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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | किसी वैबसाइट की योजना बनाने के चार पड़ाव हैं ?(a) किसी साइट का उद्देश्य(b) दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग(c) काम रणनीति और विषय-वस्तु एवं विकास(d) ऊपर दिये सभी। | 
| Answer» (d) ऊपर दिये सभी। | |
| 2. | कोई कंपनी ग्राहकों से सीधी फीड बैंक किस तरह प्राप्त कर सकती है ? | 
| Answer» सोशल मीडिया मार्केटिंग | |
| 3. | उद्देश्य प्राप्त करने के लिए काम करने के ढंगों को क्या बुलाया जाता है ?(a) काम-रणनीति(b) योजना की रणनीति(c) डिज़ाइन-रणनीति(d) ऊपर वालों में से कोई भी नहीं। | 
| Answer» (a) काम-रणनीति, | |
| 4. | वैब सर्वर हो सकता है –(a) खरीदा(b) उधार लिए(c) उपरोक्त दोनों(d) इनमें से कोई नहीं। | 
| Answer» (c) उपरोक्त दोनों, | |
| 5. | वैब पेज़ का आकार ज्यादा से ज्यादा नहीं होना चाहिए –(a) एक स्क्रीन(b) दो स्क्रीन्ज़(c) तीन स्क्रीन्ज़(d) चार स्क्रीन्ज़। | 
| Answer» सही विकल्प है (d) चार स्क्रीन्ज़ | |
| 6. | डोमेन नेम को कैसे दर्ज किया जाता है ? | 
| Answer» डोमेन नेम को साइट के सर्विस प्रोवाइडर की सहायता से रजिस्टर करवाया जाता है। इसके लिए फार्म भरा जाता है और रजिस्ट्रेशन की फीस दी जाती है। इसके साथ ही यह भी चैक किया जाता है कि यह नाम पहले तो किसी ने रजिस्टर नहीं करवाया। | |
| 7. | विषय-वस्तु क्या होता है ? | 
| Answer» विषय-वस्तु का अर्थ है साइट पर पाई जाने वाली सामग्री। | |
| 8. | डोमेन नेम किसको कहते हैं ? | 
| Answer» किसी वैबसाइट के पते को डोमेन नेम कहा जाता है। | |
| 9. | एस०एम०एम० मतलब क्या है ?(a) सोशल मीडिया मार्केटिंग(b) साइंस मीडिया मार्केटिंग(c) सिस्टम मैक्रो मीडिया(d) इनमें से कोई नहीं। | 
| Answer» (a) सोशल मीडिया मार्केटिंग | |
| 10. | अपलोडिंग का क्या अर्थ है ? | 
| Answer» अपनी वैबसाइट को इंटरनैट पर डालने की क्रिया को अपलोडिंग कहते हैं। | |
| 11. | एस०ई०ओ० का मतलब है(a) सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन(b) सिस्टम इंजन ऑप्टीमाइजेशन(c) सैकरोगनाइज़ड इंजन ऑप्टीमाइजेशन(d) उपरोक्त में से कोई नहीं। | 
| Answer» (a) सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन | |
| 12. | किस टैस्टिंग के लिए इंटरनेट कनैक्शन की ज़रूरत नहीं है।(a) ऑफलाइन टैस्टिंग(b) ऑनलाइन टैस्टिंग(c) उपरोक्त दोनों(d) इनमें से कोई नहीं। | 
| Answer» (b) ऑनलाइन टैस्टिंग | |
| 13. | टैस्टिग का क्या मतलब है ? | 
| Answer» किसी वैबसाइट के सभी लिंक चैक करने की क्रिया को टैस्टिंग कहा जाता है। | |
| 14. | ऑफ-लाइन टैस्टिंग से क्या मतलब है ? | 
| Answer» आफ-लाइन टैस्टिंग वैबसाइट टैस्ट करने की वो तकनीक है जिसमें उसको टैस्ट करने के लिए इंटरनैट की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसमें पहले होम पेज़ खोला जाता है और फिर सभी पेजों के लिंक चैक किए जाते हैं। | |
| 15. | किसी साइट को अपलोड करने की क्या प्रक्रिया है ? | 
| Answer» साइट को अपलोड करने के लिए फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल (FTP) का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए पहले ज़रूरी प्रोग्राम चलाया जाता है। फिर उसके द्वारा सभी फाइलें अपलोड की जाती हैं। | |
| 16. | साइट का कन्टैंट कैसा होना चाहिए ? | 
