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1.

चित्र में एक धातु की छड़ PQ को दर्शाया गया है जो पटरियों AB पर रखी है तथा एक स्थायी चुम्बक के ध्रुवो के मध्य स्थित है । पटरियाँ , छड़ एवं चुंबकीय क्षेत्र परस्पर अभिलंबवत दिशाओ में है ।एक गैल्वेनोमीटर ( धारामापी ) G को पटरियों से एक स्विच K की सहायता से संयोजित किया गया है । छड़ की लम्बाई 15 सेमी , B = 0.50 T तथा पटरियों , छड़ धारामापी से बने बंद लूप का प्रतिरोध = ` 9.0 mOmega ` है । क्षेत्र को एकसमान मान ले । क्या कुंजी K खुली होने पर छड़ के सिरों पर आवेश का आधिक्य हो जायेगा ? क्या होगा यदि कुंजी K बंद कर दी जाए ?

Answer» हाँ , जब कुंजी बंद रहेगी तब Q सिरे पर इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक होगी । अतः अतिरिक्त आवेश सतत धारा से संतुलित रहते है ।
2.

एक धात्विक छड़ को गुरुत्व के अंतर्गत क्षेतिजतः पुर्व - पश्चिम दिशा में स्वतंत्रतापूर्वक गिरने से इसके परितः क्या कोई वि वा बल प्रेरित होगा ?

Answer» हाँ , क्योकि तब उत्तर - दक्षिण दिशा में पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र इसे अन्तः खंडित करेगा ।
3.

R प्रतिरोध के परिपथ से गुजरने वाला चुम्बकीय फलक्स समय `Delta t " में " Delta phi ` परिमाण से परिवर्तित होता है । `Delta t ` समय क दौरान परिपथ के किसी बिंदु से गुजरने वाले विद्युत आवेश Q की कुल मात्रा प्रदर्शित होती है -A. ` Q = 1/R = (Delta phi )/(Delta t)`B. ` Q = (Delta phi )/R`C. ` Q = (Delta phi)/(Deltat)`D. ` Q = R (Delta phi )/(Delta t) `

Answer» Correct Answer - B
` I = epsilon /R = (Delta phi)/(R.Deltat) " " = (DeltaQ)/(Deltat)`
`I = (DeltaQ)/(Deltat) = (Deltaphi)/(R.Deltat)`
`Delta Q = (Deltaphi)/R`
4.

एक कुण्डली से गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स का मान 0.1 सेकण्ड में 1 वेबर से 0.1 वेबर हो जाता है , तो प्रेरित वि . वा. बल का मान बताइये ।

Answer» Correct Answer - 9 वोल्ट
` phi _(0) - phi = 0.1 -1 = -0.9`
` epsilon = (-(phi_(2)-phi_(2)))/t=0.9/0.1 = 9` वोल्ट
5.

किसी कुंडली से सम्बद्ध चुम्बकीय फलक्स में परिवर्तन के कारण उस कुंडली में विद्युत वाहक बल का सूत्र निम्न है -( A = कुंडली का क्षेत्रफल, B= चुम्बकीय क्षेत्र )A. ` epsilon = - A(dB)/(dt)`B. ` epsilon = - B (dA)/(dt) `C. ` epsilon = - d/(dt) (vec(A).vec(B))`D. ` epsilon = - d/(dt) (vec(A) xxvec(B))`

Answer» Correct Answer - A
` epsilon= - (dphi)/(dt) = d/(dt) (BA) = -A (dB)/(dt)`
6.

`100 " सेमी "^(2)` क्षेत्रफल और 500 फेरो वाली एक कुण्डली `0.1 " वेबर/मीटर"^(2)` के चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत रखी है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र का मान 0.1 सेकण्ड से घटकर शून्य हो जाये , तो कुण्डली में प्रेरित वि . वा . बल का मान ज्ञात कीजिये ।

Answer» Correct Answer - 5 वोल्ट
` phi = NB_(1) A = 500 xx 100/(100xx100) xx 0.1 = 0.5 Wb`
` phi _(2) = 0`
` :. epsilon = (-(phi_(2)-phi_(1)))/t= (-(0-0.5))/(0.1) = 0.5/0.1 = 5` वोल्ट
7.

