InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 51. |
एक मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के लिए निम्न में से कौन -सा कथन सत्य नहीं है ?A. हाइड्रोजन का दाब 1atm होता है ।B. हाइड्रोजन आयन सान्द्रण 1M होता है ।C. ताप `25^(@)C` होता है ।D. `H_(2)` गैस प्लैटिनम इलेक्ट्रोड पर अवशोषित नहीं होती है । |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 52. |
निकाय `Mg^(2+)/Mg` का मानक इलेक्ट्रोड विभव आप किस प्रकार ज्ञात करेंगे ? |
| Answer» निकाय `Mg^(2+)//Mg` का मानक इलेक्ट्रोड विभव ज्ञात करने के लिए इसे मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड( SHE ) से जोड़कर सेल का विधुत वहां बल ज्यात करते है | इसके लिए वोल्तेअर या विभवमापी प्रयुक्त किया जाता है मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड एक सदर्भ इक्लेक्ट्रोड हैक, जिक्स इलेक्ट्रोड विभव शून्य हॉट है | अतः सेल का विधुत वाहक बल ( emf ) दूसरी अर्द्धसेल `(Mg^(2+)//Mg)` के मानकी इलेक्ट्रोड विभव ( अपचयन विभव ) के बराबर होगा | यहां `Mg^(2+)//Mg` केथोड के रूपमे लिया जाता है| | |
| 53. |
उस समीकरण को लीखिए , जो एक इलेक्ट्रोड युग्म के इलेक्ट्रोड विभव को आयनों की सान्द्रता तथा तापमान से सम्बन्धित करती है । इस समीकरण को किस नाम से जाना जाता है तथा इसका क्या महत्व है ? |
| Answer» Correct Answer - नर्स्ट समीकरण । | |
| 54. |
कथन: मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड का इलेक्ट्रोड विभव शून्य होता है । कारण: इस मान को प्रयोगात्मक प्रेक्षणों द्वारा प्राप्त किया गया है ।A. यदि कथन तथा कारण दोनों सत्य है तथा कारण कथन का सही स्पष्टीकरण है ।B. यदि कथन तथा कारण दोनों सत्य है तथा कारण कथन का सही स्पष्टीकरण नहीं है ।C. यदि कथन सत्य है परन्तु कारण असत्य है ।D. यदि कथन असत्य है परन्तु कारण सत्य है । |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 55. |
किस इलेक्ट्रोड पर इलेट्रोड पहुंचते है ? |
| Answer» Correct Answer - केथोड, | |
| 56. |
क्या यह सम्भव है कि - (i) कॉपर सल्फेट के विलयन को जस्ते के पात्र में भण्डारित किया जा सके ? (ii) कॉपर सल्फेट के विलयन को निकिल के पात्र में भण्डारित किया जा सके ? (iii) कॉपर सल्फेट के विलयन को चाँदी के पात्र में भण्डारित किया जा सके ? (iv) कॉपर सल्फेट के विलयन को सोने के पात्र में भण्डारित किया जा सके ? |
| Answer» (i) नहीं,(ii) नहीं, (iii) हाँ,(iv) हाँ । | |
| 57. |
किसी विलयन की चालकता तनुता के साथ क्योँ घटती है ? |
| Answer» किसी विलयन की तनुता बढ़ने पर प्रति इकाई आयतन में विधुत धरा ले जाने वाले आयनों की संख्या काम हो जाती है अतः विलयन की छलकता घाट जाती है | | |
| 58. |
जिनक इलेक्ट्रोड का मानक अपचयन विभव तृणात्मक होता है, क्योँ ? |
| Answer» चूँकि मानक आवासतः पर जिनक की प्रवृति हाइड्रोजन की तुलना में ऑक्सीजन होने की होती है अतः मानक अपचयन विभव तृणात्मएक होता है | |
| 59. |
मानक हाइड्रोजन इलेट्रोड के लिए `E^@` मान कितना होता है ? |
| Answer» Correct Answer - शून्य | |
| 60. |
डेनियल सेल में कॉपर पात्र किस इलेट्रोड का कार्य करता है ? |
| Answer» Correct Answer - केथोड | |
| 61. |
व्हीटस्टोरें ब्रिज विधुत अपघट्य के विलयन का प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए डायरेक्ट करेंट का उपयोग करते है | विधुत रासायनिक स्रेणीके आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है की कोई रेडॉक्स अभिक्रिया होगी अथवा नहीं |
| Answer» Correct Answer - असत्य | |
