InterviewSolution
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माना परिमेय संख्याओं के समुच्चय `Q`में एक द्विआधारी संख्या `**` इस प्रकार परिभाषित है की `a**b=a-b+ab+AA, a b in Q` इस संक्रिया के क्रम विनिमेयता और साहचर्यता की विवेचना कीजिए। |
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Answer» यहाँ `a**b=a-b+ab AA, a, b in Q` क्रमविनिमेयता माना `a, b in Q` तब `a**b=a-b+ab` और `a**b=b-a+ab` चूँकि `a-b+ab+ ne b-a+ba` कुछ `a, b in Q` के लिए `:. a** b ne b**a` अतः `**,Q` में क्रमविनिमेय द्विआधारी संक्रिया नहीं है। साहचर्यता: माना `a, b, c in Q` तब `(a**b)**c=(-ab-ab)**c` `=(a-b+ab)-c+(a-b+ab)c` ` a=-b-c+ab+ac-bc+abc " "...(i)` और `a**(b**c)=a(b-c+bc)` `a=-(b-c+bc)+a(b-c+bc)` `= a-(b+c+bc+ab-ac+abc` `=a-b+c+bc+ab-ac+abc " "....(2)` समी (1) और (2) से, `(a**b**c) ne (a**b) **c` अतः `**,Q` में साहचर्य द्विआधारी संक्रिया नहीं है। |
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