` 0.01 " मीटर "^(2) ` क्षेत्रफल वाली वर्गाकार कुंडली `10^(3)` वेबर प्रति`" मीटर "^(2)` वाले चुम्बकीय क्षेत्र में लंबवत रखी है । कुंडली से सम्बद्ध फ्लक्स होगा -A. 10 वेबरB. `10^(-5)` वेबरC. शून्यD. 100 वेबर

Answer» Correct Answer - A
` phi = BA`
8.

` 100 " सेमी"^(2)` क्षेत्रफल तथा 50 फेरो वाली एक कुण्डली को 0.02 `" वेबर/मीटर" ^(2)` तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत रखा गया है । कुण्डली का प्रतिरोध 2 ओम है । यदि इसको 1 सेकण्ड में चुम्बकीय क्षेत्र से हटाया जाये , तो प्रेरित आवेश का मान कितना होगा ?

Answer» Correct Answer - `0.005 ` C
` A = 100 "cm"^(2) = 100/(100 xx 100) " m"^(2) = 0.01 " m"^(2), N = 50 `
` B = 0.02 "Wbm"^(-2), R = 2 Omega , t = 1 sec .`
` phi = NBA = 50 xx 0.02 xx 0.01 `
` epsilon = (-dphi)/(dt) = (50 xx 0.02 xx 0.01 )/1 = 0.01 `
` q = epsilon /R t = 0.01/2 xx = 0.005 C`
9.

वह क्षेत्र जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक `5.0 xx 10^(-5) N A^(-1) m^(-1)` उत्तर की ओर तथा क्षैतिज है , एक नाव पूर्व की ओर गति कर रही है । यहाँ 2 मीटर ऊर्ध्वाधर लम्बाई का एरियल है । यदि नाव की लम्बाई चाल 1.50 m/s है तब एरियल के तार में प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान होगा -A. 1 mVB. 0.75 mVC. 1.5 mVD. 0.15 mV

Answer» Correct Answer - D
` epsilon = B//v = 5 xx 10^(-5) xx 2xx1.5 `
` = 1.5 xx 10^(-4) = 0.15 `mV
10.

एक आयताकार चालक PQRS एक समान चुम्बकीय क्षेत्र 0.5T में निम्न चित्रानुसार रखा है। चुम्बकीय क्षेत्र कागज के तल के लंबवत है । जब भुजा RS =20 सेमी, 10 मी/ से के वेग से गतिमान है तो भुजा में प्रेरित वि. वा . बल मान ज्ञात कीजिये । यदि RS भुजा का प्रतिरोध `5 Omega` हो , तो प्रेरित धारा का मान ज्ञात कीजिए।

Answer» Correct Answer - `0.2` A
`B = 0.05 T , l = 20 "cm" = 1/5 ` m
` v = 10 m //s, epsilon = ? I = ? , R = 5 Omega `
` epsilon = B//v = 0.5 xx 1/5 xx 10 = IV`
` I = epsilon /R = 1/5 = 0.2 ` A
11.

20 मीटर लम्बाई के एक ऋजुरेखीय तार पूर्व - पश्चिम दिशा के अनुदिश क्षेतिजतः 5 m/s की चाल से पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र ` 0.30 xx 10^(-4) "Wb/m"^(2)` में गिरता है तार में प्रेरित वि. वा. बल होगा -A. 3 मिली वोल्टB. 4.5 मिली वोल्टC. 1,5 मिली वोल्टD. 6.15 मिली वोल्ट

Answer» Correct Answer - A
` epsilon = B//v = 0.3 xx 10^(-4) xx2 0xx 5 `
` = 3 xx 10^(-3) V = 3 mV`
12.

एक जेट विमान पश्चिम की और 450 m/s के वेग से गति कर रहा है । यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक `4 xx 10^(-4)` T है तथा गति का कोण `30^(@)` है । यदि पंखो का फैलाव 30 मी. हो तो दोनों पंखो के परितः प्रेरित वि. वा. बल का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» Correct Answer - `3.12` A
l = 30m, v = `450" mS"^(-1), = theta = 30^(@)`
` B_(H) = 4 xx 10^(-4)T`
जेट विमान के पंख पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की ऊर्ध्वाधर घातक की बल रेखाओ को काटते है , अतः
` B _(v) = B_(H) tan theta `
` = 4 xx 10^(-4) xx tan 30^(@)`
` = 4 xx 10^(-4) xx 0.577 T `
` :. ` वि . वा .बल
` = B _(v) l_(v) = 4 xx 10^(-4) xx 0.577 xx 30 xx 450 `
` 3.12 V`
13.

