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अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिज्ञा-पत्रों की अधिकारों के विस्तार में क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।

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अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिज्ञा – पत्र आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आधार पर कई अधिकारों को मान्यता प्रदान करता है। ये अधिकार भारत के संविधान में प्रत्यक्ष रूप से मौलिक अधिकारों का हिस्सा नहीं हैं।

इन अधिकारों में प्रमुख अधिकार इस प्रकार हैं-

⦁    स्वास्थ्य का अधिकार- बीमारी के दौरान चिकित्सीय देखभाल, बच्चे के जन्म के समय महिलाओं की विशेष देखरेख तथा महामारियों की रोकथाम।।

⦁    शिक्षा का अधिकार- निःशुल्क तथा अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा के लिए समान अवसर। इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिज्ञा पत्रों की अधिकारों के विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

⦁    काम करने का अधिकार- प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आजीविका कमाने के लिए अवसर मिलना चाहिए।

⦁    सुरक्षित तथा स्वस्थ कार्य परिस्थितियाँ, उचित मेहनताना जो कि मजदूरों तथा उनके परिवारों को सम्मानजनक जीवन स्तर उपलब्ध कराता हो।
⦁    उपयुक्त जीवन स्तर का अधिकार जिसमें उपयुक्त भोजन, कपड़े तथा निवासस्थान शामिल हैं।
⦁    सामाजिक सुरक्षा तथा बीमे का अधिकार।



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