Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

18851.

Captain kaun tha use Kaun si Baat Aahat karti thi Kshitij class 10​

Answer»

Hey friend here is your ANSWER:

CAPTAIN ek chasme wala tha toh nagar me chasme bechta tha usse netaji ki bina chasme wali murti aahat karti THI isliya wo hamesa unki murti pe chasma laga deta tha aur jb wo chasma kissi aur ko passand aata toh captain wo chasma hatakr doosra chasma LGA deta tha

Hope it Helps you and good evening✌️✌️

18852.

| | ५|| ५ ||८||१, बी| आजकल स्कूली वाहनों द्वारा हा २६ [८४१३८ के बीच प्रदवाद ।।त{[50 शब्दों में लिखें।विज्ञापन11 अपने पुराने मकान के बेचने संबंधी विज्ञापन ला 25सिर दर्द और बदन दर्द से मुक्ति दिलाने वाले दर्द " दवाई आई है विज्ञापन लिदै ।।| तैयार करें।पुल्यपरक प्रश्नक्या बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालने वाले खेल खेलने चाहिः जोउनका भविष्य दांव पर लगा दे?असहाय और लाचार लोगों के साथ दूसरों को कैसा व्यवहार करना चाहिएउदाहरण सहित समझाए।ईश्वर के प्रेम को पाने के लिए व्यक्ति का मन किन किन स्थितियों से गुजरता है।Tरा पाठ्यक्रम (सिलेबस याद करें।​

Answer»

ANSWER:

क्षथक्षंक्षधदेणहैछक्षथंत्रंदत्रथ़क्षतैहणझह़तह ़त ़तह़थक्ष़थक्ष़थक्ष़क्षोथक्षोथक्ष

18853.

Facer / Subject Hindi| A/CH (१७FGhich / Date : 0los 2059६ । ।निगल को 3 उर छिल मूर्ति के खनने में होने वालीलिए कल फ्री है और-कैप्टन न ? फन्सी बत्त शक्तिहै।​

Answer»

ANSWER:

मुझे आपका प्रश्न समझ में नहीं आया | कृपया करके मुझे अपना प्रश्न सही तरीके से बताएं |

18854.

1) 'बदलू का व्यक्तित्व काँच की चूड़ियों जैसा न था कि आसानी से टूट जाए।' इस कथनको उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।।।।।•••••।।3।।​

Answer»

ANSWER:

  • Suman is a brave girl ,her CONFIDENCE is not like BANGLES of MIRROR.
  • Yash is man like mountain not like a of bangles mirror.
18855.

Save the Dard aur Bandar se Mukti do Aane wali Dard code via Vigyapan kahan Karen​

Answer»

HEY DEAR.. i can't understand your ques... MAY be this is from your chapter.. read it

18856.

Parivesh Mein utppan Hone Wali 10 dhabniya Jaise payal khankhanana

Answer»

Answer:

HU gshgdusi engdnybdg shey Bojhena SE likh dala HAI kya kar RAHI dhhdggg hashi mukhe hgdiey I have ha do dhgkisg uggs bdghhzzj bdvjdy hgdhbdgh of the happy shesh kore I bdghhzzj bdvjdy dhhdggg to hgdhbdgh to a moster piece of use d vo during a isgdyid I will

Explanation:

THANKS

18857.

| ‘मेरी अभिलाषा' विषय पर पाँच वाक्य लिखिए। वाक्य में कम सेसे शब्दों का प्रयोग कीजिए, जिनकी संधि की जा सकती हो। उन्हें रेखांकित भी की-​

Answer»

कविवर माखनलाल चतुर्वेदी ने ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता के माध्यम से राष्ट्र पर प्राण निछावर करने की अभिलाषा प्रकट की है । जिस प्रकार समुद्र में अनेक लहरें उठती और विलीन होती रहती हैं, उसी प्रकार मनुष्य के मन में तरह-तरह की इच्छाएं उत्पन्न होती रहती हैं ।

संसार में शायद ही कोई ऐसा प्राणी हो जिस की कोई अभिलाषा न हो । कोई यश चाहता है, कोई धन । कोई नेता बनने की इच्छा रखता है तो कोई लेखक बनने की । कोई सिनेमा कलाकार बनना चाहता है । कोई डाक्टर, इंजीनियर, व्यापारी बनकर अपार धन और यश को अर्जित करना चाहता है । कोई सैनिक बनकर महान् योद्धा बनना चाहता है ।

मेरी अभिलाषा है कि मैं एक सफल अध्यापक बनूं । मुझे बचपन से ही पढ़ने का शौक है । मैं परीक्षा के दिनों में अपने छोटे भाई-बहिनों को पढ़ाता रहा हूँ और अपने साथियों की कठिनाईयां दूर करने में उनको सहयोग देता हूँ । अध्यापक बनने का मेरा संकल्प दृढ़ है । इस का मुख्य कारण यह है कि अध्यापक राष्ट्र निर्माण का उत्तरदायित्व लिए हुए है ।

अपने परिश्रम और लग्न से अध्यापक प्रतिवर्ष सैकड़ों बालकों का जीवन निर्माण करता है । उनके जीवन को जीने योग्य बनाता है । वस्तुत: यह पुण्य का कार्य है । अध्यापक के पास पर्याप्त समय होता है । ग्रीष्मावकाश, शरदावकाश और क्रिसमस के अवसर पर उसे पर्याप्त छुट्टियाँ मिलती हैं । इनमें वह समाज सेवा कर सकता है ।