2 मीटर लम्बा एक तार अपनी लम्बाई तथा चुम्बकीय क्षेत्र के अभिलंबवत 10 मी/से के वेग से गति कर रहा है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ` 2 "Wb/m"^(2)` हो , तब तार में प्रेरित वि . वा. बल का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» दिया है - ` B = 2 " Wb/m"^(2)` , l = 2m , v = 10 m/s
सूत्र - ` epsilon = B//v` से ,
` epsilon = 2 xx 2 xx 10 = 40 ` वोल्ट |
14.

10 ओम प्रतिरोध वाले किसी बंद परिपथ से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स `phi_(B)` ( मीटर में ) में परिवर्तन समय t ( सेकंड ) के साथ निम्न समीकरण के अनुसार होता है - `phi _(B) = 6t^(2) - 5t +1` समय t = 0.25 सेकंड पर उत्पन्न प्रेरित धारा का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» सूत्र ` epsilon = (dphi_(B))/(dt)` तथा `I = epsilon/R`
दिया है - ` phi _(B) = 6t^(2) - 5t + 1, R = 10 ` ओम
`:. epsilon = - (dphi_(B))/(dt) = - d/(dt) (6t^(2) - 5t +1)`
` = -12 t + 5`
t = 0.25 रखने पर
` epsilon = -12 xx 0.25 + 5 = 2 ` वोल्ट
` :. ` प्रेरित धारा ` I = epsilon/R = 2/10 = 0.2 ` ऐम्पियर |
15.

श्रेणी परिपथ के प्रतिरोध और प्रेरकत्व क्रमशः 5 और 20 हेनरी है । स्विच को बंद करते समय धारा 4 ऐम्पियर प्रति सेकंड की दर से बढ़ती है । सप्लाई वोल्टेज होगा -A. 20 वोल्टB. 80 वोल्टC. 100 वोल्टD. 120 वोल्ट

Answer» Correct Answer - B
` epsilon = L (dI)/(dt) = 20 xx 4 = 80` वोल्ट
16.

उच्च वोल्टेज पर धारा ले जाने वाले तार में धारा चालू करते ही तार पर बैठी चिड़िया उड़ जाती है , क्यों ?

Answer» धारा चालू करते ही चिड़िया के शरीर में प्रेरित धारा बहने लगती है । उसके पंख विपरीत धाराओं के कारण परस्पर प्रतिकर्षित होकर दोनों फैल जाता है । अतः चिड़िया विद्युत धारा चालू करते ही उड़ जाती है ।
17.

पूर्व से पश्चिम दिशा में विस्तृत एक 10 m लम्बा क्षैतिज सीधा तार` 0.30 xx 10^(-4) "Wb" m^(-2)` तीव्रता वाले पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक से लम्बवत `5.0 "m " s^(-1)` की चाल से गिर रहा है तो तार का कौन - सा सिरा उच्च विद्युत विभव पर है ?

Answer» तार का पश्चिमी सिरा उच्च विद्युत विभव पर होगा ।
18.

किसी परिपथ में 0.1 सेकंड में धारा 5.0 A से 0.0 A तक गिरती है । यदि औसत प्रेरित विद्युत वाहक बल 200 V है , तो परिपथ में स्वप्रेरकत्व का आकलन कीजिए ।

Answer» दिया है - `I _(1) = 5 A , I_(2) = 0 `
t = 0.1 सेकंड , `epsilon = 200 ` V
` epsilon = -L (dl)/(dt) = - L ((I_(2)-I_(1)))/t`
` :." " 200 = = -L ((0.5))/(0.1) = 50 L `
` :. L = 4 H `
19.

एक विद्युत परिपथ अचानक तोड़ दिया जाता है । उसमे चिंगारी क्यों निकलती है ?

Answer» विद्युत परिपथ को अचानक तोड़ने पर परिपथ से बढ़ चुम्बकीय फ्लक्स का मान एकदम शून्य हो जाता है अर्थात परिपथ से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर अधिक होती है । अतः प्रेरित विद्युत धारा तीव्र होती है । फलस्वरूप चिंगारी निकलने लगती है ।
20.

