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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

वैवाहिक समायोजन के तत्त्व है।(a) सहयोग(b) संस्था(c) पर्यावरण(d) ये सभी

Answer»

सही विकल्प है (a) सहयोग
 

2.

बेमेल विवाह की मुख्य समस्या क्या है।

Answer»

बेमेल विवाह की मुख्य समस्या आपसी विचारों का न मिलना होता है। विवाह में सड़के व सड़की की आयु यदि एक-दूसरे से बहुत कम अथवा बहुत आपके हो तब भी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

3.

पति-पत्नी के बीच असामंजस्य के कारण ।(a) संवेगात्मक असन्तुलन(b) आर्थिक अभाव(c) संयुक्त परिवार(d) ये सभी

Answer»

सही विकल्प है (d) ये सभी

4.

वैवाहिक समायोजन में कौन-कौन से तत्त्व सम्मिलित होते हैं?

Answer»

वैवाहिक समायोजन में सहयोग, दायित्वों की पूर्ति, प्रेमपूर्ण व्यवहार, अटूट विश्वास, मनपसन्द गौवन साथी तथा धार्मिक विश्णास मुख्य तत्व हैं।

5.

सहयोग किस प्रकार का समायोजन है?

Answer»

सहयोग सामाजिक एवं लैगिक समायोजन है। पति तथा पत्नी दोनों के कार्य अलग-अलग होते हैं। इनमें पत्नी घर के काम-काज देखती है तथा पति कृत्रि में बाहरी कार्यों को देखता है। अत: दोनों को परस्पर सहयोग की आवश्यकता होती है।

6.

वैवाहिक जीवन में सामंजस्य क्यों आवश्यक है?

Answer»

चक विवाह एक सामाजिक संस्था है, जहाँ त सभी एक-दूसरे के पूरक कहलाते हैं। इस सभा में समायोजन के बिना पति-पत्नी के गृहस्थी की गाढ़ी ठीक इंग से नहीं चल सकती हैं। वैवाकि जैन को सफल बनाने के लिए कुछ वैवाहिक सम्योजन के तत्वों की आवश्यकता होती है, जो निम्नलिखित हैं।

⦁    प्रेमपूर्ण व्यवहार पति-पत्नी के बीच एक दूसरे के सेट में वफादारी का व्यवहार होना चाहिए। सम्बन्ध मधुर रहने से दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है।

⦁    अटूट विश्वास वाह सम्बन्ध विश्वास पर टिका होता है। यदि पति-पत्नी एक-दूसरे पर विश्वास नहीं करते हैं तो उनका परिवार टूट जाता है।

⦁    मनपसन्द जीवन साथी होना भारतीय समाज में अधिकांशतः वैवाहिक सम्बन्। माता-पिता द्वारा ही जोड़े जाते हैं। अत: माता-पिता को चाहिए कि वह एक-दूसरे | के अनुरूप ही जीवन साथी का चुनाव करे।

⦁    धार्मिक विश्वास भारतीय सामाजिक परिप्रेक्ष्य में गिह एक पवित्र एवं धार्मिक क्या है, जहाँ पति-पत्नी का सम्बन्ध ईश्वर की इड़ा से जोड़ा जाता है। यहाँ विवाह के समय लिए गए मन्त्रों से वनभर सम्म निभाए जाते हैं।

7.

सहयोग सामाजिक एवं ………… समायोजन है।(a) गुणों का(b) आर्थिक(c) लैंगिक(d) व्यापारिक

Answer»

सही विकल्प है (c) लैंगिक

8.