| 62. |
गेल्वेनिकरण के द्वारा लोहे को जंग लगाने से बच्या जाता है, कैसे ? |
| Answer» लोहे की वस्तुओ को जंग लगने से बचने के लिए उन पर जिनक की परत चढ़ाना गेल्वेनिकरण कहलाता है चूँकि जिनक लोहे से जयादा क्रियाशील होता है अतः लोहे के स्ताहन पर जिनक का संक्षारण होता है जिससे लोहे में जंग नहीं लगता है | | |
| 63. |
सोने ( Gold ) में जंग क्योँ लगता है ? |
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Answer» सोना उच्च अपचयन विभव `(E^@=+1*42V)` वाला तत्व है | अतः नमि युक्त वाइयो की उपस्थिति में बनने वाले सेल में Au के ऑक्सीकरण अभिक्रिया के लिए `Au_((s))toAu_((aq))^(3+)+3e^(-)(E_((Au//Au^(3+)))^@=-1*42V)` तथा `2H_((aq))^+1/2O_(2(g))+2e^(-)toH_(2)O(E_(O_(2)//H_(2))=-1*23V)` दोनों को जोड़ने पर सेल विभव `=-1*42V+(-1*23V)` `=-0*19V` इस सेल का विभव त्राणात्मक है | अतः उपरोक्त अभिक्रिया सपन्न नहीं होगी अर्थात सोने में जंग लगने ( अथवा सरन ) की अभिक्रिया नहीं होती है | |
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| 64. |
विधुत अपघटन क्रिया में एनोड पवाह इलेट्रोड है, जिसे बैटरी की तृणात्मक ध्रुव से जोड़ा जाता है | |
| Answer» Correct Answer - असत्य | |
| 65. |
5 एमिपयर विधुत धरा 30 मिनट तक `AgNO_3` से भरे पात्र में प्रवाहित करने पर `10*07 gm` चंडी जमा होती हो, तो चंडी का विधुत रासायनिक तुल्यांक निकालिए | यदि हाइड्रोजन का विधुत रासायनिक तुल्यांक `0*00001036` है, तो Ag का तुल्यांकी भार निकालिए | |
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Answer» विधुत धरा की मात्रा `Lt=5xx30xx60=9000` कॉलम `because 9000` स्कूलों द्वार निक्षेपित `Ag=10*07` gm `:." 1"` कुलओम द्वारा निक्षेपित `Ag=(10*07)/(9000)=0*0011189 gm ` अतः आग का विधुत रासायनिक तुल्यांक `=0*0011189 gm`. `because" "=("Ag का भार "xx H_(2) " तुल्यांक भार ")/(H_(2)"का भार ")` `=(0*0011189)/(0*00000 1036)xx1=108`. अतः Ag का तुल्यांक भार `=108*63` ग्राम |
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| 66. |
तनुजा बढ़ने पर तुल्यांकी चलता का मान बढ़ता है किन्तु विशिष्ठ चालकता का मान काम होता है, क्यों ? |
| Answer» तनुता बढ़ने पर आयनों की संख्या बढ़ती है, जिस्सके कारण तुल्यांकी चालकता का मान बढ़ता है जबकि विशिष्ठ चालकता, विलयन के इकाई आयतन की चालकता होती है | तनुता वृद्धि से इकाई आयतन में उपस्थित आयनों की संख्या घटती है जिससे विशिष्ठ चालकता का मान काम हो जाता है | | |
| 67. |
विशिष्ठ चालकता `(k)` सेल स्थिरांक `(l/a)` तथा प्रतिरोध `(R)` का सही सम्बन्ध व्यक्त करने वाला व्यंजक है ---A. `k l/(axxR)`B. `k=l/axx R`C. `k = l/a-R`D. `k = l/a` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 68. |
ग्राम निर्जल `BaCI_(2)` के `200 cm^3` जल में बने विलयन की छलकता `0*0058" ohm ch"^(-1)` पायी गई | वलयन की मोलर छलकता तथा तुल्यांकी छलकता ज्ञात कीजिय | |
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Answer» अतः मोलर सांद्रता `(C)=1/208xx1/200 xx1000 mol L^(-1)` `=0*0240 mol L^(-1)` मोलर चालकता, `^^_(m)=(kxx1000)C` `=(0*0058xx1000)/(0*0240)` `=241*6 ohm^(-1) cm^(-2) mol^(-1)` तुल्यांकी भार `= ("अणुभार")/2=208/2= 104` अतः ग्राम तुल्यांकी प्रति लीटर में विलयंक की सांद्रता `(C_(cq))= 1/ 104 xx 1/200 xx 1000` `=0*0480` तुल्यांकी चालकता `^^_(eq)=(kxx1000)/C_(eq)` `=(0*0058xx1000)/(0*0480)=120*83 ohm^(-1) cm^(-2) eq^(-1)`. |