| Answer» साइट का विषय-वस्तु दर्शकों को सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान होनी चाहिए। विषय-वस्तु सही स्थान पर हो और अच्छ तरीकों से व्यवस्थित किया हो। | |
| 17. | आप अपनी साइट की कार्यनीति के बारे में किस तरह फैसला करोगे ? | 
| Answer» किसी साइट के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों के तरीकों को कार्य नीति कहा जाता है। कार्यनीति के लिए दर्शकों को ध्यान में रखकर सभी काम किये जाते हैं। | |
| 18. | कार्यनीति पर एक नोट लिखें। | 
| Answer» जब आप फैसला कर लेते हो तो आपको कार्यनीति के बारे में सोचना पड़ेगा। उद्देश्य (goal) की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों के तरीके को कार्य नीति कहा जाता है। आप अपनी साइट में कई प्रकार की सूचनाएं शामिल कर सकते हो। जैसे कि- 
 | |
| 19. | साइट की योजनाबंदी से आपका क्या भाव है ? | 
| Answer» योजनाबद्ध तरीके से बनाई गई वैबसाइट प्रभावशाली होती है। कोई भी वैबसाइट बनाने से पहले उसकी योजना बना लेनी चाहिए। अगर योजना से काम करोगे तो उद्देश्य की पूर्ति होगी। वैबसाइटों के द्वारा हम संचार करवाते हैं। वैबसाइट के डिज़ाइन के समय सब से पहली महत्त्वपूर्ण बात है वैब साइट का उद्देश्य (Goal)। वैबसाइट का निर्माण हमेशा उसके उद्देश्य को मुख्य रख कर ही करना चाहिए। | |
| 20. | एस० एम० एम० क्या है ? | 
| Answer» एस० एम० एम० का अर्थ सोशल मीडिया मार्कीटिंग होता है। एस०एम०एम० का उद्देश्य वो सामग्री तैयार करना है जो उपभोक्ता अपने सोशल नेटवर्क से शेयर करेगी ताकि उनकी कंपनी की ब्रांड एकसपोज़र बढ़ाने और ग्राहकों की पहुँच को बढ़ाने में मदद की जा सके। एस०एम०एम० के मुख्य भागों में एस०एस०ओ० होता है जो एक नई वैबसाइट में नये और विलक्षण विज़िटर्ज को खींचने की एक रणनीति होती है। एस०एम०ओ० दो प्रकार किया जाता है। 1. कंटैंट के साथ सोशल मीडिया लिंक बटन शेयर करके 2. स्टेटमैंट या ट्वीटस को अपडेट या ब्लॉग पोस्ट करके एस०एम०एम० अपनी कंपनी ग्राहकों से सीधी फीड बैक प्राप्त करने में मदद करती है। एस०एम०एम० कई प्रकार की सोशल वैबसाइटों जैसे कि Facebook, Twitter, Linkedin, Youtube, Myspace, Orkut आदि के कारण काफी प्रचलित बनती जा रही है। | |
| 21. | वैबसाइट को अमल में लाने के विभिन्न कार्य लिखें। | 
| Answer» साइट की संपूर्ण योजना बनाने और सूचनाओं या लिंकस के संबंध में फैसला करने के बाद इसको इंपलीमैंट अर्थात् अमल में लाने के बारे में सोचा जाता है। इसमें डोमेन नेम का चुनाव, डोमेन रजिस्टर करवाना, सर्वर का चुनाव और साइट का प्रबंध आदि गतिविधियाँ शामिल होती हैं। 2. डोमेन नेम रजिस्टर करना (Registering Domain Name)- डोमेन नेम के बारे में फैसला करने के बाद डोमेन नेम रजिस्टर करवाया जाता है। आप अपनी साइट को सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा रजिस्टर करवा सकते हो। सर्विस प्रोवाइडर आपको एक फार्म भरने के लिए कहता है और फिर रजिस्टर करने के लिये आपसे फीस भी वसूल सकता है। फार्म भरने के बाद चैक किया जाता है कि आपके नाम वाला किसी और ने तो नहीं रजिस्टर करवाया। अगर नाम उपलब्ध हो तो उसके रजिस्टर होने का संदेश आपको ई-मेल के द्वारा भेज दिया जाता है। 3. सर्वर का चुनाव (Choosing a server)- साइट को अमल में लाने का एक ज़रूरी कार्य है सर्वर का चुनाव। यहाँ सर्वर का चुनाव बहुत महत्ता रखता है। सर्वर यहाँ आपकी साइट स्थायी रूप में रखता है आप अपना सर्वर खरीद सकते हो या फिर किराये पर भी ले सकते हो। वैबसाइटों की दुनिया में सर्वर का अहम रोल है। ऐसे विशेष किस्म के सर्वर को वैब सर्वर कहा जाता है। जब आप अपने ब्राऊजर पर कोई साइट खोलते हो तो यह संबंधित वैब सर्वर से जुड़ जाता है। 4. वैब पेज की व्यवस्था (Organizing Web Page)- वैबसाइट का पेज अच्छे ढंग से व्यवस्थित होना चाहिए। वैब पेज की व्यवस्था ऐसी हो कि यह साइट को बराबर दिखावट (Balanced look) प्रदान करे। पेज की व्यवस्था के समय पेज की लंबाई एक महत्त्वपूर्ण नुक्ता है। पेज डिज़ाइन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिएवैब पेज दो स्क्रीनज़ से लंबा नहीं होना चाहिए। अगर लंबा पेज इस्तेमाल करना चाहते हो तो बुकमार्क के द्वारा अंदरूनी लिंक स्थापित करें। अगर आपका डाक्यूमैंट एक स्क्रीन से बड़ा है तो पहले दर्शकों को सिर्फ कुछ भाग ही दिखायें। दर्शकों द्वारा मांग करने के बाद ही बाकी हिस्सा दिखा जाये। 5. दिखावट (Look)- वैब पेज अच्छी दिखावट वाला हो तो हर एक का पढ़ने को मन करेगा। अच्छी दिखावट के लिए वैब पेज में ज़रूरत अनुसार लिंक, ग्राफिक्स, ऐनीमेशन, साऊंड और वीडियो क्लिप शामिल होने चाहिए। वैब पेज की भिन्न-भिन्न सामग्री में विभिन्नता पर अच्छा दृष्टिगत प्रभाव होना चाहिए। साइट में उचित फौंट कलर, बैकग्राउंड कलर, टेबल, ग्राफ आदि का इस्तेमाल अच्छी दिखावट का प्रतीक होता है। 6. ऑफ-लाइन टैस्टिग (Offline Testing)- वैबसाइट के सभी पेजिज डिज़ाइन करने के बाद इसको ब्राऊजर पर टैस्ट किया जाता है। इस टैस्ट के लिए इंटरनैट की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसी कारण इसको ऑफ-लाइन टैस्ट कहा जाता है। आफ-लाइन टैस्टिग में सबसे पहले ब्राऊज़र में होम पेज खोला जाता है। फिर एक-एक करके लिंक किए हुए सभी पन्नों (Pages) को चैक किया जाता है। यहाँ यह यकीनी बनायें कि आपके पेज बढ़िया नज़र आयें। आपको अपनी साइट को भिन्न-भिन्न ब्राऊज़र्स पर टैस्ट कर लेना चाहिए। 7. साइट को अपलोड करना (Uploading the Site)- साइट को इंटरनैट पर सभी के लिए प्रदान करवाने के लिए इसको अपलोड किया जाता है। आपके वैब पन्नों को होस्ट (Host) तक भेजने के लिए फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल (FTP) क्लाइंट की ज़रूरत पड़ती है। इस काम के लिए सबसे पहले FTP प्रोग्राम जैसे कि क्यूट FTP (Cute FTP) सैट किया जाता है। इसके बाद ऑन-लाइन होकर अपनी फाइलों को अपलोड करें। 8. ऑन-लाइन टैस्टिंग (Online Testing)- जब आपकी साइट अपलोड हो जाती है तो आगे का स्टैप है इसको ऑन-लाइन टैस्ट करना। इंटरनेट कनैक्ट करें, ब्राऊज़र खोलें और अपनी साइट का यू०आर०एल (URL) टाइप करें। चैक करें कि आपकी साइट के सभी लिंक सही काम कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य ब्राऊज़र ऊपर भी चैक करें। | |
| 22. | वैबसाइट के पहले पेज को ……. कहते हैं।(a) मेन पेज(b) सर्च इंजन(c) होम पेज(d) डोमेन। | 
| Answer» सही विकल्प है (c) होम पेज | |
| 23. | FTP का मतलब है(a) File Transfer Protocol(b) Finance Transfer Protocol(c) Folder Transfer Protocol(d) उपरोक्त में से कोई नहीं। | 
| Answer» (a) File Transfer Protocol | |
| 24. | आपकी साइट का पता कौन-सा है ? | 
| Answer» सही विकल्प है डोमेन नेम | |
