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अवसर के अनुकूल व्यक्तिगत वेशभूषा कैसी होनी चाहिए? कम-से-कम पाँच | बिन्दुओं का उल्लेख कीजिए।

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प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक एवं सामाजिक जीवन में विभिन्न अंवसरों एवं परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। यदि उसको सामान्य जीवन घरेलू परिस्थितियों में व्यतीत होता है, तो उसे कभी-कभी यात्रा पर भी जाना होता है और अनेक बार विवाह, जन्म-दिन आदि अनेक महत्त्वपूर्ण सामाजिक उत्सवों में भी भाग लेना पड़ता है। प्रत्येक अवसर के लिए अनुकूल व्यक्तिगत वेशभूषा को चयन व्यक्तिगत सज्जा के नियमानुसार करने से उसके आत्मविश्वास एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। आइए इस सम्बन्ध में कुछ उपयोगी नियमों का अवलोकन करें

(1) मौसम सम्बन्धी नियम:
मौसम के अनुसार सूती व रेशमी (ग्रीष्म ऋतु) अथवा ऊनी (शीत ऋतु) वस्त्र उपयोग में लाने चाहिए।

(2) मजबूती टिकाऊपन सम्बन्धी नियम:
सामान्य घरेलू जीवन में मजबूत व टिकाऊ वस्त्र पहनना लाभदायक रहता है। रसोई-गृह में सूती वस्त्रों व शेष समय में हैण्डलूम व कृत्रिम तन्तुओं से निर्मित वस्त्रों का उपयोग सर्वोत्तम रहता है।

(3) आरामदायक उपयुक्त फिटिंग सम्बन्धी नियम:
सदैव ऐसे वस्त्रों का चयन करना चाहिए जो कि शारीरिक आराम में बाधा न डालें। सही शारीरिक माप अथवा फिटिंग वाले वस्त्र पहनने से बाहरी व्यक्तित्व के आकर्षण में वृद्धि होती है।

(4) रंगों के संयोग का नियम:
रंग प्रायः परस्पर या तो समन्वित होते हैं अथवा विरोधाभासी। लाल एवं गुलाबी, गहरा व हल्का नीला, सफेद व काला इत्यादि रंगों के अद्भुत संयोग के उदाहरण हैं। इनका विवेकपूर्ण उपयोग सदैव लाभदायक रहता है।

(5) विशिष्ट अवसर सम्बन्धी नियम:
विवाह, जन्मोत्सव आदि उत्सवों में व्यक्तिगत वेशभूषा का चुनाव इस प्रकार करना चाहिए कि शरीर के असुन्दर भाग ढके रहें तथा सुन्दर अंगों का आवश्यक प्रदर्शन हो सके। इन अवसरों पर मूल्यवान वस्त्रों, जैसे जरीदार व रेशमी साड़ियों का उपयोग प्रतिष्ठा एवं सौन्दर्य में वृद्धि करता है।



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