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| 69. |
विधुत रासायनिक सेल में एनोड तृणात्मक ध्रुव होता है |
| Answer» Correct Answer - सत्य | |
| 70. |
यदि एक धात्विक तार में `0*5` केमिपयर धरा 2 घंटे के लिए प्रवाहित होती है तो तार में कितने इलेक्ट्रॉन प्रवाहित होंगे ? |
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Answer» गुजरने वाले आवेश की मात्रा (R) = एम्पियर में धारा `xx` सेकंड में समय `=(0*5 A)xx(2xx60xx60s)` `=3600 As=3600C` तार से 1 फैराडे आवेश के गुजरने पर प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या `=6*023xx10^"(23)` तार से `3600C` आवेश के गुजरने पर प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या `=6*023xx10^(23)xx((3600C))/((96500C))=2*246xx10^(22`) |
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| 71. |
विलयन के ......... की छलकता की विशिष्ठ छलकता कहते है |
| Answer» Correct Answer - `1 cm^3` | |
| 72. |
विशिष्ठ चालकता की इकाई है ---A. ओम`""^-(1)`B. ओम `""^-(1)` समी`""^-(1)`C. ओम सेमीD. ओम सेमी`""^-(1)` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 73. |
औक्सिकृत करने के लिए कितने कॉलम विधुत आवशयक है --- `1 mol FeO` को `Fe_(2)O_(3)` में |
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Answer» `FeOtoFe_(2)O_(3)` या `Fe^(2+)toFe^(3+)+e^(-)` ` 1 mol FeO` के `Fe_(3)O_(3)` में परिवर्तन के लिए `1e^(-)` आवशयक है | `=1 mol xx 96500 C mol^(-1)` `=96500 C` |
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| 74. |
एक सेल में दो हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड उपस्थित है । एनोड `10^(-6)` M हाइड्रोजन आयन सान्द्रण के सम्पर्क में है । `25^(@)C` पर सेल का वि०वा०ब० (emf) `0.118V` है । कैथोड पर हाइड्रोजन आयन सान्द्रण की गणना कीजिए। |
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Answer» Correct Answer - `1xx10^(-4)M` दी गयी डैल को निम्न प्रकार निरुपित किया जा सकता है - `Pt, H_(2)(g)(1 "atm")|H^(+)(10^(-6)M)||H^(+)(aq) "अज्ञात सांद्रता" |H_(2)(g)(1 "atm"),Pt` अर्द्ध सैल अभिक्रियाएँ तथा पूर्ण सैल अभिक्रिया निम्न प्रकार है - `{:("एनोड पर " :,(1)/(2)H_(2)(g),toH^(+)(10^(-6)M)+e^(-)),("कैथोड पर":H^(+)("अज्ञात सांद्रता"),+e^(-),to(1)/(2)H_(2)(g)):}/("कुल सैल" ("अज्ञात सांद्रता ")toH^(+)(10^(-6)M))` इस सैल अभिक्रिया के लिए `n=1` नर्स्ट समीकरण के अनुसार `25^(@)C` पर , `E_("सैल")= E_("सैल")^(@)-(0.059)/(n)log_(10).([H^(+)]_(" ज्ञात"))/([H^(+)]_(" अज्ञात"))` दिया है `E_("सैल")=0.118V,[H^(+)]_("ज्ञात")=10^(-6)M` `E_("सैल")=E_(H^(+)//(1)/(2)H_(2))-E_(H^(+)//(1)/(2)H_(2))` `0.00-0.00=0.00V` मान रखने पर , `0.118=0.00=0.00-(0.059)/(1)log_(10).(10^(-6))/([H^(+)]_("अज्ञात")` या `log_(10).(10^(-6))/([H^(+)]_("अज्ञात"))=(0.118)/(0.059)=-2` या `log_(10)10^(-6)-log_(10)[H^(+)]_("अज्ञात")=-2` या `-log_(10)[H^(+)]_("अज्ञात")=-2+6=4` या `[H^(+)]_("अज्ञात")="antilog"_(10)(-4)=1xx10^(-4)M` अतः कैथोड पर हाइड्रोजन आयन सांद्रता `1xx10^(-4)M` है |
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| 75. |
