1.

माना एक अरिक्त समुच्चय `**P(X)xx P(X) to P(X), A**B = Auu B AA A, B in P(X)` के लिए एक द्विआधारी संक्रिया द्वारा परिभाषित है, जहा समुच्चय ` P(X)` का घाट समुच्चय है। (i) दर्शाइए की क्रमविनिमेय और साहचर्य है। (ii) P(X) में ततस्मक अवयव ज्ञात कीजिए यदि अस्तित्व हो तो| (iii) P(X) व्युत्क्रमणीय अवयव ज्ञात कीजिए।

Answer» यहाँ `A**B = A uuB AA A, B in P(X)`
(i) क्रमविनिमेय नियम : माना `A, B in P(X)` हम जानते है की दो समुच्चयों का संघ क्रमविनिमेय होता है।
`:. Auu B= BuuA`
`rArr A** B=B** A AA, A, B in P(X)`
अतः `**,P(X)` क्रमविनिमेय नियम का पालन करती है।
साहचर्य नियम माना `A, B, C in P(X)` हम जानते है की समुच्चयों का संघ साहचर्य होता है।
`:. (AuuB) uu C= Auu (BuuC)`
`rArr (A**B)**C=A**(B**C) AA A. B, C , in P(X)`
gt अतः `**,P(X)` साहचर्य नियम का पालन करती है।
(iii) तत्समक अवयव : माना P(X) में तत्समक अवयव e है, तब
`A**e= e**A=A AA A in P(X)`
` rArr A uu e= A` और `e uuA= A`
`rArr e= phi` (रिक्त समुच्चय) `[ :. A uu phi= A phi uu A]`
अतः ` phi, P(X)` में `**` के लिए तत्समक अवयव है।
(iii) प्रतिलोम अवयव : माना `P(X)` अवयव A व्युत्क्रमणीय है, तब एक अवयव `B in P(X)` का अस्तित्व, इस प्रकार है की :
`A**B=e=B**A`
`rArr AuuB= phi = B uu A" " [ :. e= phi]`.
`rArr A= B= phi`
अतः `P(X)` के केवल एक अवयव `phi` व्युत्क्रमणीय है।


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