जब किसी कुंडली में 0.1 सेकंड में 5 ऐम्पियर की धारा बदली जाती है , तो पास रखी दूसरी कुंडली में 5 मिली वोल्ट का वि. वा. बल प्रेरित हो जाता है । दोनों कुंडलियों के मध्य के अन्योन्य प्रेरकत्व का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» दिया है - `epsilon = 5` मिली वोल्ट` = 5 xx 10^(-3)` वोल्ट
सूत्र - ` epsilon = - M. (dI)/(dt) `
` :. (dI)/(dt) = 5/(0.1) = 50 ` ऐम्पियर/सेकंड ।
सूत्र में मान रखने पर ,
` 5 xx 10^(-3) = M xx 50 ,` ( चिन्ह की उपेक्षा करने पर )
या ` M = (5xx 10^(-3))/50 = 10^(-4)` हेनरी
` = 10^(-1) xx 10^(3) ` हेनरी
= 0.1 मिली हेनरी |
21.

0.4 mH स्वप्रेरकत्व वाली कुंडली से 0.1 सेकंड में 1.0 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होती है । कुंडली में उत्पन्न प्रेरित वि . वा. बल की गणना कीजिए ।

Answer» कुंडली में उत्पन्न प्रेरित वि वा बल
` epsilon = - L (dI)/(dt)`
` = -0.4 xx 10^(-3) xx ((0-1))/(0.1)` वोल्ट ,
` 4.0 xx 10^(-3)` वोल्ट |
22.

50 मिली हेनरी स्वप्रेरकत्व वाली कुंडली में 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होती है कुंडली में संचित ऊर्जा जल में होगी -A. `0.1`B. `0.05`C. 10D. `0.5`

Answer» Correct Answer - A
`U = 1/2 LI^(2)`
23.

जब किसी कुंडली में 0.05 सेकंड में धारा `+ 2A "से "-2A` हो जाती है , तब कुंडली में 8 V का वि. वा. बल उत्पन्न हो जाता है । कुंडली का स्वप्रेरकत्व है -A. `0.2` HB. `0.4`HC. `0.8`HD. `0.1`H

Answer» Correct Answer - D
` epsilon = - (dI)/(Dt rArr 8 = - (L (-2)-2))/(0.05)`
24.

एक लम्बी परिनालिका के इकाई सेंटीमीटर लम्बाई में 15 फेरे है । उसके अंदर 2.0 `" सेमी"^(2)` का एक छोटा सा लूप परिनालिका की अक्ष के लंबवत रखा गया है । यदि परिनालिका में बहने वाली अक्ष के लंबवत रखा गया है । यदि परिनालिका में बहने वाली धारा का मान 2.0 A में4.0 A से 0.1 s कर दिया जाये तो धारा परिवर्तन के समय प्रेरित विद्युत वाहक बल कितना होगा ?

Answer» दिया है n=5 फेरे/ से = 1500 फेरे /मिनट
` A = 2 " cm"^(2) = 2 xx 10^(-4) " m"^(2)`
सूत्र ` | epsilon | = (dphi)/(dt) = d/(dt) (BA) = A (dB)/(dt) `
` | epsilon | = mu_(0) nA (dI)/(dt)`
` = 4pi xx 10^(-7) xx 1500 xx 2 xx 10^(-4) xx (4-2)/(0.1)`
` epsilon | = 7.5 xx 10^(-6)` वोल्ट |
25.

जब किसी कुंडली में 2A धारा प्रवाहित करने पर 40 mwb ( मिली वेबर ) का चुम्बकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है तब कुंडली का स्वप्रेरकत्व क्या होगा ?

Answer» ` phi _(B) = 40` mWb = ` 40 xx 0^(-3)` Wb , I = 2 A
अतः ` L = phi/I = (40xx 10^(-3))/2 = 2 xx 10^(-2) H ` (हेनरी )
26.

दो समीपस्थ रखी कुंडलियों में से एक में 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित करने पर दूसरी में `6 xx 10^(-2)` वेबर फ्लक्स प्रवाहित होता है । यदि दूसरी में फेरो की संख्या 20 हो , तो कुंडलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व क्या होगा ?

Answer» Correct Answer - `0.64`
` phi _(s) = 6xx 10^(-2) , N _(s) = 20 , I _(p) = 2A `
` M = (N_(s) phi_(s))/(I_(0)) = (20 xx 6xx 10^(-2))/2 `
` = 60 xx 10^(-2) = 0.6 H`
27.

