1.

एक छड़ चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण `1*5JT^(-1) "हैं ," 0*22T` के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के अनुदिश रखा हैं । (a) एक बाह्रा बल आघूर्ण कितना कार्य करेगा । यदि यह चुम्बक को चुम्बकीय क्षेत्र के (i) लम्बवत् (ii) विपरीत दिशा में संरेखित करने के लिए घुमा दें । (b) स्थिति (i) एंव (ii) में चुम्बक पर कितना बल आघूर्ण होता हैं ?

Answer» दिया गया हैं -
चुम्बकीय आघूर्ण m = `1*5 JT^(-1)`
एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र `B = 0*22T`
(a) (i) यहाँ पर `theta_(1) = 0` (क्षेत्र के अनुदिश )
`theta_(2) = 90^(@)` (क्षेत्र के लम्बवत्)
`therefore W = -mB(costheta_(2) - costheta_(1))`
`= - 1*5xx0*22 xx (cos90^(@) - cos 0^(@)`
` = - 0*33xx (0 -1)`
` = 0.33 J`.
(ii) यहाँ पर `theta_(1) = 0^(@), theta_(2) = 180^(@)`
`W = -1*5 xx 0.22 xx (cos 180^(@) - cos0^(@))`
`= -0*33 xx (-1 - 1)`
` = - 0*33 xx(-2) = 0.66J.`
परिमाण का बल आघूर्ण जो चुम्बकीय आघूर्ण सदिश A को B के अनुदिश लाने की प्रवृत्ति रखता हैं ।
(ii) यहाँ पर दिया गया हैं
`theta = 180^(@)`
`tau = 1*5xx0*22xxsin 180^(@)`
`tau = 0`
`sin 180^(@) = 0`


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