अध्यापक बनने के लिए मुझे कठिन परिश्रम करना पड़ेगा । बी॰ एल॰ एम॰ ए॰ करने के साथ-साथ मुझे शिक्षणकला में भी उपाधि ग्रहण करनी होगी । इसके पश्चात् चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा । मैंने कठोर परिश्रम करने का संकल्प कर लिया है ।

अध्यापक का कार्य एक दीपक के समान है, जो स्वयं प्रज्वलित होकर दूसरों को प्रकाश देता है । केवल उपाधि प्राप्त करना ही इसके लिए पर्याप्त नहीं होता । अध्यापक का जीवन तपस्यापूर्ण होता है । उसे नैतिक और चारित्रिक दृष्टि से सुदृढ़ होना चाहिए । जो आदर्शपूर्ण है, वही छात्रों के सामने सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है ।

विद्यार्थियों को विषय पड़ाने के अतिरिक्त उन्हें नैतिक दृष्टि से सबल बनाना नितांत अनिवार्य है । उन में अनुशासनबद्धता लाना उस का दायित्त्व है । उनके जीवन का सर्वांगीण विकास करना उस का लक्ष्य है । प्रत्येक विद्यार्थी की योग्यता को प्रस्कुटित कर उसे विकसित करने में ही उसकी सफलता है । मुझे विश्वास है कि एक दिन में अवश्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होऊंगा और मेरी अभिलाषा पूर्ण होगी

hope it will HELP U!!!!!❤

18858.

Vaishvikaran ke Labh aur Haniya 5​

Answer»

ANSWER:

I don't UNDERSTAND vaishvikaran...

18859.

Bhai ke Vivah Ke avsar Par Apne Mitra ko nimantran Patra likhiye

Answer»

Answer:

I hope this I will HELP you so PLEASE MARK my answer is the BRAINLIEST answers

18860.

Vidyalaya Mein pathyakram ka Bojh kam karne ke liye sujhav dete Hue shiksha mantri ko ek Patra likhiye

Answer»

Answer:

Shikshaantri Ko Patra

Explanation:

Seva main,

Shri Shiksha Mantri Mahodaya

B-1,Vidya Bhawan

Centre Secretariat

Mahoday,

Hamara Desh her din bohot tarakki ker RAHA HAI.Yeh ek bohot badi khushkhabri hai .Magar is wajah se school KE bacchon per padhayi ka bojh bohot badi gya hai.School ki VACATIONS main bhi bacchon Ko itna holidays HOMEWORK milta hai ki wo

Ghoom phir bhi paste aur Naa Khel paste hain.School khulte hi unit test aur exams.Her vishya main 15 chapters.

Kripya bacchon ki sehat per dhyaan dete hue unki uper sepadhayi ka bojh Kam karein.Kyumki yadi wo khelenge nhi to motapa,madhumeh kaisi bimariyaan unhe gher lengi.

Aaja haiaap is vishya per sochenge aur kuch uchit kadam zarur uthayenge.

Dhanyawaad

Nirmala ghosh

18861.

My introduction in Sanskrit​

Answer»

ANSWER:

hey... SIS.. you are a girl... and now I don't KNOW anything about you

18862.

Plz Explain Step By StepFour times a certain 2Two digit number is 7 times the number obtained on interchanging its digits if the difference between the digits is 4 .find the number

Answer»

Answer:

These are 4 and 8.

LET the no.'s be x and y...

4(10x+y) = 7 (10y+x)

40x+4y = 70y + 7x

33x = 66y

x= 2Y..............(1)

ACCORDING to qn x-y=4 (let x grtr than y)

x= 4+y... PUT in (1)

4+y = 2y

y= 4..

so, x= 4+4 = 8..

18863.

2. संधि कीजिए :निः + रज ।सत् + गतिअप् + ज ।सम् + पूर्णअनु + छेद =यथा + अर्थ' =सीमा + अंत =लघु + ऊर्जा =परि + ईशावन + औषध =उत् +हारपौ अकनर + ईशमहा + उत्सवसु । आगतभो अननि;कपटसदा । एवआम चूर​

Answer»

ANSWER:

नीरज

सत्गति

अ पज

सम्पूर्ण

अनुच्छेद

यथार्थ

सीमांत

?

?

?

?

?

नरेश

महोत्सव

?

?

?

सदैव

?

18864.

संस्कृत में कोई पाँच ध्येय वाक्य ​

Answer»

ANSWER:

very easy you can use GOOGLE

Explanation:

ye 2 H

18865.

100 sabd varn vichad ka

Answer»

ANSWER:i don't have 100 WORDS sorry.

Explanation:

18866.