एक लम्बी परिनालिका में 500 फेरे है । जब इनमे से 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित की जाती है , तो हर फेरे से सम्बन्धी चुम्बकीय फलक्स `4 xx 10^(-3)` वेबर होता है । परिनालिका का स्वप्रेरकत्व होगा -A. 2.5 हेनरीB. 2.0 हेनरीC. 1.0 हेनरीD. 4.0 हेनरी

Answer» Correct Answer - C
` L = (Nphi)/I = (500 xx 4xx 10^(-3))/2 = I H `
28.

एक तार , जो उत्तर - दक्षिण में है , स्वतंत्रतापूर्वक छोड़ दिया जाता है , क्या उसके सिरों के बीच विभवांतर प्रेरित होगा ?

Answer» नहीं , क्योकि वह न तो H और न ही V के चुम्बकीय फ्लक्स को काटता है ।
29.

एक रेलगाड़ी उत्तर से दक्षिण दिशा में जाये या पूरब से पश्चिम दिशा में जाये , क्या दोनों ही स्थितियों में उसकी धुरी के सिरों के बीच प्रेरित विभवांतर वही रहेगा ?

Answer» हाँ क्योकि दोनों ही स्थितियों में उसकी धुरी पृथ्वी की ऊर्ध्वाधर तीव्रता के चुम्बकीय फ्लक्स को लंबवत काटती है ।
30.

एक रेलगाड़ी उत्तर से दक्षिण की और समान चाल से जा रही है । क्या उसकी धुरी के सिरों के बीच विभवांतर प्रेरित होगा ?

Answer» हाँ , क्योकि रेलगाड़ी की धुरी पृथ्वी की ऊर्ध्वाधर तीव्रता के कारण चुम्बकीय फ्लक्स को काटती है ।
[ सूत्र ` e = Bv//sin theta , theta = 90^(@)`]
31.

एक कुंडली को चुम्बकीय क्षेत्र में से (i ) तेजी से , (ii ) धीरे से हटाया जाता है । क्या दोनों अवस्थाओं में प्रेरित वि . वा . बल तथा किया गया कार्य बराबर है अथवा नहीं ? कारण सहित बताइये ।

Answer» एक कुंडली को चुम्बकीय क्षेत्र में से ( i) तेजी से (ii ) धीरे - धीरे हटाने पर प्रेरित वि वा बल तथा किया गया कार्य बराबर नहीं होगा , क्योकि -,
(a) जब कुंडली को तेजी से हटायेंगे , तो चुम्बकीय फ्लक्स के परिवर्तन की दर अधिक होगी । अतः अधिक वि. वा. बल उत्पन्न होगा ।
(b) जब कुंडली को धीरे - धीरे हटायेंगे , तो चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर कम होगी । अतः प्रेरित वि . वा. बल का मान कम होगा ।
32.

विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की खोज किसने की थी ?

Answer» Correct Answer - फैराडे
33.

स्वप्रेरकत्व का मात्रक बताइये ।

Answer» Correct Answer - हेनरी
34.

लेन्ज का नियम किस संरक्षण के नियम पर आधारित है ?

Answer» ऊर्जा संरक्षण का नियम
35.

चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक क्या है ?

Answer» Correct Answer - वेबर
36.

वेबर और मैक्सवेल में सम्बन्ध बताइये ।

Answer» Correct Answer - वेबर मैक्सवेल ।
37.

किसी कुंडली में प्रेरित धारा कब उत्पन्न होती है ?

Answer» जब इससे सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स परिवर्तित होती है
38.

प्रेरित धारा की दिशा करने के दो नियमो के नाम बताइए ।

Answer» लेन्ज का नियम एवं मैक्सवेल का दक्षिण हस्त नियम ।
39.

किसी परिनालिका के अन्दर नरम लोहे का क्रोड रखने पर उसके स्वप्रेरकत्व पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

Answer» स्वप्रेरकत्व बढ़ता है ।
40.

निम्न चित्र में संधारित्र की धुव्रता क्या होगी ?

Answer» संधारित्र की प्लेट A की धुव्रता प्लेट B के सापेक्ष धनात्मक होगी । क्योकि लेन्ज के नियम से प्रेरित धारा प्लेट B से A की और प्रवाहित होगी ।
41.

एक छड़ चुम्बक निम्न चित्रानुसार परिनालिका की ओर गतिमान है । R में प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी ?

