बाबा साहिब डॉ भीमराव अम्बेडकर। हमारे अपने बाबा साहिब। बाबा का अर्थ है पिता और साहिब का अर्थ है एक आदरणिय और श्रेष्ठ व्यक्ति। डॉ अम्बेडकर ने आनेवाली करोड़ों पीढ़ियों के जीवन में इतना प्रकाश भर दिया कि वह सबके लिए पिता सामान आदरणिय हो गए और उन्हें हम आदर और प्रेम से बाबा साहिब बुलाते हैं। बाबा साहिब की शिक्षा, उनके लेखों और कार्यों के बराबर का कोई दूसरा व्यक्ति विरले ही दुनिया में मिलेगा। उन्होंने वर्षों पहले जो शिक्षा प्राप्त की, आज भी उतनी शिक्षा बहुत कम लोग लेते हैं। उतनी शिक्षा लेने के बाद भी वह कोई नौकरीपेशा या व्यवसायी न बन कर एक ऐसे व्यक्ति बनें जिसने आनेवाली उस पीढ़ी को जिंदगी दी जिनके पुरखें जातिवाद की गुलामी में सदियों से पिस्ते आ रहे थे। बाबा साहिब द्वारा किए गए अनेक कार्य हमें उनकी कार्यशैली और लगन से परिचित करते हैं। उनके कार्य हमें बताते हैं कि कैसे विषम परिस्थितियों और आर्थिक कमी होने पर भी भी बाबा साहिब अपने उद्देश्य में लगे रहे। एक तरफ उन पर अपने परिवार की जिम्मेदारी थी तो दूसरी तरफ शोषित समाज और आर्थिक तंगी दूर करने की समस्याएँ। एक तरफ वह अपने कार्य पूरा कर रहे थी तो दूसरी तरफ अपने कार्यों और परिवार के लिए धन भी एकत्र करते थे। ऐसे में वह किन-किन विषम परिस्थितियों से जूझ कर गुलाम समाज की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे यह हमें उनके जीवन व कार्यों की जानकारी प्राप्त करके पता चलता है। आज हम करोड़ों में है और अपना-अपना परिवार पाल रहे हैं। हम में से शायद ही कोई समाज की तरफ ध्यान देता है। आज हम आर्थिक तरक्की भी कर रहे हैं। परन्तु आज भी कस्बो और गाँवों में जातिगत समस्याएँ ज्यूँ की त्यूं बनी हुई है। शहरों में भी अंतर्जातीय विवाहों में बहुत कठनाई होती है। ऐसे में समाज के प्रत्येक व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने कार्यों के साथ-साथ यह प्राण ले कि वह भारत को जातिमुक्त देश बनाने के लिए एक वैसे ही सैनिक की तरह युद्ध करेगा जैसे कि भारत की सेनाएं विदेशी ताकतों के साथ करती है। सीमा पर हमारा शत्रु विदेशी है पर सीमा के भीतर हमारा शत्रु देसी है। जातिवाद का शत्रु इसी देश की उपज है और उसे इसी देश के भीतर और इसी देश के लोगों द्वारा समाप्त करना होगा। परन्तु हमारे तरीके व साधन शांति प्रिया होने चाहिए। जातिवाद समाप्त करने में हमें भाईचारे का ध्यान रखते हुए यही सोच कर युद्ध करना है कि हमारा यह जातिवाद के विरुद्ध युद्ध भाईचारे और सौहाद्र की स्थापना के लिए ही है न की संघर्ष और हिंसा को आगे बढ़ाने के लिए। इस प्रकार शांतिवादी तरीके से हम तब ही युद्ध कर सकते हैं जब हमने बाबा साहिब के जीवन और कार्यों का अध्यन्न किया हो। जब हमें पता हो कि किस प्रकार बाबा साहिब शांतिवादी तरीके से अपने ज्ञान-बल और अपने बुद्धि-बल से अपने कार्य करते थे। हमें यह भी पता चलना चाहिए कि वह किस प्रकार विषम परिस्थितियों का सामना करते और समस्याएँ हल करते थे। जब हम पहले अच्छे से उनके कार्य व जीवन को जान लेंगे तो हम समाज को नई दिशा देने लायक बन जाएंगे नहीं तो समाज जैसे अंधेरों में भटक रहा है वैसे ही उस बुद्धिहीन, अज्ञान और अकुशल समाज की भाँती भटकते रहेंगे। निम्नन पुस्तके भले ही आपको अधिक मूल्यों की लगे परन्तु इन्हें खरीदनेवाली राशि को आप केवल पुस्तकों के मूल्यों के रूप में न देखे, इस राशि को आप समाज परिवर्तन के कार्यों में इन्वेस्टमेंट के रूप में देखें। आप जब तक नए समाज की स्थापना में इन्वेस्टमेंट नहीं करेंगे तब तक नए समाज की स्थापना नहीं हो पाएगी। कुछ लोगों ने हमसे कहा कि पुस्तकें ई - फॉर्म में इंटरनेट पर डाल दी जाएं। परन्तु ऐसे लोग यह भूल जाते हैं कि यदि ई फॉर्म में भी एक पुस्तक लिखी जाए तो उसके लिए शोधकर्ता, लेखक और कम्प्यूटर एक्सपर्ट के साथ आधुनिक मशीनों की भी आवश्यकता पड़ती है। यह सारे काम व्यक्तियों द्वारा किये जाते हैं जिनके ऊपर अपने अपनी व् अपने परिवार की भी जिम्मेदारी हैं। साथ-ही-साथ हमारे देश में ई पुस्तकें उतनी पढ़ी भी नहीं जाती और अभी भी अधिकांश्तर लोगों के पास कम्यूटर नहीं है और है तो उसे चलाना नहीं आता और यदि यह सब है तो अभी भी बिजली की