`6.15g` नाइट्रोबेन्जीन को ऐनिलीन में अपचयित करने के लिए आवश्यक विद्दुत की गणना कीजिए यदि धारा की दक्षता 68 प्रतिशत हो । यदि सैल में विभव में कमी (potential drop across the cell ) `7.0 V` हो तो प्रक्रम के दौरान प्रयुक्त ऊर्जा की गणना कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - `42573.5 C, 298.014 Kj` अपचयन अभिक्रिया को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है - `underset(1"मोल")(C_(6)H_(5)NO_(2)+6H^(+))+underset("मोल") 6e^(-)to C_(6)H_(5)NH_(2)+2H_(2)O` नाइट्रोबेन्जीन का अणुभार `=123` उपरोक्त समीकरण से स्पष्ट है कि 1 मोल `(123 g)` नाइट्रोबेन्जीन के अपचयन के लिए 6 मोल एलेक्ट्रोनो की आवश्यकता होती है । `therefore 123 g` नाइट्रोबेन्जीन के अपचयन के लिए आवश्यक विद्दुत `=6F=6xx96500C` अतः `6.15g` नाइट्रोबेन्जीन को अपचयित करने के लिए सैद्धान्तिक रूप से आवश्यक विद्दुत `=(6xx96500)/(123)xx6.15=28950C` चूँकि धारा की दक्षता `68%` है अतः धारा की आवश्यक वास्तविक मात्रा `=(28950xx100)/(68)=42573.5C` प्रयुक्त ऊर्जा =विद्दुत की मात्रा x विभव `=42573.5xx7.0=298014.5J =298.014 KJ` |
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| 76. |
उन धातुओं की सूचि बनाये जिनका विधुत अपघटनी निष्कर्षण होता है | |
| Answer» सोडियम (Na), कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), तथा एल्यूमिनियम (AI), का विधुत अपघटनी निष्कर्षण होता है, क्योँकि ये अत्यधिक क्रियाशील धातुएं है तथा इनके `E^(0)` के मान अधिक तृणात्मक होते है | | |
| 77. |
निम्नलिखित ऑक्सीकरण अभिक्रियाओ में से प्रत्येक को कितने कूलम्ब आवेश की आवश्यकता होगी ? (i) `FeO` के एक मोल को `Fe_(2)O_(3)` में (ii) `H_(2)O` के एक मोल को `O_(2)` में |
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Answer» (i) एक मोल FeO के ऑक्सीकरण के लिए इलेक्ट्रोड अभिक्रिया निम्न है - `FeO+(1)/(2)Oto (1)/(2)Fe_(2)O_(3)` या `underset(1"मोल")(Fe^(2+))toFe^(3+)+ underset(1"मोल")(e^-)` उपरोक्त समीकरण से स्पष्ट है कि FeO का एक मोल `Fe_(2)O_(3)` में ऑक्सीकृत होने के लिए एलेक्ट्रोनो के एक मोल को त्यागता है । `therefore ` आवश्यक आवेश `=1F=96500C`. (ii) इलेक्ट्रोड अभिक्रिया निम्न है - `H_(2)(I) to(1)/(2)O_(2)(g)+ 2H^(+)(aq)+2e^(-)` चूँकि ऑक्सीकरण प्रक्रिया में `H_(2)O` का एक मोल एलेक्ट्रोनो के दो मोलो को त्यागता है , अतएव आवश्यक आवेश `=2F=2xx96500=193000 C`. |
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| 78. |
SI पढ़ती में विशिष्ठ छलकता की इकाई ......... है |
| Answer» Correct Answer - `Scm^(-1)` | |
| 79. |
एक विलयन में सिल्वर `+1` ऑक्सीकरण अवस्था में उपस्थित है । इस विलयन की `8.46` एम्पियर की धारा को `8.0` घण्टे तक प्रवाहित करके विद्युत - अपघटन करने पर एक ट्रे (tray) पर कितने ग्राम सिल्वर निक्षेपित होगा ? यदि सिल्वर की परत की मोटाई `0.00254` सेमी हो तो ट्रे का क्षेत्रफल कितना है ? सिल्वर का घनत्व `10.5g cm^(-3)` है । |
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Answer» Correct Answer - `272.88g, 1.02xx10^(4)cm^(2)` इलेक्ट्रोड अभिक्रिया है - `Ag^(+)(aq)+e^(-)to Ag(s)` Ag का तुल्यांक द्रव्यमान `=(108)/(1)=108` `therefore Ag` का विद्दुतरासायनिक तुल्यांक ` ("तुल्यांक द्रव्यमान")/(F)` `(108)/(96500)=1.12xx10^(-3)g C^(-1)` फैराडे के विद्दुत -अपघटन के प्रथम नियम से , `W=Z i t` `=1.12xx10^(-3)xx8.46xx8xx60xx60-272.88 g` माना ट्रे का क्षेत्रफल `A cm^(2)` है । `therefore ` लेपित सिल्वर का आयतन = क्षेत्रफल `xx` मोटाई `=Axx0.00254 cm^(3)` लेपित सिल्वर का द्रव्यमान = आयतन `xx` घनत्व `Axx0.00254xx10.5` अतः `Axx0.00254xx10.5=272.88` या `A=(272.88)/(0.00254xx10.5)=10231.7 cm^(2)` `=1.02xx10^(4)cm^(2)` |
