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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए संविधान के 73वें संशोधन में आरक्षण के क्या प्रावधान हैं? इन प्रावधानों से ग्रामीण स्तर के नेतृत्व का खाका किस तरह बदलता है? | 
| Answer» संविधान के 73 वें संशोधन से अनुसूचित जाति के लोगों के लिए व महिलाओं के लिए कुछ सीटों में से प्रत्येक वर्ग के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गई हैं। यह आरक्षण ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिला परिषदों में सदस्यों व पदों में किया गया है। इस आरक्षण से महिलाओं की व अनुसूचित जाति के लोगों की स्थिति में सम्मानजनक परिवर्तन हुआ है। इससे पहले इन वर्गों की स्थानीय संस्थाओं में पर्याप्त भागीदारी नहीं हुआ करती थी। परन्तु अब यह भागीदारी निश्चित हो गई है। जिससे इनमें एक विश्वास उत्पन्न हुआ है। | |
| 2. | मान लीजिए कि आपको किसी प्रदेश की तरफ से स्थानीय शासन की कोई योजना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्राम पंचायत स्व-शासन की इकाई के रूप में काम करे, इसके लिए आप उसे कौन-सी शक्तियाँ देना चाहेंगे? ऐसी पाँच शक्तियों का उल्लेख करें और प्रत्येक शक्ति के बारे में दो-दो पंक्तियों में यह भी बताएँ कि ऐसा करना क्यों जरूरी है। | 
| Answer» ग्राम पंचायतों को योजना की सफलता के लिए निम्नलिखित शक्तियाँ प्रदान की जा सकती हैं- 1. शिक्षा के विकास के क्षेत्र में – शिक्षा का विकास ग्रामीण क्षेत्र के लिए अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षा-प्राप्ति के पश्चात् ही नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों को जान सकेंगे तथा अपनी भागीदारी को निश्चित करेंगे। | |
| 3. | जिलाधिकारी का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य कौन-सा है ? | 
| Answer» जिले में शान्ति-व्यवस्था की स्थापना करना जिलाधिकारी का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है। | |
| 4. | नगरपालिका परिषद् के पाँच प्रमुख कार्य बताइए। | 
| Answer» नगरपालिका परिषद् के पाँच प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं – (1) सफाई की व्यवस्था – सम्पूर्ण नगर को स्वच्छ एवं सुन्दर रखने का दायित्व नगरपालिका का ही होता है। यह सड़कों, नालियों और अन्य सार्वजनिक स्थानों की सफाई कराती है तथा नगर को स्वच्छ रखने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय एवं मूत्रालयों का निर्माण कराती है। | |
| 5. | नगरपालिका परिषद् का ऐच्छिक कार्य है(क) नगरों में रोशनी का प्रबन्ध करना(ख) नगरों में पेयजल की व्यवस्था करना(ग) नगरों की स्वच्छता का प्रबन्ध करना(घ) प्रारम्भिक शिक्षा से ऊपर शिक्षा की व्यवस्था करना | 
| Answer» (घ) प्रारम्भिक शिक्षा से ऊपर शिक्षा की व्यवस्था करना। | |
| 6. | ग्राम पंचायत के अधिकारियों के नाम लिखिए। | 
| Answer» ग्राम पंचायत के अधिकारी हैं – | |
| 7. | ग्राम पंचायतों का कार्यकाल क्या है ? | 
| Answer» ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। विशेष परिस्थितियों में सरकार इसे कम भी कर सकती है। | |
| 8. | ग्राम पंचायत के संगठन, पदाधिकारी, कार्यकाल एवं इसके पाँच कार्यों का विवरण दीजिए। | 
| Answer» संगठन – ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के अतिरिक्त 9 से 15 तक सदस्य होते हैं। इसमें 1,000 की जनसंख्या पर 9 सदस्य; 1,000-2,000 की जनसंख्या तक 11 सदस्य; 2,000 3,000 की। जनसंख्या तक 13 सदस्य तथा 3,000 से ऊपर की जनसंख्या पर सदस्यों की संख्या 15 होती है। ग्राम पंचायत के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। ग्राम पंचायत में नियमानुसार सभी वर्गों तथा महिलाओं को आरक्षण प्रदान किया गया है। कार्यकाल – ग्राम पंचायत का निर्वाचन 5 वर्ष के लिए होता है, किन्तु विशेष परिस्थितियों में सरकार इसे समय से पूर्व भी विघटित कर सकती है। ग्राम पंचायत | |
