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छोड़ दोतो वहीं अँधेरे मेंकरोड़ों तारों की आँख बचाकरवह चुपके से रच लेगीएक समूची दुनियाएक छोटे-से घोंघे मेंसंचाई यह हैकि तुम कहीं भी रहो।तुम्हें वर्ष के सबसे कठिन दिनों में भीप्यार करती है एक नदी

Answer»

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहता है कि नदी पृथ्वी पर ही नहीं आकाश में भी विचरण करती है. अर्थात् सभी स्थानों पर हमारे साथ रहती है।

व्याख्या-कवि कहता है कि यदि हम सदा साथ रहने वाली नदी को किसी अनुचित स्थान पर छोड़ दें तो वह वहाँ रुकी नहीं रहेगी वरन् अनगिनत लोगों की आँखों से बचकर वह वहाँ भी अपनी एक नवीन दुनिया उसी प्रकार बसा लेगी जिस प्रकार एक  छोटा-सा घोंघा अपने आस-पास सीप की रचना कर लेता है। आशय यह है कि नदी की यह दुनिया अत्यधिक लघु रूप में भी सीमित हो सकती है। कवि का कहना है कि हम कहीं पर भी रहें, वर्ष के सबसे कठिन माने जाने वाले ग्रीष्म के दिनों में भी यह हमें अपने स्नेहरूपी जल से सिक्त करती है और अतिशय प्रेम प्रदान करती है।

काव्यगत सौन्दर्य-
⦁    नदी सर्वत्र विद्यमान है, वह दुर्गम परिस्थितियों में भी अपनी दुनिया बसा लेती है।
⦁    भाषा-सहज और सरल खड़ी बोली।
⦁    शैली-वर्णनात्मक व प्रतीकात्मक।
⦁    छन्द-अतुकान्त और मुक्त।।



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