1.

‘अहसास’ नामकरण की सार्थकता स्पष्ट करो।

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कहानी का शीर्षक प्राय: कहानी के मूलभाव तथा उसकी प्रभावोत्पादक शक्ति का परिचायक होता है। शीर्षक सम्पूर्ण कहानी का निचोड़ होता है। यह कहानी की मूलभावना का प्रतीक होता है। प्रस्तुत कहानी का शीर्षक ‘अहसास’ है। यह शीर्षक अत्यंत आकर्षक, भावपूर्ण तथा जिज्ञासामय है। कहानी में दिवाकर जब प्रात:कालीन सभा में प्राचार्य द्वारा सम्मानित होता है तो उसे स्वयं में पूर्णता का अहसास होता है। उसके नीरस जीवन में सरसता का संचार हो जाता है। उसके मन का बदला यह भाव और अहसास ही कथा का शीर्षक बना है। इस प्रकार लघुकथा का शीर्षक उपयुक्त तथा अनुकूल है। सारी लघुकथा शीर्षक ‘अहसास’ से ही जुड़ी है तथा केंद्रित भी है।



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