InterviewSolution
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मानव विकास अवधारणा के अन्तर्गत समता और सतत पोषणीयता से आप क्या समझते हैं? |
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Answer» मानव विकास के अन्तर्गत समता और सतत पोषणीयता मानव विकास की अवधारणा के मूलत: चार स्तम्भ हैं— ⦁ समता इन चारों आधारी पक्षों में से प्रथम दो पक्षों का सर्वाधिक महत्त्व है। समता का आशय एक सन्तुलित समाज या प्रदेश से है, इसके अन्तर्गत प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना महत्त्वपूर्ण है जिससे समतामूलक समाज का सृजन हो सके और लोगों को उपलब्ध अवसर-लिंग, प्रजाति, आय और जाति के भेदभाव के विचार के बिना समान रूप से मिल सकें। भारत में स्त्रियों और सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए वर्गों तथा दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाले व्यक्तियों को विकास के समान अवसर प्राप्त नहीं होते; अत: मानव विकास में इस अभाव को दूर करने का प्रयास समतामूलक विकास के माध्यम से किया जाता है। |
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