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51.

यदि ताम्बे की प्लेट को चुम्बक के दो खंडो के मध्य गति कराते है तो उसकी गति अवमंदित होती है यदि इसमें कुछ खांचे काट दिए जाये तब अवमंदन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

Answer» जब ताँबे की प्लेट चुम्बक के ध्रुवो के मध्य गति करती है तब इससे सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स के मान में परिवर्तन से इसमें एक प्रेरित धारा प्रवाहित होती है जो भँवर धारा होते है और इसके कारण प्लेट की गति अवमंदित होने लगती है । जब इस प्लेट के मध्य खाँचे काट दिए जाते है तब भँवर धारा के मान में कमी आ जाती है , परिणामस्वरूप अवमंदन प्रभाव भी कम हो जाता है ।
52.

जब किसी धात्विक टुकड़े को उच्च आवृति की प्रत्यावर्ती धारावाही चालक तार से लपेटा जाता है तब यह धात्विक टुकड़ा गरम हो जाता है क्यों ?

Answer» इसमें उत्पन्न भँवर धारा के कारण यह गर्म हो जाता है ।
53.

यदि एक जोड़ी कुंडली का अन्योन्य प्रेरकत्व 1.5 H है तथा इसमें से एक में 0.5 सेकंड में धारा का मान 0 से 20 A करने पर दूसरी कुंडली से सम्बद्ध फ्लक्स पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

Answer» द्वितीयक कुंडली में फ्लक्स में परिवर्तन की दर
` (dphi _(s))/(dt) = M.(dI_(p))/(dt)`
या ` (dphi_(s))/(dt) = 1.5 xx (20 - 0 ) /(0.5) `
= 60 Wb/sec
54.

अधिक त्रिज्या की कुंडली R एवं कम त्रिज्या की कुंडली r को एक दूसरे के क्षेत्र में रखा जाता है । यदि इन कुंडलियों के लिए अन्योन्य प्रेरकत्व का मान 1mH हो , तो छोटी कुंडली में 0.5 A धारा प्रवाहित करने पर बड़ी कुंडली से सम्बद्ध फ्लक्स का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» दिया है - M = 1 mH , I = 0.5 A
अतः ` phi = MI`
` = 10^(-3) H xx 0.5 ` A
` = 5 xx 10^(-4) ` Wb
जब छोटी कुंडली में धारा के मान में शून्य तक की कमी होगी तब बड़ी कुंडली के मान में प्रेरित वि . वा . बल स्थापित होगा ।
55.

एक आयताकार लूप और एक वृतीय लूप को एक नियत वेग से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में वेग v से बाहर निकल रहे है । गति के दौरान किस लूप में प्रेरित वि .वा . बल नियत होगा ?

Answer» आयताकार लूप में प्रेरित वि. वा. बल नियत होगा , क्योकि वृत्य लूप के लिए के क्षेत्रफल में परिवर्तन की दर नियत दर है ।
56.

संलग्न चित्र में A और B कुण्डलियाँ है । E सेल तथा K दाब कुंजी है । दाब कुंजी को बंद करने पर और खोलने पर कुंडली B प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी ?

Answer» दाब कुंजी को बन्द करते समय प्रेरित धारा की दिशा वामावर्त होगी , क्योकि कुंडली A में दक्षिणावर्ती दिशा में धारा प्रवाहित होगी । दाब कुंजी को खोलते समय कुंडली में प्रेरित धारा की दिशा दक्षिणावर्ती होगी ।
57.

एक बंद लूप विशाल संधारित की प्लेटो के बीच स्थिर विद्युत क्षेत्र के अभिलंबवत गति करता है । क्या लूप में प्रेरित धारा उत्पन्न होगी (i ) जब लूप संधरित्र की प्लेटो के पूर्णतः अंदर हो (ii ) जब लूप आंशिक रूप से प्लेटो के बाहर हो ? विद्युत क्षेत्र लूप के तल के अभिलंबवत है ।

Answer» नहीं । विद्युत फ्लक्स में परिवर्तन करके प्रेरित धारा प्राप्त नहीं हो सकती है ।
58.

संलग्न चित्र में अनियमित आकर के लूप को वृतीय लूप में परिवर्तित होता हुआ प्रदर्शित किया गया है। यदि इसे कागज के तल के लंबवत अन्दर की ओर कार्य करने वाले चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाये , तो प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी ? ( चिन्ह के द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र को प्रदर्शित किया गया है ।)

Answer» अनियमित आकार का लूप वृतीय लूप में परिवर्तित हो रहा है । चित्रानुसार उसका क्षेत्रफल बढ़ रहा है ।
अतः उससे बद्ध चुम्बकीय फॉक्स में वृद्धि होगी कि वह फ्लक्स में वृद्धि का विरोध कर सके । यह तभी संभव है जबकि ऊपर से देखने से लूप का वह तल N ध्रुव की भाँति कार्य करे । अतः लूप में adcba दिशा में प्रेरित धारा बहेगी ।
59.