| 9. | नगर-निगम का अध्यक्ष कौन होता है ? | 
| Answer» नगर-निगम का अध्यक्ष नगर प्रमुख (मेयर) होता है। | |
| 10. | नगर-निगम के दो कार्य बताइए। | 
| Answer» नगर निगम के दो कार्य हैं – ⦁    नगर में सफाई व्यवस्था करना तथा | |
| 11. | ग्राम सभा के सदस्य कौन होते हैं ? | 
| Answer» ग्राम की निर्वाचक सूची में सम्मिलित प्रत्येक ग्रामवासी ग्राम सभा का सदस्य होता है। | |
| 12. | जिला प्रशासन के दो मुख्य अधिकारियों के नाम लिखिए। | 
| Answer» जिला प्रशासन के दो मुख्य अधिकारी हैं – ⦁    जिलाधीश तथा | |
| 13. | भारत में स्थानीय संस्थाओं का क्या महत्त्व है ? | 
| Answer» भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश में स्थानीय स्वशासी संस्थाओं का देश की राजनीति और प्रशासन में विशेष महत्त्व है। किसी भी गाँव या कस्बे की समस्याओं का सबसे अच्छा ज्ञान उस गाँव या कस्बे के निवासियों को ही होता है। इसलिए वे अपनी छोटी सरकार का संचालन करने में समर्थ तथा सर्वोच्च होते हैं। इन संस्थाओं का महत्त्व निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट होता है – ⦁    इनके द्वारा गाँव तथा नगर के निवासियों की प्रशासन में भागीदारी सम्भव होती है। | |
| 14. | नगर-निगम किन नगरों में स्थापित की जाती है ? उत्तर प्रदेश में नगर-निगम का गंठन किन-किन स्थानों पर किया गया है ? | 
| Answer» पाँच लाख से दस लाख तक जनसंख्या वाले नगरों में नगर-निगम स्थापित की जाती है। उत्तर प्रदेश के आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, बरेली, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर आदि में नगर-निगम कार्यरत हैं। कानपुर तथा लखनऊ में महानगर निगम स्थापित हैं। | |
| 15. | स्थानीय स्वशासन से आप क्या समझते हैं ? | 
| Answer» स्थानीय स्वशासन से आशय है-किसी स्थान विशेष के शासन का प्रबन्ध उसी स्थान के लोगों द्वारा किया जाना तथा अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं खोजना। | |
| 16. | नगर पंचायत के संगठन और उसके कार्यों का वर्णन कीजिए।यानगर पंचायत की रचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए। | 
| Answer» उत्तर प्रदेश नगरीय स्वायत्त शासन विधि (संशोधन),1994 के अनुसार 30 हजार से 1 लाख की जनसंख्या वाले क्षेत्र को ‘संक्रमणशील क्षेत्र घोषित किया गया है, अर्थात् जिन स्थानों पर ‘टाउन एरिया कमेटी’ थी, उन स्थानों को अब ‘टाउन एरिया’ नाम के स्थान पर नगर पंचायत’ नाम दिया गया है। ये स्थान ऐसे हैं जो ग्राम के स्थान पर नगर बनने की ओर अग्रसर हैं। संरचना – प्रत्येक नगर पंचायत में एक अध्यक्ष व तीन प्रकार के सदस्य होंगे। सदस्य क्रमश: इस प्रकार होंगे – | |
| 17. | स्थानीय स्वशासन से आप क्या समझते हैं ? इस प्रदेश में कौन-कौन-सी स्थानीय स्वशासन की संस्थाएँ कार्य कर रही हैं ? | 
| Answer» केन्द्र व राज्य सरकारों के अतिरिक्त, तीसरे स्तर पर एक ऐसी सरकार है, जिसके सम्पर्क में नगरों और ग्रामों के निवासी आते हैं। इस स्तर की सरकार को स्थानीय स्वशासन कहा जाता है, क्योंकि यह व्यवस्था स्थानीय निवासियों को अपना शासन-प्रबन्ध करने का अवसर प्रदान करती है। इसके अन्तर्गत मुख्यतया ग्रामवासियों के लिए पंचायत और नगरवासियों के लिए नगरपालिका उल्लेखनीय हैं। इन संस्थाओं द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति तथा स्थानीय समस्याओं के समाधान के प्रयास किये जाते हैं। ⦁    नगरीय क्षेत्र – नगर-निगम या नगर महापालिका, नगरपालिका परिषद् और नगर पंचायत। | |
| 18. | नगर स्वायत्त संस्थाओं के नाम बताइए। | 
| Answer» ⦁    नगर-निगम तथा महानगर निगम | |
| 19. | पंचायती राज के गुण-दोषों का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» पंचायती राज की उपलब्धियाँ (गुण) – पंचायती राज के दोष – पंचायती राज पद्धति के कारण गाँवों के जीवन में कई बुराइयाँ भी आयी हैं, जो निम्नलिखित हैं – | |
| 20. | पंचायती राज के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।याभारत में पंचायती राज-व्यवस्था का प्रादुर्भाव किस प्रकार हुआ ? | 
| Answer» पंचायती राज’ का अर्थ है-ऐसा राज्य जो पंचायत के माध्यम से कार्य करता है। ऐसे शासन के अन्तर्गत ग्रामवासी अपने में से वयोवृद्ध व्यक्तियों को चुनते हैं, जो उनके विभिन्न झगड़ों का निपटारा करते हैं। इस प्रकार के शासन में ग्रामवासियों को अपनी व्यवस्था के प्रबन्ध में प्रायः पूर्ण स्वतन्त्रता होती है। इस प्रकार पंचायती राज स्वशासन का ही एक रूप है। यद्यपि भारत के ग्रामों में पंचायतें बहुत पुराने समय में भी विद्यमान थीं, परन्तु वर्तमान समय में पंचायती राज-व्यवस्था का जन्म स्वतन्त्रता के पश्चात् ही हुआ। पंचायती राज की वर्तमान व्यवस्था का सुझाव बलवन्त राय मेहता समिति ने दिया था। देश में पंचायती राज-व्यवस्था सर्वप्रथम राजस्थान में लागू की गयी, बाद में मैसूर (वर्तमान कर्नाटक), तमिलनाडु, उड़ीसा, असम, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में भी यह व्यवस्था लागू की गयी। बलवन्त राय मेहता की मूल योजना के अनुसार पंचायतों का गठन तीन स्तरों पर किया गया – ⦁    ग्राम स्तर पर पंचायतें | |
| 21. | नगर-निगम में निर्वाचित सदस्यों की संख्या कितनी होती है ? | 
| Answer» नगर-निगम के निर्वाचित सदस्यों (सभासदों) की संख्या सरकारी गजट में दी गयी विज्ञप्ति के आधार पर निश्चित की जाती है। यह संख्या कम-से-कम 60 और अधिक-से-अधिक 110 होती है। | |
| 22. | ग्राम सभा तथा ग्राम पंचायत में क्या अन्तर है ? | 
| Answer» ग्राम सभा तथा ग्राम पंचायत में निम्नलिखित अन्तर हैं – ⦁    ग्राम पंचायत, ग्राम सभा से सम्बन्धित होती है तथा ग्राम सभा के कार्यों का सम्पादन ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाता है। इस प्रकार ग्राम पंचायत, ग्राम सभा की कार्यकारिणी होती है। ग्राम पंचायत के सदस्यों का निर्वाचन ग्राम सभा के सदस्य ही करते हैं। | |
| 23. | पंचायती राज को सफल बनाने के लिए किन शर्तों का होना आवश्यक है ? | 
| Answer» पंचायती राज को सफल बनाने के लिए इन शर्तों का होना आवश्यक है – ⦁    लोगों का शिक्षित होना | |
| 24. | क्षेत्र पंचायत का सबसे बड़ा वैतनिक अधिकारी कौन होता है ? | 
| Answer» क्षेत्र पंचायत का सर्वोच्च वैतनिक अधिकारी क्षेत्र विकास अधिकारी होता है। | |
| 25. | नगर-निगम की दो प्रमुख समितियों के नाम लिखिए। | 
| Answer» नगर-निगम की दो प्रमुख समितियाँ हैं – ⦁    कार्यकारिणी समिति तथा | |
| 26. | न्याय पंचायत का संगठन किस प्रकार होता है ? इसके प्रमुख अधिकार क्या हैं ? | 