| 25. | इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए वैबसाइट की जांच करना किस नाम के रूप में जाना जाता(a) Offline Testing(b) Online Testing(c) उपरोक्त दोनों(d) उपरोक्त में से कोई नहीं। | 
| Answer» (b) Online Testing | |
| 26. | डिज़ाइनर डाटा को नष्ट होने, मालवेयर और अन्य नुम्पानों से बच सकता है ? | 
| Answer» सुरक्षा और बैकअप का इस्तेमाल करके। | |
| 27. | किसी वैबसाइट के सभी लिंक चैक करने की क्रिया को टैस्टिंग कहा जाता है। | 
| Answer» टैस्टिंग दो तरह की होती है 1. ऑफ-लाइन टैस्टिंग | |
| 28. | वैबसाइट के नाम को क्या कहते हैं ?(a) होम पेज(b) डोमेन नेम(c) सर्च(d) एस०सी०ओ०। | 
| Answer» सही विकल्प है (b) डोमेन नेम | |
| 29. | कंप्यूटर की वैबसाइट की कापी को ……….. वर्जन कहा जाता है, और वैब होस्ट ऊपर कापी को कहा ……… वर्जन कहा जाता है। | 
| Answer» लोकल, एक्सटर्नल | |
| 30. | वैबसाइट दर्शकों के लिए तैयार करने का क्या मतलब है ? संक्षेप में लिखें। | 
| Answer» दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग से भाव है साइट के दर्शकों की ज़रूरत को ध्यान में रखकर साइट का निर्माण करना। ‘साइट की दिखावट किस प्रकार की होगी ?’ यह निर्धारित करना। | |
| 31. | वैबसाइट पर सभी भिन्न-भिन्न विशेषताओं की जाँच करने के लिए क्या जरूरी है ? | 
| Answer» सही उत्तर है टैस्टिंग | |
| 32. | दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग से आपका क्या भाव है ? | 
| Answer» साइट का मनोरथ स्पष्ट करने के बाद अगला काम यह जानना है कि आपकी साइट के दर्शक कौन से होंगे ? किस किस्म के लोग आपकी साइट की यात्रा करेंगे ? बच्चे, विद्यार्थी, वकील, डॉक्टर या घरेलू औरतें। यहाँ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दर्शकों की आपकी साइट से क्या इच्छाएं हैं। उदाहरण के रूप में अगर आप पुस्तक प्रकाशक के लिए साइट डिज़ाइन कर रहे हो तो आपके दर्शक या पाठक विद्यार्थी, बच्चे, अध्यापक, प्रोफेसर और अन्य बुद्धिजीवी हो सकते हैं। इस हालत में आप अपने दर्शकों की रुचि के मुताबिक साइट का डिज़ाइन करोगे। | |
| 33. | साइट के उद्देश्य पर एक नोट लिखें। | 
| Answer» साइट का कोई विशेष उद्देश्य या मनोरथ होना चाहिए। साइट का उद्देश्य हमें बताता है कि हमें इसमें क्या कुछ डालना है। आप विस्तारपूर्वक और सजावट वाली साइट तैयार कर सकते हो, पर शर्त यह है कि वो उद्देश्य की पूर्ति ज़रूर करती हो। कोई भी साइट बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान ज़रूर रखें- 
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| 34. | डोमेन नेम से आपका क्या मतलब है ? | 
| Answer» डोमैन नेम किसी वैबसाइट का पूरा एडरैस होता है। इसकी सहायता से ही कोई साइट देखी जा सकती है। | |
| 35. | साइट की योजनाबंदी के भिन्न-भिन्न पड़ाव बतायें। | 
| Answer» साइट की योजनाबंदी के समय हम यह फैसला करते हैं कि साइट बनाने के लिए क्या कुछ करना है और किस प्रकार करना है। इस के मुख्य चार पड़ाव हैं- 
 1. साइट का उद्देश्य- हर एक साइट का कोई उद्देश्य होना चाहिए। यह उद्देश्य बताता है कि हमें इस साइट में क्या कुछ डालना है। साइट से संबंधित सारा काम साइट के उद्देश्य के अनुसार होना चाहिए। साइट बनाते वक्त निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए 
