InterviewSolution
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भारत में ‘बौद्धिक सम्पदा के क्षेत्र में की गयी प्रगति का वर्णन कीजिए।या‘बौद्धिक सम्पदा’ से आप क्या समझते हैं ? इस पर संक्षेप में प्रकाश डालिए। |
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Answer» क्ति का सर्वांगीण विकास अर्थात् शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक विकास पर्याप्त सीमा तक तकनीकी शिक्षा पर आधारित है। व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास तब ही पूर्ण माना जाता है जब उसमें जीवन के सभी क्षेत्रों में विकास करने की क्षमता उत्पन्न हो जाए। वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षा व्यक्ति को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित होने का अवसर प्रदान करती है। यह शारीरिक श्रम के माध्यम से मानसिक शक्तियों का विकास करते हुए व्यक्ति को चिन्तन, मनन, सत्यापन आदि के अवसर प्रदान करती है, जिससे उसका बौद्धिक विकास होता है। उदाहरण के लिए किसी विद्यार्थी में योग्यता एवं तकनीकी कौशल का विकास होने पर उसमें आत्मनिर्भरता की शक्ति भी पैदा होती है। आज भारत ने ज्ञान-विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में प्रगति कर देश में उपलब्ध संसाधनों का भरपूर उपयोग किया है। जैव प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं यन्त्रीकरण, परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देखभाल, दूर संवेदी उपग्रह प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के विकास में भारत अपनी बौद्धिक सम्पदा के बल पर ही आगे कदम बढ़ा रहा है। इण्टरनेट अत्यन्त उच्च तकनीक वाला उद्योग है, जिसमें नयी उपलब्धियों का प्रयोग और पुरानी का लोप दोनों ही बड़ी तेज रफ्तार से होता है। इससे कुछ नयी परिस्थितियाँ भी जन्मी हैं। इनमें पहली पेटेण्ट और बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों से सम्बन्धित है। सॉफ्टवेयर चुम्बकीय माध्यम में अंकित रहता है और इसीलिए इसका हस्तान्तरण तथा नकल बड़ी आसानी से हो जाता है। इस कारण पेटेण्ट और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की रक्षा का काम बेहद कठिन हो गया है। नवीं पंचवर्षीय योजना अवधि में दो नयी योजनाएँ अर्थात्
सम्बन्धी मामले के बारे में शिक्षाविद् समुदाय में सामान्य जागरूकता उत्पन्न करना और विश्व विद्यालय तथा अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के बारे में अध्ययनों को प्रोत्साहित करना है। भारत विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन का सदस्य है, जो कॉपीराइट तथा अन्य बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से सम्बन्धित संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशिष्ट एजेन्सी है। भारत इनकी सभी चर्चाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। |
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