1.

हा हा न हूजिए मोहि अमोही’ पंक्ति से कवि घनानंद के मन की किस दशी का बोध होता है?

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इस पंक्ति में सुजाने के हृदय को लगे आघात के कारण उसके मन की कातरता तथा दयनीय दशा का बोध होता है।



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