1.

दोहों के भाव अपने शब्दों में लिखिए।दोहा -1कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ॥दोहा -2रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून ॥

Answer»

1.

भाव :
इस दोहे में कविवर रहीम बताते हैं कि मनुष्य जब धनवान बनता है तब वह सुख और संतोष के साथ रहता है। उसके कई मित्र, बंधु बनते हैं। उसका आदर बढ़ता है लेकिन किसी कारणवश वह निर्धनी बन जाता तो कोई भी उसके साथ ठहर नहीं सकते। उसे सहायता नहीं करते। उस विपत्ति के समय मित्र तथा बंधु भी पराये हो जाते हैं। कविवर रहीम कहते हैं कि जो विपत्ति के समय हमारे साथ ठहरते हैं वे ही सच्चे मित्र हैं।

2. 

भाव :
कविवर रहीम इस दोहे में पानी शब्द को तीन अर्थों में प्रयोग करके कहते हैं कि पानी के बिना मोती, मनुष्य और चूना व्यर्थ हैं।

‘पानी’ के तीन अर्थ हैं – चमक या कांति, इज्ज़त और जल।
रहीम कहते हैं कि चमक के बिना मोती, इज्ज़त के बिना मानव और जल के बिना चूना व्यर्थ हैं।



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