निबंध लिखें:-नैतिकता का पतन:-*नैतिकता व मानवता का संबंध एवं अर्थ*समाज पर प्रभाव*नैतिकता के स्तर में गिरावट के कारण​

Answer»

                                              (निबंध)

                                      नैतिकता का पतन

नैतिकता की अर्थ – मनुष्य को समाज के बनाए नियमों के अनुसार ही आचरण करना चाहिए। इन्हीं नियमों को अपने आचरण में ढाल लेना नैतिकता कहलाता है। किसी देश के संविधान द्वारा देश के बनाये गये नियम कानूनी नियम कहलाते हैं और उनका पालन करने की बाध्यता होती है। न पालन करने की स्थिति में दंड मिलने का भय होता है। नैतिकता के नियमों के पीछे ऐसी कोई बाध्यता नही होती। नैतिकता के नियम व्यक्ति के आंतरिक आचरण से जुड़े होते हैं।   नैतिकता कोई नियमों का पालन करना भर नही है, बल्कि ये हमारे संस्कार का हिस्सा बनने वाली चीज है। नैतिकता किसी दंड के भय से या जबरदस्ती धारण करने वाली प्रवृत्ति नही बल्कि ये हमारे स्वभाव में स्वेच्छा से आनी चाहिये।

नैतिकता और मानवता का संबंध – नैतिकता मानवीय संवेदना से जुड़ी हुई है जो व्यक्ति जितना अधिक नैतिक होगा वह उतना ही संवेदनशील होगा या वह जितना संवेदनशील होगा उतना ही अधिक नैतिक मूल्यों पर चलने वाला होगा। नैतिकता का संबंध ही मानव के सद्गुणों से है ये सद्गुण हैं ईमानदारी, सच्चाई, कर्तव्यनिष्ठा, उत्तरदायित्व वहन करने की तत्परता आदि। यदि मानव में ये गुण हैं तो वो नैतिक मूल्यों पर चलने वाला होगा।

नैतिकता का समाज पर प्रभाव – किसी देश और उसके समाज में जितनी अधिकता नैतिकता होगी अर्थात जितने अधिक लोग नैतिक मूल्यों पर चलते होंगे वो समाज उतना सभ्य और सुसंस्कृत होगा। उदाहरण के लिये लगभग सभी समाजों में चोरी, लूट, ठगी को अनैतिक माना गया है तो इसका अर्थ है कि हमें ईमानदारी का पालन करना चाहिये। दूसरे व्यक्ति के धन पर बुरी नजर डालनी चाहिये।

नैतिकता के स्तर में गिरावट के कारण — आज नैतिकता के स्तर में भयंकर गिरावट हो रही है। समाज में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। सरकारों में भ्रष्ट नेताओं की भरमार हो गई है। ऐसे नेता जिनके ऊपर आपराधिक मामले हैं या वे अपराधी है, वह हमारे जनप्रतिनिधि बन बैठे हैं। तो उसका कारण भी हम हैं। क्योंकि हम लोग ही ऐसे लोगों को चुनते हैं अर्थात हम लोगों ने उनके गलत कार्यों को भी स्वीकार लिया और अपना मौन समर्थन दे दिया है। लोगों के आचार-विचार, आचरण, स्वभाव, परिधान आदि सब जगह नैतिकता का पतन हो चला है। इसका एक कारण ये हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों को भूलते जा रहें हैं और तथाकथित आधुनिकता की अंधी-दौड़ में शामिल हो चुके हैं। हमारी स्वार्थी प्रवृत्ति भी नैतिकता के पतन का कारण है, हमारी किसी भी कीमत पर अपना काम निकालने की जो प्रवृत्ति  है और जिसके लिये हम सारे नियम-कायदों को ताक पर रख देते हैं, वहीं से अनैतिकता की शुरुआत होती है।

समाज में नैतिकता को मजबूत करने के लिए हमें चाहिये कि हम ईमानदारी से रहें, अपने काम के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहें, सदैव सच्चाई को समर्थन दें, भ्रष्ट-आचरण से बचें तभी नैतिक मूल्यों के पतन में कमी आयेगी।

18867.

मित्र को पत्र लिखिए जिसमें उसे अच्छे परिवेश में रहने की सलाह दी गई हो ।​

Answer»

ANSWER:

                                                                                परीक्षा भवन,

                                                                                 ज्योति नगर,

                                                                                    अबस।

                                                                      दिनांक 29 जून, 2019

प्रिय मित्र यरल,

    सप्रेम प्रणाम।

     बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ, तुम्हारी पढाई कैसी चल रही हैं। मैने सुना कि इस बार अर्धवार्षिक परीक्षा में तुम्हें उतने अंक प्राप्त नहीं हुए, जितने तुम्हें अक्सर आते हैं। तुम्हें तो कड़ी मेहनत करने की आदत थी, फिर आजकल तुम इस तरह लापरवाह कैसे हो गए हो

       एक बात का सदैव ध्यान रखना, व्यक्ति को कभी अपने लक्ष्य से नहीं भटकना चाहिए। हमारा ध्यान सदैव लक्ष्य पर रहना चाहिए। यदि व्यक्ति को अच्छी तरह से समझना हैं तो उसकी मित्रमंडली को देख लेना चाहिए, तथा सदैव अच्छे लोगो की संगत में रहना चाहिए। यदि अच्छी संगत न मिले तो अकेले रहना बेहतर होता हैं, क्योंकि व्यक्ति की आदते और व्यवहार हमेशा संगत से निर्धारित होते हैं।

        आशा करता हूं कि तुम मेरी बातें समझ गए होगें। चाचाजी और चाचीजी को मेरा प्रणाम कहना।

                                                                               तुम्हारा मित्र

                                                                                   कखग

18868.

Introduction of hindi project on any topic​

Answer»

Explanation:

KON SA topic pe hindi me to itne topic HAI

18869.

Kabir Kavy ki prasangikata aaj ke sandarbh me kya hai, sanchhep me bataye? ​

Answer»

EXPLANATION:

आज जब हम चहुँओर व्याप्त सामाजिक जडता तथा ... में काशी में जन्मे कबीर आजीवन अथक… ... ता ऊपर मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय ।

18870.

