1.

माना की N में के द्विआधारी संक्रिया `**a**b=a` तथा b का `LCM` द्वारा परिभाषित है। निम्नलिखित ज्ञात कीजिए- (i) `5**7, 20**16` (ii) क्या संक्रिया `**` क्रमविनिमेय है ? (iii) क्या `**` साहचर्य है ? (iv) N में `**` का तत्समक अवयव ज्ञात कीजिए। (v) N के कौन-सावयव `**` संक्रिया के लिए व्युत्क्रमणीय है ?

Answer» यहाँ `a**b=a` और b का LCM
(i) `5**7=5` और 7 का `LCM -35`
`20**16=20` और `16` का `LCM=80`
(ii) क्रमविनिमेयता: माना `a, b in N` तब
`a**b=a` और b का LCM
`=b` और a का LCM
`=b**`
`:. a** b= b** a AA a, b in N`
(iii) साहचर्यता : माना `a, b, c in N` तब
`(a**b)c=(a` और b का LCM) `**C`
=[(a और b का LCM) और c] का LCM
`=a,b` और c का `LCM " "...(1)`
और
`a**(b**c)=a**` (b और c का LCM)
[a और (b और c का LCM)] LCM) का LCM
`=a,b` और c का `LCM " "...(2)`
समी (1) और (2) से,
`(a**b)**c=a**(b**c)AA a,b, c in N`
अतः `**,N` में साहचर्य नियम का पालन करती है।
(iv) तत्समक अवयव : माना N में तत्समक अवयव e है।
`a**e = e** a=a AA a in N`
`rArr a**e= a AA a in N`
`rArr a` और `e` का `LCM= a AA a in N`.
`rArr e=1 in N`
अतः N में तत्समक अवयव 1 है।
(v) प्रतिलोम अवयव: माना N में व्युत्क्रमणीय अवयव है a तक एक अवयव `b in N` का अस्तित्व, इस प्रकार है की :
`a**b=e`
`rArr a**b=1`
`rArr a` और b का `LCM=1`
`rArr a=b=1`
अतः N में केवल एक अवयव 1 व्युत्क्रमणीय है।


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