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“अर्थोन्माद को शासन के भीतर रखने से शुक्ल जी का क्या तात्पर्य है?

Answer»

अर्थोन्माद का अर्थ है- धन सम्बन्धी पागलपन। आजकल समस्त संसार के देश तथा लोग धन कमाने के लिए पागल बने हुए हैं। अर्थ उपार्जन के लिए वे उचित-अनुचित, नैतिक-अनैतिक आदि सभी तरीकों को ठीक मानते हैं। तरीका कोई भी हो बस धन कमाना ही उनका लक्ष्य है। इस अनुचित स्पर्धा पर नियन्त्रण आवश्यक है। इसको नियन्त्रण में रखने से ही संसार को अनाचार और अनावश्यक संघर्ष से बचाया जा सकता है।



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