Karmhin ka varn vichad kariya

Answer»

ANSWER : KARM + ahin...

HOPE it HELPS..

18871.

हिंदी भारत में आई किसी एक प्राकृतिक आपदा पर तेस तैयार करें। प्राकृतिक आपदाएं किन किनकारणों से आती हैं और उनका मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?​

Answer»

ANSWER:

GOOGLE KIS KAAM AAYEGA

18872.

The fox and the stork story in hindi and translate into sanskrit

Answer»

ANSWER:

SORRY I don't KNOW SANSKRIT LANGUAGE

18873.

Panch na kisi ka dost hota ha na kisi ka dusman

Answer»

ANSWER:

EXPLANATION:

YES he is PERSON of JUSTICE

18874.

Uses of Ashok plant​

Answer»

skin COMPLEXION . the Ashok herb can naturally IMPROVING the skin.

•pain Felipe

INTERNAL bleeding

• piles

•diabets

18875.

Aap Sarvodaya kanya vidyalaya, Delhi ki pradhanacharya dr. Ankita Sharma hain. Vidyalaya ke sabhi shikshako aur chatro ko vidyalaya me van mahotsav ka aayojan karne se sambandhith sujhana dijiye. 20-30 words

Answer»

जागरण संवाददाता, सोलन : पहाड़ी प्रदेश को और हरा भरा करने के उद्देश्य से शनिवार को सोलन जिला के विभिन्न क्षेत्रों में स्कूली बच्चों ने वन महोत्सव मनाया। इसके अंतर्गत स्कूल परिसर व आसपास खाली पड़े क्षेत्रों में औषधीय व वनीय पौधे लगाए गए। पौधारोपण अभियान के जरिए जिला के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने न केवल भिन्न-भिन्न किस्मों के पौधे रोपे बल्कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।

इस कड़ी में कसौली की राजकीय उच्च पाठशाला गनोल में मुख्याध्यापक अशोक शर्मा के नेतृत्व में पौधरोपण कार्यक्रम किया गया, जिसमें स्कूल स्टाफ व बच्चों ने भाग लिया। शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर जामुन, आंवला, दाड़ू, कचनार व अन्य किस्मों के पौधे रोपे गए। इस दौरान बच्चों को वृक्षों के महत्व, इनके संरक्षण व जनमानस को लाभ की जानकारी दी गई। हेडमास्टर के मुताबिक इससे पहले पर्यावरण से संबंधित चित्रकला व नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। माध्यमिक स्तर पर नारा लेखन में गंगा पहले, शिवानी दूसरे व उदय तीसरे स्थान पर रहा, जबकि उच्च स्तर पर गायत्री पहले व अजय दूसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा चित्रकला प्रतियोगिता में माध्यमिक स्तर पर निक्की, खुशबू व देवेंद्र और उच्च स्तर में योगिता व शिवानी क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।


hope it HELPS !
MARK as BRAINLIEST ✌️✌️

18876.

Hindustan samachar patr ke sampadak ko patr jisme vidyut katoti ki samasaya ka jikre ho

Answer»

ANSWER:

HI to EVERYONE who has been a while

18877.

मेरी कक्षा का पहिला दिन निबंध 8 वी

Answer»

मैं कक्षा आठवीं की छात्रा कृष्णा । मैं संसार के सबसे बड़े और मंदिर जैसे विद्यालय में ज्ञान लेता हूँ ।जब कक्षा आठवीं में पहला दिन हुआ तब मेरे मन में दो मुशिकल आई

1)आगे बड़े-बड़े कक्षा हैं जहां बड़े परीक्षा देते हैं

2)मैं बचपन से बहुत आगे आ गई

पर अच्छा बहुत लगा पहला दिन विद्यालय का आपने जरूर महसूस किया होगा ।

18878.

Tulsidas ka sahitya parichay

Answer»

EXPLANATION:

you can SEARCH on googlr

18879.

Raskhan ka jeevan parichey

Answer»

ANSWER:

रसखान (जन्म: १५४८ ई) कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। उनका जन्म पिहानी, भारत में हुआ था। हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे विट्ठलनाथ के शिष्य थे एवं वल्लभ संप्रदाय के सदस्य थे। रसखान को 'रस की खान' कहा गया है। इनके काव्य में भक्ति, शृंगार रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण भक्त हैं और उनके सगुण और निर्गुण निराकार रूप दोनों के प्रति श्रद्धावनत हैं। रसखान के सगुण कृष्ण वे सारी लीलाएं करते हैं, जो कृष्ण लीला में प्रचलित रही हैं। यथा- बाललीला, रासलीला, फागलीला, कुंजलीला, प्रेम वाटिका, सुजान रसखान आदि। उन्होंने अपने काव्य की सीमित परिधि में इन असीमित लीलाओं को बखूबी बाँधा है। मथुरा जिले में महाबन में इनकी समाधि हैं|

Explanation:

