InterviewSolution
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‘जय सुभाष’ खण्डकाव्य के तृतीय सर्ग का सारांश (कथानक, कथावस्तु, कथासार) लिखिए।या‘जय सुभाष’ के आधार पर कलकत्ता में आयोजित 1928 ई० के कांग्रेस अधिवेशन का वर्णन कीजिए और बताइए कि इस अवसर पर सुभाष की क्या भूमिका रही ? |
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Answer» सन् 1928 ई० में कलकत्ता के कांग्रेस के 46वें अधिवेशन में पं० मोतीलाल नेहरू को अध्यक्ष बनाया गया। उनके सम्मान में अड़तालीस घोड़ों के रथ में शोभा-यात्रा निकाली गयी, जिसमें स्वयंसेवकों के दल का नेतृत्व स्वयं सुभाष कर रहे थे। इसी समय लोगों को सुभाष की संगठन-कुशलता का परिचय मिला। पं० मोतीलाल नेहरू ने अपने अध्यक्षीय भाषण में इनके उत्साह, कार्यकुशलता, देशप्रेम और कर्मठता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। | इसके बाद सुभाष को कलकत्ता नगर का मेयर निर्वाचित किया गया। इनके कार्यकाल में ही स्वतन्त्रता-सेनानियों का एक जुलूस निकला, जिसका नेतृत्व स्वयं सुभाष कर रहे थे। इस जुलूस पर पुलिस ने लाठीचार्ज करके सुभाष को लाठियों से बहुत पीटा और नौ माह के लिए इन्हें अलीपुर जेल में डाल दिया। जेल से छूटने पर इन्होंने पुन: सभाओं में ओजस्वी भाषण दिये, जिनको सुनकर देशभक्त युवकों को खून खौल उठा, तब इन्हें सिवनी जेल में डाल दिया गया। वहाँ से भुवाली, अलीपुर और माण्डले जेल में भेजकर यातनाएँ दी गयीं, जिससे इनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। इन्हें स्वास्थ्य लाभ के लिए पश्चिमी देशों में भेजा गया। वहाँ जाकर इन्होंने यूरोप के वैभव को देखा और भारत से उसकी तुलना की। इन्होंने अपने देश की दशा और जनता के आन्दोलन को यथार्थ चित्र पश्चिमी देशों के सम्मुख रखा। वहाँ से पिता की बीमारी को समाचार सुनकर भारत आये, परन्तु पिता के अन्तिम दर्शन न पा सके। महान् शोक के कारण, स्वास्थ्य लाभ के लिए इन्हें पुनः यूरोप जाना पड़ा। इन्होंने वहाँ ‘द इण्डियन स्ट्रगल’ नामक पुस्तक लिखकर देशप्रेम की भावना और भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन का सजीव वर्णन किया। ये विदेशों में रहकर स्वदेश का सम्मान बढ़ाते रहे। सन् 1936 ई० में स्वदेश वापस आने पर इन्हें पुन: जेल भेज दिया गया। जेल में स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण इन्हें स्वास्थ्य-लाभ के लिए एक बार फिर यूरोप भेजा गया। कुछ समय बाद पं० जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में लखनऊ में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में सभी नेताओं और जनता ने सुभाष के त्याग और बलिदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। भारत लौटने पर अगले वर्ष हीरापुर के कांग्रेस अधिवेशन में इन्हें कांग्रेस को अध्यक्ष बनाकर सम्मानित किया गया। |
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