1.

कवि के जीवन में नयेपन का एहसास क्यों नहीं है?

Answer»

कवि के जीवन में करने के लिए केवल दो ही काम रह गए हैं- घर से निकलकर ऑफिस जाना और ऑफिस से घर आना। एक प्रकार से उसका जीवन यांत्रिक बन गया है। कवि को अपना जीवन उस सूखे बरगद के पेड़ की तरह लगता है, जिसका फिर से हरा-भरा होना असंभव है। इसलिए कवि को अपने जीवन में नयेपन का एहसास नहीं होता।



Discussion

No Comment Found