 2. दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग- उद्देश्य स्पष्ट करने के बाद अगला काम है साइट के दर्शक निर्धारित करना। यह पता करना कि कौन-कौन से लोग साइट देखेंगे। उन लोगों को ध्यान में रख कर ही साइट का डिज़ाइन तैयार किया जाता है। 3. कार्य नीति- उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों के तरीकों को कार्य नीति कहा जाता है। इसमें साइट के लिए विषयवस्तु इकट्ठा करने का ढंग, साइट बनाने का ढंग आदि शामिल होते हैं। 4. विषय-वस्तु- आखिर में विषय-वस्तु की बारी आती है। विषय-वस्तु में वे सब शामिल होता है जो हमें साइट पर दिखाना है। यह सारी सामग्री इकट्ठी की जाती है और इसको किस प्रकार किस पेज पर दिखाना है यह सब निर्धारित किया जाता है। इसके साथ ही साइट पर लिंकस आदि निर्धारित किए जाते हैं। | |
| 36. | वैब को अमल में लाने के लिए जरूरी निर्देशों का वर्णन करें। | 
| Answer» वैब को अमल में लाने का मतलब है कि योजनाबंदी के अनुसार काम करना। इसमें निम्नलिखित काम शामिल हैं- 
 1. डोमेन नेम का चुनाव- इसमें साइट का नाम निर्धारित किया जाता है। यह नाम अपने आप में अलग होना चाहिए क्योंकि किन्हीं भी दो साइटों का नाम एक नहीं हो सकता। 2. डोमेन नेम रजिस्टर करना- इस डोमेन नेम को नाम देने वाली कंपनी के पास रजिस्टर करवाया जाता है। 3. सर्वर का चुनाव करना- सर्वर वो कंप्यूटर होता है जिस पर साइट अपलोड की जाती है। इसका भी चुनाव किया जाता है। वैब पेजों की व्यवस्था करना-वैब पेज अच्छी तरह व्यवस्थित किया जाता है। 4. इसके लिए कई बातों का ध्यान रखा जाता है। वैब पेज को ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए। उसमें सही ढंग के लिंक होने चाहिए। 5. दिखावट बनाना- वैब पेज की दिखावट अच्छी होनी चाहिए ताकि इसको पढ़ने और देखने का मन करे। इसमें सही मात्रा में टैक्सट, इमेज, आवाज़ और वीडियो शामिल किया होना चाहिए। 6. ऑफ-लाइन टैस्टिग- इसमें वैबसाइट को बगैर इंटरनैट से टैस्ट किया जाता है। इसमें चैक किया जाता है कि सभी लिंक आदि सही चल रहे हैं कि नहीं। 7. साइट अपलोड करना– साइट अपलोड करने का मतलब है साइट की फाइलें सर्वर पर कॉपी करना। इसके लिए फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल का प्रयोग किया जाता है। 8. ऑन-लाइन टैस्टिंग- इस टैस्टिंग में साइट को इंटरनैट पर चैक किया जाता है कि यह सही ढंग से काम कर रही है कि नहीं। इसमें पास होने के बाद साइट बनाने का काम पूरा हो जाता | |
| 37. | किसी साइट का उद्देश्य फिक्स करने के लिए महत्त्वपूर्ण तरीके बतायें। | 
| Answer» किसी साइट का उद्देश्य निर्धारित करने के लिए निम्नलिखित तरीके हैं- 
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| 38. | वैब पन्ने डिजाइन करते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ? | 
| Answer» वैब पेज़ डिज़ाइन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है- 
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| 39. | वैब पेज़ की एक बढ़िया दिखावट किस पर निर्भर करती है ?(a) फौंट का आकार/रंग(b) बैक ग्राउंड रंग(c) टेबल और ग्राफिक्स(d) उपरोक्त सभी। | 
| Answer» सही विकल्प है (d) उपरोक्त सभी | |
| 40. | इंटरनेट की दुनिया में सर्वर की क्या भूमिका है ? | 
| Answer» सर्वर पर हमारी साइट पड़ी होती है। यह सर्वर खरीदा जा सकता है या किराये पर लिया जाता है। सर्वर हमारी साइट को संभाल कर रखता है और जरूरत पड़ने पर दिखाता है। अतः सर्वर के बिना हमारी वैबसाइट नहीं बन सकती। | |