1.

100 ग्राम जल में 1 ग्राम NaCl विलेय पर एक विलयन बनाया गया है . जल का मोलल अवनमन स्थिरांक `1.85Km^(-1)` हो, तो NaCl की वियोजन की मात्रा ज्ञात कीजै. NaCl विलयन के लिए हिमांक में अवनमन `0.604 K` है.

Answer» NaCl के प्रेक्षित आण्विक द्रव्यमान की गणना निम्नलिखित रूप से की जा सकती है-
`DeltaT_(f)=(K_(f)xxW_(B)xx1000)/(M_(b)xxW_(A))`
`M_(B)=(K_(f)xxW_(B)xx1000)/(DeltaT_(f)xxW_(A))`
`=(1.85xx1xx1000)/(0.604xx100)=30.6`
अतः प्रेक्षित आण्विक द्रव्यमान (abserved molecular mass ) `=30.6`
सोडियम क्लोराइड का सामान्य आण्विक द्रव्यमान `=58.5`
माना NaCl के वियोजन की मात्रा `alpha ` है (अर्थात 1 mole NaCl में से `alpha ` mole वियोजित होता है)
`{:(NaCl, hArr,Na^(+), +, Cl^(-)),(1-alpha,, alpha,, alpha):}`विलयन में
वियोजन के पश्चात कानो की संख्या
`=1-alpha+alpha +alphaimplies1+alpha`
`therefore ("सामान्य आण्विक द्रव्यमान")/(" प्रेक्षित आण्विक द्रव्यमान")`
-`=("वियोजन के पश्चात विलेय के अणुओ की संख्या")/(" विलेय के सामान्य अणुओ की संख्या")`
`therefore ("सामान्य आण्विक द्रव्यमान")/(" प्रेक्षित आण्विक द्रव्यमान")=(1+alpha)/(1)`
`=(58.5)/(30.6)=1+alpha`
`alpha =(27.9)/(30.6)`
`alpha=0.91` अर्थात प्रतिशत वियोजन =91.


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