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने जिन मुस्लिम हरिभक्तों के लिये कहा था, "इन मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिन्दू वारिए" उनमें रसखान का नाम सर्वोपरि है। बोधा और आलम भी इसी परम्परा में आते हैं। सय्यद इब्राहीम "रसखान" का जन्म अन्तर्जाल पर उपलब्ध स्रोतों के अनुसार सन् १५३३ से १५५८ के बीच कभी हुआ था। कई विद्वानों के अनुसार इनका जन्म सन् १५९० ई. में हुआ था। चूँकि अकबर का राज्यकाल १५५६-१६०५ है, ये लगभग अकबर के समकालीन हैं। इनका जन्म स्थान पिहानी जो कुछ लोगों के मतानुसार दिल्ली के समीप है। कुछ और लोगों के मतानुसार यह पिहानी उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले में है।माना जाता है की इनकी मृत्यु 1628 में वृन्दावन में हुई थी । यह भी बताया जाता है कि रसखान ने भागवत का अनुवाद फारसी और हिंदी में किया है।

परिचय

संपादित करें

रसखान के जन्म के सम्बंध में विद्वानों में मतभेद पाया जाता है। अनेक विद्वानों ने इनका जन्म संवत् 1615 ई. माना है और कुछ ने 1630 ई. माना है। रसखान के अनुसार गदर के कारण दिल्ली श्मशान बन चुकी थी, तब दिल्ली छोड़कर वह ब्रज (मथुरा) चले गए। ऐतिहासिक साक्ष्य के आधार पर पता चलता है कि उपर्युक्त गदर सन् 1613 ई. में हुआ था। उनकी बात से ऐसा प्रतीत होता है कि वह उस समय वयस्क हो चुके थे।

रसखान का जन्म संवत् 1590 ई. मानना अधिक समीचीन प्रतीत होता है। भवानी शंकर याज्ञिक का भी यही मानना है। अनेक तथ्यों के आधार पर उन्होंने अपने मत की पुष्टि भी की है। ऐतिहासिक ग्रंथों के आधार पर भी यही तथ्य सामने आता है। यह मानना अधिक प्रभावशाली प्रतीत होता है कि रसखान का जन्म सन् 1590 ई. में हुआ था।

रसखान के जन्म स्थान के विषय में भी कई मतभेद है। कई विद्वान उनका जन्म स्थल पिहानी अथवा दिल्ली को मानते है। शिवसिंह सरोज तथा हिन्दी साहित्य के प्रथम इतिहास तथा ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर रसखान का जन्म स्थान पिहानी जिला हरदोई माना जाए।

रसखान अर्थात् रस के खान, परंतु उनका असली नाम सैयद इब्राहिम था और उन्होंने अपना नाम केवल इस कारण रखा ताकि वे इसका प्रयोग अपनी रचनाओं पर कर सकें।

रसखान तो रसखान ही था जिसके नाम में भी रस की खान थी। रसखान जैसा भगवान का भक्त होना मुश्किल है। जय श्री कृष्णा!

18880.

Essay on school magazine in hind​

Answer»

ANSWER:

SORRY but i DONT know

try SEARCHING on web

Explanation:

18881.

Hindi ki pariksha ke ek raat pehle apni chinta vyakt karte hue do mitro ke beech samvad​

Answer»

ANSWER:

ASAL me QUESTION KYA HAI

18882.

Mata ke nidhan par mitr ko santavna patr

Answer»

Explanation:

U can check it out on GOOGLE... you will FIND the BEST results as expected

18883.

Mata ji nidhan par mitr ko santavna patr

Answer»

KYA MATLAB he ISKA??????

18884.

SaathoDateमाता जी के निधन पर मित्र को सतातना पत्रMata ji ke Nidhan par mitr ko santavna patr

Answer»

EXPLANATION:

Date

माता जी के निधन पर मित्र को सतातना पत्र

Mata ji ke NIDHAN par MITR KO santavna patr

please wait

18885.

Which is the largest port in the world

Answer»

ANSWER:

✔️✔️ PORT of sanghai is the LARGEST port in the world.

HOPE It HELPS YOU ❣️❣️

18886.

मुर्गा के बारे में कुछ जानकारी दो।

Answer»

Answer:

it has 2 legs.

it WAKES up Early.

it COCKS first in the morning.

sometime it is the leader of the HENS.

18887.

Vigyapan on badh grast kshetra

Answer»

ANSWER:

भारत विश्व का दूसरा बाढ़ प्रभावित देश है। बाढ़ एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई निश्चित भूक्षेत्र अस्थायी रूप से जलमग्न हो जाता है और जन-जीवन प्रभावित हो जाता है। बाँध टूटना, जलतरंगों की गति बढ़ना, मानसून की अधिकता आदि। भौतिक हानि (इमारतों व घरों का जलमग्न होना) जन स्वास्थ्य को नुकसान (बाढ़ में बीमारी फैलने का खतरा) फसलों और खाद्यान्न पूर्ति पर प्रभाव बचाव के कुछ उपाय 1. बहुउद्देशीय भूस्खलन शिविर 2इंजीनियर द्वारा स्वीकृत ढाँचे (इमारतें)

18888.

