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Answer»  सन् 1989 में भारत में गठबन्धन की राजनीति का श्रीगणेश हुआ। इस गठबन्धन की राजनीति के निम्नलिखित प्रमुख प्रभाव पड़े- ⦁    एक दलीय प्रभुत्व की समाप्ति-गठबन्धन की राजनीति में कांग्रेस के दबदबे की समाप्ति हुई और बहुदलीय प्रणाली का युग शुरू हुआ। ⦁    क्षेत्रीय पार्टियों का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय पार्टियों ने गठबन्धन सरकार बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। प्रान्तीय और राष्ट्रीय दल का भेद अब लगातार कम होता जा रहा है और प्रान्तीय दल केन्द्र सरकार में साझेदार बन रहे हैं। ⦁    विचारधारा की जगह कार्यसिद्धि पर जोर-गठबन्धन की राजनीति के इस दौर में राजनीतिक दल विचारधारागत अन्तर की जगह सत्ता में भागीदारी की बातों पर जोर दे रहे हैं। ⦁    जन-आन्दोलन और संगठन विकास के नए रूप-गठबन्धन की राजनीति में प्रतिस्पर्धी राजनीति के बीच राजनीतिक दलों में कुछ मसलों पर सहमति है, वहीं जन-आन्दोलन और संगठन विकास के नए रूप सामने आ रहे हैं। ये रूप गरीबी, विस्थापन, न्यूनतम मजदूरी, भ्रष्टाचार विरोध, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों पर जन-आन्दोलन के जरिए राजनीति में उभर रहे हैं। 
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