| Answer» प्रत्येक ग्राम सभा न्याय पंचायत के लिए पंचों का निर्वाचन करती है। इन निर्वाचित सदस्यों में से सरकारी अधिकारी शिक्षा, प्रतिष्ठा, अनुभव एवं योग्यता के आधार पर पंच मनोनीत करता है। प्रत्येक न्याय पंचायत में सदस्यों की संख्या इस प्रकार होती है कि वह पाँच से पूरी-पूरी विभक्त हो जाए। 1 से 6 गाँव सभाओं वाली न्याय पंचायत के पंचों की संख्या 15, 7 से 9 तक 20 तथा 9 से अधिक होने पर 25 होगी। प्रमुख अधिकार न्याय पंचायत को न्यायिक अधिकार प्राप्त हैं। न्याय पंचायत का अनादर करने वाले व्यक्ति को न्याय ५ पंचायत मानहानि का अपराधी बनाकर उस पर ₹ 5 जुर्माना कर सकती है। न्याय पंचायत के निर्णय के विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती। चोरी, अश्लीलता, गाली-गलौज, स्त्री की लज्जा, अपहरण आदि के मुकदमो की सुनवाई न्याय पंचायत करती है। इन मुकदमों में वकीलों को पेश होने का प्रावधान नहीं रखा गया है। किसी मुकदमे में अन्याय होने पर न्याय पंचायत के दीवानी के मुकदमे की निगरानी मुंसिफ के यहाँ तथा माल के मुकदमे की निगरानी हाकिम परगना के यहाँ हो सकती है। राज्य सरकार न्याय पंचायतों के कार्यों पर नियन्त्रण रखती है, जिससे निर्णयों में कोई पक्षपात न हो सके तथा न्याय पंचायतें सही रूप से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें। | |
| 27. | ग्राम पंचायत के चार कार्य बताइए। | 
| Answer» ग्राम पंचायत के चार कार्य हैं – ⦁    ग्राम की सम्पत्ति तथा इमारतों की रक्षा करना | |
| 28. | क्या पंचायती राज-व्यवस्था अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल हो सकी है ? | 
| Answer» यद्यपि कहीं-कहीं पर पंचायती राज व्यवस्था ने कुछ अच्छे कार्य किये हैं, परन्तु वास्तविकता यह है कि पंचायती राज व्यवस्था अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल कम ही हुई है। | |
| 29. | जिले (जनपद) का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी कौन है ? | 
| Answer» जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी जिलाधिकारी (उपायुक्त) होता है। | |
| 30. | जिला पंचायत की दो प्रमुख समितियों के नाम लिखिए। | 
| Answer» जिला पंचायत की दो प्रमुख समितियाँ हैं : ⦁    वित्त समिति तथा | |
| 31. | न्याय पंचायत के कार्य-क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है(क) छोटे दीवानी मामलों का निपटारा(ख) मुजरिमों पर जुर्माना(ग) मुजरिमों को जेल भेजना(घ) छोटे फौजदारी मामलों का निपटारा | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) मुजरिमों को जेल भेजना। | |
| 32. | ग्राम पंचायत की बैठक होनी आवश्यक है –(क) एक सप्ताह में एक(ख) एक माह में एक(ग) एक वर्ष में दो(घ) एक वर्ष में चार | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) एक माह में एक। | |
| 33. | पंचायती राज-व्यवस्था से आप क्या समझते हैं ? ग्राम पंचायत के कार्यों तथा शक्तियों का वर्णन कीजिए। | 
| Answer» भारत गाँवों का देश है। ब्रिटिश राज में गाँवों की आर्थिक तथा राजनीतिक व्यवस्था शोचनीय हो गयी थी; अतः स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद देश में पंचायती राज-व्यवस्था द्वारा गाँवों में राजनीतिक तथा आर्थिक सत्ता के विकेन्द्रीकरण का प्रयास किया गया। बलवन्त राय मेहता -मिति ने पंचायती राज-व्यवस्था के लिए त्रि-स्तरीय योजना का परामर्श दिया। इस योजना में स. निचले स्तर पर ग्राम सभा और ग्राम पंचायतें हैं। मध्य स्तर पर क्षेत्र समितियाँ तथा उच्च स्तर पर जिला परिषदों की व्यवस्था की गयी थी। भारतीय गाँवों में बहुत पहले से ही ग्राम पंचायतों की व्यवस्था रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने संयुक्त प्रान्तीय पंचायत राज कानून बनाकर पंचायतों के संगठन सम्बन्धी उल्लेखनीय कार्य को किया था। सन् 1947 ई० के इस कानून के अनुसार ग्राम पंचायत के स्थान पर ग्राम सभा, ग्राम पंचायत और