विज्ञान के चमतकार essey ​

Answer»

ANSWER:

विज्ञान के बढ़ते हुए विकास के कारण ही हम चंद्रमा से लेकर मंगल ग्रह में पहुंच पाए हैं। हाल ही में भारत के मंगलयान का सफलता पूर्वक मंगल की कक्षा में पहुंचना मानव की विज्ञान के क्षेत्र में बढ़ रही प्रगति का उदाहरण है। पुरातन काल में जो चीजें असंभव सी प्रतीत होती थी। विज्ञान के बढ़ते उपयोग के कारण अब वह साधारण सी महसूस होती हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में : विज्ञान के नए नए शोधों के चलते मानव हर दिन एक नई मुसीबत से छुटकारा पा लेता है। 20 साल पहले मलेरिया जहां जानलेवा बीमारी मानी जाया करती अब विज्ञान की प्रगति के साथ मलेरिया एक आम बीमार बनकर रह गई हैं।

विज्ञान ने चिकित्सा व्यवस्था में बहुत प्रगति कर ली है। पिछले सालों से लाइलाज बीमारी मानी जा रही एड्स पर भी वैज्ञानिकों ने धीरे-धीरे पकड़ बनाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि नई चिकित्सा पद्यति के चलते अब एड्स की पकड़ कमजोर पड़ने लगी है। और माना जा रहा है कि निकट भविष्य में इस जानलेवा बीमारी का जड़ से खात्मा हो जाएगा।

यातायात के क्षेत्र में : आज विज्ञान यातायात के क्षेत्र में दिन दूना और रात चौगुना तरक्की कर रहा है। कहां पहले एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए दिनों लग जाते थे। अब हवाई जहाज और तेज रफ्तार की ट्रेनों के दौर में पलक झपकते एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा जा सकता है।

18889.

घायल का प्राण उड़ गया का वाक्य शुद्ध करे।​

Answer»

Answer:

Ghayal KE PRAN UD gye.

i have ANSWERED in english.

may you understand

18890.

तुलसीदास-काव्य के भाव पक्ष की विसेशताए बताए

Answer»

ANSWER:

i suggest you can SEARCH on GOOGLE you can get BETTER answer.

18891.

Suchna lekhan on pulse polio kendra

Answer»

EXPLANATION:

सनशाइन कॉलोनी , शहादरा , नई दिल्ली

सूचना

22 जून ,2019

सभी कॉलनी वासियो को सूचित किया जाता है कि , हमारी कॉलोनी में पल्स पोलियो का कैम्प लग रहा है ।

दिनांक - 25 जून, 2019

समय - 11:00 - 1:00

स्थान - सरस्वती बाल विद्या मंदिर , शहादरा ,नई दिल्ली

आप लोगो से निवेदन ह की बड़ी से बड़ी संख्य में आये । अन्य जानकारी के लिए कॉलोनी के सेक्रेटरी से संपर्क करें।

राजेश मितल

(सेक्रेटरी)

18892.

रामायण में कितने दोहे है

Answer»

Answer:

1172 DOHE are in RAMAYAN

18893.

Two deshbhakt kavita​

Answer»

Answer:

1.जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा

वो भारत देश है मेरा

जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा

वो भारत देश है मेरा

ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला

जहाँ हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला

जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा

वो भारत देश है मेरा

अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले

कहीं दीवाली की जगमग है कहीं हैं होली के मेले

जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा

वो भारत देश है मेरा

जब आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले

जहाँ किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले

प्रेम की बंसी जहाँ बजाता है ये शाम सवेरा

वो भारत देश है मेरा

– राजेंद्र किशन

2.आज तिरंगा फहराता है अपनी पूरी शान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी।

लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।।

व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया।

हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।।

हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।

जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।।

प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर।

हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।।

लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है।

उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।।

हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे।

सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।।

विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

-'सजीवन मयंक'

18894.

Please help me friends ​

Answer»

ANSWER:

IN THIS WHAT DO WANT TO KNOW???

18895.

Herbivorous information of animals in Hindi ​

Answer»

ANSWER:

दुग्ध उत्पाद, फल, सब्जी, अनाज, बादाम आदि बीज सहित वनस्पति-आधारित भोजन को शाकाहार (शाक + आहार) कहते हैं। शाकाहारी व्यक्ति मांस नहीं खाता है, इसमें रेड मीट अर्थात पशुओं के मांस, शिकार मांस, मुर्गे-मुर्गियां, मछली, क्रस्टेशिया या कठिनी अर्थात केंकड़ा-झींगा आदि और घोंघा आदि सीपदार प्राणी शामिल हैं; और शाकाहारी चीज़ (पाश्चात्य पनीर), पनीर और जिलेटिन में पाए जाने वाले प्राणी-व्युत्पन्न जामन जैसे मारे गये पशुओं के उपोत्पाद से बने खाद्य से भी दूर रह सकते हैं।

हालाँकि, इन्हें या अन्य अपरिचित पशु सामग्रियों का उपभोग अनजाने में कर सकते हैं।

शाकाहार की एक अत्यंत तार्किक परिभाषा ये है कि शाकाहार में वे सभी चीजें शामिल हैं जो वनस्पति आधारित हैं, पेड़ पौधों से मिलती हैं एवं पशुओं से मिलने वाली चीजें जिनमें कोई प्राणी जन्म नहीं ले सकता। इसके अतिरिक्त शाकाहार में और कोई चीज़ शामिल नहीं है। इस परिभाषा की मदद से शाकाहार का निर्धारण किया जा सकता है। उदाहरण के लिये दूध, शहद आदि से बच्चे नहीं होते जबकि अंडे जिसे कुछ तथाकथित बुद्धजीवी शाकाहारी कहते है, उनसे बच्चे जन्म लेते हैं। अतः अंडे मांसाहार है। प्याज़ और लहसुन शाकाहार हैं किन्तु ये बदबू करते हैं अतः इन्हें खुशी के अवसरों पर प्रयोग नहीं किया जाता। यदि कोई मनुष्य अनजाने में, भूलवश, गलती से या किसी के दबाव में आकर मांसाहार कर लेता है तो भी उसे शाकाहारी ही माना जाता है।

