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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

युवती कैसी सुंदर लग रही है ?

Answer»

युवती मोतियों की चमक और मल्लिका के मकरंद से सुशोभित सुंदरी जैली लग रही है।

2.

बसंत को किस रूप में चित्रित किया गया है?

Answer»

बसंत को राजा कामदेव के शिशु के रूप में चित्रित किया गया है।

3.

बाल-बसंत को चुटकी बजाकर कौन जगा रहा है?

Answer»

बाल-बसंत को चुटकी बजाकर गुलाब जगा रहा है।

4.

बाल-बसंत का बिछौना कैसा है ?

Answer»

बाल-बसंत का बिछौना वृक्ष के नए-नए पत्तों से बना है।

5.

प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद’ इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करते हुए बताएं कि इसमें कौन-सा अलंकार है?

Answer»

कवि देव ने चंद्रमा को राधा के प्रतिबिंब के रूप में देखा है। यहाँ चंद्रमा का सौन्दर्य राधा के सौंदर्य से फीका है, अत: यहाँ व्यतिरेक अलंकार है। जहाँ उपमेय और उपमान की तुलना में उपमान को उपमेय से हीन बताया जाय, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।

6.

चांदनी रात की सुंदरता को कवि ने किन-किन रूपों में देखा है ?

Answer»

कवि ने चाँदनी रात को विभिन्न रूपों में देखा है –

  1. आसमान स्फटिक पत्थर से बने मंदिर के समान लग रहा है।
  2. चाँदनी सफेद दही के समान उमड़ रही है।
  3. चाँदनी को नायिका के रूप में देखा है।
  4. आसमान रूपी दर्पण के रूप में चाँदनी को देखा है।
7.

पहले सवैये में से उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए, जिनमें अनुप्रास और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है?

Answer»

अनुप्रास अलंकार :

  • कटि किंकिन कै धुनि की मधुराई । (‘क’ वर्ण की आवृत्ति)
  • साँवरे अंग लसै पट-पीत । (‘प’ वर्ण की आवृत्ति)
  • हिये हुलसे बनमाल सुहाई। (‘ह’ वर्ण की आवृत्ति)

रूपक अलंकार :

  • हँसी मुखचंद जुन्हाई । (मुख रूपी चंद्र)
  • जै जगमंदिर-दीपक सुंदर । (जग रूपी मंदिर के दीपक)
8.

“प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै”- इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

Answer»

बसंत ऋतु में सूर्योदय होते ही गुलाब चटक (खिल) उठता है, जिसे देखकर कवि कल्पना करता है कि गुलाब चटक कर अर्थात् चुटकी बजाकर बाल बसंत को जगा रहा है।

9.

कवि ने “श्रीब्रजदूलह” किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?

Answer»

कवि ने “श्रीब्रजदूलह” कृष्ण के लिए प्रयुक्त किया है। उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक इसलिए कहा गया है कि उन्हीं के कारण संसार में प्रकाश फैला हुआ है अर्थात् आनंद और उत्सव है।

10.

बाल-कृष्ण कवि देव को कैसे लग रहे हैं?

Answer»

बाल-कृष्ण कवि देव को ब्रज-दूल्हा से प्रतीत हो रहे हैं।

11.

श्रीकृण के मुख सौंदर्य का वर्णन कीजिए।

Answer»

श्रीकृष्ण के चाँद जैसे खूबसूरत मुख पर चाँद की चाँदिनी बिखर रही है अर्थात् उनकी मुस्कान चाँद की बिखरती किरणों जैसी लग रही है।

12.

तीसरे कवित्त के आधार पर बताइए कि कवि ने चाँदनी रात की उज्ज्वलता का वर्णन करने के लिए किन-किन उपमानों का प्रयोग किया है?

Answer»

कवि देव ने चाँदनी रात की उज्ज्वलता का वर्णन करने के लिए स्फटिक शिला, सुधा-मंदिर, दही के समुद्र, दूध के फेन, मोतियों की चमक और दर्पण की स्वच्छता आदि उपमानों का प्रयोग किया है।

13.

पठित कविताओं के आधार पर कवि देव की काव्यगत विशेषताएं बताइए।

Answer»

कवि देव की काव्यगत विशेषताएँ –

  1. शुद्ध ब्रजभाषा का प्रयोग।
  2. कवित्त और सवैया छन्द का प्रयोग।
  3. अनुप्रास, उपमा और रूपक अलंकारों का प्रयोग।
  4. तत्सम शब्दों का सुंदर प्रयोग।
  5. प्रकृति का सजीव चित्रण।