न्याय पंचायत की व्यवस्था की गयी थी। अब उत्तर प्रदेश पंचायत विधि (संशोधन) अधिनियम, 1994 के अनुसार भी ग्राम सभा, ग्राम पंचायत तथा न्याय पंचायत की ही व्यवस्था को रखा गया है। ग्राम पंचायत के कार्य तथा शक्तियाँ ग्राम सभा के निर्देशन तथा मार्गदर्शन में कार्य करती हुई ग्राम पंचायत, पंचायती राज व्यवस्था की सबसे छोटी आधारभूत इकाई है। यह ग्राम पंचायत सरकार की कार्यपालिका के रूप में कार्य करती है। ग्राम पंचायत के कार्यों तथा शक्तियों की विवेचना निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत की जा सकती है – ग्राम पंचायत के कार्य ग्राम पंचायत के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं – ग्राम पंचायत की शक्तियाँ भारतीय संविधान में किये गये 73वें संशोधन के द्वारा ग्राम पंचायत को व्यापक अधिकार एवं शक्तियाँ प्रदान की गयी हैं। साथ ही ग्राम पंचायत के कार्य-क्षेत्र को भी व्यापक बनाया गया है जिसके अन्तर्गत 29 नियमों से युक्त एक विस्तृत सूची को रखा गया है। | |
| 34. | जनपद का सर्वोच्च अधिकारी है –(क) मुख्यमन्त्री(ख) जिलाधिकारी(ग) पुलिस अधीक्षक(घ) जिला प्रमुख | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) जिलाधिकारी। | |
| 35. | पंचायती राज की तीन स्तर वाली व्यवस्था की संस्तुति करने वाली समिति का नाम लिखिए। | 
| Answer» बलवन्त राय मेहता समिति। | |
| 36. | पंचायती राज का सबसे निचला स्तर है –(क) ग्राम पंचायत(ख) ग्राम सभा(ग) पंचायत समिति(घ) न्याय पंचायत | 
| Answer» सही विकल्प है (क) ग्राम पंचायत। | |
| 37. | जिला परिषद् के सदस्यों में सम्मिलित नहीं है –(क) जिलाधिकारी(ख) पंचायत समितियों के प्रधान(ग) कुछ विशेषज्ञ(घ) न्यायाधीश | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) न्यायाधीश। | |
| 38. | जिला पंचायत कार्य नहीं करती(क) जन-स्वास्थ्य के लिए रोगों की रोकथाम करना(ख) सार्वजनिक पुलों तथा सड़कों का निर्माण करना(ग) प्रारम्भिक स्तर से ऊपर की शिक्षा का प्रबन्ध करना(घ) यातायात का प्रबन्ध करना | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) यातायात का प्रबन्ध करना | |
| 39. | पंचायत समिति का क्षेत्र है –(क) ग्राम(ख) जिला(ग) विकास खण्ड(घ) नगर | 
| Answer» सही विकल्प है (क) ग्राम | |
| 40. | 73 वें संशोधन के प्रावधानों को पढे। यह संशोधन निम्नलिखित सरोकारों में से किससे ताल्लुक रखता है?(क) पद से हटा दिए जाने का भय जन-प्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाता है।(ख) भूस्वामी सामन्त और ताकतवर जातियों का स्थानीय निकायों में दबदबा रहता है।(ग) ग्रामीण क्षेत्रों में निरक्षरता बहुत ज्यादा है। निरक्षर लोगों गाँव के विकास के बारे में फैसला नहीं ले सकते हैं।(घ) प्रभावकारी साबित होने के लिए ग्राम पंचायतों के पास गाँव की विकास योजना बनाने की शक्ति और संसाधन का होना जरूरी है। | 
| Answer» (घ) प्रभावकारी साबित होने के लिए ग्राम पंचायतों के पास गाँव की विकास योजना बनाने की शक्ति और संसाधन को होना जरूरी है। | |
| 41. | अपने प्रदेश में नगरपालिका परिषद का गठन किस प्रकार होता है ? नगर के विकास के लिए वे कौन-कौन-से कार्य करती हैं ? | 
| Answer» उत्तर प्रदेश नगरीय स्वायत्त शासन विधि (संशोधन) अधिनियम, 1994 ई०’ के अनुसार 1 लाख से 5 लाख तक की जनसंख्या वाले नगर को ‘लघुतर नगरीय क्षेत्र का नाम दिया गया है तथा इनके प्रबन्ध के लिए नगरपालिका परिषद् की व्यवस्था का निर्णय लिया गया है। गठन – नगरपालिका परिषद् में एक अध्यक्ष और तीन प्रकार के सदस्य होंगे। ये तीन प्रकार के सदस्य निम्नलिखित हैं – | |