Answer» लेन्ज के नियम से परिनालिका का सिरा दक्षिण ध्रुव के समान व्यवहार करेगा जिससे में प्रवाहित धारा से को और होगी ।
42.

उपरोक्त प्रश्न (19 ) में यदि धारा की दिशा X Y तार में बदल दी जाये तो वलय में प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी ?

Answer» लेन्ज के नियम से वलय में प्रेरित धारा की दिशा दक्षिणावर्ती एवं वलय में वामावर्ती होगी ।
43.

अन्योन्य प्रेरकत्व क्या है ? इसका मात्रक लिखिए ।

Answer» पाठ्यपुष्तक से देखिये
44.

यदि निम्न चित्र (a) में प्रतिरोध R का मान घटाये तो चित्र b में प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी ?

Answer» जब चित्र (a ) में R घटातेहै तब धारा के मान में वृद्धि होने से चित्र ( b) में एक प्रेरित वि व बल उत्पन्न होता है जो इस वृद्धि का विरोध करता है । अतः प्रेरित धारा की दिशा वामावर्ती होगी ।
45.

निम्न चित्र में द्वितीयक कुंडली में प्रेरित धारा की दिशा बताइये -

Answer» द्वितीयक कुंडली की और से देखे जाने पर प्राथमिक कुंडली में धारा वामावर्त दिशा में प्रवाहित होती है । अतः प्राथमिक कुंडली का वह फलक जो द्वितीयक कुंडली की और है , ध्रुव की भाँति कार्य रहेगा । अतः द्वितीयक कुंडली का भी वह फलक जो प्राथमिक कुंडली की और है , N - ध्रुव की भाँति कार्य करेगा । अतः उसमे X Y Z दिशा में धारा बहेगी ।
46.

जब कुंडली में धारा समय के सापेक्ष परिवर्तित होती है तब इससे सम्बद्ध वि वा बल कुंडली में कैसे प्रेरित होता है ?

Answer» कुंडली में पार्श्व वि वा बल जहाँ कुंडली का स्वप्रेरकत्व एवं कुंडली में धारा परिवर्तन की दर है ।
47.

जब निम्न चित्र के अनुसार प्राथमिक कुंडली (P ), द्वितीयक कुंडली (S ) की ओर गति करती है तब धारामापी में शैक्षणिक विक्षेप प्राप्त होता है । समान बैटरी से धारामापी के विक्षेप को कैसे बढ़ाया जा सकता है ?

Answer» अधिक विक्षेप के लिए P को तेजी से S की और गति करना होगा । इसमें विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का फैराडे का द्वितीय नियम लगेगा ।
48.

तीन एक जैसी कुण्डलियाँ A,B और C संलग्न चित्र के अनुसार स्थित है । A और C में धाराएँ है । B और C स्थिर है तथा A को B की ओर चलाया जाता है । क्या B में धारा प्रेरित होगी ? यदि हाँ तो इसकी दिशा क्या होगी ?

Answer» हाँ A की ओर से देखने पर वामावर्त दिशा में C के कारण कोई धारा नहीं बहेगी , क्योकि उनमे आपेक्षिक गति नहीं है ।
49.

निम्न चित्र में दिए गये तार X Y में धारा का मान स्थायी रूप से बढ़ रहा है तब धात्विक वलय 1 व 2 प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी ?

Answer» लेन्ज के नियम से धनत्विक वलय में प्रेरित धारा दक्षिणावर्ती एवं वलय में वामावर्ती दिशा में होगी ।
50.

विद्युत - चुम्बक की धारावाही कुंडली के साथ समांतर क्रम में प्रायः एक छोटा प्रतिरोध ( मानलो बल्ब ) जोड़ा जाता है , क्यों ?

Answer» जब विद्युत - चुम्बक में प्रवाहित धारा को बन्द किया जाता है , तो जिससे उसकी चुम्बकीय फ्लक्स में एकाएक कमी होती है , जिससे उसकी कुंडली में प्रबल प्रेरित धारा उत्पन्न हो जाती है । इसके कारण स्विच में चिंगारी निकलने लगती है , जिससे वह क्षतिग्रस्त हो सकता है , किन्तु जब कुंडली के साथ समांतर क्रम में अलप प्रतिरोध जोड़ देते है , तो प्रेरित धारा उसमे से होकर बहती है । इस प्रकार उच्च वोल्टेज के कारण होने वाले नुकसान से सुरक्षा हो जाती है