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| 80. |
विधुत अपघटनी छलकता ताप व्रतधी के साथ .... है |
| Answer» Correct Answer - बढ़ती है | |
| 81. |
निम्नलिखित अपचयन अभिक्रियाओ में से प्रत्येक को कितने आवेश की आवश्यकता होगी ? (i) `Al^(3+)` के एक मोल को Al में (ii) `Zn_(2+)` के एक मोल को Zn में (iii) ` MnO_(4)^(-)` के एक मोल को `Mn^(2+)` में . |
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Answer» `Al^(3+)` का Al में अपचयन निम्न इलेक्ट्रोड अभिक्रिया के माध्यम से होता है - `underset(1 "मोल")(Al^(3+))+underset(3"मोल")(3e^(-1))to Al` चूँकि `Al^(3+)` के एक मोल (3 तुल्यांक ) को अपचयीत करने के लिए 3 मोल एलेक्ट्रोनो की आवश्यकता होती है अतएव आवश्यक आवेश `=3F=3xx96500=289500 C`. (ii) इलेक्ट्रोड अभिक्रिया निम्न है - `underset(2 "तुल्यांक")underset(1"तुल्यांक")(Zn^(2+))+underset(2"मोल")(2e^(-))to Zn` `therefore` आवश्यक आवेश `=2F=2xx96500=193000 C` (iii) इलेक्ट्रोड अभिक्रिया निम्न है - `underset(1"मोल")(MnO_(4)^(-))+8H^(+)+underset(1"मोल")5e^(-)to Mn^(2+)+4H_(2)O` उपरोक्त समीकरण से स्पष्ट है कि 1 मोल `MnO_(4)^(-)` तुल्यांक को `Mn^(2+)` में अपचयीत करने के लिए 5 मोल एलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है `therefore ` आवश्यक आवेश `=5F=5xx96500=482500C` |
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| 82. |
निम्नलिखित में से कौन -सी समीकरण विद्युत - अपघटन के प्रथम नियम को सही रूप में निरूपित करती है ? जहाँ c एम्पियर में विद्दुत धारा के परिणाम को निरुपित करता है ।A. `mZ=ct`B. `m=c Z t`C. `m c=Z t`D. `c= m Z t` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 83. |
`25^(@)C` पर निम्नलिखित आँकड़े दिये गये है - `Ag+I^(-)to Agl+e^(-), E^(@)=0.152V` `Agto Ag^(+)+e^(-),E^(@)=-0.800 V` Agl के लिए `log K_(sp)` का मान क्या है ? `(2.303(RT)/(F)=0.059)` .A. `-8.12`B. `+8.612`C. `-37.83`D. `-16.13`. |
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Answer» Correct Answer - D `Ag+I^(-)hArrAgI(s)+e^(-),E^(@)=0.152V` `Agto Ag^(+)+e^(-),E^(@)=-0.800V` समी० (i) को निम्न प्रकार भी लिखा जा सकता है । `AgI(s)+e^(-)to Ag+I^(-),E^(@)=-0.152V` समी०(i) तथा (ii) को जोड़ने पर , `AgI(s)to Ag^(+)+I^(-), E^(@)=-0.800+(-0.152)=-0.952V` `E_("सैल") =E_("सैल")^(@) -(0.303RT)/(n F)log_(10).([Ag^(+)][I^-])/([AgI(s)])` साम्य पर `=E_("सैल")=0` दिया है `n=1` `therefore 0=E_("सैल") -(2.303RT)/(F)log_(10) K_(sp)` या `0=-0.952-0.059log_(10)K_(sp)` या `log_(10)K_(sp)=-(0.952)/(0.059)=-16.135`. |
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| 84. |
`Cr , Mn, Fe`तथा `E_(M^(3+)//M^(2+))^(@)` के मान क्रमश: `-0.41,+1.57,+0.77` तथा `+1.97` है । इनमे से किस धातु के लिए `+2` से `+3` ऑक्सीकरण अवस्था में परिवर्तन सर्वाधिक शीघ्रता से होगा ?A. CrB. MnC. FeD. Co. |
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Answer» Correct Answer - A `E_(M^(3+)//M^(2+)Cr` के लिए सर्वाधिक ऋणात्मक है । यह दर्शाता है कि `Cr^(3+)` में `Cr^(2+)` परिवर्तित होने की क्षमता बहुत कम होती है । इसके विपरीत , `Cr^(2+)` में `Cr^(3+)` परिवर्तित होने की अधिकतम क्षमता होगी । अतः Cr के लिए `+2` से `+3` ऑक्सीकरण अवस्था परिवर्तन सर्वाधिक सुगमता से होगा । |
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| 85. |
