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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

शेरशाह की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में आप क्या जानते हैं?

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शेरशाह की प्रशासनिक व्यवस्था काफी चुस्त थी। शेरशाह ने सैनिक शक्ति बढ़ाने के लिए अपनी सेना का गठन किया। अधिकारियों को नियमित रूप से वेतन दिया जाता था। कोई भी व्यक्ति सीधा शेरशाह से मिल सकता था। उसने प्रशासन को चुस्त रखने के लिए चार स्तरों में बाँटा था ताकि प्रशासन ठीक से अपना काम कर सके।

2.

प्रजा की भलाई के लिए शेरशाह ने क्या किया?

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प्रजा की भलाई के लिए शेरशाह ने निम्नलिखित कार्य किया-

  1. उसने पेशावर (पंजाब) से सोनार गाँव (बंगाल) से जोड़ने वाली सड़क बनवाई, जिसे ग्रांडे-ट्रंक रोड (जी०टी० रोड) कहते हैं, जिससे यातायात एवं संचार व्यवस्था में तेजी आई।
  2. उसने जौनपुर तथा बुरहानपुर को दिल्ली से जोड़ दिया इससे व्यापार का मार्ग आसान हो गया।
  3. उसने सड़क के दोनों ओर वृक्ष लगवाए, जनता के विश्राम के लिए सराय बनवाई और पानी पीने के लिए कुएँ खुदवाए।
  4. उसने शिक्षा के प्रसार के लिए कई मखतब एवं मदरसे खुलवाए।
  5. उसने दिल्ली में किले (पुराना किला) का निर्माण करवाया।
3.

निम्नलिखित के बारे में नीचे दिए गए स्थान में एक वाक्य में लिखिए-(क) चौसा का युद्ध (ख) शेर-ए-मंडल(ग) सासाराम

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(क) चौसा का युद्ध – सन् 1539 में हुमायूँ की चौसा नामक स्थान में शेरशाह से हार हुई तथा उसने बड़ी मुश्किल से भागकर अपनी जान बचाई।
(ख) शेर-ए-मंडल – यह शेरशाह द्वारा दिल्ली के पुराने किले में बनवाया गया।
(ग) सासाराम – सासाराम में शेरशाह का मकबरा स्थापत्य कला का सुन्दर नमूना है।

4.

शेरशाह द्वारा किये गए राजस्व सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए।

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शेरशाह ने राजस्व सम्बन्धी निम्न सुधार किए।

  1. उसने भूमि की विविधता के आधार पर अलग-अलग लगान निर्धारित किया।
  2. फसलों की उपज के आधार पर कर निर्धारित किया।
  3. उसने पटवारी द्वारा रस्सी से भूमि की नाप की व्यवस्था की, नाप की इकाई ‘गज’ थी।
  4. उसके राज्य में नगद कर देने का आदेश था।
  5. संकट या अकाल के कारण फसल के नुकसान की क्षतिपूर्ति सरकार द्वारा होती थी।
  6. उसने किसानों एवं राज्यों के बीच सीधा सम्बन्ध स्थापित किया, जिसे रैयतबाड़ी व्यवस्था कहा जाता था।
  7. किसानों के द्वारा भूमि का विवरण सरकार को लिखित रूप में दिया जाता था, जिसे कबूलियत कहते थे।
5.

शेरशाह दिल्ली का शासक कैसे बना?

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शेरशाह सन् 1540 ई० में कन्नौज के युद्ध में हुमायूँ को हराकर दिल्ली का शासक बना।