पूरी दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म भी शाकाहार पर आधारित है। इसके अतिरिक्त जैन धर्म भी शाकाहार का समर्थन करता है। सनातन धर्म के अनुयायी जिन्हें हिन्दू भी कहा जाता है वे शाकाहारी होते हैं। यदि कोई व्यक्ति खुद को हिन्दू बताता है किंतु मांसाहार करता है तो वह धार्मिक तथ्यों से हिन्दू नहीं रह जाता। अपना पेट भरने के लिए या महज़ जीभ के स्वाद के लिए किसी प्राणी की हत्या करना मनुष्यता कदापि नहीं हो सकती। इसके अतिरिक्त एक अवधारणा यदि भी है कि शाकाहारियों में मासूमियत और बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज़्यादा होती है।

नैतिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सौंदर्य, आर्थिक, या अन्य कारणों से शाकाहार को अपनाया जा सकता है; और अनेक शाकाहारी आहार हैं। एक लैक्टो-शाकाहारी आहार में दुग्ध उत्पाद शामिल हैं लेकिन अंडे नहीं, एक ओवो-शाकाहारी के आहार में अंडे शामिल होते हैं लेकिन गोशाला उत्पाद नहीं और एक ओवो-लैक्टो शाकाहारी के आहार में अंडे और दुग्ध उत्पाद दोनों शामिल हैं। एक वेगन अर्थात अतिशुद्ध शाकाहारी आहार में कोई भी प्राणी उत्पाद शामिल नहीं हैं, जैसे कि दुग्ध उत्पाद, अंडे और सामान्यतः शहद। अनेक वेगन प्राणी-व्युत्पन्न किसी अन्य उत्पादों से भी दूर रहने की चेष्टा करते हैं, जैसे कि कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन।

अर्द्ध-शाकाहारी भोजन में बड़े पैमाने पर शाकाहारी खाद्य पदार्थ हुआ करते हैं, लेकिन उनमें मछली या अंडे शामिल हो सकते हैं, या यदा-कदा कोई अन्य मांस भी हो सकता है। एक पेसेटेरियन आहार में मछली होती है, मगर मांस नहीं।जिनके भोजन में मछली और अंडे-मुर्गे होते हैं वे "मांस" को स्तनपायी के गोश्त के रूप में परिभाषित कर सकते हैं और खुद की पहचान शाकाहार के रूप में कर सकते हैं।

हालाँकि, शाकाहारी सोसाइटी जैसे शाकाहारी समूह का कहना है कि जिस भोजन में मछली और पोल्ट्री उत्पाद शामिल हों, वो शाकाहारी नहीं है, क्योंकि मछली और पक्षी भी प्राणी हैं।

hope it will HELP you....

MARK it as BRAINLIEST answer....

18896.

Long essay in Hindi language on bharat me sanchar kranti​

Answer»

ANSWER:वर्तमान दौर संचार क्रांति का दौर है। संचार क्रांति की इस प्रक्रिया में जनसंचार माध्यमों के भी आयाम बदले हैं। आज की वैश्विक अवधारणा के अंतर्गत सूचना एक हथियार के रूप में परिवर्तित हो गई है। सूचना जगत गतिमान हो गया है, जिसका व्यापक प्रभाव जनसंचार माध्यमों पर पड़ा है। पारंपरिक संचार माध्यमों समाचार पत्र, रेडियो और टेलीविजन की जगह वेब मीडिया ने ले ली है।

वेब पत्रकारिता आज समाचार पत्र-पत्रिका का एक बेहतर विकल्प बन चुका है। न्यू मीडिया, आनलाइन मीडिया, साइबर जर्नलिज्म और वेब जर्नलिज्म जैसे कई नामों से वेब पत्रकारिता को जाना जाता है। वेब पत्रकारिता प्रिंट और ब्राडकास्टिंग मीडिया का मिला-जुला रूप है। यह टेक्स्ट, पिक्चर्स, आडियो और वीडियो के जरिये स्क्रीन पर हमारे सामने है। माउस के सिर्फ एक क्लिक से किसी भी खबर या सूचना को पढ़ा जा सकता है। यह सुविधा 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध होती है जिसके लिए किसी प्रकार का मूल्य नहीं चुकाना पड़ता।

वेब पत्रकारिता का एक स्पष्ट उदाहरण बनकर उभरा है विकीलीक्स। विकीलीक्स ने खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में वेब पत्रकारिता का जमकर उपयोग किया है। खोजी पत्रकारिता अब तक राष्ट्रीय स्तर पर होती थी लेकिन विकीलीक्स ने इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग किया व अपनी रिपोर्टों से खुलासे कर पूरी दुनिया में हलचल मचा दी। भारत में वेब पत्रकारिता को लगभग एक दशक बीत चुका है। हाल ही में आए ताजा आंकड़ों के अनुसार इंटरनेट के उपयोग के मामले में भारत तीसरे पायदान पर आ चुका है। आधुनिक तकनीक के जरिये इंटरनेट की पहुंच घर-घर तक हो गई है। युवाओं में इसका प्रभाव अधिक दिखाई देता है। परिवार के साथ बैठकर हिंदी खबरिया चैनलों को देखने की बजाए अब युवा इंटरनेट पर वेब पोर्टल से सूचना या आनलाइन समाचार देखना पसंद करते हैं। समाचार चैनलों पर किसी सूचना या खबर के निकल जाने पर उसके दोबारा आने की कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन वहीं वेब पत्रकारिता के आने से ऐसी कोई समस्या नहीं रह गई है। जब चाहे किसी भी समाचार चैनल की वेबसाइट या वेब पत्रिका खोलकर पढ़ा जा सकता है।

