InterviewSolution
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एक समतल वैद्युतचुम्बकीय तरंग में विद्युत क्षेत्र का व्यंजक निम्न है। `E_(2) = 15 sin (9.42 xx 10^(14)t + 3.14 xx 10^(6)x)"वोल्ट/मीटर"` जहाँ t सेकण्ड में तथा x मीटर में है। ज्ञात कीजिए- (i) तरंग की आवृत्ति तथा तरंगदैर्ध्य। (ii) चुम्बकीय क्षेत्र का व्यंजक। |
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Answer» (i) दिये गये समीकरण की वैद्युत क्षेत्र के निम्न समीकरण `E_(z) = E_(0) sin (omega t + kx)` वोल्ट/मीटर से तुलना करने पर `E_(0) = 15` वोल्ट/मीटर `omega = 9.42 xx 10^(14)"सेकण्ड"^(-1)` `k = 3.14 xx 10^(6) "मीटर"^(-1)` `therefore` आवृत्ति `v =(omega)/(2pi) =(9.42 xx 10^(14))/(2 xx 3.14) = 1.5 xx 10^(14)` हर्टज तरंगदैर्ध्य `lambda = (2pi)/(k) = (2 xx 3.14)/(3.14 xx 10^(6)) = 2 xx 10^(-6)` मीटर (ii) चुम्बकीय क्षेत्र का आयाम `B_(0) = (E_(0))/(c) = (15)/(3 xx 10^(8)) = 5 xx 10^(-8)` टेस्ला दी गयी समीकरण से स्पष्ट है कि वैद्युत क्षेत्र Z-अक्ष के अनुदिश है तथा तरंग संचरण की दिशा X-अक्ष की (ऋणात्मक) दिशा है। अत: चुम्बकीय क्षेत्र Y-अक्ष की ओर है। अत: इसका व्यंजक `B = B_(y) = B_(0) sin (omega t - kx)` `therefore B_(y) = 5 xx 10^(-8) sin (9.42 xx 10^(14) t + 3.14 xx 10^(6)x) ` टेस्ला |
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