1.

बराबर आयाम तथा आवृत्ति की दो प्रगामी तरंगें एकतनी हुई डोरी पर उलटी दिशाओं में चल रही है । इनके अध्यारोपण के कारण डोरी पर अप्रगामी तरंग बनती हैं, जिनका समीकरण है `y = A coskx.sinomegat`, जहाँ `A = 1.0 mm , k = 1.57 cm^(-1)` तथा `omega = 78.5s^(-1)` (a) दोनों घटक प्रगामी तरंगों की चाल निकालें । (b) `x gt 0` क्षेत्र में मूलबिंदु के सबसे नजदीक के निस्पंद की स्थित निकालें । (c ) `x gt 0` क्षेत्र में मूलबिंदु के सबसे नजदीक के प्रस्पंद की स्थिति निकालें । (d) `x = 2.33cm` पर स्थित कण की गति का आयन निकालें ।

Answer» (a) `A cos kx sin omegat = (A)/(2)[sin(omegat - kx) + sin(omegat + kx)]`.
अतः इसकी घटक प्रगामी तरंगें है,
`y = A/2 sin(omegat - kx)` तथा `y = A/2 sin(omegat + kx)`.
इन तरंगों की चाल हैं,
निस्पंद के लिए `cos kx = 0`.
अतः, `kx = +-(pi)/(2) , +- (3pi)/(2), "..."`
`x gt 0` क्षेत्र में `x = 0` के सबसे नजदीक के निस्पंद के लिए,
`x = (pi)/(2k) = (pi)/(2 xx 157 cm^(-1)) = 1 cm`.
(c ) प्रस्पंद के लिए,`cos kx = +-`
अतः `kx = 0, +-x , +- 2pi`,
`x gt 0` क्षेत्र में `x = 0` के सबसे नजदीक के प्रस्पंद के लिए,
`kx = pi`
या `x = pi/k = (pi)/(1.57 cm^(-1)) = 2 cm`.
(d) `x = 2.33 cm` के कण के लिए आयाम
`=|Acoskx|`
`=|(1.0mm)xxcos(1.57cm^(-1)xx2.33cm)|`
`= |(1.0 mm) xx cos(pixxpi/6)|=(sqrt(3))/(2) mm = 0.87 mm`.


Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions