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Answer» भारत के विदेश व्यापार की अभिनव प्रवृत्तियाँ भारत के विदेश व्यापार की अभिनव प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं – ⦁ विगत वर्षों में भारत का निर्यात व्यापार अपेक्षाकृत पूर्व वर्षों से बढ़ा है जो एक अच्छा संकेत है। भारत की निर्यात वस्तुओं में भी अब परिवर्तन देखा गया है। इनमें रेडीमेड गारमेण्ट्स, इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद, सॉफ्टवेयर और आभूषण आदि मुख्य हैं। ⦁ उदारीकरण के दौर में आयात-निर्यात नीति में उदारवादी एवं मित्रवत् परिवर्तन लाकर जहाँ एक ओर भारतीय निर्यातों के लिए विस्तृत परिक्षेत्र तैयार किया गया है। वहीं विश्व व्यापार संगठन (WTO) को किए गए वादे के अनुरूप परिमाणात्मक नियन्त्रणों को भी समाप्त करने का दौर भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से लागू कर दिया गया है। ⦁ भारत सरकार ने देश के निर्यातों में वृद्धि के उद्देश्य से चार परम्परागत निर्यात संवर्द्धन क्षेत्रों (EPzs) को विशेष आर्थिक परिक्षेत्र (SEZs) में रूपान्तरित कर दिया है। कांडला (गुजरात), सान्ताक्रुज (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल) तथा सूरत (गुजरात) विशेष आर्थिक परिक्षेत्र इसमें सम्मिलित हैं। ⦁ भारत का विदेश व्यापार अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के आधार पर किया जाता है। भारत का अधिकांश देशों से विदेश व्यापार होता है। ⦁ भारत के अधिकांश आयात-निर्यात (व्यापार) देश के पूर्वी तथा पश्चिमी तट पर स्थित 13 बड़े पत्तनों द्वारा ही सम्पन्न किए जाते हैं।
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