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घर तथा विद्यालय में पाए जाने वाले सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।

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घर तथा विद्यालय का आपसी सम्बन्ध (Relation between Home and School)

घर अथवा परिवार तथा विद्यालय के आपसी सम्बन्ध की आवश्यकता एवं महत्त्व को रॉस ने इन शब्दों में स्पष्ट किया है, “यदि गृह एवं विद्यालय के बीच सहयोग या सामंजस्य स्थापित न किया जाए तो बालक का अत्यधिक अहित होगा। घर बालक का प्रथम विद्यालय है और विद्यालय एक प्रकार से घर का विस्तार है। शिक्षण संस्था के रूप में विद्यालय घर का स्थान नहीं ले सकता, परन्तु इन दोनों के बीच विशेष सहयोग होता है।” घर अथवा परिवार तथा विद्यालय के आपसी सम्बन्ध का संक्षिप्त विवरण निम्नवर्णित है

⦁    घर तथा विद्यालय दोनों ही समाज की अभिन्न इकाइयाँ हैं तथा बालक के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं।
⦁    बच्चों का जीवन घर एवं विद्यालय में ही व्यतीत होता है। बच्चा घर से विद्यालय जाता है तथा विद्यालय से घर के वातावरण में पुनः आ जाता है। इस प्रकार से घर तथा विद्यालय दोनों ही बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में निरन्तर योगदान प्रदान करते हैं।
⦁    बच्चे की शिक्षा की प्रक्रिया में विद्यालय तथा परिवार दोनों का योगदान होता है। विद्यालय द्वारा दिया गया गृह-कार्य आदि परिवार के सदस्यों की सहायता से पूरा होता है। विद्यालय की विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों को सुचारु रूप से पूरा करने के लिए परिवार की सहायता अति आवश्यक होती है।
उपर्युक्त विवरण द्वारा स्पष्ट है कि घर अथवा परिवार तथा विद्यालय परस्पर घनिष्ठ रूप से सम्बद्ध है। बच्चों की शिक्षा के दृष्टिकोणों से ये दोनों परस्पर पूरक हैं। घर शिक्षा का मुख्यतम अनौपचारिक अभिकरण है, जब कि विद्यालय शिक्षा का मुख्यतम औपचारिक अभिकरण है।



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