`AgNO_(3)` और `CuSO_(4)` के विलयन श्रेणीक्रम में जुड़े हुए है तथा एक कूलॉम आवेश प्रवाहित किया गया है | इलेक्ट्रोड पर `Ag` और `Cu` के द्रव्यमानों के अनुपात होंगे --A. `54/(31*5)`B. `108/(31*5)`C. `54/(63*5)`D. `108/(63*5)` |
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Answer» Correct Answer - B यदि विभिन बिधुत अपघट्यों के विलयन स्रेणीक्रम में जुड़े हो, तो प्लेटिनम केथॉड पर मुक्त धातुओं द्रव्यमान उनके तुल्यांकी भर के अनुपात में होते है | `Ag` और `Cu` के तुल्यांकी भरो के अनुपात `=108//31*5` |
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| 86. |
`AlCI_(3)` विलयन में एक विद्दुत आवेश प्रवाहित करने पर `13.5 g Al` प्राप्त हुआ , प्रवाहित किये गए आवेश का मान है -A. `1.5 F`B. `0.5 F`C. `1.0 F`D. `2.0 F`. |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 87. |
`Al^(3+)` आयनों के एक मोल AI प्राप्त करने के लिए आवशयक आवेश की मात्रा होगी ---A. `3xx 96500 C`B. ` 96, 500 C`C. `(96500)/3""C`D. `(96500)/2""C` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 88. |
`1000^(@)C` पर ऐल्यूमिनियम ऑक्साइड का विद्दुत - अपघटन करने पर ऐल्यूमिनियम धातु ( परमाणु द्रव्यमान `=27 amu` ) प्राप्त होती है (1 फैराडे `=96,500` कूलम्ब ) । कैथोड पर होने वाली अभिक्रिया निम्नलिखित है - `Al^(3+)+3e^(-)to Al` इस विधि द्वारा `5.12` किग्रा ऐल्यूमिनियम धातु का निर्माण करने के लिए आवश्यक विद्दुत आवेश है -A. `5.49xx10^(1)C`B. `5.49xx10^(4)C`C. ` 1.83xx10^(7)C`D. `5.49xx10^(7)C` |
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Answer» Correct Answer - D अभिक्रिया , `Al^(3+)+3e^(-)toAl` दर्शाती है कि 1 ग्राम आयन `Al^(3+)` के लिए 3 फैराडे ( अर्थात `3xx96500 C`) विद्युत की आवश्यकता होती है । अतः `5.12kg(5120g)Al` के निर्माण के लिए आवश्यक विद्युत `=(3xx96500)/(27)xx5120=5.49xx10^(7)C` |
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| 89. |
क्रमश: `Ag^(+), Ni^(2+)` तथा `Cr^(3+)` आयनों युक्त श्रेणीक्रम में जुड़े तीन विद्दुत - अपघटनी सैलों में एक फैराडे आवेश प्रवाहित किया गया है । प्राप्त Ag (परमाणु भार `=108`), Ni ( परमाणु भर `=59` ) तथा Cr (परमाणु भार `=52` ) की मात्राएँ होगी -A. `{:(,"Ag","Ni","Cr"),((a),108g,29.5g,17.5 g):}`B. `{:(,"Ag","Ni","Cr"),((b),108,59.0g,52.0 g):}`C. `{:(,"Ag","Ni","Cr"),((c),108g,108.0g,108.0 g):}`D. `{:(,"Ag","Ni","Cr"),((d),108g,117.5g,166.0 g):}` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 90. |
एक विद्युत - अपघट्य विलय में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर धनायन कैथोड को ओर तथा ऋणायन एनोड की ओर गति करते है । यदि कैथोड को विलयन से बाहर खींच लिया जाये तो -A. धनायन तथा ऋणायन दोनों ही एनोड को ओर गति करेंगेB. धनायन एनोड को ओर गति करने लगेंगे ।C. धनायन गतिहीन को जाऐंगे लेकिन ऋणायन एनोड को ओर गति करते रहेंगे ।D. धनायन तथा ऋणायन अनियमित रूप से गति करने लगेंगे । |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 91. |
एक इलेक्ट्रान पर `1.60219xx10^(-19)C` आवेश उपस्थित है । फैराडे स्थिरांक , F का मान ज्ञात कीजिए । |
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Answer» एक फैराडे वह आवेश है , जो एक मोल एलेक्ट्रॉनों पर उपस्थित होता है । `F=0.60219xx10^(-19)xx6.02xx10^(23)` `=9.64xx10^(4)C` |
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| 92. |
उत्पाद प्राप्त करने के लिए कितने कुलाओम आवेश आवश्यक होगा ? गलित `AI_(2)O_(3)` से `50` ग्राम AI . |