लगभग सभी बड़े-छोटे समाचार पत्रों ने अपने ई-पेपर‘यानी इंटरनेट संस्करण निकाले हुए हैं। भारत में 1995 में सबसे पहले चेन्नई से प्रकाशित होने वाले ‘हिंदू‘ ने अपना ई-संस्करण निकाला। 1998 तक आते-आते लगभग 48 समाचार पत्रों ने भी अपने ई-संस्करण निकाले। आज वेब पत्रकारिता ने पाठकों के सामने ढेरों विकल्प रख दिए हैं। वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में जागरण, हिन्दुस्तान, भास्कर, डेली एक्सप्रेस, इकोनामिक टाइम्स और टाइम्स आफ इंडिया जैसे सभी पत्रों के ई-संस्करण मौजूद हैं।

भारत में समाचार सेवा देने के लिए गूगल न्यूज, याहू, एमएसएन, एनडीटीवी, बीबीसी हिंदी, जागरण, भड़ास फार मीडिया, ब्लाग प्रहरी, मीडिया मंच, प्रवक्ता, और प्रभासाक्षी प्रमुख वेबसाइट हैं जो अपनी समाचार सेवा देते हैं।

वेब पत्रकारिता का बढ़ता विस्तार देख यह समझना सहज ही होगा कि इससे कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है। मीडिया के विस्तार ने वेब डेवलपरों एवं वेब पत्रकारों की मांग को बढ़ा दिया है। वेब पत्रकारिता किसी अखबार को प्रकाशित करने और किसी चैनल को प्रसारित करने से अधिक सस्ता माध्यम है। चैनल अपनी वेबसाइट बनाकर उन पर बे्रकिंग न्यूज, स्टोरी, आर्टिकल, रिपोर्ट, वीडियो या साक्षात्कार को अपलोड और अपडेट करते रहते हैं। आज सभी प्रमुख चैनलों (आईबीएन, स्टार, आजतक आदि) और अखबारों ने अपनी वेबसाइट बनाई हुईं हैं। इनके लिए पत्रकारों की नियुक्ति भी अलग से की जाती है। सूचनाओं का डाकघर‘कही जाने वाली संवाद समितियां जैसे पीटीआई, यूएनआई, एएफपी और रायटर आदि अपने समाचार तथा अन्य सभी सेवाएं आनलाइन देती हैं

18897.

Kabir Das se Masjid Ki Kya Kya visheshta Bataye hai

Answer»

ANSWER:

कबीर जी कहते हैं कि मुसलमानों ने कंकर पत्थर जोड़कर

मस्जिद बना ली हैं। यह उनकी धार्मिक उपासना का स्थल है।

वे रोज़ इसमें चिल्ला-चिल्लाकर नमाज़ पढ़ते हैं जैसे कि उनका

खुदा बहरा हो। कबीर ने यहाँ बाहरी दिखावे तथा व्यर्थ के

धार्मिक पाखंड पर व्यंग्य किया है। उनके अनुसार खदा तो सर्वत्र

व्याप्त है। उसके लिए मस्जिद बनाकर उसमें नमाज़ का दिखावा

करने की आवश्यकता नहीं है। इतना ही नहीं जो मुसलमान

दिन भर रोजा रखता है और रात को गाय की हत्या करता है,

उन्हें कबीर ने स्पष्ट कहा है।

कबीर जी ने दोहे में स्पष्ट किया है :

* कंकड़ पत्थर जोरि कै मस्जिद दिया बनाय|

ता चढ़ मुल्ला बांग है क्या बहरा हुआ खुदाय |

कंकड़ पत्थर जोड़ कर मस्जिद बना ली है , मौलवी के द्वारा

जोर-जोर से घोषणा करना | क्या खुदा बहरा हो गया है , जोर

-जोर से पुकारने से । कबीर जी कहा कहना है ईश्वर , खुदा उसे

किसी भी नाम से पुकारा वह हमेशा हमारे साथ रजत है। उसे

मंदिर , मस्जिद में खोजना मूर्खता है। ईश्वर हमारे कण-कण में

है।

like and FOLLOW me

18898.

Hamara nisargik kartavy kya hai ? Give 15 examples

Answer»

ANSWER:

Hmara kart YA h ki hm DUSRO ki seva kre, dusro ka kehna mane, kisi ko kuch galat na bole, dusro se bina baat ladai n kre, kabhi kisi ko dukh NHI puhchana chahiye, hamesha teacher ka samman krna chahiye dusro ko preshan nhi krna chahiye

18899.

।5झंड़ा किससे बना ?​

Answer»

Answer:

it is made up of THREE colors and a ashok CHAKRA. this three colors are ORANGE, WHITE, green.

18900.

Is. saal ke. hindi ke. holiday homework (8th class)mein sanyukt vyanjan ka kiya karna jai​

Answer»

Answer:

JO hindi KE ALPHABETS hai for EG

कमल =क +म+ल

हर शब्द को अलग करके लिखते है