1.

किसी तनी हुई डोरी में उत्पन्न प्रगामी तरंग की विस्थापन समीकरण निम्न है - `y = 4 sin 2pi [ (t)/(0.02) - (x)/(100)]` जहाँ y तथा x सेमी में तथा t सेकण्ड में है । ज्ञात कीजिए - (a) तरंग किस दिशा में संचरित है ? (b) आयाम (c) आवर्तकाल (d) आवृत्ति (e) कोणीय आवृत्ति (f) तरंग-दैर्ध्य (g) संचरण नियतांक (h) तरंग का वेग (i) कण का अधिकतम वेग (j) कला नियतांक ।

Answer» दी गयी प्रगामी तरंग की समीकरण
`y = 4 sin 2pi [(t)/(0.02) - (x)/(100)]`
मानक समीकरण `y = A sin 2 pi [t/T - x/lambda +- phi_(0)]` से इसकी तुलना करने पर
`A = 4` सेमी, `T = 0.02` सेकण्ड, `lambda = 100` सेमी , `phi _(0) = 0` [A, T तथा `lambda` के मात्रक क्रमश : y,t ,d समान होंगे।]
(a) t तथा x के पदों के चिन्ह विपरीत हैं अतः तरंग +X दिशा में संचरित है
(b) तरंग का आयाम `A = 4` सेमी `= 0.04` मीटर
(c) आवर्तकाल `T = 0.02` सेकण्ड
(d) आवृत्ति `f = 1/T = 1/(0.02) = 50` हटर्ज
(e) कोणीय आवृत्ति `omega = 2pif = 2pi xx 50 = 314` रेडियन/सेकण्ड
(f) तरंग-दैर्ध्य `lambda = 100`सेमी `= 1`मीटर
(g) संचरण नियतांक `k = (2pi)/(lambda) = (2pi)/(1) = 2pi`रेडियन/मीटर
(h) तरंग का वेग `upsilon = flambda = 50 xx 1 =50` मीटर/सेकण्ड
(i) कण का अधिकतम वेग
`v_(P, "max") = Aomega = 0.04 xx 314 = 12.56` मीटर/सेकण्ड
(j) कला नियतांक = प्रारम्भिक कला `phi_(0) = 0`


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