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भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदत्त मौलिक अधिकारों का वर्णन कीजिए।

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भारत के संविधान ने अपने नागरिकों को निम्नलिखित मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं।

समानता का अधिकार- इस अधिकार के अन्तर्गत नागरिकों को निम्न प्रकार की समानता प्रदान की गई है-

⦁    कानून के सामने सभी नागरिक समान हैं।
⦁    किसी भी नागरिक को उसकी जाति, धर्म, रंग, लिंग तथा जन्म स्थान आदि के आधार पर       सार्वजनिक स्थानों जैसे-होटलों, पार्को, नहाने के घाटों आदि पर प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा।

⦁    सभी नागरिकों को सरकारी नौकरी पाने के क्षेत्र में अवसर की समानता का अधिकार।
⦁    छुआ-छूत की समाप्ति।
⦁    सेना तथा शिक्षा सम्बन्धी उपाधियों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की उपाधियों का अन्त।

स्वतन्त्रता का अधिकार- स्वतंत्रता का अधिकार के अन्तर्गत नागरिकों को निम्न स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई हैं-

⦁    भाषण देने तथा विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता।
⦁    शांतिपूर्ण तथा बिना हथियारों के एकत्र होने की स्वतंत्रता।
⦁    संघ बनाने की स्वतंत्रता।
⦁    भारत में किसी भी स्थान पर (किसी भी भाग में) घूमने-फिरने की स्वतन्त्रता।
⦁    भारत के किसी भी भाग में रहने अथवा निवास करने की स्वतंत्रता।
⦁    अपनी इच्छानुसार कोई भी व्यवसाय अपनाने की स्वतंत्रता।

शोषण के विरुद्ध अधिकार-

⦁    इस अधिकार के अधीन मनुष्यों को खरीदना-बेचना तथा बेगार पर रोक लगा दी गई है।
⦁    14 वर्ष अथवा उससे कम आयु वाले बच्चों को किसी कारखाने अथवा खान में नौकरी पर नहीं लगाया जा सकता है।

धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार-

⦁    प्रत्येक नागरिकों को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मानने तथा उसका प्रचार करने का अधिकार है।
⦁    प्रत्येक धर्म के अनुयायियों को अपनी धार्मिक संस्थाएँ स्थापित करने तथा उनका प्रबन्ध करने का अधिकार है।
⦁    किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध किसी धर्म (UPBoardSolutions.com) विशेष के लिए चंदा या कर देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
⦁    राज्य द्वारा स्थापित किसी भी शिक्षा संस्था में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा सकती।

सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार- इस अधिकार के अन्तर्गत भारत के सभी नागरिकों को अपनी भाषा, धर्म व संस्कृति को सुरक्षित रखने तथा उसका विकास करने का अधिकार है।

संवैधानिक उपचारों का अधिकार- इस अधिकार के अनुसार नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन होने की स्थिति में न्यायालय में जाकर न्याय माँगने का अधिकार है।



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