InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
लम्बाई `l` तथा द्रव्यमान m वाले एक सरल दोलक को `30^(@)` आयाम के साथ दोलन कराया जाता है। यदि दोलक के अधिकतम विस्थापन के समय इसपर लगते बल आघूर्ण को `mgl theta` (`theta` रेडियन में) माना जाए, तो किसी प्रतिशत अशुद्धि होगी ? |
|
Answer» बल आघूर्ण `=mgl sin 30^(@)=(mgl)/2=0.5 mgl`. `theta=30^(@)=pi/6` रेडियन अतः `mgl theta=mgl pi/6=3.14/6 mgl =0.523 mgl`. अतः प्रतिशत अशुद्धि `=|(0.5 mgl -0.523 mgl)/(0.5 mgl) xx100|=4.6 %` |
|