किसी कक्षा में चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन के अंतराल में प्रेरित विद्युत क्षेत्र का परिणाम होगा -A. `(BR)/4`B. `(BR)/2`C. BRD. 2BR

Answer» Correct Answer - B
` int vec (epsilon).vec(d) l = (dphi)/(dt) =-A (dB)/(dt) `
` epsilon . 2piR = -piR^(2).((B-0))/1`
या ` epsilon = (BR)/2`
60.

l लम्बाई की एक धात्विक छड़ 2l को लम्बाई के एक धागे से बांधा गया है जिसका एक सिरा क्षैतिज टेबल पर स्थिर हिअ । यदि छड़ को `omega` वेग से घुमाया जाये जहाँ ऊर्ध्वाधर चुम्बकीय B क्षेत्र हो तो छड़ के सिरे पर प्रेरित वि वा बल का मान होगा - A. ` (2Bomegal^(3))/2`B. ` (3 Bomegal^(3))/2`C. ` (4Bomegal^(3))/2`D. `(5Bomegal^(2))/2`

Answer» Correct Answer - D
` e = int _(2l)^(3l) omega " x " Bdx = (Bomega[(3l)^(2)-(2l)^(2)])/2`
` = (5Bl^(2)omega)/2`
61.

0.3 सेमी त्रिज्या की वृत्य लूप अन्य 20 सेमी त्रिज्या की वृतीय लूप के समांतर है । छोटी लूप के केंद्र बड़ी लूप के केंद्र पर है तथा इनके केन्द्रो के मध्य की दुरी सेमी 15 है । यदि बड़े लूप में 2 A की धारा प्रवाहित की जाये तब छोटी लूप से सम्बद्ध फ्लक्स होगा -A. `9.1 xx10^(11)` वेबरB. ` 6xx 10^(-11)` वेबरC. ` 3.3 xx1^(-11)`वेबरD. ` 6.6 xx10^(9)`वेबर

Answer» Correct Answer - A
छोटे लूप के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
` B = (mu_(0)iR_(2)^(2))/(2(R_(2)^(2)+x^(2))^(3//2))`
छोटे लूप का क्षेत्रफल `S = pi R_(1)^(2)`
` :. ` छोटे लूप से सम्बद्ध ` phi = BS`
मान रखने पर ` phi = 9.1 xx 10^(-11)` वेबर
62.

यदि प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली 3.0 ऐम्पियर धारा को 1 सेकण्ड में शून्य कर दिया जाता है , तो द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित में वि. वा. बल 15 वोल्ट होता है । इन कुंडलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व ज्ञात कीजिए।

Answer» Correct Answer - 5
` M = 15/((3-0)//1) = 5H`
63.

एक वर्गाकार लूप जिसकी एक भुजा 10 सेमी लम्बी है तथा जिसका प्रतिरोध `0.5 Omega` है पूर्व पश्चिम तल में ऊर्ध्वाधर रखा गया है । 0.10 Tके एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र को उत्तर - पूर्व दिशा में तल के आर - पार स्थापित किया गया है । चुम्बकीय क्षेत्र को एकसमान दर से 0.70 s में घटाकर शून्य तक लाया जाता है । इस समय अंतराल में प्रेरित विद्युत वाहक बल तथा धारा का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» दिया है - चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा तथा कुंडली के
तल के मध्य बनने वाला कोण ` theta = 45^(@) , 10 ` सेमी , 0.1 मी
B = 0.10 T , A = 1`(1.0 xx 0.1)" मी"^(2)`
कुंडली से सम्बद्ध अधिकतम फ्लक्स
` phi _("max") = B.A . Cos 45^(@)`
` = 0.1 xx (0.1 xx 0.1 ) xx cos 45^(@)`
` phi _("max") = (10^(-3))/(sqrt(2)) = 0.7 xx10^(-3) ` वेबर
अतः प्रेरित वि. वा. बल ` epsilon = (dphi)/(dt) = (phi_("max")-0)/t `
` = (0.7 xx 10^(-3) -0)/(0.7)`
` = 10^(-3) V`
= 1 mV
अतः प्रेरित धारा का परिणाम ` I = epsilon/R = 1/5 = 0.2 " mA"`
पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र भी लूप में कुछ धारा उत्पन्न करता है , लेकिन चूँकि पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र स्थिर है , अतः और कोई वि. वा. बल प्रेरित नहीं होगा ।