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Answer» `AI_2 O_3 hArr 2AI^(3+)+3O^(-)` `AI^(3+)+3e^(-)to AI` 1 मोल 2 मोल = 1 मोल 1 मोल 3 फेराड = 27 ग्राम `because 1` मोल या 27 ग्राम AI प्राप्त करने के लिए आवशयक आवेश `3xx96500` कोलोम `:." "50` ग्राम AI प्राप्त करने के लिए आवश्यक आवेश `=(3xx96500xx50)/(27) =5366111*11` कॉलम |
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| 93. |
`0*1 mol L^(-1) KCI` विलयन से भरे हुवे एक चालकता सेल का प्रतिरोध `100 omega` है| यदि सेल का प्रतिरोध `0.02 mol L^(-1) KCI` विलयन भरने पर `520 omega` हो, तो `0.02 mol L^(-1)KCI` विलयन की चलतकता एव मोलर चालकता परिकलित कीजिय `0*1 mol L^(-1)KCI` विलयन की चालकता `1*29 S/m` है | |
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Answer» (i)`0.1 m KCI` विलयन के लिए, `R=100 omega, K = 1*29 Sm^(-1)` सेल स्थिरांक `(G^*)=` चालकता `xx` प्रतिरोध `=1*29 xm^(-1)xx 100 omega` `=129 m^(-1)=1*29 cm^(-1)` (ii) `0*02 mol L^(-1) kCI` विलयन की चालकता `(K) = (" सेल स्थिरांक ")/("प्रतिरोध")` `=(129m^(-1))/(520 omega)=0*248 omega^(-1)m^(-1)` या `=0*248 Sm^(-1)` `=248xxx10^(-3)` (iii) `0*02 mol L^(-1) KCI` विलयन की मोलर चालकता सांद्रता `=0*02 mol L^(-1)= 1000xx0*02 mol m^(-3)` सांद्रता `=0*02 mol L^(-1) = 1000 xx 0*02 mol m^(-3)` `=20 mol m^(-3)` `^^_(m)=k/c` `=(0*248xx10^(-3))/20` `=1*24xx10^(-4)Sm^(-2) mol^(-1)` |
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विद्युत -अपघट्न के दौरान `4828.4mg` आयोडीन को एनोड पर नीपेक्षित करने के लिए `3671.3` कुलम्ब विद्दुत की आवश्यकता होती है । फैराडे स्थिरांक का मान ज्ञात कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - 96489.25 C एनोड पर होने वाली अभिक्रिया है `2I^(-)tounderset(1 "मोल")(I_(2))+underset(2"मोल")(2e^(-))` उपरोक्त समीकरण से स्पष्ट है कि एनोड पर 1 मोल `I_(2)` के निक्षेपण के लिए 2 मोल एलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है । चूँकि एक मोल इलेक्ट्रान का आवेश 1 फैराडे (1F) होता है अतः 1 मोल (`I_(2)` को निक्षेपित करने के लिए 2 फैराडे आवेश की आवश्यकता होगी । इस स्थिति में , ` I_(2)` के निक्षेपित मोल `=(4828.4xx10^(-3))/(253.8)=0.0190244` (`because I_(2)` का द्रव्यमान `=4828.4mg=4828.4xx10^(-3)g,I_(2)` का अणुभार `=126.9xx2-253.8`) अतः `0.019-244` मोल `I_(2)` के लिए आवश्यक आवेश `=3671.3C` `therefore 1 ` मोल `I_(2)` को के निक्षेपित करने के लिए आवश्यक आवेश `=(3671.3)/(0.0190244)=192978.5C` यह आवेश 2F के बराबर होना चाहिए अतः , `2F=192978.5C` या `F=(192978.5)/(2)=96489.25C` |
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| 95. |
प्रयाप्त करने में कितने फैराडे विधुत की आवशयकता होगी ? गलित `CaCI_(2)` से `20*0g Ca`, |
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Answer» `CaCI_(2)` निम्नलिखत प्रकार विघटीय होता है --- `CaCI_(2)toCa^(2+)+2CI^(-)` `Ca^(2+)+2e^(-)toCa` Ca की ऑक्सीकरण संख्या `+2` से 0 में परिवर्तित होती है | अतः `Ca^(2+)` को 1 mol Ca में अपचयित करने के लिए 2 mol इलेक्ट्रॉनों की आवशयकता होगी | `because" "Q=nF=2xx96500 C mol^(-1)` `20 g Ca` में मोल `=20/40 = 0*5 mol` `:." g Ca"` में मोल `=20/40=0*5" mol"` `:." 20 g"` को प्राप्त करने में आवशयक आवेश `=2xx96500xx0*5` `=96500 C mol^(-1)" or "1 F` |