वैवाहिक समायोजन के किन्हीं दो तत्त्वों को संक्षेप में समझाइए।

Answer»

विवाह संग्ग्या में पति व पत्नी एक-दूसरे के पूरक होते हैं। अतः समायोजन के बिना किसी भी स्त्री-पुरुष का वैवाहिक जीवन सुचारु रूप से नहीं चल सकता। समायोजन में संवेगात्मक, सामाजिक एवं शैगिक तथा आर्थिक सहित कई आवश्यक तत्त्व समिति होते हैं, जिन्हें प्यान में रखका वैवाहिक जीवन को सफल बनाया जा सकता है।

⦁    सहयोग सहयोग सामाजिक एवं गक समायोजन है। पति तथा पत्नी दोनों के कार्य अलग अलग होते हैं। इनमें पत्नी पर के काम-काज देखती है तथा पति खेतों एवं बाहरी कार्यों को देखता हैं। अतः दोनों को परस्पर सहयोग को आवश्यकता होती है।

⦁    दायित्वों की पूर्ति यदि विवाहोपरान्त पति व पत्नी दोनों ही जोबिकौशन के लिए नौकरी करते हैं तब दोनों को अपने परिवार के प्रति दायित्वों का निर्वहन अपना कार्य सम्झकर करना चाहिए। इससे वैवाहिक सामंजस्य बना रहता है।

9.

वैवाहिक अनुकूलन के कोई दो उपाय बताइए।

Answer»

वैवाहिक सम्बन्धों में अनुकूलन के दो उपाय निम्नलिखित हैं।

⦁    संवेगों में सामंजस्य

⦁    शिक्षा का प्रसार होना

10.

लड़के और लड़कियों में पाए जाने वाले सामाजिक भेद लिखिए 

Answer»

लड़के से लड़कियों में पाए जाने वाले सभी सामाजिक भेदों का आधार लैंगिक असमानता ही होता है। गगक असमानता से तात्पर्य ही भार पर लड़कियों के साथ भेदभाव से है। परम्परागत रुप से समाज में लड़कियों को कमजोर वर्ग के रूप में देखा जाता है। वे घर और समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपन और भेदभाव से पॉड़ित होती हैं। इस प्रकार लड़के एवं लड़कियों में पाए जाने वाले सामाजिक भेद निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है

⦁    भारत में पुरुष प्रधान समाज की व्यवस्था रही है, जिसमें स्त्रियों पर पुरुषों का वर्चस्व रहा है।

⦁    भारत में ग्रामीण सामाजिक व्यवस्था में स्त्रियों को घर के अन्दर रहकर घरेलू कार्य करने होते हैं।

⦁    स्त्रियों में अशिक्षा होने के कारण वे अन्यविश्वास तथा मनगढन्त धार्मिक गाथाओं की झूठी बातों में दबी रहती हैं।

⦁    भारतीय समाज में स्त्रियों की सम्पत्ति में समान अधिकार न मिलने के कारण भी उनका वर्चस्व अपेक्षाकृत कम रहता है।

⦁    स्त्रियों को शारीरिक एवं मानसिक दृष्टिकोण से कमजोर माना जाता है, जिसके रूण उन्हें रोजगार सम्बन्धी कार्यों में भी लैंगिक विभेदता का सामना करना पड़ता हैं।

⦁    स्त्रियों के आर्थिक रूप से सम्पन्न न होने के कारण वे सदैव पिता, पति भाई अथवा बच्चों पर ही आश्रित रहती है।

⦁    विभिन्न धार्मिक कार्यों में भी पुरुषों को अपेक्षाकृत अधिक महत्व दिया जाता है।

⦁    पितृसत्ताक समाज होने के कारण लड़की की अपेक्षा तहके के जन्म पर अधिक उल्लास एवं खुशी मनाई जाती है।

11.

विवाह क्या है?

Answer»

विवाह एक सामाजिक संस्था है, जो किसी-न-किसी रूप में विश्व के सभी समाजों में पाई जाती है। विवाहित स्त्री-पुरुष को एक सिक्के के दो पहलू अथवा गृहस्थ जीवन को गाड़ी के दो पहुए माना जाता है। इस प्रकार वैवाहिक जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्त्री-पुरुष दोनों का समय होना अनिवार्य है।

12.

एक संस्था है।(a) जन्म(b) विवाह(c) समाज(d) जाती

Answer»

सही विकल्प है (b) विवाह