समस्या इतनी है कि कंप्यूटर पर काम करना अभी दूर की बात रह गयी है। और यदि आपके पास अभी इतनी राशि नहीं है तो पुस्तकों के लिए वैसे ही राशि जमा करें जैसे आप और चीजों के लिए करते हैं। बुद्धि का विकास सबसे महत्वपूर्ण विकास है और फिर है सामाजिक विकास। एक विकसित समाज के व्यक्ति को उतना व्यक्तिगत और पारिवारिक संघर्ष नहीं करना पड़ता जितना एक अविकसित समाज के व्यक्ति को। सो अपनी बुद्धि, अपने समाज और अपनेआप को विकसित बनाने के लिए धनराशि जमा करे और अपना समय पुस्तकों के अध्यन्न में लगाएं। आप आज खुस्किस्मत हैं कि आप तक ज्ञान इतनी सरलता से जा रहा है वरना एक समय था जब बाबा साहिब को स्कूल के भीतर घुसाने भी नहीं दिया जाता था। आज आपके पास अवसर है कि ज्ञान को प्राप्त करने में कंजूसी अथवा संकोच न करें और आगे बढ़ कर एक लीडर की भांति ज्ञान प्राप्त करे और समाज को नई दिशा दें। - जय भीम जय भारत - निखिल सबलानिया |
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| 18839. |
- 'बौधिक' शब्द में मूल शब्द क्या है? |
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Answer» मूल शब्द = बौध। hope it HELPS....☺️☺️☺️ |
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| 18840. |
Tell me the Gender name please? |
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Answer» हाथी - हथिनी बंदर - बंदरिया मोर - मोरनी ऊँट - ऊँटनी शेर - शेरनी |
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| 18841. |
(ड.) सुनार+इन please tell me answer |
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Answer» सुनारिन।। <U>HOPE IT HELPED U!!!!!!! |
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| 18842. |
Mehnat karne wake ko hi nokri milegi is vakya ko mishrit mein badaliye |
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Answer» जो मेहनत करेगा , उसे ही नौकरी मिलेगी। keep smiling keep loving❤❤ |
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| 18843. |
एक परिंदा ऐसा देखा।ताला किनारे रहतामुह से अग्नि उगलता औरपूछे से द्रव को पीता ? |
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Answer» crocodile |
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| 18844. |
Swachata Abhiyan mein aap ki Bhumika Pariyojna Karya in Hindi |
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Answer» . Hume apne aaspas KE paryawaran kk swatch rakhna chahiye . ghar ke utpadit kachro KO sukhe aur drawya me alag karke phekna chahiye . paryawaran ko swachh RAKHNE ke like JYADA se jyada ped lagana chahiye |
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| 18845. |
Britannia company dwara nirmit glucose biscuit par vigyapan |
| Answer» | |
| 18846. |
Book are friend of people why |
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Answer» Explanation: Books are the best friends because they always INSPIRE us to do GREAT things in life and it helps us to overcome our failures. We learn a lot from books just LIKE a good friend. Books can be good or bad, but it is our RESPONSIBILITY to choose them wisely. ... Books will always be there for you in your bad times. Hope It Helps____ |
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| 18847. |
पारिवारिक एलबम तैयार कर किसी एक अवसर का।वर्णन करे | |
| Answer» | |
| 18848. |
Grisma rutu essay writing please tell me |
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Answer» Answer: |
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| 18850. |
Matrubhumi ka svarup kaise sushobith hai |
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Answer» बलिदान से Explanation: मातृभूमि जब अपनी संतानों को हस्ते खेलते हुए प्रगति पथ पे आगे बडंटे देखती है तो स्वतः ही हँसने खिलखिलाने लगती है |
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