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| 96. |
प्रयाप्त करने में कितने फैराडे विधुत की आवशयकता होगी ? गलित `AI_(2)O_(3)` से `40*0g Al`, |
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Answer» `AI_(2)O_(2)` का विघटन निम्न प्रकार होता है ? `AI_(2)O_(3)to2AI^(3+)+3O^(3-)` `AI^(3+)+3e^(-)toAI` AI की ऑक्सीकरण संख्या `+3` से 0 mol AI में परिवर्तित होती है | अतः 1 mol AI के अपयचन के लिए 3 mol इलेक्ट्रॉन आवशयक होंगे | `because" "Q=nF` अतः `1 mol AI^(3+)` के `1 mol AI` में अपचयन के लिए आवश्यक आवेश `Q=3xx96500 C mol^(-1)` `40-0 g AI` में `mol = 40//27 = 1*48` अतः `Q=3xx96500xx1*48` `=428460 C mol^(-1)=4*28 F` |
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298 K pr निम्न अभिक्रियाओं के लिए `DeltaG^0` तथा `K_c` का परिकलन कीजिय | `2AI_((s))+3Cu_((aq))^(2+)to2AI_((aq))^(2+)+3Cu(s)` दिया गया है : `E_("cell")^0=2*2V` |
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Answer» Correct Answer - `9*532 xx 10^(204)` `DeltaG^@ = -nFE^@ = 6xx 96500 xx 2*02 = 117xx10^(5) J` `because" "DeltaG^@ =-2*303" RT log K"_(C)` `because" "K_(C) = 9*532 + 10^(204)` |
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`0*05 mol L^(-1) NaOH` विलयन के कॉलम का विधुत प्रतिरोध `5*55xx10^(3) ohm` है | इसका व्यास 1cm है | इसकी प्रतिरोधक, चालकता तथा मोलर चालकता का परिकलन कीजिये | |
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Answer» `r=1/2=0*5 cm ` अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल `=api r^2= 3*14xx0*5^2 cm^2 l = 50 cm=0*785 xx 10^(-4) m^(2)` (i) प्रतिरोध `R=(rhol)/a` या `rho=(R*a)/l = (5*55xx10^(3)Omegaxx0*785 xm^2)/(50 cm )` प्रतिरोध `(rho)=87*135 Omega cm` (ii) छलकता `=K=1/rho=(1/*87*135)S cm^(-1)` `=0.0011476 cm^(-1)` या ` K= 0*01148 S cm^(-1)` (iii) मोलर चालकता `lamda_m=(kxx1000)/C cm^3L^(-1)` `C=0*05 mol L^(-1)` `lamda_m=(0*01148 S cm^(-1)xx1000xm^3L^-1)/(0*05 molL^-1)=229*6 S cm^2 mol^(-1)` |
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निम्न को उत्पन्न करने के लिए फैराडे के रूप में कितनी विद्दुत की आवश्यकता होगी - (i) गलित `CaCl_2` से Ca के 20 ग्राम ? (ii) गलित `Al_2O_3` से Al के 40 ग्राम ? |
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Answer» `{:((i)" "CaCl_(2),to,Ca),(CaCl_(2)+2e^(-),to,Ca):}` or 1 mole 2 moles 1 mole or 40g 2 moles 40 g or 20 g 1 mole 20 g आवश्यक विद्दुत की मात्रा `=1F` (ii) `(1)/(2)Al_(2)O_(3) to Al` or `Al^(3+)+3e^(-) to Al` or 1 mole 3 moles 1 mole `because Al ` के `26.98` ग्राम के लिए आवश्यक विद्दुत `=3F` ` therefore` Al के `40` ग्राम के लिए आवश्यक विद्दुत `=(3)/(26.98)xx40` `=4.448F` |
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`2*5xx 10^(-4)M` मेथेनोइक अम्ल की चालकता `5*25xx10^(-5) S cm^(-1)`है | इसकी मोलर चालकता और वियोजन की मात्रा का परिकलन कीजिय | दिया गया है --- `lamda^(0)(H^(+))=349*S cm^2 mol^(-1)` `lamda^0(HCOO^(-))=50*5 Scm^2 mol^(-1)` |
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Answer» Correct Answer - `0*525` मोलर चालकता` =(" चालकता "xx 1000)/M = (3*905xx10^(-5)xx1000)/(0*001)=210 Scm^(2) mol^(-1)` `alpha=(lamdaV)/lamda =(210)/((349*5+50*5))=210/400=0*525` |
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