1.

‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है’ पंक्ति में प्राकृतिक वर्णन के अतिरिक्त मुख्य भाव क्या है?

Answer»

कवि कहता है कि इस संसार में निरन्तर संघर्ष चल रहा है। मैंने असहाय जाड़ों में आकाश को छूने वाले कैलाश पर्वत की चोटी पर बहुत बड़े बादल-समूह को बर्फानी और तूफानी हवाओं से गर्जना करके क्रोध प्रकट करते हुए युद्धरत देखा है। यद्यपि हवा बादल को उड़ा ले जाती है। बादल वायु के समक्ष शक्तिहीन है फिर भी उसको हवा के प्रति संघर्ष उसके अस्तित्व के लिए अनिवार्य है।

कहने का भाव यह है कि सफलता की सम्पूर्ण सामर्थ्य व्यक्ति के अन्दर निहित रहती है, किन्तु अज्ञानतावश उस सामर्थ्य को न जानने के कारण और सफलता से वंचित रहने के कारण वह अपने ऊपर ही झुंझलाता है।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions